Swami vivekanand ki mrityu kab hui

  1. [RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui
  2. हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक
  3. स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
  4. स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
  5. हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक
  6. [RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui
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[RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui

जानिए Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui in hindi. महान गायिका लता मंगेशकर का 06 February 2022 , 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अनुभवी गायिका को इस साल जनवरी की शुरुआत में शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उन्होंने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। 28 जनवरी के आसपास, सुधार के मामूली लक्षण दिखाने के बाद, उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया था। हालांकि, 5 फरवरी को लता मंगेशकर की हालत बिगड़ गई और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर वापस आ गईं। Lata Mangeshakar Ka Nidhan राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह खबर “मेरे लिए दिल तोड़ने वाली है, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है” और कहा कि उनके गीतों में “पीढ़ियों ने अपनी अंतरतम भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई”। इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंगेशकर की मृत्यु ने “हमारे देश में एक शून्य छोड़ दिया है जिसे भरा नहीं जा सकता”। बॉलीवुड के कई सितारों ने भी शोक जताया है. अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि वह “भाग्यशाली” हैं कि उन्होंने मंगेशकर द्वारा गाए गए कई गीतों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उनके जैसा कोई नहीं गा सकता, वह बहुत खास थीं। उनका निधन बहुत दुखद है।” 28 सितंबर 1929 को मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी, उन्होंने पांच साल की उम्र में अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत सीखना शुरू किया, जो थिएटर की दुनिया में सक्रिय थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, परिवार मुंबई चला गया जहाँ एक किशोर मंगेशकर ने मराठी फिल्मों के लिए गाना शुरू किया। उसने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कुछ फिल्मों में भी भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन बाद में कहा कि उसका दिल उस...

हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक

Hindu Dharm Information – भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है। ईसाई, History Of Hindu Dharm in Hindi – हिन्दू धर्म का इतिहास हिन्दू धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिककाल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। सदियों से वाचिक परंपरा चली आ रही है फिर इसे लिपिबद्ध करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। जब हम इतिहास की बात करते हैं तो विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू. से मानी है। अर्थात यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: माना यह जाता है कि पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद जि‍से वेदत्रयी कहा जाता था। मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन राम के जन्‍म के पूर्व पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था। बाद में अथर्ववेद का संकलन ऋषि‍ अथर्वा द्वारा कि‍या गया। दूसरी ओर कुछ लोगों का यह मानना है कि कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से 6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद। यह भी तथ्‍य नहीं नकारा जा सकता कि कृष्ण के आज से 5300 वर्ष पूर्व होने के तथ्‍य ढूँढ लिए गए हैं। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम देवताओं, भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक- सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान परम्पराओं का...

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय (Swami Vivekananda in Hindi) पढ़ेंगे। जिसके अन्तर्गत हम स्वामी विवेकानंद का जन्म (Swami Vivekananda Ka Janm), स्वामी विवेकानन्द की शिक्षा (Swami Vivekanand Ki Shiksha), शिकागो धर्म सम्मेलन (Chicago Dharma Sammelan), रामकृष्ण मिशन की स्थापना (Ramkrishna Mission Ki Sthapna),About Swami Vivekananda, विवेकानन्द के विचारों के बारे में जानेंगे। स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय(About Swami Vivekananda in Hindi) स्वामी विवेकानंद की जीवनी – Swami Vivekananda Ki Jivani जन्म – 12 जनवरी 1863 जन्मस्थान – कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) मृत्यु – 4 जुलाई 1902 मृत्युस्थान – बेलूर मठ (कोलकाता) मृत्यु के कारण – मस्तिष्क की नसों के फटने से वास्तविक नाम – नरेंद्रनाथ दत्त बाल्यावस्था का नाम – वीरेश्वर उपनाम – आधुनिक राष्ट्रवाद के आध्यात्मिक पिता काॅलेज – प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी (कोलकता), जनरल असेंबली इंस्टीट्यूशन (स्काॅटिश चर्च काॅलेज, कोलकाता)। पिता –विश्वनाथ दत्त (कोलकाता हाईकोर्ट में वकालत) माता –भुवनेश्वरी देवी (धार्मिक घरेलू महिला) दादा का नाम –दुर्गाचरण दत्त (संस्कृत व पारसी के विद्वान) वैवाहिक स्थिति – अविवाहित शैक्षणिक योग्यता – कला में स्नातक (1884) धर्म – हिन्दू जाति – कायस्थ स्वामी विवेकानंद का जन्म कब हुआ था – Swami Vivekananda Ka Janm Kab Hua स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के सिमलिया मोहल्ले में पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनका जन्म एक पारम्परिक बंगाली परिवार में हुआ था तथा ये कुल 9 भाई बहन थे। विद्वानों ...

