स्वामी विवेकानंद पर निबंध

  1. स्वामी विवेकानंद पर 600
  2. स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi
  3. स्वामी विवेकानंद पर निबंध
  4. विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध
  5. स्वामी विवेकानंद पर निबंध
  6. स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध – Hindi Jaankaari
  7. विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध
  8. स्वामी विवेकानंद पर निबंध
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स्वामी विवेकानंद पर 600

स्वामी विवेकानंद से जुड़े छोटे निबंध जैसे स्वामी विवेकानंद पर 600-700 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600-700 Words Essay speech on Swami Vivekananda in Hindi के बारे में बात करेंगे । 600-700 Words Essay Speech on Swami Vivekananda in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 अमेरिका के शिकागो शहर में 11 सितंबर, 1893 को आयोजित विश्व सम्मेलन भारत के लिए चिर स्मरणीय है, क्योंकि इस महासम्मेलन में 25 वर्ष गौर वर्ण, उन्नत ललाट और दिव्य मुखमंडल वाले एक भारतीय संन्यासी ने ऐसी धूम मचाई थी कि उसके सामने अन्य प्रतिनिधि धूमिल पड़ गए। इनके संबोधन ‘भाइयो एवं बहनो’ से विश्व बंधुत्व की अनुभूति पहली बार साकार हुई सारी सभा ‘स्वामी जी की जय’ से गूंज उठी और विश्व-विजय का सेहरा स्वतः इनके सिर बंध गया। इसके बाद लोगों को कहना पड़ा कि भारत परतंत्र अवश्य है, लेकिन अब भी वह आध्यात्मिक क्षेत्र में विश्व गुरु है। ऐसे विश्व विजयी भारत के लाल स्वामी विवेकानंद का जन्म पश्चिम बंगाल प्रांत की कोलकाता महानगरी में भुवनेश्वरी देवी की पुण्य कोख से 12 जनवरी, 1863 को हुआ था। इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था। इनके माता-पिता धर्मपरायण थे। पिता तो साक्षात दानवीर कर्ण ही थे। स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था। प्रारंभ से ही नरेंद्र ब्रह्म खोजी था। इसी क्रम में इनकी भेंट उस समय जाने-माने ब्रह्मवेत्ता स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने इन्हें तराश कर विवेकानंद बना दिया। स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व बहुआयामी था। इनमें अध्यात्म की सामुद्रिक गहराई, राष्ट्रीयता की हिमाद्रिक ऊंचाई और वक्तृत्व की सौर प्रखरता थी। श...

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानद जी एक युग पुरुष थे। सनातन धर्म और भारत के गौरव के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। Swami Vivekanand Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप ‘ 10 lines on swami Vivekananda in hindi‘ में पढ़ेंगे। 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi • स्वामी विवेकानंद जी महान व्यक्ति थे। • विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। • राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। • स्वामी जी के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता जी का नाम भुनेश्वरी देवी था। • स्वामी जी के पिता कोलकाता के उच्च न्यायलय में वकील कार्यरत थे। • स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। • रामकृष्ण परमहंस ने बाद में वे इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था। • रामकृष्ण परमहंस जी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे। • स्वामी विवेकानंद अपने स्कूल में एक अच्छे विद्यार्थी थे। • स्वामी विवेकानद जी ने सनातन धर्म के प्रचार में अपना पूर्ण जीवन दिया था। • स्वामी विवेकानंद जी ने 4 जुलाई 1902 को अपने देह का त्याग किया था । स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागो में दिया गया भाषण और उसका पहला वाक्य जिसमे उन्होंने सभी सभा में उपस्थित लोगो को “मेरे अमेरिका के बहनो और भाइयो” कह कर संबोधित किया था, इस वाक्य को उपस्थित लोगो ने बहुत सराहा और उपस्थित सभी का दिल उन्होंने जित लिया। स्वामी विवेकानंद जी कर्म करने में विश्वास रखते थे वो कहते थे की “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।” 10 Lines About Hindi Diwas in Hindi 10 Lines ...

