स्वर संधि इन हिंदी

  1. SWAR SANDHI (स्वर संधि)
  2. स्वर और व्यंजन (Hindi Swar and Vyanjan)
  3. Sandhi In Hindi Grammar
  4. Sandhi in Hindi
  5. स्वर संधि कितने प्रकार के होते हैं?
  6. संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  7. Swar Sandhi in Hindi, स्वर संधि
  8. स्वर वर्ण
  9. संधि विच्छेद : संधि की परिभाषा, भेद, संधि के प्रकार, सूची और उदाहरण
  10. संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण


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SWAR SANDHI (स्वर संधि)

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स्वर और व्यंजन (Hindi Swar and Vyanjan)

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन (Hindi Swar and Vyanjan PDF) | Vowels and Consonants in hindi इस लेख में हम हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन (Hindi Swar and Vyanjan PDF) | Vowels and Consonants in hindi के बारे में अध्ययन करेंगे और स्वर और व्यंजन से जुड़े विभिन सवालो जैसे स्वर किसे कहते है ? व्यंजन किसे कहते है ? हिंदी वर्णमाल में स्वर और व्यंजन होते है आदि के जवाब देने का यहा प्रयास किया गया है। वर्ण-विचार (Vowels and Consonants in hindi) हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन CHART (Vowels and Consonants in hindi) • भाषा के दो रूप होते हैं- 1. मौखिक या उच्चरित भाषा 2. लिखित भाषा। • मौखिक भाषा की सूक्ष्मतम इकाई ध्वनि तथा लिखित भाषा की सूक्ष्मतम इकाई वर्ण होती है। वास्तव में ध्वनि का संबंध सुनने व बोलने से है तो वर्ण का संबंध लिखने व देखने से है। वर्ण ध्वनि रूपी आत्मा का शरीर है। • भाषा का मूल रूप मौखिक होता है। मौखिक भाषा उच्चारण पर आधारित होती है। उच्चारण करने के लिए मानव के जो मुख-अवयव काम आते हैं, वे उच्चारण-अवयव कहलाते हैं। फेफड़ों से निकलने वाली प्राणवायु सबसे पहले प्रयत्न करने पर गले में स्थित स्वरयंत्र को झंकृत करती है। फिर वह नासिका या मुख के विभिन्न स्थानों या अंगों का स्पर्श करती हुई ध्वनि का रूप धारण करती है। अतः स्वरतंत्री, काकल, मुख, नासिका, जिह्वा आदि उच्चारण-अवयव हैं और मुख से निकली ध्वनि ‘वर्ण‘। ‘वर्ण‘ भाषा की छोटी से छोटी ध्वनि है। वह मूल ध्वनि है। मानव के मुख में विभिन्न उच्चारण स्थान हैं, जिनसे टकराकर ध्वनि भिन्न-भिन्न रूप बदलती है। जैसे- दंत, ओष्ठ, तालु, मूर्धा, कंठ आदि। ये उच्चारण स्थान कहलाते हैं। • ध्वनि और वर्ण का संबंध- ध्वनि शब्दों की आधारशिला है, जिसके बिना शब...

