तापीय ऊर्जा किसे कहते हैं

  1. भूतापीय ऊर्जा क्या है
  2. तापीय ऊर्जा क्या होता है? » Tapiy Urja Kya Hota Hai
  3. प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं? इसका वर्गीकरण और प्रकार
  4. तापीय प्रसार क्या है समझाइए , किसे कहते हैं , तापीय संकुचन की परिभाषा Thermal expansion in hindi


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भू

• दे • वा • सं भू-तापीय ऊर्जा (जिसे जियोथर्मल पॉवर कहते हैं, ग्रीक धातु जियो से आया है, जिसका अर्थ है पृथ्वी और थर्मोस अर्थात ताप) वह भू-तापीय पृथ्वी के भू-तापीय संसाधन, मानव की ऊर्जा की जरूरतों की आपूर्ति के लिए सिद्धांततः पर्याप्त से अधिक है, लेकिन उसके केवल एक बहुत छोटे से अंश को लाभदायक तरीके से दोहन किया जा सकता है। गहरे संसाधनों के लिए ड्रिलिंग और खोज में करोड़ों डॉलर लगता है और सफलता की गारंटी नहीं होती है। भू-तापीय ऊर्जा के भविष्य के दोहन के लिए पूर्वानुमान, प्रौद्योगिकी विकास, ऊर्जा की कीमत, सब्सिडी और ब्याज दरों के अनुमानों पर निर्भर करता है। मुख्य लेख: चौबीस देशों ने 2005 में भू-तापीय ऊर्जा से कुल 56,786 गीगावाट-घंटों (GW.h) (204 PG) की बिजली उत्पन्न की, जो दुनिया भर में बिजली की खपत का 0.3% था। विश्व में भू-तापीय भू-तापीय विद्युत संयंत्रों को अभी हाल तक, विशेष रूप से विवर्तनिक प्लेटों के मुहानों पर बनाया जाता था जहां उच्च तापमान वाले भू-तापीय संसाधन सतह के पास उपलब्ध होते हैं। प्रत्यक्ष अनुप्रयोग [ ] पृथ्वी के अत्यंत नीचे से निकाले गए तरल पदार्थ में गैसों का मिश्रण होता है, विशेष रूप से CO 2 ), H 2S ), CH 4 ) और NH 3 ). ये प्रदूषक CO 2 का उत्सर्जन करते हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के संयंत्रों की भू-तापीय स्रोतों से आने वाले गर्म पानी में घुली हुई गैसों के अलावा, जहरीले रसायन हो सकते हैं, जैसे पारा, आर्सेनिक, बोरान, एंटीमनी और नमक. प्रत्यक्ष भू-तापीय तापन प्रणाली में पंप और कंप्रेशर शामिल होंगे और वे जिस बिजली की खपत करेंगे वह प्रदूषण स्रोत से आ सकती है। यह संयंत्र का निर्माण, भूमि स्थिरता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। न्यूजीलैंड में भू-तापीय के लिए ...

