स्वागत गीत

  1. स्वागत गीत मन की वीणा से गुंजित लिरिक्स Man Ki Vina Se Gujati Dhwani Manglam Lyrics Welcome Song
  2. अतिथि स्वागत कविता हिंदी में Archives
  3. Mahamahaniy medhavin... sanskrit svagat geet
  4. स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन
  5. स्वागत गीत मन की वीणा से गुंजित लिरिक्स Man Ki Vina Se Gujati Dhwani Manglam Lyrics Welcome Song
  6. स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन
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  8. अतिथि स्वागत कविता हिंदी में Archives
  9. स्वागत गीत पार्ट 4
  10. स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन


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स्वागत गीत मन की वीणा से गुंजित लिरिक्स Man Ki Vina Se Gujati Dhwani Manglam Lyrics Welcome Song

मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् .... कैसा पावन सुहावन समय आज है आप आए अतिथियों में सरताज है देव की भांति पूजन करें आज हम .. देव की भांति पूजन करे आज हम .... स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् .... मन की बगिया से हमने हैं कालिया चुनी श्रद्धा के फूलों से हमनें माला बुनी करते हैं मिलके अर्पित सुमन आज हम करते हैं मिलके अर्पित सुमन आज हम.... स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् .... LBMUSICENTERTAINMENT.COM Posted by: नमस्कार, प्रणाम मै Lb का Author & Founder हूँ आप सब के सहयोग से हम इस website पर हिन्दी मे गीत,गज़ल,भजन,भोजपुरी इन सभी गीतो के Lyrics, shere करते है। और इसके अलावा संगीत मे,गायन,बादन और भी संगीत से जुड़ी जानकारी shere करते हैं,और हम इस website पर कहानी,कविता भी,share करते है तो आप इस website "www.LbMusicEntertainment.com"पर जरुर visit करे और अपना सहयोग दें हमारी website पर visit करने के लिए आपका धन्यवाद ।।

अतिथि स्वागत कविता हिंदी में Archives

Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेरे सभी एंकर मित्रों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनायें। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय उत्सव अब बहुत ही करीब है और निश्चित रूप से हमारे ज्यादातर मित्रगण 26 जनवरी की एंकरिंग के कुछ assignments की तैयारियों में मशगूल होंगें। स्वागत शायरी का आज का यह स्वरचित article Guest welcome Guest welcome shayari – एक अच्छे मंच संचालन में Guest welcome shayari की बहुत आवश्यकता होती है। अतिथि स्वागत शायरी की श्रंखला में यह कड़ी आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Guest welcome shayari अतिथि स्वागत शायरी आभार शायरी आपकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो यही दुआयें श्रीमान जी, आपकी आयु

Mahamahaniy medhavin... sanskrit svagat geet

" संस्कृत ज्ञान " यहाँ पर आपको संस्कृत भाषा के वेद , व्याकरण , सुभाषित , कथा , साहित्य आदि सभी विषयो के ज्ञान को (संस्कृत , हिंदी , गुजरती एवं अंग्रेजी भाषाओ में ) प्रस्तुत , प्रकाशित एवं उपलब्ध कराया जायेगा | यदि आप संस्कृत अनुरागी हे और आप संस्कृत के विकास हेतु कार्य कर रहे हे तो हमारे कार्य को आगे बढ़ाये इस ज्ञान को सब में बाटे , इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये (SHERE करे ) | धन्यवाद ||

स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन

दुनिया हो या ज़िन्दगी दोनों आने वालों से आबाद है। हम उनका इस्तक़बाल, उनका स्वागत करने के लिए लफ़्ज़ ढूंढते रहते हैं लेकिन शायरों ने ऐसे लम्हों और ऐसे लोगों का इस्तक़बाल पूरी गर्मजोशी और ख़ूबसूरती से किया है। इस्तक़बाल शायरी में ऐसी कई मिसालें मौजूद हैं जो आपको मेहमान लम्हों को लफ़्ज़ों में क़ैद करने का सलीक़ा सीखने में मददगार साबित हो सकती हैं। व्याख्या इस शे’र का मिज़ाज ग़ज़ल के पारंपरिक स्वभाव के समान है। चूँकि फ़ैज़ ने प्रगतिशील विचारों के प्रतिनिधित्व में भी उर्दू छंदशास्त्र की परंपरा का पूरा ध्यान रखा इसलिए उनकी रचनाओं में प्रतीकात्मक स्तर पर प्रगतिवादी सोच दिखाई देती है इसलिए उनकी शे’री दुनिया में और भी संभावनाएं मौजूद हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ये मशहूर शे’र है। बाद-ए-नौ-बहार के मायने नई बहार की हवा है। पहले इस शे’र की व्याख्या प्रगतिशील विचार को ध्यान मे रखते हुए करते हैं। फ़ैज़ की शिकायत ये रही है कि क्रांति होने के बावजूद शोषण की चक्की में पिसने वालों की क़िस्मत नहीं बदलती। इस शे’र में अगर बाद-ए-नौबहार को क्रांति का प्रतीक मान लिया जाये तो शे’र का अर्थ ये बनता है कि गुलशन (देश, समय आदि) का कारोबार तब तक नहीं चल सकता जब तक कि क्रांति अपने सही मायने में नहीं आती। इसीलिए वो क्रांति या परिवर्तन को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि जब तुम प्रगट हो जाओगे तब फूलों में नई बहार की हवा ताज़गी लाएगी। और इस तरह से चमन का कारोबार चलेगा। दूसरे शब्दों में वो अपने महबूब से कहते हैं कि तुम अब आ भी जाओ ताकि गुलों में नई बहार की हवा रंग भरे और चमन खिल उठे। शफ़क़ सुपुरी

