ताज महल ड्राइंग

  1. ताज महाल
  2. एक शरत्काल मुकुट बनाने के लिए 3 तरीके
  3. प्रवेशद्वार:ताजमहल
  4. Taj Mahal
  5. ताजमहल
  6. ताज महल: प्रेम का प्रतीक — Google Arts & Culture
  7. ताज महल: प्रेम का प्रतीक — Google Arts & Culture
  8. Taj Mahal
  9. प्रवेशद्वार:ताजमहल
  10. ताजमहल


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ताज महाल

वास्तु कला मकबरा ताजमहालच्या मध्यभागी पांढऱ्या पाया ताजमहालचा पाया ही एक बहु-कक्षीय रचना आहे. ही मुख्य खोली घन आहे, प्रत्येक किनार ५५ मीटर आहे (पहा: मजल्याचा नकाशा, उजवीकडे). लांब बाजूंना एक जबरदस्त पिस्टाक, किंवा वाल्टेड कमाल मर्यादा खोली आहे. यात वर बांधलेल्या कमानी बाल्कनीचा समावेश आहे. मुख्य कमान मुख्य कमानीच्या दोन्ही बाजूस एकापेक्षा दुसऱ्या शैलीवर दोन किंवा दोन अतिरिक्त पिस्ता दोन्ही बाजूंनी बनवलेल्या आहेत. त्याच शैलीमध्ये, खोलीच्या चारही बाजूंनी दोन पिष्टक (एकापेक्षा एक वर) बनवले गेले आहेत. ही रचना इमारतीच्या प्रत्येक बाजूला अगदी सममितीय आहे, यामुळे ही इमारत चौकाऐवजी अष्टकोन बनवते, परंतु कोपऱ्याच्या चारही बाजू इतर चार बाजूंपेक्षा खूपच लहान असल्याने त्यास घुमट थडग्यावर अत्यंत मोहक संगमरवरी मंदिराची थडगी (डावीकडील), त्यातील सर्वात भव्य भाग आहे. त्याची उंची अंदाजे ३५ मीटर असून ती इमारतीच्या पायथ्याशी जवळजवळ आहे आणि ती ७ मीटर उंच दंडगोल तळावर आहे. त्यास कांद्याच्या आकाराचे (पेरू आकार असेही म्हणतात) त्याच्या आकारानुसार घुमट देखील म्हणतात. त्याची शिखर एक उलट्या कमळांनी सुशोभित केली आहे. हे शिखरावर घुमटाच्या कडा घालते. छत्र्या त्याच्या चारही बाजूंनी चार लहान घुमट छत्री (उजवीकडे पहा) द्वारे मबाडचे आकार अधिक मजबूत केले गेले आहे. छत्रींचे घुमट हे मुख्य घुमट्याच्या आकाराच्या प्रती आहेत, फक्त आकार फरक आहे. त्यांचे आधारस्तंभ तळाशी छतावरील आतील प्रकाशासाठी खुले आहेत. संगमाची उंच उंच फुलदाणी पुढील घुमटाच्या उंचीमध्ये वाढवते. मुख्य घुमटासह, एक कमळ शिखर देखील छत्री आणि फुलदाणी सुशोभित करते. घुमट आणि छत्रीच्या क्रेस्टवरील पारंपारिक पर्शियन आणि हिंदु स्थापत्य कलेचा प्रसिद्ध घटक धातुच्...

