Swami vivekanand ke bare mein batao

  1. स्वामी विवेकानंद से जुड़े 20 रोचक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते Interesting Facts
  2. स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi
  3. स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit
  4. संस्कृत निबंध:स्वामी विवेकानन्दः
  5. स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit
  6. स्वामी विवेकानंद से जुड़े 20 रोचक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते Interesting Facts
  7. संस्कृत निबंध:स्वामी विवेकानन्दः
  8. स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi
  9. स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार: Swami Vivekananda Ke Shiksha Par Vichar
  10. स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit


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स्वामी विवेकानंद से जुड़े 20 रोचक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते Interesting Facts

आज इस शुभ अवसर पर मैं आपके साथ उनसे जुड़े 20 बेहद रोचक तथ्य शेयर कर रहा हूँ, जो संभवतः आप नहीं जानते होंगे. 1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को सूर्योदय से 6 मिनट पूर्व 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ था. 2. परिवार के लोगों ने बालक का नाम दुर्गादास रखने की इच्छा प्रकट की, किन्तु माता द्वारा देखे स्वपन के आधार पर बालक का घर का नाम वीरेश्वर रखा गया जबकि उनका आधिकारिक नाम नरेन्द्र नाथ रखा गया. • ज़रूर पढ़ें: 3. तमाम चीजों के साथ-साथ उन्हें उनकी oratory skills के लिए जाना जाता है, खासतौर से उन्होंने जो शिकागो में अंग्रेजी भाषण दिया था वह आज भी मशहूर है. लेकिन आपको जान के आश्चर्य होगा कि BA में स्वामी जी के अंग्रेजी में नंबर 50% के आस-पास ही रहते थे. 4. बचपन में जब भी स्वामी जी क्रोधित होते तो उनकी माँ भुवनेश्वरी देवी उनके ऊपर ठंडा पानी डालती और कहती ॐ नमः शिवाय का जाप करो…और ऐसा करने से वे शांत हो जाते. 5. उन्हें जानवरों और चिड़ियों से बहुत प्यार था, लड़कपन में उन्होंने गाय, बन्दर, बकरी और मोर पाल रखे थे. 6. पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार पर घोर गरीबी आ गयी. कई बार स्वामी जी घर में झूठ बोल देते थे कि उन्हें कहीं खाने पर invite किया गया है, ताकि बाकी लोगों को ठीक से खाना मिल सके. 7. स्वामी जी देखने में बहुत आकर्षक थे इसलिए कई महिलाएं गलत नियत के साथ उनसे मित्रता करने की इच्छुक रहती थीं पर वे कभी इसके लिए तैयार नहीं हुए. एक बार उन्होंने एक महिला से कहा था- इन बेकार की इच्छाओं को छोडो और भगवान का ध्यान करो 8. BA करने के बाद भी कोई रोजगार ना मिलने से स्वामी जी का भगवान् पर से विश्वास डिग गया था. और वो कहने लगे थे- “ईश्वर का अस्तित्व ही नहीं है” 9. स्वामी विवेकानंद के चा...

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानद जी एक युग पुरुष थे। सनातन धर्म और भारत के गौरव के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। Swami Vivekanand Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप ‘ 10 lines on swami Vivekananda in hindi‘ में पढ़ेंगे। 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi • स्वामी विवेकानंद जी महान व्यक्ति थे। • विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। • राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। • स्वामी जी के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता जी का नाम भुनेश्वरी देवी था। • स्वामी जी के पिता कोलकाता के उच्च न्यायलय में वकील कार्यरत थे। • स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। • रामकृष्ण परमहंस ने बाद में वे इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था। • रामकृष्ण परमहंस जी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे। • स्वामी विवेकानंद अपने स्कूल में एक अच्छे विद्यार्थी थे। • स्वामी विवेकानद जी ने सनातन धर्म के प्रचार में अपना पूर्ण जीवन दिया था। • स्वामी विवेकानंद जी ने 4 जुलाई 1902 को अपने देह का त्याग किया था । स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागो में दिया गया भाषण और उसका पहला वाक्य जिसमे उन्होंने सभी सभा में उपस्थित लोगो को “मेरे अमेरिका के बहनो और भाइयो” कह कर संबोधित किया था, इस वाक्य को उपस्थित लोगो ने बहुत सराहा और उपस्थित सभी का दिल उन्होंने जित लिया। स्वामी विवेकानंद जी कर्म करने में विश्वास रखते थे वो कहते थे की “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।” 10 Lines About Hindi Diwas in Hindi 10 Lines ...

