स्वामी विवेकानंद जयंती

  1. National Youth Day 2023 History Significance Yuwa Diwas Swami Vivekanand Jayanti
  2. स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, जयंती 2023 व अनमोल वचन
  3. स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार
  4. National Youth Day 2023 Swami Vivekananda Jayanti 2023 par padhiye unke rochak kisse apmp
  5. Swami Vivekananda Jayanti 2022: आज भी प्रेरणादायक हैं स्वामी विवेकानंद के ये 9 अनमोल विचार
  6. स्वामी जी ने 30 साल की उम्र में दिया था शिकागो में ऐतिहासिक भाषण, उनकी सीख बदल सकती है हमारा जीवन
  7. स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष : राष्ट्रीय युवा दिवस
  8. स्वामी जी ने 30 साल की उम्र में दिया था शिकागो में ऐतिहासिक भाषण, उनकी सीख बदल सकती है हमारा जीवन
  9. National Youth Day 2023 History Significance Yuwa Diwas Swami Vivekanand Jayanti
  10. Swami Vivekananda Jayanti 2022: आज भी प्रेरणादायक हैं स्वामी विवेकानंद के ये 9 अनमोल विचार


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National Youth Day 2023 History Significance Yuwa Diwas Swami Vivekanand Jayanti

Swami Vivekananda Jayanti , National Youth Day 2023: हिंदू धर्म प्रवर्तक, वेदों के ज्ञाता,आध्यात्मिकता से परिपूर्ण स्वामी विवेकानंद ने अपने महान व अनमोल विचारों और आध्यात्मिक ज्ञान से समस्त मानव और खासकर युवाओं को नई राय दिखाई है. यही कारण है कि उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत कहा जाता है और प्रत्येक वर्ष विवेकानंद जी की जयंती यानी 12 जनवरी के दिन को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद को ऐसे महान पथ प्रदर्शक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने भारत की सभ्यता, धर्म और संस्कृति को पूरे विश्व से रूबरू कराया. आज भी उनके महान विचार और मूल मंत्र युवाओं को देश औऱ समाज की स्थिति सुधारने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर जानते हैं उनके संपूर्ण जीवन दर्शन और आधारभूत सिद्धांतों के बारे में. स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में कलकत्ता शहर में हुआ था. कहा जाता है कि उनके बचपन का और पहला नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभाशाली थे. कम उम्र में ही उनकी रुचि आध्यात्म की ओर हुई. वे 25 साल की उम्र में संयासी बन गए और गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया. विवेकानंद जब ईश्वर की खोज में थे, तब उनकी मुलाकात भारत के महान संत, आध्यात्मिक गुरु और विचारक स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई. वे रामकृष्ण परमहंस के सबसे सुयोग्य शिष्य थे. उन्होंने पूर्ण समर्पण भाव से अपने गुरु की सेवा की और उनके कर्म पथपर चलते हुए प्रसिद्ध भी हुए. 1886 में जब रामकृष्ण परमहंस का निधन हो गया तब विवेकानंद ने अपने गुरु की स्मृति में 1889 में रामकृष्ण मिशन स्थापित की और उनके द्वारा दिए गए वेदांत के उद्देश्यों का आजीवन प्रच...

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, जयंती 2023 व अनमोल वचन

युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जयंती 2023 राष्ट्रीय युवा दिवस कब है? Jayanti 2022, quotes Swami Vivekananda biography in hindi पूरे भारत में 12 जनवरी के दिन राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। अपने नाम के अनुरूप ही यह दिवस बहुत ही विशेष है साथ ही साथ इसी दिन भारत के महान दार्शनिक और सम्पूर्ण विश्व को हिंदू आध्यात्म दर्शन से परिचित कराने वाले स्वामी श्री विवेकानंद जी का जन्म भी हुआ था। Advertisements स्वामी विवेकानन्द जी ने 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा सम्मेलन में भारतीय सनातन संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया था और इसके आध्यात्मिक दर्शन और इसकी महानताओ से पूरे विश्व को परिचित कराया था। इस घटना को ऐतिहासिक ख्याति प्राप्त है जिसके लिए सनातन संस्कृति के इतिहास में स्वामी विवेकानंद जी को सदैव संस्मरण किया जाएगा। तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के महान दार्शनिक, साहित्यकार, समाजसुधारक और विचारक स्वामी विवेकानंद जी के जीवन परिचय पर भी प्रकाश डालते हैं। किसी भी राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए देश के युवाओं का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। किसी भी देश का भविष्य उसके युवा पीढ़ी के ऊपर निर्भर होता है देश की नई पीढ़ी जिस हिसाब से विकसित होते हैं ठीक उसी तरीके से ही उस देश का भी विकास होता है। इसीलिए देश की नई युवा पीढ़ी को नई चेतना और उमंग देने के लिए प्रत्येक वर्ष भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है साथ ही साथ इस दिन देशभर में युवाओं को संगठित करके उन्हें प्रेरित और उनमें नेतृत्व की क्षमता को विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। विषय–सूची • • • • • • • • • • • • • • • • राष्ट्रीय युवा दिवस कब और क्यों ...

