सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम

  1. राजस्थान में 'सूखा संभावित क्षेत्र' कार्यक्रम चलाया जा रहा है
  2. सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब शुरू किया गया?
  3. भारत में सूखा कब कब पड़ा और इससे कौन कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए?
  4. सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में
  5. सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services
  6. राजस्थान में क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम : State Planning Programme in Rajasthan
  7. सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services
  8. सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में
  9. सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब शुरू किया गया?
  10. राजस्थान में क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम : State Planning Programme in Rajasthan


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राजस्थान में 'सूखा संभावित क्षेत्र' कार्यक्रम चलाया जा रहा है

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : राजस्थान में 'सूखा संभावित क्षेत्र' कार्यक्रम चलाया जा रहा है , Options is : 1. 08 जिलों में, 2. 11 जिलों में, 3. 14 जिलों में, 4. 17 जिलों में, 5. NULL Publisher: upscgk.com & mympsc.com Source: Online General Knolwedge राजस्थान में 'सूखा संभावित क्षेत्र' कार्यक्रम चलाया जा रहा है This is a Most important question of gk exam. Question is : राजस्थान में 'सूखा संभावित क्षेत्र' कार्यक्रम चलाया जा रहा है , Options is : 1. 08 जिलों में, 2. 11 जिलों में, 3. 14 जिलों में, 4. 17 जिलों में, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 2 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • 📝 >महान लॉन टेनिस खिलाड़ी बोर्न बॉर्ग किस देश का है ? • 📝 >‘बगदाद’ किस नदी के किनारे स्थित है ? • 📝 >योजना आयोग को स्थापित किए जाने का वर्ष कौन सा था ? • 📝 >पृथ्वी के अतिरिक्त किस ग्रह पर वायुमण्डल पाया जाता है ? • 📝 >किस मुगल सम्राट को हिन्दी गीतों की रचना का श्रेय प्राप्त है ? • 📝 >पुस्तक ‘बैंकर टु द पुअर’ के लेखक कौन हैं ? • 📝 >श्रीलंका...

सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब शुरू किया गया?

Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (26.8k) • (26.9k) • (11.1k) • (18.4k) • (36) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

भारत में सूखा कब कब पड़ा और इससे कौन कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए?

Table of Contents Show • • • • • • सूखे की संक्षिप्त परिभाषा लिखें। • भारत में सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का विवरण दें। • सूखे के प्रभाव को कम करने के उपाय बताएँ। सूखा उस स्थिति को कहते हैं जब वर्षा आवश्यकता से कम होती है। इस स्थिति में भूमिगत जल का स्तर भी कम हो जाता है और जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में सूखा दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमज़ोर होने से पड़ता है। कम वर्षा या मानसून के अपने निश्चित समय से देरी से आने के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। भारत में सूखे का प्रभाव निम्नलिखित क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है • राजस्थान में विशेषकर अरावली के पश्चिम का मरुस्थली भाग तथा गुजरात के कच्छ का इलाका अत्यधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र हैं। इन इलाकों में वर्षा 9 सेमी. से भी कम होती है। • महाराष्ट्र का पूर्वी भाग- मराठवाड़ा और विदर्भ, आंध्र के कुछ भाग, रायलसीमा का क्षेत्र, कर्नाटक का पठार, तमिलनाडु का उत्तरी भाग व ओडिशा का आंतरिक भाग भी सूखे से प्रभावित रहता है। • मध्यम सूखा प्रभावित क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के दक्षिणी ज़िले, बुन्देलखंड, कोंकण के अलावा शेष महाराष्ट्र आदि आते हैं। सूखे के प्रभाव को कम करने के उपाय • सूखे से प्रभावित लोगों तथा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाकर उनके लिये पेयजल की व्यवस्था और दवाओं का वितरण तथा पशुओं के लिये चारे और जल की व्यवस्था करना आवश्यक है। • भू-जल के अन्य भंडारों की खोज के लिये रिमोट सेंसिंग, उपग्रह से प्राप्त मानचित्रों तथा भौगोलिक सूचना तंत्र आदि तकनीकों का प्रयोग किया जाना चाहिये। • जल संग्रहण के लिये छोटे बांधों का निर्माण किया जाना चाहिये। • पौधरोपण द्वारा तथा सूखारोधी फसलों की कृषि करके सूखे के प्रभावों को सीमित किया...

सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में | Complete information on Drought-Prone Areas Programme In Hindi सूखा-प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) 1973 में शुरू किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि, पानी और पशुधन संसाधनों का इष्टतम उपयोग, पारिस्थितिक संतुलन की बहाली और लोगों की आय को स्थिर करना, व (...) सूखा-प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) 1973 में शुरू किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि, पानी और पशुधन संसाधनों का इष्टतम उपयोग, पारिस्थितिक संतुलन की बहाली और लोगों की आय को स्थिर करना, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्ग को स्थिर करना है। कार्यक्रम के कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं: (i) जल संसाधनों का विकास और प्रबंधन, (ii) मिट्टी और नमी संरक्षण के उपाय, (iii) सामाजिक और कृषि वानिकी पर विशेष जोर देने वाला वन, (iv) चरागाह भूमि का विकास और भेड़ पालन के विकास के साथ रेंज प्रबंधन, (v) पशुधन विकास और डेयरी विकास, (vi) फसल पैटर्न का पुनर्गठन और कृषि संबंधी प्रथाओं में परिवर्तन, और (vii) सहायक व्यवसायों का विकास। यह कार्यक्रम अब 13 राज्यों के 155 जिलों के 947 प्रखंडों में क्रियान्वित किया जा रहा है। I. कार्यक्रम के तहत कवर किया गया कुल क्षेत्रफल लगभग 746 लाख वर्ग किमी है। कार्यक्रम के लिए धन केंद्र और संबंधित राज्य द्वारा 50:50 आधार पर साझा किया जाता है। आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कार्यक्रम के लिए कुल परिव्यय रु. 1,000 करोड़, जिसमें से रु। 500 करोड़ केंद्रीय हिस्सा था। 1973-74 में स्थापना के बाद से मार्च 1995 तक कुल व्यय रु। 1,742 करोड़। वाटरशेड विकास के लिए नए दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यक्रम 1995-96 से वाटरशेड परियोजना के आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है। ...

सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services

प्रश्न। सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ( NCERT class 12, अध्याय 9: भारत के सन्दर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास,भारत लोग और अर्थव्यवस्था) उत्तर। भारत में सूखा क्षेत्रों के बारे में: भारत में सूखा प्रवण क्षेत्रों में अधिकांश राजस्थान और गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और तेलंगाना पठार, आंध्र प्रदेश के तेलंगाना पठार, कर्नाटक पठार और आंतरिक तमिलनाडु के उच्च भूमि शामिल हैं। भारत के योजना आयोग (1967) ने देश के 67 जिलों (पूर्ण या आंशिक रूप से) को सूखा जिलों के रूप में पहचाना और इन जिलों में सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम लागू किए गए। सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में: • सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम लक्षित क्षेत्र नियोजन का एक उदाहरण है। • सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) के दौरान शुरू किया गया था। • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और सूखे के प्रभाव को कम करना था। • सूखा संभावित क्षेत्रों के कार्यक्रम में सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रमों, वनरोपण, चारागाह विकास, और बुनियादी ग्रामीण बुनियादी ढांचे जैसे सड़कों, बाजारों, ऋण, बिजली और सेवाओं के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया था। सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम का मूल्यांकन: • पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर राष्ट्रीय समिति (एनसीडीबी) ने सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के प्रदर्शन की समीक्षा की। • उनकी प्रमुख खोज में, यह देखा गया कि कार्यक्रम ने कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया, जिसमें पानी, मिट्टी, पौधों ...