स्वामी विवेकानंद पर निबंध

ADVERTISEMENTS: स्वामी विवेकानंद पर निबंध | Swami Vivekananda in Hindi! ‘उठो, जागो और अपने लक्ष्य की प्राप्ति से पूर्व मत रुको ।’ यह दिव्य उपदेश स्वामी विवेकानंद द्‌वारा दिया गया था । स्वामी विवेकानंद महामानव के रूप में अवतरित हुए । विश्व के समक्ष हिंदू धर्म और भारतीयता की जो अनुपम छवि स्वामी जी ने प्रस्तुत की वह अद्‌वितीय थी । मानव सेवा का लक्ष्य रखते हुए स्वामी जी ने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए जो कार्य किए उसके लिए मानव समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा । भारतीय इतिहास में हिंदू धर्म के महान प्रवर्तकों में उनका नाम सदा अग्रणी रहेगा । स्वामी विवेकानंद का बचपन का नाम नरेंद्रनाथ था । उनका जन्म सन् 1863 ई॰ में कोलकाता में हुआ था । वे बचपन से अत्यंत चंचल स्वभाव के थे । अध्ययन में अधिक रुचि न होने के कारण उनका अधिकांश समय खेलकूद में ही बीतता था । उनकी माता धार्मिक आचार-विचार की थीं । नरेंद्रनाथ पर अपनी माता के धार्मिक विचारों का गहरा प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप वे धीरे-धीरे धार्मिक प्रवृत्ति में स्वयं को ढालते चले गए । ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति के लिए उनकी इच्छा बढ़ती गई । इसके लिए उन्होंने तत्कालीन संत रामकृष्ण परमहंस की शरण ली । इनकी ओजस्विता को गुरु ने पहचाना और शिक्षा देना प्रांरभ कर दिया । गुरु रामकृष्ण परमहंस जी से उन्हें मानव जाति के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य हेतु प्रेरणा मिली । वे धीरे-धीरे स्वामी परमहंस के परम शिष्य व उनके अनुयायी बन गए । उन्होंने स्वामी जी के सत्संग में रहकर यह समझा कि संन्यास का वास्तविक अर्थ संसार और स्वयं से विरक्ति नहीं है अपितु इसका उद्‌देश्य मानव कल्याण के लिए कार्य करना है । ADVERTISEMENTS: सन् 1883 ई॰ में अमेरिका के शिकागो शहर में विश्वधर्म सम्मेलन ...

विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध

प्रस्तावना- हमेशा से युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 (12 January 1863) को हुआ। स्वामी जी का घर का नाम नरेंद्र दत्त (Narendra Datt) था। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले ब्रह्म समाज में गए किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर चलाना चाहते थे। सन्‌ 1884 में विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। अत: घर का भार नरेंद्र पर पड़ा। घर की दशा बहुत खराब थी। कुशल यही थी कि नरेंद्र का विवाह नहीं हुआ था। अत्यंत गरीबी में भी नरेंद्र अतिथियों की सेवा करते थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रातभर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते। जीवन- एक बार विवेकानंद भारत के महान संत रामकृष्ण परमहंस (Ramkrisna Paramhans) की प्रशंसा सुनकर उनके पास तर्क करने के विचार से ही गए थे, किंतु परमहंस जी ने देखते ही पहचान लिया कि ये तो वही शिष्य है जिसका उन्हें कई दिनों से इंतजार है। परमहंस जी की कृपा से इनको आत्म-साक्षात्कार हुआ फलस्वरूप नरेंद्र परमहंस जी के शिष्यों में प्रमुख हो गए। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ। स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) अपना जीवन अपने गुरुदेव स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर चुके थे। गुरुदेव के शरीर-त्याग के दिनों में अपने घर और कुटुंब की नाजुक हालत की परवाह किए बिना, स्वयं के भोजन की परवाह किए बिना गुरु सेवा में सतत हाजिर रहे। गुरुदेव का शरीर अत्यंत रुग्ण हो गया था। क...

स्वामी विवेकानंद पर निबंध

Essay on Swami Vivekananda in Hindi : इस लेख में हमने स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। स्वामी विवेकानंद पर निबंध: स्वामी विवेकानंद भारत में एक आध्यात्मिक नेता और एक हिंदू भिक्षु थे। वे उच्च विचार के साथ सादा जीवन व्यतीत कर रहे थे। वे महान सिद्धांतों और धर्मपरायण व्यक्तित्व वाले एक महान दार्शनिक थे। वह रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और उनके दार्शनिक कार्यों में 'राज योग' और 'आधुनिक वेदांत' शामिल हैं। वह कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के संस्थापक थे। आप लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में और निबंध पढ़ सकते हैं । स्वामी विवेकानंद पर निबंध स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में हिंदू धर्म प्रस्तुत किया जिसने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। उनका व्यक्तित्व भारत और अमेरिका दोनों में अधिक प्रेरक और प्रसिद्ध था। स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा स्वामी विवेकानंद का जन्म ब्रिटिश सरकार के दौरान 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था। वह कलकत्ता में बंगाली परिवार से थे। विश्वनाथ दत्ता एक सफल वकील विवेकानंद के पिता थे। भुवनेश्वरी देवी विवेकानंद की माता थीं, जो एक मजबूत चरित्र, गहरी भक्ति के साथ अच्छे गुण वाली महिला थी। वह एक ऐसी महिला थीं जो भगवान में विश्वास करती थीं और इसका उनके बेटे पर बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने 8 साल की उम्र में ईश्वर चंद्र विद्या सागर के संस्थान में दाखिला लिया। उसके बाद, उन्होंने क...