स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार

स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार | swami vivekananda yanche shaikshnik vichar आजच्या लेखात आपणस्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार पाहणार आहोत.तसेच स्वामी विवेकानंद यांच्या शिक्षणविषयक विचारावर चर्चा देखील करणार आहोत. 12 जानेवारी हा स्वामी विवेकानंदांचा जन्मदिवस. स्वामी विवेकानंद यांचा जन्मदिवस आपण युवक दिन म्हणून साजरा करतो. या युवक दिनाच्या लेखमाले अंतर्गत आतापर्यंत आपण स्वामी विवेकानंदांची संपूर्ण माहिती , स्वामी विवेकानंद यांनी सांगितलेले प्रेरणादायी विचार,स्वामी विवेकानंद जयंती सूत्रसंचालन व स्वामी विवेकानंद निबंध अशी माहिती आपण मागील लेखात पाहिली. आजच्या या लेखातून स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार पाहूया. swami vivekananda yanche shaikshnik vichar सरळ, साध्या भाषेत पाहणार आहोत. आजच्या या स्वामी विवेकानंद शिक्षण विषयक विचार लेखातून नक्कीच आपला शिक्षणाकडे पाहण्याचा दृष्टिकोन बदलेल.प्रा. मिलिंद जोशी हे एक ख्यातनाम लेखक आहेत. त्यांचा स्वामी विवेकानंदांचे शिक्षण विचार हा लेख मनाला खूप भावला आणि म्हणूनच त्या लेखाच्या आधारे आज मी आपणाला स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार सांगणार आहे. स्वामी विवेकानंद यांचे शैक्षणिक विचार स्वामी विवेकानंद शिक्षण माहिती (toc) नरेंद्र ते विवेकानंद परिवर्तन | narendra te vivrkananda parivartan krnari ghatana स्वामी विवेकानंद यांना नरेंद्र म्हणून ओळखले जात होते. परंतु कालांतराने स्वामी विवेकानंद म्हणून त्यांना ओळखले जाऊ लागले. या घटनेविषयी प्रा. मिलिंद जोशी म्हणतात,स्वामी विवेकानंद यांच्या जीवनात नरेंद्र ते विवेकानंद परिवर्तन जे घडले त्यासाठी कारणीभूत घडलेला एक प्रसंग म्हणजे स्वामी विवेकानंद कोलकाता येथे महाविद्यालयीन शिक्षण घेत अस...

National Youth Day 2023 Swami Vivekananda Jayanti 2023 par padhiye unke rochak kisse apmp

Swami Vivekananda Jayanti 2023: देश में हर साल स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, इस बार हम स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती मना रहे हैं. बता दें कि विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस थे. जिनसे वे काफी प्रभावित हुए और उनके बताए सिद्धांतों का पालन किया.जिनसे उन्होंने सीखा कि जो व्यक्ति अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद करता है, उस सेवा से ही भगवान की सेवा होती है और स्वयं भगवान सभी जीवों में विद्यमान रहते हैं.1893 में जब उन्होंने विश्व धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व किया तो उनका भाषण सभी के दिल को छू गया था.उनके भाषण की पहली पंक्ति "मेरे अमेरिकी बहनों और भाइयों" ने भारत का मान बढ़ाया था तो चलिए स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनकी कुछ रोचक किस्से के बारे में आपको बताते हैं. किसी चीज से डरना नहीं है उसका सामना करों एक रास्ते से गुजरते समय स्वामी विवेकानंद हाथ में प्रसाद लिए कुछ बंदरों से घिर गए थे तो वे डर के मारे भागने लगे, तभी पास खड़े साधु ने उनसे कहा, ठहरो! डरो मत, उनका सामना करो और देखो क्या होता है. साधु की बात सुनकर वह मुड़े और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने लगे.तब बंदर वहां से भागने लगे और विवेकानंद को इससे सबक मिला कि यदि आप किसी चीज से डर रहे हैं, तो उससे भागें नहीं, मुड़ें और उसका सामना करें. Swami Vivekananda Jayanti 2023: स्वामी विवेकानंद के इन 10 अनमोल वचनों को जरूर पढ़ें, जीवन में मिलेगी सफलता शारदामणि मुखोपाध्याय से मिली सीख जब स्वामी विवेकानंद को शिकागो जाना था तो वे रामकृष्ण परमहंस की पत्नी शारदामणि से अनुमति लेने गए तो उन्होंने उनसे कुछ करने को कहा. उन्होंने कहा कि एक काम करो...