Sandhi In Hindi Grammar

संधि – Sandhi In Hindi Grammar संधि की परिभाषा संधि शब्द का अर्थ है ‘मेल’ या ‘जोड़’. जहां पर दो अक्षरों या शब्दों के आपस में मिलने से उनके आकार और ध्वनि में जो विकार पैदा होता है, उसे संधि कहते हैं. हिंदी की संधि अभी तक जिन नियमों की चर्चा की गयी है, वे सब संस्कृत के नियम हैं. हिंदी के अपने भी संधि नियम हैं, किंतु न तो उनपर विस्तार से विचार किया गया है और न उन्हें परिभाषाबद्ध करने का ही पूरा प्रयास किया गया है. हिंदी की अपनी संधि पर स्वतंत्र शोध-कार्य अपेक्षित है. हिंदी संधि की प्रवृतियाँ – हिंदी संधि में निम्रांकित प्रमुख प्रवृतियाँ देखी जाती है. • महाप्राणीकरण – जब+ही=जभी, तब+ही=तभी. • घोषीकरण – पोत+दार=पोद्दार. • ह्नस्वीकरण – हाथी+सार=हथिसार, लड़का+पन=लड़कपन. • यागम – कवि+ओं=कवियों, निधि+ओं=निधियों. • व्यंजन लोप- नाक+कटा=नकटा. • स्वर-व्यंजन लोप – मुझ+ही=मुझी, वहाँ+ही=वहीं. हिंदी संधि के प्रकार हिंदी संधि को दो भागों में बाँट सकते हैं – (१) स्वर-संधि, (२) व्यंजन-संधि. • स्वर-संधि– हिंदी शब्दों में दो स्वरों के मिलने में निम्रांकित प्रवृतियाँ देखी जा सकती हैं. • पूर्वस्वर लोप– दो स्वरों के मिलने पर पूर्वस्वर का लोप हो जाता है. कभी तो पूर्वखण्ड के प्रथम वर्ण का स्वर अविकृत रहता है और कभी विकृत हो जाता है. इस प्रकार, इसके भी दो भेद हुए : (अ) अविकारी पूर्वस्वर लोप, (आ) विकारी पूर्वस्वर लोप. • अविकारी पूर्वस्वर लोप– मिल+अन=मिलन, चल+अन=चलन, छल+आवा=छलावा, सड़+इयल= सड़ियल, मर+इयल=मरियल, निज+इ=निजी, रात+एँ=रातें, बात+एँ=बातें. • विकारी पूर्वस्वर लोप– भूल+आवा=भुलावा, मोटा+आपा= मोटापा, लात+इयल=लतियल, लूट+एरा=लुटेरा. • ह्नस्वीकरण स्वर-संधि– दो स्वरों के मिलने पर प्रथम खंड का अंतिम स...

Sandhi in Hindi

Advertisements इस पोस्ट मे आप जानेंगे की, Sandhi Ki Paribhasha, Sandhi Kise Kahate Hai तथा Sandhi Ke Prakar In Hindi, Sandhi Ke Bhed आदि के बारे में। आप मे से बहुत लोग उत्तर प्रदेश तथा अन्य किसी राज्य की परीक्षाओं की तैयारी कर रहें होगें, तो वहाँ के सरकारी नौकरी के पाठ्यक्रम मे हिंदी भी एक विषय होता है। इसको पढ़ने के बाद आप sandhi in hindi class 9, 10, 11, 12, 8 आदि कक्षाओं के साथ-साथ UPTET, UP PET, UPSSSC Lekhpal जैसे सभी परीक्षाओं मे काफी मदद करेगा। तो इसको पूरा जरूर पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sandhi In Hindi (संधि की परीभाषा) संधि की परीभाषा –संधि का मतलब मेल होता है। जब दो वर्ण तथा ध्वनियों का संयोग से जो विकार उत्पन्न होता है। तो उस शब्दो के द्वारा उत्पन्न विकार को ही संधि कहा जाता है। उदाहरण को रूप मे आप समझ सकते है विद्यालय शब्द से अगर इसे तोड़ा जाये तो यह दो शब्दो विद्या + आलय मे टूटता है तथा जब इन दो शब्दों के ध्वनियों तथा वर्णों का मेल होता है तब जा कर विद्यालय शब्द बनता है। Sandhi Ke Prakar In Hindi – Sandhi Ke Bhed संधि कुल तीन प्रकार की होती है- 1) स्वर संन्धि, 2) व्यंजन सन्धि, 3) विसर्ग सन्धि Swar Sandhi Ke Bhed तथा स्वर संधि किसे कहते हैं जब किन्ही दो शब्दो मे पहले वाले शब्द का आखरी वर्ण तथा दुसरे शब्द का पहला वर्ण स्वर हो तथा उनके जोड़ से जो विकार उत्पन्न होता है उसे ही स्वर संधि कहा जाता है। स्वर संधि कुल पांच प्रकार की होती है- • दीर्घ स्वर संधि • गुण स्वर संधि • वृद्धि स्वर संधि • यण स्वर संधि • अयादि स्वर संधि दीर्घ स्वर संधि (Dirgha Sandhi) इसका सुत्र अकः सवर्णे दीर्घ है। जब दो समान स्व आपस मे म...

स्वर संधि कितने प्रकार के होते हैं?