एक शरत्काल मुकुट बनाने के लिए 3 तरीके

कैसे एक शरत्काल ताज बनाने के लिए अपने घर को सजाने के लिए पुष्पांजलि बनाना एक वर्ष का किसी भी समय को मनाने का एक शानदार तरीका है, लेकिन विशेषकर शरद ऋतु, जिस मौसम में पत्तियां बदल जाती हैं और पौधे फसल के लिए तैयार हैं। उज्ज्वल शरद ऋतु पत्ते, कद्दू, नारियल, अखरोट और जामुन का उपयोग करके एक शताब्दी पुष्पांजलि कैसे जानें। एक तार आधार के साथ एक मुकुट खरीदें तार आधारित मुकुट के पास एक परिपत्र आकृति और लचीली हुक हैं जो जगह में मुकुट सामग्री रखने के लिए उपयोग किए जाते हैं। वे शरद ऋतु के पत्ते के साथ मुकुट बनाने के लिए परिपूर्ण हैं, क्योंकि आप छोटे पत्ते, फूलों के गुलदस्ते और अन्य सामग्रियों के चारों ओर हुक को घुमा सकते हैं जो आप उपयोग करना चाहते हैं। तार-आधारित मुकुट शिल्प भंडार पर पाए जा सकते हैं।• शताब्दी पत्ते इकट्ठा एक शास्त्रीय मुकुट बनाने के लिए सुंदर सामग्री ढूंढने के लिए, आपको बस जाना है और अपने परिवेश को देखें। यदि आप कई पेड़ों के बिना शहरी क्षेत्र में रहते हैं, तो आप आइटम की तलाश के लिए सबसे नज़दीकी शिल्प की दुकान पर जा सकते हैं जैसे: • उज्ज्वल शरद ऋतु की पत्तियां पत्तियों का चयन करें जो आपके क्षेत्र में शरद ऋतु का प्रतिनिधित्व करते हैं, चाहे वे उज्ज्वल लाल, पीले या काले बैंगनी पत्ते हों। • बारहमासी पत्ते एफिर, पाइन या अन्य हरे पेड़ों के सदाबहार पत्ते आपके मुकुट को सुखद सुगंध देंगे। • गेहूं उपजी या सुनहरे रंग का जड़ी बूटियों पतन फसल का मौसम है और अन्य गेहूं के रंग के पौधों के उपजी हैं एक सुखद याद दिलाना है कि मौसम बदल रहे हैं। • शरद ऋतु फूल क्रिसेथीममम कई क्षेत्रों में एक अच्छा विकल्प है, खासकर उन शरद ऋतु के रंग जैसे लाल, कोरिथ, नारंगी या पीले रंग के हैं। • अन्य क्षेत्रीय ...

प्रवेशद्वार:ताजमहल

• संकल्पना, प्रतीकवाद एवं भावांतरण • वास्तुकार एवं कारीगर • स्थल • 16वीं–17वीं शताब्दी में आगरा • क्लिक योग्य नक्शा • आयाम सारणी • आयाम सारणी • मकबरा (रौज़ा-ए-मुनावरा) • नदी की ओर छज्जा (चमेली फर्श) • आधार एवं छज्जा • जवाब एवं मस्जिद • उद्यान (चारबाग ) • महाद्वार (दरवाज़ा-ए-रोज़ा) • खुला मैदान (जिलाउखाना) • बाजार एवं कारवां सराय (ताजगंज) • सुरक्षा भीत के बाहर के मकबरे • जल आपूर्ति • माहताब बाग मुख्य द्वार ( दरवाजा़) भी एक स्मारक स्वरूप है। यह भी संगमर्मर एवं लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। यह आरम्भिक मुगल बादशाहों के वास्तुकला का स्मारक है। इसका मेहराब ताजमहल के मेहराब की प्रति है। इसके पिश्ताक मेहराबों पर सुलेखन से अलंकरण किया गया है। इसमें बास रिलीफ एवं पीट्रा ड्यूरा पच्चीकारी से पुष्पाकृति आदि प्रयुक्त हैं। मेहराबी छत एवं दीवारों पर यहाँ की अन्य इमारतों जैसे ज्यामितीय नमूने बनाए गए हैं। ताज महल का केन्द्र बिंदु है, एक मूल-आधार एक विशाल बहु-कक्षीय संरचना है। यह प्रधान कक्ष घनाकार है, जिसका प्रत्येक किनारा 55 मीटर है। मकबरे पर सर्वोच्च शोभायमान संगमर्मर का गुम्बद (देखें बांये), इसका सर्वाधिक शानदार भाग है। इसकी ऊँचाई लगभग इमारत के आधार के बराबर, 35 मीटर है, और यह एक 7 मीटर ऊँचे बेलनाकार आधार पर स्थित है। गुम्बद के आकार को इसके चार किनारों पर स्थित चार छोटी गुम्बदाकारी छतरियों (देखें दायें) से और बल मिलता है। मुख्य गुम्बद के किरीट पर देखें दायें)। यह शिखर कलश आरंभिक 1800 तक स्वर्ण का था, और अब यह विशाल मीनारें ( देखें बायें) स्थित हैं। यह प्रत्येक 40 मीटर ऊँची है। यह मीनारें ताजमहल की बनावट की सममितीय प्रवृत्ति दर्शित करतीं हैं। • ...कि सन् 1983 में, ताज महल अत्युत्तम मानवी ...