Hindi

स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता है. उन्होंने पूरे विश्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म से परिचय करवाया था. उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन जो कि अमेरिका के शिकागो में हुआ था में भाग लिया और अपने विचारों से पूरी दुनिया को अवगत करवाया. उनकी मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. क्या आप जानते हैं उनकी मृत्यु के पीछे के कारण को? आइये इस लेख के माध्यम से उनके और उनकी मृत्यु के कारण के बारे में जानते हैं. "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये." - स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में हुआ था. उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था. वे काफी तीव्र बुद्धि वाले थे. जब उन्होंने रामक्रष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनी तो वो उनके पास कुछ तर्क करने के उद्देश्य से गए थे लेकिन रामक्रष्ण जी पहचान गए थे कि ये वही शिष्य है जिनका उनको काफी समय से इंतज़ार था. आगे चलकर विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण ही हुए. स्वामी विवेकानंद ने 25 वर्ष में ही गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया था और इसके बाद पैदल ही उन्होंने सम्पूर्ण भारतवर्ष की यात्रा की. स्वामी विवेकानंद जी का दृण विश्वास था की अध्यात्म-विद्या और भारत दर्शन के बिना विश्व अनाथ हो जाएगा. उन्होंने रामकृष्ण मिशन की भारत में और विदेश में कई शाखाएँ स्थापित की. इस तथ्य के बारे में कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. लेकिन हम सभी को उनके निधन के पीछे के असली कारणों की जानकारी नहीं है. इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के साथ-साथ उनके जीवन के जुड़े कुछ अज्ञात पहलुओं से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु स्वामी विवेकान...

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय (Swami Vivekananda in Hindi) पढ़ेंगे। जिसके अन्तर्गत हम स्वामी विवेकानंद का जन्म (Swami Vivekananda Ka Janm), स्वामी विवेकानन्द की शिक्षा (Swami Vivekanand Ki Shiksha), शिकागो धर्म सम्मेलन (Chicago Dharma Sammelan), रामकृष्ण मिशन की स्थापना (Ramkrishna Mission Ki Sthapna),About Swami Vivekananda, विवेकानन्द के विचारों के बारे में जानेंगे। स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय(About Swami Vivekananda in Hindi) स्वामी विवेकानंद की जीवनी – Swami Vivekananda Ki Jivani जन्म – 12 जनवरी 1863 जन्मस्थान – कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) मृत्यु – 4 जुलाई 1902 मृत्युस्थान – बेलूर मठ (कोलकाता) मृत्यु के कारण – मस्तिष्क की नसों के फटने से वास्तविक नाम – नरेंद्रनाथ दत्त बाल्यावस्था का नाम – वीरेश्वर उपनाम – आधुनिक राष्ट्रवाद के आध्यात्मिक पिता काॅलेज – प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी (कोलकता), जनरल असेंबली इंस्टीट्यूशन (स्काॅटिश चर्च काॅलेज, कोलकाता)। पिता –विश्वनाथ दत्त (कोलकाता हाईकोर्ट में वकालत) माता –भुवनेश्वरी देवी (धार्मिक घरेलू महिला) दादा का नाम –दुर्गाचरण दत्त (संस्कृत व पारसी के विद्वान) वैवाहिक स्थिति – अविवाहित शैक्षणिक योग्यता – कला में स्नातक (1884) धर्म – हिन्दू जाति – कायस्थ स्वामी विवेकानंद का जन्म कब हुआ था – Swami Vivekananda Ka Janm Kab Hua स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के सिमलिया मोहल्ले में पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनका जन्म एक पारम्परिक बंगाली परिवार में हुआ था तथा ये कुल 9 भाई बहन थे। विद्वानों ...

हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक

Hindu Dharm Information – भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है। ईसाई, History Of Hindu Dharm in Hindi – हिन्दू धर्म का इतिहास हिन्दू धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिककाल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। सदियों से वाचिक परंपरा चली आ रही है फिर इसे लिपिबद्ध करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। जब हम इतिहास की बात करते हैं तो विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू. से मानी है। अर्थात यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: माना यह जाता है कि पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद जि‍से वेदत्रयी कहा जाता था। मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन राम के जन्‍म के पूर्व पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था। बाद में अथर्ववेद का संकलन ऋषि‍ अथर्वा द्वारा कि‍या गया। दूसरी ओर कुछ लोगों का यह मानना है कि कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से 6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद। यह भी तथ्‍य नहीं नकारा जा सकता कि कृष्ण के आज से 5300 वर्ष पूर्व होने के तथ्‍य ढूँढ लिए गए हैं। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम देवताओं, भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक- सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान परम्पराओं का...

[RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui

जानिए Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui in hindi. महान गायिका लता मंगेशकर का 06 February 2022 , 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अनुभवी गायिका को इस साल जनवरी की शुरुआत में शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उन्होंने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। 28 जनवरी के आसपास, सुधार के मामूली लक्षण दिखाने के बाद, उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया था। हालांकि, 5 फरवरी को लता मंगेशकर की हालत बिगड़ गई और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर वापस आ गईं। Lata Mangeshakar Ka Nidhan राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह खबर “मेरे लिए दिल तोड़ने वाली है, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है” और कहा कि उनके गीतों में “पीढ़ियों ने अपनी अंतरतम भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई”। इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंगेशकर की मृत्यु ने “हमारे देश में एक शून्य छोड़ दिया है जिसे भरा नहीं जा सकता”। बॉलीवुड के कई सितारों ने भी शोक जताया है. अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि वह “भाग्यशाली” हैं कि उन्होंने मंगेशकर द्वारा गाए गए कई गीतों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उनके जैसा कोई नहीं गा सकता, वह बहुत खास थीं। उनका निधन बहुत दुखद है।” 28 सितंबर 1929 को मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी, उन्होंने पांच साल की उम्र में अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत सीखना शुरू किया, जो थिएटर की दुनिया में सक्रिय थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, परिवार मुंबई चला गया जहाँ एक किशोर मंगेशकर ने मराठी फिल्मों के लिए गाना शुरू किया। उसने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कुछ फिल्मों में भी भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन बाद में कहा कि उसका दिल उस...

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स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता है. उन्होंने पूरे विश्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म से परिचय करवाया था. उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन जो कि अमेरिका के शिकागो में हुआ था में भाग लिया और अपने विचारों से पूरी दुनिया को अवगत करवाया. उनकी मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. क्या आप जानते हैं उनकी मृत्यु के पीछे के कारण को? आइये इस लेख के माध्यम से उनके और उनकी मृत्यु के कारण के बारे में जानते हैं. "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये." - स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में हुआ था. उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था. वे काफी तीव्र बुद्धि वाले थे. जब उन्होंने रामक्रष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनी तो वो उनके पास कुछ तर्क करने के उद्देश्य से गए थे लेकिन रामक्रष्ण जी पहचान गए थे कि ये वही शिष्य है जिनका उनको काफी समय से इंतज़ार था. आगे चलकर विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण ही हुए. स्वामी विवेकानंद ने 25 वर्ष में ही गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया था और इसके बाद पैदल ही उन्होंने सम्पूर्ण भारतवर्ष की यात्रा की. स्वामी विवेकानंद जी का दृण विश्वास था की अध्यात्म-विद्या और भारत दर्शन के बिना विश्व अनाथ हो जाएगा. उन्होंने रामकृष्ण मिशन की भारत में और विदेश में कई शाखाएँ स्थापित की. इस तथ्य के बारे में कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. लेकिन हम सभी को उनके निधन के पीछे के असली कारणों की जानकारी नहीं है. इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के साथ-साथ उनके जीवन के जुड़े कुछ अज्ञात पहलुओं से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु स्वामी विवेकान...