Swami Vivekananda Jayanti 2022: आज भी प्रेरणादायक हैं स्वामी विवेकानंद के ये 9 अनमोल विचार

Swami Vivekananda Jayanti 2022: स्वामी विवेकानंद की जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाते हैं. स्वामी विवेकानंद को आध्यात्मिक गुरु का दर्जा प्राप्त है. गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था. वे परमहंस जी से काफी प्रभावित थे. स्वामी विवेकानंद ने संसार को आध्यात्म का पाठ पठाया है, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है. उन्होंने अपने अनमोल विचारों से युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं. आज भी उनके विचारों को लोग आत्मसात करके सफलता की नई कहानियां ​लिख रहे हैं. आज स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर जानते हैं उनके 09 अनमोल विचारों के बारे में. स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार 1. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि संभव की सीमा जानने का एक मात्र तरीका यह है, आप असंभव से भी आगे निकल जाएं. 2. विवेकानंद ने लोगों को अपने विचारों में शुद्धता लाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि यह न भूलो कि बुरे विचार और बुरे काम व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते हैं, जबकि अच्छे विचार और अच्छे कर्म लाखों देवदूतों के समान अनंतकाल तक आपकी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. यह भी पढ़ें: 3. स्वामी विवेकानंद ने विश्वास को बड़ा ही महत्व दिया है. उन्होंने कहा ​है कि आप जब तक स्वयं पर विश्वास नहीं करते हैं, तब तब आप ईश्वर पर भी विश्वास नहीं कर सकते हैं. 4. विवेकानंद के सबसे प्रेरक विचारों में से एक विचार यह है कि उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न कर लो. 5. स्वामी विवेकानंद ने इस बात पर बल दिया है कि व्यक्ति को कमजोर नहीं होना चाहिए. वे कहते है...

स्वामी जी ने 30 साल की उम्र में दिया था शिकागो में ऐतिहासिक भाषण, उनकी सीख बदल सकती है हमारा जीवन

बुधवार, 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। उनका जन्म 1863 में 12 जनवरी को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी जी के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस थे। स्वामी जी ने करीब 30 साल की उम्र में शिकागो में ऐतिहासिक भाषण दिया था, इसके बाद दुनियाभर में स्वामी जी का नाम प्रसिद्ध हो गया था। इसके बाद स्वामी जी ने कई देशों की यात्राएं कीं, रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी।

स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष : राष्ट्रीय युवा दिवस

स्वामी विवेकानंदजी आधुनिक भारत के एक महान चिंतक, महान देशभक्त, दार्शनिक, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत और एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीय नवजागरण का अग्रदूत यदि स्वामी विवेकानंद को कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। 'विवेकानंद' दो शब्दों द्वारा बना है। विवेक+आनंद। 'विवेक' संस्कृत मूल का शब्द है। 'विवेक' का अर्थ होता है बुद्धि और 'आनंद' का शाब्दिक अर्थ होता है- खुशियां। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेन्द्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढर्रे पर चलाना चाहते थे, परंतु उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं। नरेन्द्र की बुद्धि बचपन से ही बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। स्वामी विवेकानंद ने 16 वर्ष की आयु में कलकत्ता से एंट्रेंस की परीक्षा पास की और कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की। स्वामी विवेकानंद (नरेन्द्र) नवंबर,1881 ई. में रामकृष्ण से मिले और उनकी आंतरिक आध्यात्मिक चमत्कारिक शक्तियों से नरेन्द्रनाथ इतने प्रभावित हुए कि वे उनके सर्वप्रमुख शिष्य बन गए। और स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति एवं हिन्दू धर्म के प्रचारक-प्रसारक एवं उन्नायक के रूप में जाने जाते हैं। विश्वभर में जब भारत को निम्न दृष्टि से देखा जाता था, ऐसे में स्वामी...