आज इस आर्टिकल में हमने स्वर संधि कितने प्रकार के होते हैं? (swar sandhi kitne prakar ke hote hain), स्वर संधि के स्वर संधि के कितने भेद होते हैं? (Swar sandhi ke kitne bhed hote?) के बारे में विस्तार से जानेंगे। दोस्तों हिंदी भाषा के सही अध्ययन के लिए हिंदी व्याकरण का सही अध्ययन जरूरी होता है। हिंदी व्याकरण के अंतर्गत हिंदी बोलने और लिखने के लिए नियम होते हैं। हिंदी व्याकरण के अंतर्गत संधि एक महत्वपूर्ण पाठ है। संधि पाठ का अध्ययन हिंदी व्याकरण में जरूरी होता है। संधि के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं जिनमें स्वर संधि, व्यंजन संधि तथा विसर्ग संधि आते हैं। आज इस लेख में हम संधि के 3 भेदों में से पहले भेद स्वर संधि के बारे में जानेंगे। स्वर संधि क्या है? तथा मुख्य रूप से यह जानेंगे कि स्वर संधि के कितने भेद होते हैं? स्वर संधि के सभी भेदों को एक-एक करके उदाहरण सहित समझने का प्रयास करेंगे – आसान भाषा में स्वर वर्णों के संधि को स्वर संधि कहते हैं। हिंदी भाषा के वर्णों में जब दो स्वर आपस में जुड़ते हैं तब उसे स्वर संधि कहा जाता है। यानी दो स्वरों के मिलने से उसमें जो परिवर्तन आता है स्वर संधि कहलाती है। जैसा कि हम सभी को पता है हिंदी में 11 स्वर वर्ण होते हैं और स्वरों के मिलने को स्वर संधि कहा जाता है। उदाहरण के लिए विद्या+आलय – विद्यालय । इस उदाहरण में देखा जा सकता है की आ और आ दो स्वरों को मिलाए जाने पर मुख्य शब्द में अंतर देखने को मिलता है। दो आ के मिलने से उनमें से एक आ का लोप हो जाता है। मुनि+इंद्र – मुनींद्र इस उदाहरण में भी इ और इ दो स्वरों को मिलाए जाने पर ई मिलता है। दो इ मिलकर एक ई में परिवर्तित हुई है। स्वर संधि के अन्य उदाहरण में • पर + उपकार = परोपकार • पुस्तक + आलय...

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण

संधि की परिभाषा, भेद और उदहारण संधि की परिभाषा ‘संधि’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘जोड़’ या ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्गों के परस्पर मेल से होने वाले परिवर्तन को ‘संधि’ कहते हैं। “संधि में जब दो अक्षर या वर्ण मिलते है, तब उनकी मिलावट से विकार उत्पन्न होता है। वर्णों की यह विकारजन्य मिलावट ‘संधि’ है।” भाषा व्यवहार में जब दो पद या शब्द आपस में मिलते हैं तो प्रथम पद की अंतिम ध्वनि और द्वितीय पद की पहली ध्वनि के मेल से जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं। इस प्रक्रिया में कभी पहली, कभी दूसरी या कभी दोनों ध्वनियों में परिवर्तन होता है। यह तीनों स्थितियाँ निम्न प्रकार से होती हैं- (क) पहली ध्वनि में परिवर्तन, किंतु दूसरी ध्वनि में नहीं, जैसे- • यथा + अवसर = यथावसर • मही + इंद्र = महींद्र (ख) दूसरी ध्वनि में परिवर्तन, किंतु पहली ध्वनि में नहीं, जैसे- • गिरि + ईश = गिरीश • सत् + जन = सज्जन (ग) पहली एवं दूसरी दोनों ध्वनियों में परिवर्तन, जैसे- • उत् + श्वास = उच्छ्वास • देव + इंद्र = देवेंद्र संधि विच्छेद ( sandhi viched ) “वर्णों में संधि कभी स्वरों के बीच होती है, तो कभी स्वर और व्यंजन के बीच। इसी तरह कभी विसर्ग और स्वर के साथ होती है और कभी विसर्ग और व्यंजन के साथ।” • विद्यार्थी = विद्या + अर्थी • देवालय = देव + आलय संधि के भेद या प्रकार ( types of sandhi ) वर्णों के आधार पर संधि के तीन भेद हैं— (A) स्वर संधि, (B) व्यंजन संधि और (C) विसर्ग संधि ( A ) स्वर संधि ( swar sandhi ) दो स्वरों के परस्पर मेल के कारण जब एक या दोनों स्वरों में विकार या रूप-परिवर्तन होता है तो उसे ‘स्वर संधि’ कहते हैं। स्वर संधि के भेद स्वर संधि के निम्नलिखित पाँच भेद हैं- 1. दीर्घ स्वर सं...