स्वागत गीत मन की वीणा से गुंजित लिरिक्स Man Ki Vina Se Gujati Dhwani Manglam Lyrics Welcome Song

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स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन

दुनिया हो या ज़िन्दगी दोनों आने वालों से आबाद है। हम उनका इस्तक़बाल, उनका स्वागत करने के लिए लफ़्ज़ ढूंढते रहते हैं लेकिन शायरों ने ऐसे लम्हों और ऐसे लोगों का इस्तक़बाल पूरी गर्मजोशी और ख़ूबसूरती से किया है। इस्तक़बाल शायरी में ऐसी कई मिसालें मौजूद हैं जो आपको मेहमान लम्हों को लफ़्ज़ों में क़ैद करने का सलीक़ा सीखने में मददगार साबित हो सकती हैं। व्याख्या इस शे’र का मिज़ाज ग़ज़ल के पारंपरिक स्वभाव के समान है। चूँकि फ़ैज़ ने प्रगतिशील विचारों के प्रतिनिधित्व में भी उर्दू छंदशास्त्र की परंपरा का पूरा ध्यान रखा इसलिए उनकी रचनाओं में प्रतीकात्मक स्तर पर प्रगतिवादी सोच दिखाई देती है इसलिए उनकी शे’री दुनिया में और भी संभावनाएं मौजूद हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ये मशहूर शे’र है। बाद-ए-नौ-बहार के मायने नई बहार की हवा है। पहले इस शे’र की व्याख्या प्रगतिशील विचार को ध्यान मे रखते हुए करते हैं। फ़ैज़ की शिकायत ये रही है कि क्रांति होने के बावजूद शोषण की चक्की में पिसने वालों की क़िस्मत नहीं बदलती। इस शे’र में अगर बाद-ए-नौबहार को क्रांति का प्रतीक मान लिया जाये तो शे’र का अर्थ ये बनता है कि गुलशन (देश, समय आदि) का कारोबार तब तक नहीं चल सकता जब तक कि क्रांति अपने सही मायने में नहीं आती। इसीलिए वो क्रांति या परिवर्तन को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि जब तुम प्रगट हो जाओगे तब फूलों में नई बहार की हवा ताज़गी लाएगी। और इस तरह से चमन का कारोबार चलेगा। दूसरे शब्दों में वो अपने महबूब से कहते हैं कि तुम अब आ भी जाओ ताकि गुलों में नई बहार की हवा रंग भरे और चमन खिल उठे। शफ़क़ सुपुरी

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" संस्कृत ज्ञान " यहाँ पर आपको संस्कृत भाषा के वेद , व्याकरण , सुभाषित , कथा , साहित्य आदि सभी विषयो के ज्ञान को (संस्कृत , हिंदी , गुजरती एवं अंग्रेजी भाषाओ में ) प्रस्तुत , प्रकाशित एवं उपलब्ध कराया जायेगा | यदि आप संस्कृत अनुरागी हे और आप संस्कृत के विकास हेतु कार्य कर रहे हे तो हमारे कार्य को आगे बढ़ाये इस ज्ञान को सब में बाटे , इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये (SHERE करे ) | धन्यवाद ||

अतिथि स्वागत कविता हिंदी में Archives

Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेरे सभी एंकर मित्रों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनायें। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय उत्सव अब बहुत ही करीब है और निश्चित रूप से हमारे ज्यादातर मित्रगण 26 जनवरी की एंकरिंग के कुछ assignments की तैयारियों में मशगूल होंगें। स्वागत शायरी का आज का यह स्वरचित article Guest welcome Guest welcome shayari – एक अच्छे मंच संचालन में Guest welcome shayari की बहुत आवश्यकता होती है। अतिथि स्वागत शायरी की श्रंखला में यह कड़ी आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Guest welcome shayari अतिथि स्वागत शायरी आभार शायरी आपकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो यही दुआयें श्रीमान जी, आपकी आयु