Taj Mahal

2. शहजहां और मुमताज का मकबरा : भारतीय इतिहास के पन्नों में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दरअसल, इसे शाहजहां और मुमताज का मकबरा माना जाता है दुनिया भर में ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कुछ इतिहासकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक ने अपनी पुस्तक में लिखा हैं कि शाहजहां ने दरअसल, वहां अपनी लूट की दौलत छुपा रखी थी इसलिए उसे कब्र के रूप में प्रचारित किया गया। 3. क्या प्रेम एक झूठ था : प्रसिद्ध शोधकर्ता और इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक ने ताज महल के रहस्य से पर्दा उठाया है। ओक अनुसार जयपुर राजा से हड़प किए हुए पुराने महल में दफनाए जाने के कारण उस दिन का कोई महत्व नहीं? पुरुषोत्तम अनुसार क्योंकि शाहजहां ने मुमताज के लिए दफन स्थान बनवाया और वह भी इतना सुंदर तो इतिहासकार मानने लगे कि निश्‍चित ही फिर उनका मुमताज के प्रति प्रेम होना ही चाहिए। तब तथाकथित इतिहासकारों और साहित्यकारों ने इसे प्रेम का प्रतीक लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने उनकी गाथा को लैला-मजनू, रोमियो-जूलियट जैसा लिखा जिसके चलते फिल्में भी बनीं और दुनियाभर में ताजमहल प्रेम का प्रतीक बन गया। यह झूठ आज तक जारी है। मुमताज से विवाह होने से पूर्व शाहजहां के कई अन्य विवाह हुए थे अत: मुमताज की मृत्यु पर उसकी कब्र के रूप में एक अनोखा खर्चीला ताजमहल बनवाने का कोई कारण नजर नहीं आता। मुमताज किसी सुल्तान या बादशाह की बेटी नहीं थी। उसे किसी विशेष प्रकार के भव्य महल में दफनाने का कोई कारण नजर नहीं अता। उसका कोई खास योगदान भी नहीं था। उसका नाम चर्चा में इसलिए आया क्योंकि युद्ध के रास्ते के दौरान उसने एक बेटी को जन्म दिया था और वह मर गई थी। 4.त...

ताजमहल

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ताज महल: प्रेम का प्रतीक — Google Arts & Culture

ताज महल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम, मुमताज़ महल की याद में बनवाया था. यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है और सिर्फ़ आगरा की ही नहीं बल्कि भारत की भी शान है. ताज महल यूनेस्को की विश्व धरोहरों में से एक है और भारत के बारे में लिखे गए करीब हर साहित्य में इसका ज़िक्र हुआ है. यही नहीं, ताज महल सालों-साल से भारत की पहचान के रूप में जाना जाता है. ताज महल नाम फ़ारसी भाषा से लिया गया है जिसमें ‘ताज’ का मतलब मुकुट और 'महल’ का मतलब राजा का घर होता है, यानी ताज महल का मतलब हुआ ‘मुकुट का महल’. इसके बारे में एक रोचक बात यह है कि जिस रानी की याद में इसे बनाया गया था उनका पहले नाम अर्जुमंद बेगम था, लेकिन बाद में उनका नाम 'मुमताज़ महल' हो गया जिसका मतलब भी 'मुकुट का महल' होता है. मकबरा ताज महल को प्यार की निशानी के रूप में तो जाना ही जाता है, लेकिन यह में डूबे एक बादशाह की कहानी भी बयां करता है जिसने अपनी बेगम की याद में इसे बनवाया. एक महान व्यक्ति का मानना है कि ताज को देखकर पता चलता है कि शाहजहां किस तरह का शासन करना चाहते थे. माना जाता है कि वह धरती पर स्वर्ग जैसा कुछ बनाना चाहते थे. उन्होंने एक ऐसी इमारत की कल्पना की थी जो बहुत खूबसूरत होने के साथ ही बादशाह की ताकत की गाथा भी गाए. वह चाहते थे कि इस स्मारक के ज़रिए यह संदेश पहुंचे कि बादशाह से ज़्यादा ताकतवर अगर कोई है, तो वह सिर्फ़ खुदा है. इस शानदार स्मारक की एक खास बात यह है कि यह हर तरफ़ से एक जैसा दिखता है. हालांकि, यमुना नदी की तरफ़ से देखने पर यह अलग दिखता है. कहा जाता है कि इस तरफ़ के हिस्से को खास तौर पर बादशाह के लिए तैयार किया गया था और इसी तरफ़ से वह महल में आते थे. शाहजहां यमुना से ताज महल तक नाव में सवार होकर आते थे. अभी ताज...