भूतापीय ऊर्जा क्या है

भू तापीय ऊर्जा का कारण क्या है (bhu tapiya urja) आप सब जानते होंगे हमारी पृथ्वी बहुत बड़ा है, पृथ्वी का खुद का व्यास करीब 12756 km है और त्रिज्या 6378 km है तब आपको जानने वाली बात यह है की पृथ्वी कई सारे plate से मिलकर बना होता है और यह plate अपना स्थान बदलता रहता है जिससे कभी कभी भूकंप भी आता है ( भूकंप कैसे आता है) हमारी पृथ्वी के केंद्र में magma भरा है जिसमे crode को nife कहा जाता है जो कठोर होता है 6.2.1 Share this पृथ्वी के केंद्र में बहुत जादा तापमान होता है जैसे जैसे हम पृथ्वी के सतह से निचे जाते हैं तब तापमान बढ़ने लगता हैं और केंद्र तक आते बहुत बढ़ जाता है इसी geo thermal enery का उपयोग कर ऊर्जा प्राप्त की जाती है भूतापीय ऊर्जा कहाँ से प्राप्त होती है -जैसे की हमने आप को बताया की geo thermal energy पृथ्वी के निचे जाने से तापमान बढ़ने से प्राप्त होती है हमारे पृथ्वी में कई ऐसे जगह है जहाँ यह तापमान पृथ्वी के ऊपरी सतह पर ही प्राप्त होती है और यह भू-तापीय ऊर्जा हमें गर्म पानी के रूप में प्राप्त होती है इसका वजह यह है की earth ( प्राकृतिक गीजर कहा जाता है कभी कभी ये एक गर्म पानी के कुंड( tank ) के रूप में भी पाये जाते हैं इनमें हर मौसम में गर्म पानी पाया जाता है, प्राचीन काल में भी ऐसे गर्म कुंड पाया जाता था जिसका उपयोग इंसानों द्वारा खाना पकाने वेगरह के लिए कर लिया जाता था इसी प्रकार का ऊर्जा महासागरीय तापीय ऊर्जा से भी प्राप्त किया जाता है भूतापीय ऊर्जा क्या होती है इसका एक उपयोग लिखिए भू-तापीय ऊर्जा प्रकृति की एक उपहार माना जा सकता है इसके ऊर्जा का उपयोग बहुत सारे तरीके से किया जा सकता है जिसमे से बिजली उत्पादन प्रमुख है इसके अलावा ठण्ड में पानी गर्म करना, घर के tempr...

तापीय ऊर्जा क्या होता है? » Tapiy Urja Kya Hota Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। अपने खाता पी ऊर्जा क्या होती है पृथ्वी के गर्भ में धरातल के अंदर ऊर्जा के रूप में किया जाने लगा चाइना में क्या बहुत अन्य देशों ने इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है जमीन के अंदर जो है दिल किया जाता है और उसमें जो है बहुत गर्म वास जल जो है वह अत्यधिक गर्मी के कारण से बाहर आता है और उसकी जो गर्मी को है उपयोग में लाया जाता है क्लियर में यदि सैनिक है कोई काम है तो को गर्म रखने में उसका उपयोग जयपुर जंक्शन में ली या नहीं कार्यों में किया जाता है apne khaata p urja kya hoti hai prithvi ke garbh mein dharatal ke andar urja ke roop mein kiya jaane laga china mein kya bahut anya deshon ne iska upyog karna shuru kar diya hai jameen ke andar jo hai dil kiya jata hai aur usme jo hai bahut garam was jal jo hai vaah atyadhik garmi ke karan se bahar aata hai aur uski jo garmi ko hai upyog mein laya jata hai clear mein yadi sainik hai koi kaam hai toh ko garam rakhne mein uska upyog jaipur junction mein li ya nahi karyo mein kiya jata hai अपने खाता पी ऊर्जा क्या होती है पृथ्वी के गर्भ में धरातल के अंदर ऊर्जा के रूप में किया जान

