विषमपोषी पोषण किसे कहते हैं

  1. पोषण किसे कहते हैं
  2. स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर हैं?


Download: विषमपोषी पोषण किसे कहते हैं
Size: 55.27 MB

पोषण किसे कहते हैं

पादपों में पोषण (Nutrition in Plants) विधि के आधार पर पौधों को दो भागों स्वपोषित तथा परपोषी अथवा विषमपोषी पौधे में बाँटा गया है। स्वपोषित पौधे (Autotrophic Plants) अधिकांश पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पर्णहरित (Chlorophyl) की सहायता से वायुमण्डल से CO 2 और भूमि से जल ग्रहण कर प्रकाश-संश्लेषण द्वारा कार्बनिक भोज्य पदार्थ बना लेते हैं। ये पौधे जड़ों द्वारा भूमि से विभिन्न खनिज पोषकों का अवशोषण करते हैं। परपोषित पौधे (Heterotrophic Plants) पर्णहरित की अनुपस्थिति के कारण ये पौधे अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं। अत: ये अपना भोजन अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं। भोजन स्रोत के आधार पर परपोषित पोधों के प्रकार 1. परजीवी (Parasitic) 2. मृतोपजीवी (Saprophytic) 3. सहजीवी (Symbiotic 4. कीटभक्षी (Insectivorous) परजीवी पौधे (Parasitic Plants) परजीवी पौधे अपने भोजन के लिए दूसरे जीवित पौधों अथवा जन्तुओं पर निर्भर रहते हैं। परजीवी पौधे के शरीर का कोई भी भाग परजीवी मूल (Haustorium) में रूपान्तरित हो जाता है और पोषक से भोज्य पदाथों का अवशोषण करता है। मृतोपजीवी पौधे (Saprophytic Plants) इस प्रकार के पौधों में पोषण जीवों के मृत, सड़े हुए शरीर से अपना भोजन प्राप्त करते हैं। अनेक कवक तथा जीवाणु मृतोपजीवी होते है। सहजीवी पौधे (Symbiotic Plants) इसके अन्तर्गत दो पौधे एक-दूसरे का पूरक बनकर एक-दूसरे को लाभ पहुँचाते हुए जीवित रहते हैं। इसके अन्तर्गत लाइकेन (शैवाल और कवक) सहजीवी के रूप में, मुख्य रूप से आते हैं, जिसमें कवक को शैवाल से पोषण की प्राप्ति तथा शैवाल को कवक से कवक जाल द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाता है। लेग्युमिनोसी कुल के पौधों की जड़ों के गाँठ में पाए जाने वाले राइजोबियम बैक्टीर...

स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर हैं?

स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर हैं? स्वयंपोषी –वे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव कहलाते हैं।उदाहरण- सभी हरे पौधे, युग्लीना। 1. ये अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। 2. ये प्रायः क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण हरे होते हैं 3. इनमें प्रकाश संश्लेषण क्रिया होती है। विषमपोषी –वे जीव जो कार्बनिक पदार्थ और ऊर्जा को अपने भोज्य पदार्थ के रूप में अन्य जीवित या मृत पौधों या जंतुओं से ग्रहण करते हैं, विषमपोषी जीव कहलाते हैं।उदाहरण- युग्लीना को छोड़कर सभी जंतु। अमरबेल, जीवाणु, कवक आदि। 1. ये अपना भोजन स्वयं तैयार नहीं कर सकते। 2. इनमें क्लोरोफिल नहीं होती अतः ये हरे नहीं होते। 3. इनमें प्रकाश संश्लेषण क्रिया नहीं होती। पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रश्न . किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है? उत्तर – बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है- (i) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए। (ii) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए। (iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। (iv) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन। (v) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण । प्रश्न . जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे? उत्तर –जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रम आवश्यक मने जाने चाहिए, वे हैं- (i) पोषण, (ii) श्वसन, (iii) परिवहन, (iv) उत्सर्जन, (v) वृद्धि तथा विकास, (vi) जनन, (vii) गति, (viii) अनुकूलन, (xi) उद्...