ताज महल: प्रेम का प्रतीक — Google Arts & Culture

ताज महल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम, मुमताज़ महल की याद में बनवाया था. यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है और सिर्फ़ आगरा की ही नहीं बल्कि भारत की भी शान है. ताज महल यूनेस्को की विश्व धरोहरों में से एक है और भारत के बारे में लिखे गए करीब हर साहित्य में इसका ज़िक्र हुआ है. यही नहीं, ताज महल सालों-साल से भारत की पहचान के रूप में जाना जाता है. ताज महल नाम फ़ारसी भाषा से लिया गया है जिसमें ‘ताज’ का मतलब मुकुट और 'महल’ का मतलब राजा का घर होता है, यानी ताज महल का मतलब हुआ ‘मुकुट का महल’. इसके बारे में एक रोचक बात यह है कि जिस रानी की याद में इसे बनाया गया था उनका पहले नाम अर्जुमंद बेगम था, लेकिन बाद में उनका नाम 'मुमताज़ महल' हो गया जिसका मतलब भी 'मुकुट का महल' होता है. मकबरा ताज महल को प्यार की निशानी के रूप में तो जाना ही जाता है, लेकिन यह में डूबे एक बादशाह की कहानी भी बयां करता है जिसने अपनी बेगम की याद में इसे बनवाया. एक महान व्यक्ति का मानना है कि ताज को देखकर पता चलता है कि शाहजहां किस तरह का शासन करना चाहते थे. माना जाता है कि वह धरती पर स्वर्ग जैसा कुछ बनाना चाहते थे. उन्होंने एक ऐसी इमारत की कल्पना की थी जो बहुत खूबसूरत होने के साथ ही बादशाह की ताकत की गाथा भी गाए. वह चाहते थे कि इस स्मारक के ज़रिए यह संदेश पहुंचे कि बादशाह से ज़्यादा ताकतवर अगर कोई है, तो वह सिर्फ़ खुदा है. इस शानदार स्मारक की एक खास बात यह है कि यह हर तरफ़ से एक जैसा दिखता है. हालांकि, यमुना नदी की तरफ़ से देखने पर यह अलग दिखता है. कहा जाता है कि इस तरफ़ के हिस्से को खास तौर पर बादशाह के लिए तैयार किया गया था और इसी तरफ़ से वह महल में आते थे. शाहजहां यमुना से ताज महल तक नाव में सवार होकर आते थे. अभी ताज...