प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं? इसका वर्गीकरण और प्रकार

प्राकृतिक संसाधनों का तात्पर्य उन से है जो मानव को प्रकृति द्वारा बिना कोई मूल्य चुकाए प्रदान किये जाते हैं। प्राकृतिक संसाधन में भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा समावेश किया जाता है प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इन संसाधनों को मनुष्य अपने प्रयत्नों से उत्पन्न नहीं कर सकता। अन्य शब्दों में, प्राकृतिक संसाधन भौतिक पर्यावरण का वह भाग है जिन पर मनुष्य अपनी अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्भर रहता है। नवीनीकरण होने या नवीनीकरण न होने के आधार पर प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं - एक वे जिनका लगातार नवीनीकरण होता रहता है जैसे भूमि, वन जल व मत्स्य, दूसरे वे जिनका नवीनीकरण नहीं होता है अर्थात् लगातार उपयोग होते रहने से ये संसाधन समाप्त हो जाते हैं जैसे खनिज व खनिज तेल। प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं प्राकृतिक संसाधन प्रकृति द्वारा प्रदान की गयी सुविधाओं (जिनके लिए हमें कोई मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है) को प्राकृतिक संसाधन की संज्ञा दी जाती है। इसमें भूमि, जलवायु, खनिज पदार्थ जैसे- पैट्रोलियम, कोयला, लोहा, तांबा, जस्ता, सोना, हीरा, चांदी आदि सम्मिलित हैं। नवीनीकरण होने या नवीनीकरण न होने के आधार पर प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं - प्राकृतिक संसाधन का वर्गीकरण है - • अजैविक : अजैविक संसाधन वे संसाधन होते हैं जो गैर-जीवित चीजों और गैर-कार्बनिक पदार्थों से बनते हैं। इस प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों के कुछ उदाहरणों में पानी, वायु, भूमि और धातु जैसे लोहा, तांबा, सोना और चांदी शामिल हैं। • जैविक : ये वह संसाधन हैं जो जीवित प्राणियों, पौधों और जानवरों जैसे कार्बनिक पदार्थों से उत्पन्न होते हैं। इस श्रेणी में जीवाश्म ईधन भी शामिल है क्योंकि वे क्षययुक्त कार...

तापीय प्रसार क्या है समझाइए , किसे कहते हैं , तापीय संकुचन की परिभाषा Thermal expansion in hindi

तापीय प्रसार एवं संकुचन (Thermal expansion and contraction) : जब किसी पदार्थ का ताप बढ़ाया जाता है तो ऊष्मा ऊर्जा प्राप्त करके पदार्थ के अणुओं की गतिज ऊर्जा के मान में वृद्धि होती है जिससे अणुओं के मध्य की दूरी बढ़ती है फलतः पदार्थ के आयतन में वृद्धि होती है। ताप के प्रभाव से आयतन में हुई इस वृद्धि को तापीय प्रसार (Thermal expansion) कहते हैं। इसके विपरीत यदि पदार्थ के ताप में कमी की जाए तो उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा का मान कम हो जाएगा जिससे उनके मध्य की दूरी कम होने लगेगी। फलतः उसका आयतन कम हो जाएगा। अर्थात् पदार्थ का संकुचन हो जाएगा। किसी पदार्थ के तापीय प्रसार को तापीय प्रसार गुणांक (Thermal expansion Coefficient) के रूप में व्यक्त किया जाता है और इसे ‘a’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। किसी पदार्थ का तापीय प्रसार गुणांक एक निश्चित दाब पर एक डिग्री ताप के बढ़ाने से उसके आयतन। में हुई वृद्धि और वास्तविक आयतन का अनुपात होता है। अतः अथवा a = 1/V (V/T) P अथवा A = 1/T (V T – V O/V O) जहां, V O = 0°C ताप व स्थिर दाब पर आयतन V T = T 0 C ताप व उसी दाब पर आयतन` a का मान सामान्यतया धनात्मक ही होता है, लेकिन कुछ समान ऋणात्मक हो सकता है। उदाहरणार्थ, oc से nc तब गणांक का मान ऋणात्मक होता है। इसका कारण यह है कि 0C स्पर कुछ दूरी पर स्थित रहते हैं। जब इन्हें ऊष्मा प्रदान का के अणु एक-दूसरे के निकट आ जाते सोमायतन घट जाता है। 4°C के बाद याद और ऊष्मा दा जाए तो अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ने के साथ ही उसका धनात्मक तापीय प्रसार होता है। यही कारण है कि 4C पर जल का घ द्रवों के तापीय प्रसार गुणांकों के मान निम्न सारणी में दिए जा रहे हैं : द्रव C 6H 6 CCI 4 C 2H 5OH CH 3OH H 2O Hg a/10 -4K -1 12.4 12.4...