स्वामी जी ने 30 साल की उम्र में दिया था शिकागो में ऐतिहासिक भाषण, उनकी सीख बदल सकती है हमारा जीवन

बुधवार, 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। उनका जन्म 1863 में 12 जनवरी को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी जी के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस थे। स्वामी जी ने करीब 30 साल की उम्र में शिकागो में ऐतिहासिक भाषण दिया था, इसके बाद दुनियाभर में स्वामी जी का नाम प्रसिद्ध हो गया था। इसके बाद स्वामी जी ने कई देशों की यात्राएं कीं, रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी।

National Youth Day 2023 History Significance Yuwa Diwas Swami Vivekanand Jayanti

Swami Vivekananda Jayanti , National Youth Day 2023: हिंदू धर्म प्रवर्तक, वेदों के ज्ञाता,आध्यात्मिकता से परिपूर्ण स्वामी विवेकानंद ने अपने महान व अनमोल विचारों और आध्यात्मिक ज्ञान से समस्त मानव और खासकर युवाओं को नई राय दिखाई है. यही कारण है कि उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत कहा जाता है और प्रत्येक वर्ष विवेकानंद जी की जयंती यानी 12 जनवरी के दिन को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद को ऐसे महान पथ प्रदर्शक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने भारत की सभ्यता, धर्म और संस्कृति को पूरे विश्व से रूबरू कराया. आज भी उनके महान विचार और मूल मंत्र युवाओं को देश औऱ समाज की स्थिति सुधारने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर जानते हैं उनके संपूर्ण जीवन दर्शन और आधारभूत सिद्धांतों के बारे में. स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में कलकत्ता शहर में हुआ था. कहा जाता है कि उनके बचपन का और पहला नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभाशाली थे. कम उम्र में ही उनकी रुचि आध्यात्म की ओर हुई. वे 25 साल की उम्र में संयासी बन गए और गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया. विवेकानंद जब ईश्वर की खोज में थे, तब उनकी मुलाकात भारत के महान संत, आध्यात्मिक गुरु और विचारक स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई. वे रामकृष्ण परमहंस के सबसे सुयोग्य शिष्य थे. उन्होंने पूर्ण समर्पण भाव से अपने गुरु की सेवा की और उनके कर्म पथपर चलते हुए प्रसिद्ध भी हुए. 1886 में जब रामकृष्ण परमहंस का निधन हो गया तब विवेकानंद ने अपने गुरु की स्मृति में 1889 में रामकृष्ण मिशन स्थापित की और उनके द्वारा दिए गए वेदांत के उद्देश्यों का आजीवन प्रच...

Swami Vivekananda Jayanti 2022: आज भी प्रेरणादायक हैं स्वामी विवेकानंद के ये 9 अनमोल विचार

Swami Vivekananda Jayanti 2022: स्वामी विवेकानंद की जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाते हैं. स्वामी विवेकानंद को आध्यात्मिक गुरु का दर्जा प्राप्त है. गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था. वे परमहंस जी से काफी प्रभावित थे. स्वामी विवेकानंद ने संसार को आध्यात्म का पाठ पठाया है, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है. उन्होंने अपने अनमोल विचारों से युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं. आज भी उनके विचारों को लोग आत्मसात करके सफलता की नई कहानियां ​लिख रहे हैं. आज स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर जानते हैं उनके 09 अनमोल विचारों के बारे में. स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार 1. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि संभव की सीमा जानने का एक मात्र तरीका यह है, आप असंभव से भी आगे निकल जाएं. 2. विवेकानंद ने लोगों को अपने विचारों में शुद्धता लाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि यह न भूलो कि बुरे विचार और बुरे काम व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते हैं, जबकि अच्छे विचार और अच्छे कर्म लाखों देवदूतों के समान अनंतकाल तक आपकी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. यह भी पढ़ें: 3. स्वामी विवेकानंद ने विश्वास को बड़ा ही महत्व दिया है. उन्होंने कहा ​है कि आप जब तक स्वयं पर विश्वास नहीं करते हैं, तब तब आप ईश्वर पर भी विश्वास नहीं कर सकते हैं. 4. विवेकानंद के सबसे प्रेरक विचारों में से एक विचार यह है कि उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न कर लो. 5. स्वामी विवेकानंद ने इस बात पर बल दिया है कि व्यक्ति को कमजोर नहीं होना चाहिए. वे कहते है...