स्वामी विवेकानंद पर हिन्दी निबंध – Hindi Jaankaari

स्वामी विवेकानंद का निबंध: स्वामी विवेकानंद बंगाली भारत के सबसे मशहूर व प्रचलित आध्यात्मिक गुरु एवं नेताओं में से एक थे। स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था| वे एक आध्यात्मिक गुरु से बढ़कर एक विपुल विचारक, महान वक्ता एवं कट्टर देशभक्त थे। उन्होंने अपने गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस के पदचिन्हो पर चलकर हमारे देश व समाज के लिए नए प्रतिमान बनाया। विवेकानंद को भारतवंशी ही नहीं बल्कि विदेश में अधिकतम लोग अपना आदर्श मानते है| ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों की मदद करने में, व अपने देश के विकास, समाज की भलाई के लिए समर्पित कर दिया था। स्वामी की को हिंदू आध्यात्मिकता के पुनर्जीवन के योगदान और विश्व स्तर पर हिंदू धर्म को श्रद्धेय धर्म के रूप में स्थापित करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है| स्वामी विवेकानंद पर लेख उनकी शिक्षाएं ने कई महान लोगो को भी प्रेरणा दी है जिसके फलस्वरूप उन्होंने समाज के लिए अच्छे काम किये हैं| स्वामी जी की शिक्षा से सबसे ज़ादा देश के युवा प्रभावित हुए हैं| जिससे उन्होंने आत्म सुधार के लक्ष्य बनाये और सफल हुए। यही कारण है की 12 जनवरी को भारत में उनके जन्मदिन के सम्मान में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। जीवन और शिक्षा नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था| विवेकानंद जी, विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी देवी के आठ बच्चों में से एक थे। उनका जन्म मकर संक्रांति के अवसर पर 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त एक प्रचलित वकील थे। स्वामी जी की मां भुवनेश्वरी देवी एक मजबूत के साथ संपन्न एक महिला थी, उनका स्वामी जी पर बहुत प्रभाव डाला था। विवेकानंद बचपन में चंचल मन के थे और उनका लगाव संगीत क साथ ...

विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध

प्रस्तावना- हमेशा से युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 (12 January 1863) को हुआ। स्वामी जी का घर का नाम नरेंद्र दत्त (Narendra Datt) था। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले ब्रह्म समाज में गए किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर चलाना चाहते थे। सन्‌ 1884 में विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। अत: घर का भार नरेंद्र पर पड़ा। घर की दशा बहुत खराब थी। कुशल यही थी कि नरेंद्र का विवाह नहीं हुआ था। अत्यंत गरीबी में भी नरेंद्र अतिथियों की सेवा करते थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रातभर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते। जीवन- एक बार विवेकानंद भारत के महान संत रामकृष्ण परमहंस (Ramkrisna Paramhans) की प्रशंसा सुनकर उनके पास तर्क करने के विचार से ही गए थे, किंतु परमहंस जी ने देखते ही पहचान लिया कि ये तो वही शिष्य है जिसका उन्हें कई दिनों से इंतजार है। परमहंस जी की कृपा से इनको आत्म-साक्षात्कार हुआ फलस्वरूप नरेंद्र परमहंस जी के शिष्यों में प्रमुख हो गए। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ। स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) अपना जीवन अपने गुरुदेव स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर चुके थे। गुरुदेव के शरीर-त्याग के दिनों में अपने घर और कुटुंब की नाजुक हालत की परवाह किए बिना, स्वयं के भोजन की परवाह किए बिना गुरु सेवा में सतत हाजिर रहे। गुरुदेव का शरीर अत्यंत रुग्ण हो गया था। क...

स्वामी विवेकानंद पर निबंध

Essay on Swami Vivekananda in Hindi : इस लेख में हमने स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। स्वामी विवेकानंद पर निबंध: स्वामी विवेकानंद भारत में एक आध्यात्मिक नेता और एक हिंदू भिक्षु थे। वे उच्च विचार के साथ सादा जीवन व्यतीत कर रहे थे। वे महान सिद्धांतों और धर्मपरायण व्यक्तित्व वाले एक महान दार्शनिक थे। वह रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और उनके दार्शनिक कार्यों में 'राज योग' और 'आधुनिक वेदांत' शामिल हैं। वह कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के संस्थापक थे। आप लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में और निबंध पढ़ सकते हैं । स्वामी विवेकानंद पर निबंध स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में हिंदू धर्म प्रस्तुत किया जिसने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। उनका व्यक्तित्व भारत और अमेरिका दोनों में अधिक प्रेरक और प्रसिद्ध था। स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा स्वामी विवेकानंद का जन्म ब्रिटिश सरकार के दौरान 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था। वह कलकत्ता में बंगाली परिवार से थे। विश्वनाथ दत्ता एक सफल वकील विवेकानंद के पिता थे। भुवनेश्वरी देवी विवेकानंद की माता थीं, जो एक मजबूत चरित्र, गहरी भक्ति के साथ अच्छे गुण वाली महिला थी। वह एक ऐसी महिला थीं जो भगवान में विश्वास करती थीं और इसका उनके बेटे पर बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने 8 साल की उम्र में ईश्वर चंद्र विद्या सागर के संस्थान में दाखिला लिया। उसके बाद, उन्होंने क...

