सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण का चित्र

  1. सूर्य ग्रहण कब और चन्द्रग्रहण कब और कैसे लगता है? चित्र खींचकर समझाइये।
  2. तब चंद्र ग्रहण के चलते बची थी कोलंबस की जान और उसे माना गया भगवान का दूत
  3. भारत में क्यों नजर नहीं आ रहा ये सूर्यग्रहण, इसे क्यों निंगालू भी कहते हैं
  4. 25 दिन के अंदर लगेंगे ये 2 ग्रहण, जानें तिथि और किन राशियों पर पड़ेगा असर
  5. Grahan In 2022
  6. ग्रहण 2023 (Grahan 2023): सूर्य ग्रहण 2023 और चंद्र ग्रहण 2023 तिथियां


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सूर्य ग्रहण कब और चन्द्रग्रहण कब और कैसे लगता है? चित्र खींचकर समझाइये।

पृथ्वी तथा चन्द्रमा द्वारा चक्कर लगाते-लगाते एक । ऐसी स्थिति आ जाती है कि सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी तीनों एक सरल रेखा में इस प्रकार आ जाते हैं कि चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इस स्थिति में चन्द्रमा, सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकता है, जिसके कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है और सूर्य दिखायी नहीं देता है, इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्यग्रहण सदैव अमावस्या के दिन पड़ता है। जब सूर्य और चन्द्रमा के मध्य पृथ्वी आ जाती है। तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता क्योंकि पृथ्वी सूर्य से आने वाले प्रकाश की किरणों के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करती है जिसके फलस्वरूप चन्द्रग्रहण लगता है। चन्द्रग्रहण सदैव पूर्णिमा के दिन पड़ता है।

तब चंद्र ग्रहण के चलते बची थी कोलंबस की जान और उसे माना गया भगवान का दूत

ग्रहण को लेकर दुनियाभर में तमाम किस्से, डर और रोचक बातें जुड़ी रही हैं. पहले लोग ग्रहण को दैवीय प्रकोप मानते थे और उससे डर जाते थे. इस डर के चलते अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ने ना केवल अपनी बल्कि साथियों की भी जान बचाई थी. बल्कि उल्टे जमैका के मूल आदिवासियों ने उन्हें भगवान मानना शुरू कर दिया था. ये घटना 11 मई 1502 की है. क्रिस्टोफर कोलंबस आखिरी समुद्र यात्रा के लिए स्पेन से निकले. समुद्र में तूफान के कारण और जहाज की दिक्कतों के कारण उन्हें एक द्वीप पर 6 महीने तक शरण लेनी पड़ी. इस द्वीप को आज जमैका के नाम से जाना जाता है. काफी समय तक यहां रुकने के कारण कोलंबस और साथियों के पास खाने-पीने के सामान की कमी होने लगी.द्वीप पर रहने वाले कुछ लोगों ने कोलंबस और उनके साथियों की मदद की. लेकिन धीरे धीरे लोगों ने जब खाने की कमी कर दी तो कोलंबस और उसके साथियों की हालत खराब होने लगी. तब कोलंबस ने एक योजना बनाई. कोलंबस ने कहा भगवान चांद को गायब कर देंगे कोलंबस ये जानता था कि 29 फरवरी 1504 को चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. उसने इसका फायदा उठाया. उसने द्वीप के लोगों से कहा कि भगवान आप लोगों से बहुत नाराज हैं, क्योंकि हम भगवान के लोग हैं. आप हमारी मदद नहीं कर रहे. इसीलिए भगवान आज रात चंद्रमा को गायब कर देंगे. चंद्रमा का रंग लाल हो जाएगा. थोड़ी देर बाद वाकई में चंद्रमा लाल होने लगा. फिर कोलंबस ने कहा वो भगवान की नाराजगी दूर करेगा इससे उस द्वीप के लोग डर गए. वो कोलंबस को भगवान का दूत मानने लगे. उनसे भगवान की नाराजगी दूर करने की याचना की गई. वैसे तो कोलंबस को तो मालूम ही था कि चंद्र ग्रहण कितनी देर तक पड़ने वाला है. कोलंबस ने लोगों को बताया कि तय समय के बाद भगवान की नाराजगी दूर हो जा...

भारत में क्यों नजर नहीं आ रहा ये सूर्यग्रहण, इसे क्यों निंगालू भी कहते हैं

20 अप्रैल को होगा इस साल का पहला सूर्यग्रहण जब भी कोई ग्रहण पड़ता है तो ये दो तरह का होता है-चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण ये असर कभी कभी बहुत मामूली होता है तो कई बार घंटों में इस साल का पहला सूर्यग्रहण शुरू हो चुका है. ये ग्रहण अलग और खास है. ये भारत में नजर नहीं आ रहा है. जब भी कोई ग्रहण पड़ता है तो ये दो तरह का होता है-चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण. इस बार जो सूर्यग्रहण पड़ने वाला है वो शताब्दी में कुछ बार ही होता है यानि इसे दुर्लभ कह सकते हैं. साइंस इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहता है. इसमें पृथ्वी के कुछ हिस्सों में चंद्रमा की छाया दिखती है, वहां पर अंधेरा हो जाता है. ये एक खास तरह का सूर्यग्रहण है, जो शताब्दी में कभी कभार ही होता है. इसे हिंदी में निंगालू सूर्यग्रहण और अंग्रेजी हाईब्रिड सोलर एक्लिप्सेस कहते हैं. नासा ने हाल ही में इसके बारे में बताया है. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर नजर आती है. क्या होता है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरते हुए सूरज को पूरी तरह ढक लेता है. ऐसे में चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. इससे पृथ्वी के कई हिस्से पूरी तरह अंधेरे में आ जाते हैं. वैसे ग्रहण कई तरह के होते हैं जैसे पूर्ण ग्रहण या आंशिक ग्रहण। क्या भारत में नजर आएगा ये नहीं ये भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन हिंद महासागर के कुछ हिस्सों से शायद देखा जा सके. ये हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पूर्वी तिमोर में नजर आएगा.मतलब ये सूर्यग्रहण दुनिया में बहुत कम जगहों पर ही नजर आएगा. भारतीय खगोलीय कैलेंडर के अनुसार आकाश में ये खगोलीय घटना सुबह 07.04 बजे शुरू हो चुकी है. ये स्थिति दोपहर 12.29 बजे त...