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit : आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। 1893 तमे वर्षे अमरीकादेशे ' शिकागो ' नामनगरे विश्वधर्मसम्मेलनमभवत्। तस्मिन् सम्मेलन सः भारतस्य प्रतिनिधित्वम् अकरोत्। तस्मादेव कालात् तस्य कीर्तिः सर्वत्र प्रासरत्। अनेके जनाः तस्य भक्ताः अभवन्। विवेकानन्दः लोकसेवायाः उद्देश्यं ' रामकृष्णमिशन ' संस्थापयत्। 4 जुलाई 1902 तमे वर्षे अयं दिव्यपुरुषः पंचतत्वं गतः।

संस्कृत निबंध:स्वामी विवेकानन्दः

Essay on Swami Vivekananda In Sanskrit: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंगरेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर ही चलाना चाहते थे। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले ब्रह्म समाज में गए किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। Advertisement महात्मा गांधी का निबंध संस्कृत में संस्कृत निबंध: स्वामी विवेकानन्दः सन्ति बहवो भारतस्य वरपुत्राः येषु अविस्मरणीयः स्वामी विवेकानन्दः। सः विश्वधर्मसम्मेलने भारतीय-संस्कृतेः उपादेयतां श्रेष्ठतां च प्रादर्शयत्। बङ्गप्रान्तस्य कोलकातानगरे त्रिषष्ट्यधिकशततमे(१८६३) वर्षे जनवरी मासस्य द्वादशे दिने एतस्य जन्म अभवत्। तस्य पिता श्री विश्वनाथदत्तमहोदय:। पूर्वं तस्य नाम नरेन्द्रनाथदत्तः इति आसीत्। एषः उत्साही, हास्यप्रियः, करुणापरः च आसीत्। नरेन्द्रः बाल्ये कपीन्, मयूरान्, कपोतान् च पालयति स्म। एषः पितुः हयान् अपि रक्षति स्म। अध्ययनपटुरयं नरेन्द्रः शास्त्रीयसङ्गीतस्य अभ्यासं करोति स्म। प्रतिदिनं व्यायामं करोति स्म। ध्यानसिद्धः अयं भ्रूमध्ये ज्योतिरेकं पश्यति स्म। ईश्वर-जिज्ञासुः अयं सर्वान् पृच्छति स्म यत् किं भवान् ईश्वरं दृष्टवान्? इति। ईश्वरं ज्ञातुं पाश्चात्यदर्शनस्य भारतीयदर्शनस्य च गभीरम् अध्ययनं कुर्वन् अयं नरेन्द्रः विश्वविद्यालयस्य स्नातकपदवीम् अधिगतवान्। अस्मिन्नेव समये दैवयोगात् दक्षिणेश्वरस्थे कालीमन्दिरे परमहंसस्य रामकृष्णदेवस्य दर्शनं तेन प्राप्तम्। रामकृष्णमुद्दिश्य नरेन्द्रः पृष्टवान् ‘किं भवान् ईश्वरं दृष्टवान् ?’इति। ‘आम्। त...

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit : आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। 1893 तमे वर्षे अमरीकादेशे ' शिकागो ' नामनगरे विश्वधर्मसम्मेलनमभवत्। तस्मिन् सम्मेलन सः भारतस्य प्रतिनिधित्वम् अकरोत्। तस्मादेव कालात् तस्य कीर्तिः सर्वत्र प्रासरत्। अनेके जनाः तस्य भक्ताः अभवन्। विवेकानन्दः लोकसेवायाः उद्देश्यं ' रामकृष्णमिशन ' संस्थापयत्। 4 जुलाई 1902 तमे वर्षे अयं दिव्यपुरुषः पंचतत्वं गतः।

स्वामी विवेकानंद से जुड़े 20 रोचक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते Interesting Facts