Taj Mahal

2. शहजहां और मुमताज का मकबरा : भारतीय इतिहास के पन्नों में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दरअसल, इसे शाहजहां और मुमताज का मकबरा माना जाता है दुनिया भर में ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कुछ इतिहासकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक ने अपनी पुस्तक में लिखा हैं कि शाहजहां ने दरअसल, वहां अपनी लूट की दौलत छुपा रखी थी इसलिए उसे कब्र के रूप में प्रचारित किया गया। 3. क्या प्रेम एक झूठ था : प्रसिद्ध शोधकर्ता और इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक ने ताज महल के रहस्य से पर्दा उठाया है। ओक अनुसार जयपुर राजा से हड़प किए हुए पुराने महल में दफनाए जाने के कारण उस दिन का कोई महत्व नहीं? पुरुषोत्तम अनुसार क्योंकि शाहजहां ने मुमताज के लिए दफन स्थान बनवाया और वह भी इतना सुंदर तो इतिहासकार मानने लगे कि निश्‍चित ही फिर उनका मुमताज के प्रति प्रेम होना ही चाहिए। तब तथाकथित इतिहासकारों और साहित्यकारों ने इसे प्रेम का प्रतीक लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने उनकी गाथा को लैला-मजनू, रोमियो-जूलियट जैसा लिखा जिसके चलते फिल्में भी बनीं और दुनियाभर में ताजमहल प्रेम का प्रतीक बन गया। यह झूठ आज तक जारी है। मुमताज से विवाह होने से पूर्व शाहजहां के कई अन्य विवाह हुए थे अत: मुमताज की मृत्यु पर उसकी कब्र के रूप में एक अनोखा खर्चीला ताजमहल बनवाने का कोई कारण नजर नहीं आता। मुमताज किसी सुल्तान या बादशाह की बेटी नहीं थी। उसे किसी विशेष प्रकार के भव्य महल में दफनाने का कोई कारण नजर नहीं अता। उसका कोई खास योगदान भी नहीं था। उसका नाम चर्चा में इसलिए आया क्योंकि युद्ध के रास्ते के दौरान उसने एक बेटी को जन्म दिया था और वह मर गई थी। 4.त...

प्रवेशद्वार:ताजमहल

• संकल्पना, प्रतीकवाद एवं भावांतरण • वास्तुकार एवं कारीगर • स्थल • 16वीं–17वीं शताब्दी में आगरा • क्लिक योग्य नक्शा • आयाम सारणी • आयाम सारणी • मकबरा (रौज़ा-ए-मुनावरा) • नदी की ओर छज्जा (चमेली फर्श) • आधार एवं छज्जा • जवाब एवं मस्जिद • उद्यान (चारबाग ) • महाद्वार (दरवाज़ा-ए-रोज़ा) • खुला मैदान (जिलाउखाना) • बाजार एवं कारवां सराय (ताजगंज) • सुरक्षा भीत के बाहर के मकबरे • जल आपूर्ति • माहताब बाग मुख्य द्वार ( दरवाजा़) भी एक स्मारक स्वरूप है। यह भी संगमर्मर एवं लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। यह आरम्भिक मुगल बादशाहों के वास्तुकला का स्मारक है। इसका मेहराब ताजमहल के मेहराब की प्रति है। इसके पिश्ताक मेहराबों पर सुलेखन से अलंकरण किया गया है। इसमें बास रिलीफ एवं पीट्रा ड्यूरा पच्चीकारी से पुष्पाकृति आदि प्रयुक्त हैं। मेहराबी छत एवं दीवारों पर यहाँ की अन्य इमारतों जैसे ज्यामितीय नमूने बनाए गए हैं। ताज महल का केन्द्र बिंदु है, एक मूल-आधार एक विशाल बहु-कक्षीय संरचना है। यह प्रधान कक्ष घनाकार है, जिसका प्रत्येक किनारा 55 मीटर है। मकबरे पर सर्वोच्च शोभायमान संगमर्मर का गुम्बद (देखें बांये), इसका सर्वाधिक शानदार भाग है। इसकी ऊँचाई लगभग इमारत के आधार के बराबर, 35 मीटर है, और यह एक 7 मीटर ऊँचे बेलनाकार आधार पर स्थित है। गुम्बद के आकार को इसके चार किनारों पर स्थित चार छोटी गुम्बदाकारी छतरियों (देखें दायें) से और बल मिलता है। मुख्य गुम्बद के किरीट पर देखें दायें)। यह शिखर कलश आरंभिक 1800 तक स्वर्ण का था, और अब यह विशाल मीनारें ( देखें बायें) स्थित हैं। यह प्रत्येक 40 मीटर ऊँची है। यह मीनारें ताजमहल की बनावट की सममितीय प्रवृत्ति दर्शित करतीं हैं। • ...कि सन् 1983 में, ताज महल अत्युत्तम मानवी ...

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