Swar Sandhi in Hindi, स्वर संधि

Contents • 1 स्वर संधि इन हिंदी परिभाषा, भेद और उदाहरण – Swar Sandhi Examples • 1.1 स्वर संधि के भेद के नाम • 1.2 स्वर संधि के भेद उदाहरण सहि • 1.3 दीर्घ संधि के भेद और उदाहरण • 1.4 गुण संधि के भेद और उदाहरण • 1.5 वृद्धि संधि के भेद और उदाहरण • 1.6 यण संधि के (भेद) उदाहरण • 1.7 अयादि संधि का उदाहरण हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘ स्वर संधि इन हिंदी परिभाषा, भेद और उदाहरण – Swar Sandhi Examples स्वर के बाद स्वर के मेल से उनमें जो विकार-सहित परिवर्तन होता है, उसे ‘स्वर • परम + अणु = परमाणु • देव + आलय = देवालय स्वर संधि के भेद के नाम स्वर संधि के निम्नलिखित पाँच भेद हैं : (क) दीर्घ संधि (ख) गुण संधि (ग) वृद्धि संधि (घ) यण संधि (ङ) अयादि संधि (क) टीर्घ संधि- दो सवर्ण स्वर जब पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर उसी वर्ण का दीर्घ स्वर बन जाते हैं. इसे ‘दीर्घ संधि’ कहते हैं। स्वर संधि के भेद उदाहरण सहि अ + अ = आ संधि (भेद) परिवर्तन (नियम) उदाहरण दीर्घ संधि (स्वर संधि) अ + अ = आ निम्न + अंकित = निम्नांकित अ + आ = आ भोजन + आलय = भोजनालय आ + अ = आ शिक्षा + अर्थी = शिक्षार्थी आ + अ = आ कारा + आवास = कारावास इ + इ = ई कवि + इंद्र = कवींद्र इ + ई = ई परि + ईक्षा = परीक्षा ई + इ = ई योगी + इंद्र = योगींद्र ई + ई = ई जानकी + ईश = जानकीश उ + उ = ऊ अनु + उदित = अनूदित उ + ऊ = ऊ साधु + ऊर्जा = साधूर्जा ऊ + उ = ऊ भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग ऊ + ऊ = ऊ वधू + ऊर्मि = वधूर्मि दीर्घ संधि के भेद और उदाहरण स्व + अर्थ = स्वार्थ राम + अवतार = रामावतार शस्त्र + अस्त्र = शस्त्रास्त्र परम + अण...

स्वर वर्ण

अनुक्रम • 1 स्वरों के भेद • 1.1 ह्रस्व स्वर • 1.2 दीर्घ स्वर • 1.3 प्लुत स्वर • 2 वर्गीकरण • 3 हिन्दी भाषा के स्वर • 4 अंग्रेज़ी भाषा के स्वर • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ स्वरों के भेद [ ] स्वरों के तीन भेद होते हैं। ह्रस्व स्वर [ ] वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं। जैसे- अ, इ, उ, ऋ, दीर्घ स्वर [ ] वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है। जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, प्लुत स्वर [ ] वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा तिगुना समय लगता है। जैसे - ॐ = अ + ओ + म् वर्गीकरण [ ] स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है: • जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से: • विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open • अर्धविवृत / half-open • बीच का • अर्धसंवृत / half-closed • संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed • जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है: • • • • होंठों की स्थिति से: • प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded • वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded • अर्ध-वर्तुल / semi-rounded • मात्रा की दृष्टि से: • ह्रस्व / short • दीर्घ / long • प्लुत / very long नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके अग्रस्वर लगभग अग्रस्वर मध्यस्वर लगभग पश्वस्वर पश्वस्वर प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल संवृत i y ɨ ʉ ɯ u लगभग संवृत ɪ ʏ ʊ अर्धसंवृत e ø ɘ ɵ ɤ o बीच का Schwa: ə अर्धविवृत ɛ œ ɜ ɞ ʌ ɔ लगभग विवृत æ ɐ विवृत a ɶ ɑ ɒ जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक > का निशान लगा दिया जाता है। जिस स्वर में हिन्दी भाषा के स्वर [ ] • अ / ...