राजस्थान में क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम : State Planning Programme in Rajasthan

सुखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम:- • यह सन् 1974-75 में शुरू किया गया। • इसमें केन्द्र व राज्य सरकार की 50: 50 की भागीदारी हैं। • इस योजना का मुख्य उद्देष्य सूखे की सम्भावना वाले क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधार करना हैं। • मिट्टी व जल का संरक्षण करना हैं। • जल संसाधनों का विकास करना हैं। • वृक्षारोपण पर बल देना हैं। • यह योजना वर्तमान में चल रही हैं। • 11 जिलों में संचालित हैं:- मरू विकास कार्यक्रम (1977-78):- • सन् 1985-86 तक इसका खर्च केन्द्र व राज्य के बीच विभाजित किया गया था। • इसके बाद सन् 1986 में इसका खर्च केन्द्र सरकार वहन करने लगी। • यह योजना 16 जिलों में संचालित हैं, जो सभी पष्चिमी राजस्थान व दक्षिणी राजस्थान के हैं। • उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, • चुरू, झुन्झनु, सीकर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, गंगानगर और जालौर में यह योजना संचालित हैं। • यह योजना राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिष पर शुरू की गई थी। • इस योजना का कार्य निम्न हैं:- • पशुपालन, भेड़पालन, सामाजिक वानिकी (सार्वजनिक), कृषि वानिकी। • लघु सिंचाई योजनाओं का विकास करना। • ग्रामीण विद्युतीकरण पर बल। • मरूस्थलीकरण को रोकना। जनजाति क्षेत्र विकास कार्यक्रम (1992-93):- • इसकी शुरूआत सन् 1992-93 में जो 1974-75 की जनजाति उपयोजना का दूसरा रूप हैं। • इसका उद्देष्य जनजाति क्षेत्र का विकास करना हैं। जो राजस्थान की कुल जनसंख्या का 12.6 % (अनुसूचित जनजाति) हैं। • यह योजना उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही व चित्तौड़गढ़ में चलाई गई। सहरिया विकास कार्यक्रम:- • सन् 1977-78 में केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के लिए सहरिया क्षेत्र के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया। • बांरा के शाहबाद व किषनगं...

सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services

प्रश्न। सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायक है ? ( NCERT class 12, अध्याय 9: भारत के सन्दर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास,भारत लोग और अर्थव्यवस्था) उत्तर। भारत में सूखा क्षेत्रों के बारे में: भारत में सूखा प्रवण क्षेत्रों में अधिकांश राजस्थान और गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और तेलंगाना पठार, आंध्र प्रदेश के तेलंगाना पठार, कर्नाटक पठार और आंतरिक तमिलनाडु के उच्च भूमि शामिल हैं। भारत के योजना आयोग (1967) ने देश के 67 जिलों (पूर्ण या आंशिक रूप से) को सूखा जिलों के रूप में पहचाना और इन जिलों में सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम लागू किए गए। सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में: • सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम लक्षित क्षेत्र नियोजन का एक उदाहरण है। • सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) के दौरान शुरू किया गया था। • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और सूखे के प्रभाव को कम करना था। • सूखा संभावित क्षेत्रों के कार्यक्रम में सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रमों, वनरोपण, चारागाह विकास, और बुनियादी ग्रामीण बुनियादी ढांचे जैसे सड़कों, बाजारों, ऋण, बिजली और सेवाओं के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया था। सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम का मूल्यांकन: • पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर राष्ट्रीय समिति (एनसीडीबी) ने सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के प्रदर्शन की समीक्षा की। • उनकी प्रमुख खोज में, यह देखा गया कि कार्यक्रम ने कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया, जिसमें पानी, मिट्टी, पौधों ...

सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में | Complete information on Drought-Prone Areas Programme In Hindi सूखा-प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) 1973 में शुरू किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि, पानी और पशुधन संसाधनों का इष्टतम उपयोग, पारिस्थितिक संतुलन की बहाली और लोगों की आय को स्थिर करना, व (...) सूखा-प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) 1973 में शुरू किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि, पानी और पशुधन संसाधनों का इष्टतम उपयोग, पारिस्थितिक संतुलन की बहाली और लोगों की आय को स्थिर करना, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्ग को स्थिर करना है। कार्यक्रम के कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं: (i) जल संसाधनों का विकास और प्रबंधन, (ii) मिट्टी और नमी संरक्षण के उपाय, (iii) सामाजिक और कृषि वानिकी पर विशेष जोर देने वाला वन, (iv) चरागाह भूमि का विकास और भेड़ पालन के विकास के साथ रेंज प्रबंधन, (v) पशुधन विकास और डेयरी विकास, (vi) फसल पैटर्न का पुनर्गठन और कृषि संबंधी प्रथाओं में परिवर्तन, और (vii) सहायक व्यवसायों का विकास। यह कार्यक्रम अब 13 राज्यों के 155 जिलों के 947 प्रखंडों में क्रियान्वित किया जा रहा है। I. कार्यक्रम के तहत कवर किया गया कुल क्षेत्रफल लगभग 746 लाख वर्ग किमी है। कार्यक्रम के लिए धन केंद्र और संबंधित राज्य द्वारा 50:50 आधार पर साझा किया जाता है। आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कार्यक्रम के लिए कुल परिव्यय रु. 1,000 करोड़, जिसमें से रु। 500 करोड़ केंद्रीय हिस्सा था। 1973-74 में स्थापना के बाद से मार्च 1995 तक कुल व्यय रु। 1,742 करोड़। वाटरशेड विकास के लिए नए दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यक्रम 1995-96 से वाटरशेड परियोजना के आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है। ...

सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कब शुरू किया गया?

Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (26.8k) • (26.9k) • (11.1k) • (18.4k) • (36) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

राजस्थान में क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम : State Planning Programme in Rajasthan

सुखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम:- • यह सन् 1974-75 में शुरू किया गया। • इसमें केन्द्र व राज्य सरकार की 50: 50 की भागीदारी हैं। • इस योजना का मुख्य उद्देष्य सूखे की सम्भावना वाले क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधार करना हैं। • मिट्टी व जल का संरक्षण करना हैं। • जल संसाधनों का विकास करना हैं। • वृक्षारोपण पर बल देना हैं। • यह योजना वर्तमान में चल रही हैं। • 11 जिलों में संचालित हैं:- मरू विकास कार्यक्रम (1977-78):- • सन् 1985-86 तक इसका खर्च केन्द्र व राज्य के बीच विभाजित किया गया था। • इसके बाद सन् 1986 में इसका खर्च केन्द्र सरकार वहन करने लगी। • यह योजना 16 जिलों में संचालित हैं, जो सभी पष्चिमी राजस्थान व दक्षिणी राजस्थान के हैं। • उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, • चुरू, झुन्झनु, सीकर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, गंगानगर और जालौर में यह योजना संचालित हैं। • यह योजना राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिष पर शुरू की गई थी। • इस योजना का कार्य निम्न हैं:- • पशुपालन, भेड़पालन, सामाजिक वानिकी (सार्वजनिक), कृषि वानिकी। • लघु सिंचाई योजनाओं का विकास करना। • ग्रामीण विद्युतीकरण पर बल। • मरूस्थलीकरण को रोकना। जनजाति क्षेत्र विकास कार्यक्रम (1992-93):- • इसकी शुरूआत सन् 1992-93 में जो 1974-75 की जनजाति उपयोजना का दूसरा रूप हैं। • इसका उद्देष्य जनजाति क्षेत्र का विकास करना हैं। जो राजस्थान की कुल जनसंख्या का 12.6 % (अनुसूचित जनजाति) हैं। • यह योजना उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही व चित्तौड़गढ़ में चलाई गई। सहरिया विकास कार्यक्रम:- • सन् 1977-78 में केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के लिए सहरिया क्षेत्र के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया। • बांरा के शाहबाद व किषनगं...