25 दिन के अंदर लगेंगे ये 2 ग्रहण, जानें तिथि और किन राशियों पर पड़ेगा असर

• • Faith Hindi • 25 दिन के अंदर लगेंगे ये 2 ग्रहण, जानें तिथि और किन राशियों पर पड़ेगा असर 25 दिन के अंदर लगेंगे ये 2 ग्रहण, जानें तिथि और किन राशियों पर पड़ेगा असर Surya and chandra Grahan: सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रहणों में से एक हैं. ऐसे में बता दें कि इस साल सूर्य और चंद्रग्रहण 15 दिन के अंतराल में लगने वाले हैं. जानते हैं तिथि और किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव... Surya and chandra Grahan: इस साल यानि 2022 में कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं. दो ग्रहण सूर्य ग्रहण होंगे और दो ग्रहण चंद्र ग्रहण हैं. खास बात यह है कि पहला और दूसरा ग्रहण केवल 15 दिन का अंतर पर लगने वाला है यानि पहला ग्रहण 30 अप्रैल को लगने वाला है जो कि सूर्यग्रहण होगा. वहीं 15 दिन बाद 16 अप्रैल को दूसरा ग्रहण लगने वाला है जो कि चंद्रग्रहण होगा. ऐसे में किन राशि वाले जातकों को ग्रहण के प्रभाव का सामना करना पड़ेगा यह जानना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की ग्रहण के प्रभाव से किन राशि वाले जातकों का शुभ समय शुरू होने वाला है. पढ़ते हैं आगे… Also Read: • • • इन राशियों का शुरू होने वाला है शुभ समय • सिंह राशि वाले जातकों को बता दें कि दोनों ही ग्रहण का प्रभाव इनके लिए शुभ रहेगा. इन ग्रहण के प्रभाव के कारण न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी बल्कि धन में भी वृद्धि होगी. इसके अलावा किसी भी तरह के नुकसान का सामना नहीं उठाना पड़ेगा. स्वास्थ्य की बात करें तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और परिवार वालों के साथ अच्छा समय व्यतीत कर सकेंगे. • धनु राशि वाले जातकों को बता दें कि दोनों ही ग्रहण आपके लिए शुभ हैं. इन ग्रहण के प्रभाव से न केवल नौकरी के अच्छे मार्...

Grahan In 2022

Grahan in 2022 in Hindi : साल 2022 की शुरूआत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचने को है। ऐसे में आज बात करते हैं साल 2022 में घटने वाली कुछ खगोलीय घटनाओं के बारे में। दरअसल साल 2022 में कुल चार ग्रहण (Grahan in 2022) पड़ने वाले हैं। इनमें दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे। साल 2022 का सबसे पहला ग्रहण, सूर्यग्रहण होगा। Table of Contents • • • • • • • • • Grahan in 2022– साल 2022 में पड़ने वाले ग्रहण ग्रहण तारीख पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्‍टूबर 2022 पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 दूसरा चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 First Surya Grahan in 2022 – साल 2022 में पहला सूर्यग्रहण कब साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 को (First Surya Grahan in 2022) पड़ेगा। यह सूर्यग्रहण आंशिक होगा और वृषभ राशि में लगेगा। 2022 का यह पहला सूर्यग्रहण प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी-पश्चिमी भाग, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण भारत में इस ग्रहण का कोई धार्मिक प्रभाव व सूतक काल मान्‍य नहीं होगा। भारतीय समयानुसार साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण रात 12 बजकर 15 मिनट पर लगेगा, जो सुबह चार बजकर छह मिनट पर खत्‍म होगा। सूर्यग्रहण क्‍यों होगा खास 30 अप्रेल 2022 को पड़ने वाला सूर्यग्रहण (First Surya Grahan in 2022) बेहद खास माना जा रहा है। दरअसल इस बार सूर्यग्रहण शनैश्‍चरी अमावस्‍या के दिन लगने वाला है। ज्‍योतिषाचार्यों के मुताबिक, 30 अप्रैल 2022 को शनैश्‍चरी अमावस्‍या के दिन आंशिक सूर्यग्रहण होगा। इससे ठीक एक दिन पहले 29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन होगा। वहीं सूर्यग्रहण वाले दिन ही चैत...

ग्रहण 2023 (Grahan 2023): सूर्य ग्रहण 2023 और चंद्र ग्रहण 2023 तिथियां

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