स्वागत गीत पार्ट 4

स्वागत गीत– हमारी सांस्कृतिक परंपरा है कि हम कोई भी मंचीय कार्यक्रम किसी विशिष्ट या चर्चित हस्ती की अध्यक्षता और सानिध्य में संपन्न करते हैं। कार्यक्रम को भव्यता और गरिमा प्रदान करने के लिये यह एक अपरिहार्य नियम है। इस तरह की स्थिति में आमंत्रित अतिथियों का अभिनंदन एवम सम्मान करने के लिये स्वागत गीत गाने का रिवाज़ है और इससे अतिथियों का स्वागत क्रम भव्यतम बन जाता है। स्वागत गानकी श्रृंखला में यह आर्टिकल स्वागत गीतपार्ट 3 में यह welcom songs in hindi संग्रह आप लोगों के लिये कुछ मददगार साबित होगा ऐसा मेरा विश्वास है। स्वागत गीत– 1 स्वागतम स्वागतम, स्वागतम स्वागतम आप आये यहाँ, मेहरबानी करम। यूँ लगा मानो चंदन महकने लगा यूँ लगा मानो आलम चहकने लगा यूँ लगा नेमतें सब मेहरबान हैं यूँ लगा मानो गुलकन्द घुलने लगा जो पड़ेे आपके ये मुबारक कदम। स्वागतम स्वागतम, स्वागतम स्वागतम। दीप बनकर जले हम सभी के ह्रदय पुष्प से खिल उठे हम सभी के ह्रदय नेह अनुराग में सूझता कुछ नहीं कैसे स्वागत करें आपका मान्यवर आपकी इक झलक से हैं उपकृत नयन स्वागतम स्वागतम, स्वागतम स्वागतम। (Track/धुन-एक दिन आप हमको यूँ मिल जायेंगे) स्वागत गीत– 2 मान्यवर उपकार है ये आपका स्वागतम ही स्वागतम है आपका। किसको मिलती सरपरस्ती आपकी है हिमालय सी ये हस्ती आपकी हम सभी पर प्यार है ये आपका स्वागतम ही स्वागतम है आपका। दीपमाला स्वागतम में जल उठीं इत्र मल करके हवायें चल उठीं कर रहा स्वागत ये आलम आपका स्वागतम ही स्वागतम है आपका। भेंट में श्रीफल दुशाला लाये हैं हम ह्रदय का प्रेम प्याला लाये हैं है अतुल सम्मान श्रीमन आपका स्वागतम ही स्वागतम है आपका। (Track/धुन-दिल के अरमां आँसुओं में बह गये) स्वागत गीत– 3 मिलते हैं मन्नतों से ये मेहमां कभी...

स्वागत पर ख़ूबसूरत शेर स्वागत पर बेहतरीन शेर का संकलन

दुनिया हो या ज़िन्दगी दोनों आने वालों से आबाद है। हम उनका इस्तक़बाल, उनका स्वागत करने के लिए लफ़्ज़ ढूंढते रहते हैं लेकिन शायरों ने ऐसे लम्हों और ऐसे लोगों का इस्तक़बाल पूरी गर्मजोशी और ख़ूबसूरती से किया है। इस्तक़बाल शायरी में ऐसी कई मिसालें मौजूद हैं जो आपको मेहमान लम्हों को लफ़्ज़ों में क़ैद करने का सलीक़ा सीखने में मददगार साबित हो सकती हैं। व्याख्या इस शे’र का मिज़ाज ग़ज़ल के पारंपरिक स्वभाव के समान है। चूँकि फ़ैज़ ने प्रगतिशील विचारों के प्रतिनिधित्व में भी उर्दू छंदशास्त्र की परंपरा का पूरा ध्यान रखा इसलिए उनकी रचनाओं में प्रतीकात्मक स्तर पर प्रगतिवादी सोच दिखाई देती है इसलिए उनकी शे’री दुनिया में और भी संभावनाएं मौजूद हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ये मशहूर शे’र है। बाद-ए-नौ-बहार के मायने नई बहार की हवा है। पहले इस शे’र की व्याख्या प्रगतिशील विचार को ध्यान मे रखते हुए करते हैं। फ़ैज़ की शिकायत ये रही है कि क्रांति होने के बावजूद शोषण की चक्की में पिसने वालों की क़िस्मत नहीं बदलती। इस शे’र में अगर बाद-ए-नौबहार को क्रांति का प्रतीक मान लिया जाये तो शे’र का अर्थ ये बनता है कि गुलशन (देश, समय आदि) का कारोबार तब तक नहीं चल सकता जब तक कि क्रांति अपने सही मायने में नहीं आती। इसीलिए वो क्रांति या परिवर्तन को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि जब तुम प्रगट हो जाओगे तब फूलों में नई बहार की हवा ताज़गी लाएगी। और इस तरह से चमन का कारोबार चलेगा। दूसरे शब्दों में वो अपने महबूब से कहते हैं कि तुम अब आ भी जाओ ताकि गुलों में नई बहार की हवा रंग भरे और चमन खिल उठे। शफ़क़ सुपुरी