संधि विच्छेद : संधि की परिभाषा, भेद, संधि के प्रकार, सूची और उदाहरण

संधि विच्छेद : संधि की परिभाषा, भेद, संधि के प्रकार, सूची और उदाहरण : Sandhi viched in hindi, यदि आप हिंदी भाषा में संधि, संधि के भेद संधि विच्छेद, संधि विच्छेद के प्रकार तथा सभी प्रकार की संधियों के बारे में विस्तृत ज्ञान चाहिए तो आप उसके लिए यह लेख पूरा पढ़ें और यहाँ पर बहुत विस्तृत रूप से संधि दी गई है। संधि विच्छेद : संधि की परिभाषा, भेद, संधि के प्रकार, सूची और उदाहरण संधि किसे कहते हैं? दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते है | संधि का शाब्दिक अर्थ – मेल या समझौता | जब दो वर्णों का मिलन अत्यंत निकट कारण होता है तब उनमे कोई न कोई परिवर्तन होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है | संधि विच्छेद किसे कहते हैं? दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं। अर्थात संधि शब्दों को अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं। विच्छेद का अर्थ है पृथक करना। GK, GS, Maths, Reasoning Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल ज्वाइन करें - जैसे – हिम + आलय (अ + आ) हिम + (अ + आ) + लय हिमा आ लय (‘म‘ के साथ ‘आ‘ का संयोग होने पर ‘हिमा‘ बना) अब ‘हिमा‘ और ‘लय’ दोनों को मिला देने पर ‘हिमालय बना। संधि कितने प्रकार की होती है? संधि तीन प्रकार की होती है। जिसका वर्णन नीचे दिया है। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि इन सभी प्रकार को आगे वर्णित किया गया है। स्वर संधि : स्वर संधि के प्रकार, स्वर संधि की परिभाषा स्वर संधि परिभाषा : स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे ‘स्वर संधि’ कहते है। जैसे –रवि + इन्द्र इ + इ = ई (यहाँ ‘इ’ और ‘इ’ दो स्वरों के बीच संधि होकर ‘ई’ रूप हुआ) स्वर संधि के पाँच प्रकार की होती है। • दीर्घ स्वर संधि • ग...

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण

संधि की परिभाषा, भेद और उदहारण संधि की परिभाषा ‘संधि’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘जोड़’ या ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्गों के परस्पर मेल से होने वाले परिवर्तन को ‘संधि’ कहते हैं। “संधि में जब दो अक्षर या वर्ण मिलते है, तब उनकी मिलावट से विकार उत्पन्न होता है। वर्णों की यह विकारजन्य मिलावट ‘संधि’ है।” भाषा व्यवहार में जब दो पद या शब्द आपस में मिलते हैं तो प्रथम पद की अंतिम ध्वनि और द्वितीय पद की पहली ध्वनि के मेल से जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं। इस प्रक्रिया में कभी पहली, कभी दूसरी या कभी दोनों ध्वनियों में परिवर्तन होता है। यह तीनों स्थितियाँ निम्न प्रकार से होती हैं- (क) पहली ध्वनि में परिवर्तन, किंतु दूसरी ध्वनि में नहीं, जैसे- • यथा + अवसर = यथावसर • मही + इंद्र = महींद्र (ख) दूसरी ध्वनि में परिवर्तन, किंतु पहली ध्वनि में नहीं, जैसे- • गिरि + ईश = गिरीश • सत् + जन = सज्जन (ग) पहली एवं दूसरी दोनों ध्वनियों में परिवर्तन, जैसे- • उत् + श्वास = उच्छ्वास • देव + इंद्र = देवेंद्र संधि विच्छेद ( sandhi viched ) “वर्णों में संधि कभी स्वरों के बीच होती है, तो कभी स्वर और व्यंजन के बीच। इसी तरह कभी विसर्ग और स्वर के साथ होती है और कभी विसर्ग और व्यंजन के साथ।” • विद्यार्थी = विद्या + अर्थी • देवालय = देव + आलय संधि के भेद या प्रकार ( types of sandhi ) वर्णों के आधार पर संधि के तीन भेद हैं— (A) स्वर संधि, (B) व्यंजन संधि और (C) विसर्ग संधि ( A ) स्वर संधि ( swar sandhi ) दो स्वरों के परस्पर मेल के कारण जब एक या दोनों स्वरों में विकार या रूप-परिवर्तन होता है तो उसे ‘स्वर संधि’ कहते हैं। स्वर संधि के भेद स्वर संधि के निम्नलिखित पाँच भेद हैं- 1. दीर्घ स्वर सं...