स्वामी विवेकानंद पर 600

स्वामी विवेकानंद से जुड़े छोटे निबंध जैसे स्वामी विवेकानंद पर 600-700 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600-700 Words Essay speech on Swami Vivekananda in Hindi के बारे में बात करेंगे । 600-700 Words Essay Speech on Swami Vivekananda in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 अमेरिका के शिकागो शहर में 11 सितंबर, 1893 को आयोजित विश्व सम्मेलन भारत के लिए चिर स्मरणीय है, क्योंकि इस महासम्मेलन में 25 वर्ष गौर वर्ण, उन्नत ललाट और दिव्य मुखमंडल वाले एक भारतीय संन्यासी ने ऐसी धूम मचाई थी कि उसके सामने अन्य प्रतिनिधि धूमिल पड़ गए। इनके संबोधन ‘भाइयो एवं बहनो’ से विश्व बंधुत्व की अनुभूति पहली बार साकार हुई सारी सभा ‘स्वामी जी की जय’ से गूंज उठी और विश्व-विजय का सेहरा स्वतः इनके सिर बंध गया। इसके बाद लोगों को कहना पड़ा कि भारत परतंत्र अवश्य है, लेकिन अब भी वह आध्यात्मिक क्षेत्र में विश्व गुरु है। ऐसे विश्व विजयी भारत के लाल स्वामी विवेकानंद का जन्म पश्चिम बंगाल प्रांत की कोलकाता महानगरी में भुवनेश्वरी देवी की पुण्य कोख से 12 जनवरी, 1863 को हुआ था। इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था। इनके माता-पिता धर्मपरायण थे। पिता तो साक्षात दानवीर कर्ण ही थे। स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था। प्रारंभ से ही नरेंद्र ब्रह्म खोजी था। इसी क्रम में इनकी भेंट उस समय जाने-माने ब्रह्मवेत्ता स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने इन्हें तराश कर विवेकानंद बना दिया। स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व बहुआयामी था। इनमें अध्यात्म की सामुद्रिक गहराई, राष्ट्रीयता की हिमाद्रिक ऊंचाई और वक्तृत्व की सौर प्रखरता थी। श...

स्वामी विवेकानंद पर निबंध

Essay On Swami Vivekananda In Hindi: स्वामी विवेकानंद ऐसे महान व्यक्तियों में से हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के नाम को रोशन किया। भारत की संस्कृत के ऐसे महान विद्वान थे, जिन्होंने अपने ज्ञान से सभी भारत के युवाओं को मार्गदर्शन किया। आज भी यह भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। इन्हें पावर हाउस कहा जाता है। इनकी संकल्प शक्ति, जिज्ञासा तथा खोज की प्रवृत्ति आज भी हर युवा के लिए प्रेरणा है। स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी ना जाने कई ऐसी घटनाएं है, जो प्रेरणा से भरी हुई है। स्वामी विवेकानंद पर निबंध (Essay On Swami Vivekananda In Hindi) स्वामी विवेकानंद का जन्म तारीख 12 जनवरी हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल कॉलेजों में भी बच्चों को स्वामी विवेकानंद के जीवन पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है ताकि बच्चे स्वामी विवेकानंद के जीवन घटनाओं से अवगत होकर वे भी विवेकानंद की तरह ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय कर सके और तब तक ना रुके जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। आज के इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद पर निबंध हिंदी में 100, 250, 300, 500, 850 एवं 1000 शब्दों में निबंध लिखकर आए। यह स्वामी विवेकानंद पर निबंध (Swami Vivekananda Essay in Hindi) बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं, जो सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। स्वामी विवेकानंद पर निबंध 100 शब्द स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महान भारतीय युवा थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन सन्यासी रूप में बिता दिया और इसी जीवन में इन्होंने अपने ज्ञान शक्ति से विश्व भर को प्रकाशित किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म बंगाल की राजधानी कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था। इनके पिता का नाम ...