[RIP] Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui

जानिए Lata Mangeshkar Ki Mrityu Kab Hui in hindi. महान गायिका लता मंगेशकर का 06 February 2022 , 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अनुभवी गायिका को इस साल जनवरी की शुरुआत में शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उन्होंने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। 28 जनवरी के आसपास, सुधार के मामूली लक्षण दिखाने के बाद, उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया था। हालांकि, 5 फरवरी को लता मंगेशकर की हालत बिगड़ गई और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर वापस आ गईं। Lata Mangeshakar Ka Nidhan राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह खबर “मेरे लिए दिल तोड़ने वाली है, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है” और कहा कि उनके गीतों में “पीढ़ियों ने अपनी अंतरतम भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई”। इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंगेशकर की मृत्यु ने “हमारे देश में एक शून्य छोड़ दिया है जिसे भरा नहीं जा सकता”। बॉलीवुड के कई सितारों ने भी शोक जताया है. अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि वह “भाग्यशाली” हैं कि उन्होंने मंगेशकर द्वारा गाए गए कई गीतों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उनके जैसा कोई नहीं गा सकता, वह बहुत खास थीं। उनका निधन बहुत दुखद है।” 28 सितंबर 1929 को मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी, उन्होंने पांच साल की उम्र में अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत सीखना शुरू किया, जो थिएटर की दुनिया में सक्रिय थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, परिवार मुंबई चला गया जहाँ एक किशोर मंगेशकर ने मराठी फिल्मों के लिए गाना शुरू किया। उसने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कुछ फिल्मों में भी भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन बाद में कहा कि उसका दिल उस...

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स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता है. उन्होंने पूरे विश्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म से परिचय करवाया था. उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन जो कि अमेरिका के शिकागो में हुआ था में भाग लिया और अपने विचारों से पूरी दुनिया को अवगत करवाया. उनकी मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. क्या आप जानते हैं उनकी मृत्यु के पीछे के कारण को? आइये इस लेख के माध्यम से उनके और उनकी मृत्यु के कारण के बारे में जानते हैं. "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये." - स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में हुआ था. उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था. वे काफी तीव्र बुद्धि वाले थे. जब उन्होंने रामक्रष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनी तो वो उनके पास कुछ तर्क करने के उद्देश्य से गए थे लेकिन रामक्रष्ण जी पहचान गए थे कि ये वही शिष्य है जिनका उनको काफी समय से इंतज़ार था. आगे चलकर विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण ही हुए. स्वामी विवेकानंद ने 25 वर्ष में ही गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया था और इसके बाद पैदल ही उन्होंने सम्पूर्ण भारतवर्ष की यात्रा की. स्वामी विवेकानंद जी का दृण विश्वास था की अध्यात्म-विद्या और भारत दर्शन के बिना विश्व अनाथ हो जाएगा. उन्होंने रामकृष्ण मिशन की भारत में और विदेश में कई शाखाएँ स्थापित की. इस तथ्य के बारे में कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 ई. में हुई थी. लेकिन हम सभी को उनके निधन के पीछे के असली कारणों की जानकारी नहीं है. इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के साथ-साथ उनके जीवन के जुड़े कुछ अज्ञात पहलुओं से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु स्वामी विवेकान...