आज इस शुभ अवसर पर मैं आपके साथ उनसे जुड़े 20 बेहद रोचक तथ्य शेयर कर रहा हूँ, जो संभवतः आप नहीं जानते होंगे. 1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को सूर्योदय से 6 मिनट पूर्व 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ था. 2. परिवार के लोगों ने बालक का नाम दुर्गादास रखने की इच्छा प्रकट की, किन्तु माता द्वारा देखे स्वपन के आधार पर बालक का घर का नाम वीरेश्वर रखा गया जबकि उनका आधिकारिक नाम नरेन्द्र नाथ रखा गया. • ज़रूर पढ़ें: 3. तमाम चीजों के साथ-साथ उन्हें उनकी oratory skills के लिए जाना जाता है, खासतौर से उन्होंने जो शिकागो में अंग्रेजी भाषण दिया था वह आज भी मशहूर है. लेकिन आपको जान के आश्चर्य होगा कि BA में स्वामी जी के अंग्रेजी में नंबर 50% के आस-पास ही रहते थे. 4. बचपन में जब भी स्वामी जी क्रोधित होते तो उनकी माँ भुवनेश्वरी देवी उनके ऊपर ठंडा पानी डालती और कहती ॐ नमः शिवाय का जाप करो…और ऐसा करने से वे शांत हो जाते. 5. उन्हें जानवरों और चिड़ियों से बहुत प्यार था, लड़कपन में उन्होंने गाय, बन्दर, बकरी और मोर पाल रखे थे. 6. पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार पर घोर गरीबी आ गयी. कई बार स्वामी जी घर में झूठ बोल देते थे कि उन्हें कहीं खाने पर invite किया गया है, ताकि बाकी लोगों को ठीक से खाना मिल सके. 7. स्वामी जी देखने में बहुत आकर्षक थे इसलिए कई महिलाएं गलत नियत के साथ उनसे मित्रता करने की इच्छुक रहती थीं पर वे कभी इसके लिए तैयार नहीं हुए. एक बार उन्होंने एक महिला से कहा था- इन बेकार की इच्छाओं को छोडो और भगवान का ध्यान करो 8. BA करने के बाद भी कोई रोजगार ना मिलने से स्वामी जी का भगवान् पर से विश्वास डिग गया था. और वो कहने लगे थे- “ईश्वर का अस्तित्व ही नहीं है” 9. स्वामी विवेकानंद के चा...

संस्कृत निबंध:स्वामी विवेकानन्दः

Essay on Swami Vivekananda In Sanskrit: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंगरेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर ही चलाना चाहते थे। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले ब्रह्म समाज में गए किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। Advertisement महात्मा गांधी का निबंध संस्कृत में संस्कृत निबंध: स्वामी विवेकानन्दः सन्ति बहवो भारतस्य वरपुत्राः येषु अविस्मरणीयः स्वामी विवेकानन्दः। सः विश्वधर्मसम्मेलने भारतीय-संस्कृतेः उपादेयतां श्रेष्ठतां च प्रादर्शयत्। बङ्गप्रान्तस्य कोलकातानगरे त्रिषष्ट्यधिकशततमे(१८६३) वर्षे जनवरी मासस्य द्वादशे दिने एतस्य जन्म अभवत्। तस्य पिता श्री विश्वनाथदत्तमहोदय:। पूर्वं तस्य नाम नरेन्द्रनाथदत्तः इति आसीत्। एषः उत्साही, हास्यप्रियः, करुणापरः च आसीत्। नरेन्द्रः बाल्ये कपीन्, मयूरान्, कपोतान् च पालयति स्म। एषः पितुः हयान् अपि रक्षति स्म। अध्ययनपटुरयं नरेन्द्रः शास्त्रीयसङ्गीतस्य अभ्यासं करोति स्म। प्रतिदिनं व्यायामं करोति स्म। ध्यानसिद्धः अयं भ्रूमध्ये ज्योतिरेकं पश्यति स्म। ईश्वर-जिज्ञासुः अयं सर्वान् पृच्छति स्म यत् किं भवान् ईश्वरं दृष्टवान्? इति। ईश्वरं ज्ञातुं पाश्चात्यदर्शनस्य भारतीयदर्शनस्य च गभीरम् अध्ययनं कुर्वन् अयं नरेन्द्रः विश्वविद्यालयस्य स्नातकपदवीम् अधिगतवान्। अस्मिन्नेव समये दैवयोगात् दक्षिणेश्वरस्थे कालीमन्दिरे परमहंसस्य रामकृष्णदेवस्य दर्शनं तेन प्राप्तम्। रामकृष्णमुद्दिश्य नरेन्द्रः पृष्टवान् ‘किं भवान् ईश्वरं दृष्टवान् ?’इति। ‘आम्। त...

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध । 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानद जी एक युग पुरुष थे। सनातन धर्म और भारत के गौरव के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। Swami Vivekanand Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है इस आर्टिकल में आप ‘ 10 lines on swami Vivekananda in hindi‘ में पढ़ेंगे। 10 Lines on Swami Vivekananda in Hindi • स्वामी विवेकानंद जी महान व्यक्ति थे। • विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। • राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। • स्वामी जी के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता जी का नाम भुनेश्वरी देवी था। • स्वामी जी के पिता कोलकाता के उच्च न्यायलय में वकील कार्यरत थे। • स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। • रामकृष्ण परमहंस ने बाद में वे इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था। • रामकृष्ण परमहंस जी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे। • स्वामी विवेकानंद अपने स्कूल में एक अच्छे विद्यार्थी थे। • स्वामी विवेकानद जी ने सनातन धर्म के प्रचार में अपना पूर्ण जीवन दिया था। • स्वामी विवेकानंद जी ने 4 जुलाई 1902 को अपने देह का त्याग किया था । स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागो में दिया गया भाषण और उसका पहला वाक्य जिसमे उन्होंने सभी सभा में उपस्थित लोगो को “मेरे अमेरिका के बहनो और भाइयो” कह कर संबोधित किया था, इस वाक्य को उपस्थित लोगो ने बहुत सराहा और उपस्थित सभी का दिल उन्होंने जित लिया। स्वामी विवेकानंद जी कर्म करने में विश्वास रखते थे वो कहते थे की “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।” 10 Lines About Hindi Diwas in Hindi 10 Lines ...

स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार: Swami Vivekananda Ke Shiksha Par Vichar

स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार ओज और प्राण से परिपूर्ण हैं। इन्हें यदि अपने जीवन में उतारा जाए तो जीवन को रूपान्तरित किया जा सकता है। विवेकानन्द के शिक्षा-संबंधी इन विचारों को पूरी शिक्षा व्यवस्था पर लागू किया जाए, तो देश को पूर्णतः रूपान्तरित किया जा सकता है। प्रस्तुत लेख “राष्ट्र को आह्वान” नामक पुस्तक के “शिक्षा और समाज” नामक अध्याय से लिया गया है। लेख के अन्त में टिप्पणी करके अपनी राय ज़ाहिर करना न भूलें। Swami Vivekananda Ke Shiksha Par Vichar इस लेख के माध्यम से जानें भारत में शिक्षा प्रसार के लिए स्वामी विवेकानंद क्या उपाय सुझाते हैं। स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार निम्नांकित स्तम्भों पर आधारित हैं– • मन की एकाग्रता • चरित्र-गठन • व्यक्तित्व-विकास • प्रबल आत्मविश्वास • श्रद्धा • वेदांत का समावेश शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सब मनुष्यों में पहले से विद्यमान है। ( शिक्षा क्या है? क्या वह पुस्तक-विद्या है? नहीं! क्या वह नाना प्रकार का ज्ञान है? नहीं, यह भी नहीं। जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है। (स्वामी विवेकानंद की पत्रावली २, २९०-९१) मेरे विचार से तो शिक्षा का सार मन की एकाग्रता प्राप्त करना है, तथ्यों का संकलन नहीं। यदि मुझे फिर से अपनी शिक्षा आरम्भ करनी हो और इसमें मेरा वश चले, तो मैं तथ्यों का अध्ययन कदापि न करूँ। मैं मन की एकाग्रता और (भगवान बुद्ध का संसार को संदेश एवं अन्य व्याख्यान और प्रवचन, ७१) जो शिक्षा साधारण व्यक्ति को जीवन-संग्राम में समर्थ नहीं बना सकती, जो मनुष्य में चरित्र-बल, परहित-भावना तथा सिंह के समान साहस नहीं ला सकती, वह भी कोई शिक्षा है? जिस ...

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit

स्वामी विवेकानंद संस्कृत निबंध। Essay on Swami Vivekananda in Sanskrit : आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। आधुनिकभारतस्य निर्माणकर्तृषु युगपुरुषस्य विवेकानन्दस्य नाम सर्वोपरि अस्ति। सः न केवलं भारते अपितु सम्पूर्णविश्वे आध्यात्मलोकं विकीर्णयति स्म। तस्य महापुरुषस्य जन्म 1863 तमे वर्षे अभवत्। विश्वनाथदत्तः तस्य पिता आसीत्। बाल्यकाले विवेकानन्दस्य नाम नरेंद्रनाथः आसीत्। बाल्यकालादेव सः अति मेधावी आसीत्। आध्यात्मविषये तस्य महती रुचिः आसीत्। 1893 तमे वर्षे अमरीकादेशे ' शिकागो ' नामनगरे विश्वधर्मसम्मेलनमभवत्। तस्मिन् सम्मेलन सः भारतस्य प्रतिनिधित्वम् अकरोत्। तस्मादेव कालात् तस्य कीर्तिः सर्वत्र प्रासरत्। अनेके जनाः तस्य भक्ताः अभवन्। विवेकानन्दः लोकसेवायाः उद्देश्यं ' रामकृष्णमिशन ' संस्थापयत्। 4 जुलाई 1902 तमे वर्षे अयं दिव्यपुरुषः पंचतत्वं गतः।