Tatva kise kehte hain

  1. तत्व कितने होते हैं उनके नाम?
  2. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  3. इंटरनेट क्या है
  4. लोकतंत्र का अर्थ
  5. समाजीकरण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, उद्देश्य
  6. संक्रमण तत्व (Transition Elements) किसे कहते हैं इनके सामान्य गुण लिखिए
  7. Sangya Kise Kahate Hain
  8. संक्रमण तत्व (Transition Elements) किसे कहते हैं इनके सामान्य गुण लिखिए
  9. Sangya Kise Kahate Hain
  10. तत्व कितने होते हैं उनके नाम?


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तत्व कितने होते हैं उनके नाम?

Table of Contents • Tatva kya hai In Hindi • Tatva Kitne Prakar Ke Hote Hain Tatva kya hai In Hindi तत्व किसे कहते है :- केवल एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बनने वाले पदार्थ को तत्व कहते हैं। तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक अभिक्रिया द्वारा अन्य भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। भूपर्पटी तत्वों का मुख्य स्रोत है। इसमें एल्युमिनियम धातु सर्वाधिक मात्रा में उपस्थित है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश तत्वों की धातु की प्रकृति होती है। Tatva Kitne Prakar Ke Hote Hain तत्वों के प्रकार :- तत्वों को तीन भागों में बांटा गया है। • धातु :- वे तत्व जो विद्युत और ऊष्मा सुचालक होती है। प्राय: ठोस होते है। धातु के गुणधर्म :- धातु के मुख्यतः निम्नलिखित गुणधर्म पाये जाते हैं (i) ये चमकीले होते हैं एवं इनमें चांदी जैसी सफेदी अथवा सोने रंग का पीलापन पाया जाता है। (ii) ये ऊष्मा और विद्युत के सुचालक होते हैं। चांदी एवं तांबा ऊष्मा एवं विद्युत के सबसे अच्छे सुचालक है। (iii) ये तन्य होती हैं। सोना सबसे अधिक तन्यता प्रदान करता है। (iv) ये आघातवर्ध्य होती हैं अर्थात जिन्हें पीटकर महीन चदरों (पत्तरों) में ढाला जा सकता है। सोना और चांदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य हैं। (v) सामान्यतः धातुएँ कठोर होते हैं जबकि अपवाद स्वरूप सोडियम एवं पोटैशियम मुलायम होते हैं जिसे चाकू से भी आसानी से काटा जा सकता है। (vi) इनके गलनांक एवं क्वथनांक प्रायः उच्च होते हैं। • अधातु :- वे तत्व जो विद्युत और ऊष्मा के कुचालक होते हैं एवं जिनमें आघातवर्ध्यता और तन्यता के गुण नहीं पाये जाते, अधातु कहलाते हैं। जैसे हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, आयोडीन, कार्बन (हीरा और ग्रेफाइट), ब्रोमीन, क्लोरीन, फास्फोरस, सल्फर इत्यादि अधातु क...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

We and our partners use cookies to Store and/or access information on a device. We and our partners use data for Personalised ads and content, ad and content measurement, audience insights and product development. An example of data being processed may be a unique identifier stored in a cookie. Some of our partners may process your data as a part of their legitimate business interest without asking for consent. To view the purposes they believe they have legitimate interest for, or to object to this data processing use the vendor list link below. The consent submitted will only be used for data processing originating from this website. If you would like to change your settings or withdraw consent at any time, the link to do so is in our privacy policy accessible from our home page.. इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों म...

इंटरनेट क्या है

इस खंड में, हम इंटरनेट क्या है, इसका इतिहास और समय के साथ यह कैसे विकसित हुआ है, इस पर चर्चा करेंगे। हम यह भी पता लगाएंगे कि इसने हमारे जीवन को कैसे बदल दिया है और हम इसके भविष्य के लिए क्या उम्मीद कर सकते हैं। इस खंड में, हम यह पता लगाएंगे कि इंटरनेट ने हमारे जीवन को कैसे बदल दिया है, साथ ही साथ आप इसके भविष्य के लिए क्या उम्मीद कर सकते हैं। चलिए जानते है, इंटरनेट किसे कहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े NSP (Network Service Providers) कौन कौन से हैं? इंटरनेट क्या है – What is Internet in Hindi इंटरनेट कंप्यूटरों का एक विश्वव्यापी (इंटरकनेक्टेड) नेटवर्क है। इंटर्नेट में बहुत से स्थानीय, राष्ट्र, अंतर्राष्ट्र नेट्वर्क होते हैं। ये सभी नेट्वर्क आपस में जुड़े हुए होते हैं। यह दुनिया भर से सूचना और डेटा तक पहुंच प्रदान करता है। आप दुनिया में चाहें तो कहीं पर भी महजूद हो, आप इंटर्नेट पर उपलब्ध कोई भी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट कंप्यूटर नेटवर्क का एक नेटवर्क है जो दुनिया भर में अरबों उपयोगकर्ताओं की सेवा के लिए मानक इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी/आईपी) का उपयोग करता है। इंटरनेट एक वैश्विक प्रणाली है, जिसका अर्थ है कि इसका कोई केंद्रीय नियंत्रण या शासी निकाय नहीं है और यह भौतिक सीमाओं से विवश नहीं है। • • • इंटरनेट 1970 के आसपास से है और इसे डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) द्वारा बनाया गया था। इसे शोधकर्ताओं के लिए लंबी दूरी की यात्रा किए बिना एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करने के तरीके के रूप में डिजाइन किया गया था। उम्मीद है के आपको इंटरनेट क्या होता है समझ में आ गया होगा। इंटरनेट का पुराना नाम क्या है? ARPANET (Advanced Research Projects Agency Ne...

लोकतंत्र का अर्थ

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम लोकतंत्र क्या है (Loktantra Kya Hai), इसकी परिभाषा, गुण, दोषं, प्रकारों को विस्तार से पढेंगे। (Loktantra ka Arth, Loktantra kise kahate hain, Loktantra ki Paribhasha, Loktantra Kya Hai, Loktantra ke Prakar, Loktantra ki Visheshta) लोकतंत्र क्या है – Loktantra Kya Hai लोकतंत्र उस सरकार को कहते हैं जिससे प्रत्येक व्यक्ति भाग लेता है इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से शासन करती है। लोकतंत्र का अर्थ है – जनता का शासन अथवा एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें सर्वोच्च सत्ता जनता के पास होती है। लोकतंत्र का अर्थ क्या है – Loktantra ka Arth लोकतंत्र का अर्थ – लोकतंत्र शब्द दो शब्दों लोक+तंत्र से बना है जिसका अर्थ है – लोगों का शासन। लोकतंत्र का अंग्रेजी पर्याय Democracy है, जो दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है – ’डेमो’ (Demos)– जनता तथा ’क्रेटिया’ (Kratia) शक्ति अथवा शासन। लोकतंत्र का अर्थ है – जनता का शासन। लोकतंत्र किसे कहते है – Loktantra kise kahate hain ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें राजसत्ता किसी एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों के हाथों में न होकर संपूर्ण जनता में निहित होती है। उसे लोकतंत्र कहते है। लोकतंत्र क्या है – Loktantra Kya Hai लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसकी सत्ता बना सकती है। यहां लोगों के सरकार से अभिप्राय प्रत्यक्ष प्रजांतंत्र है, सरकार लोगों पर शासन करती है। सरकार लोगों की है, सरकार लोगों द्वारा निर्वाचित और निर्देशित होती है। सर...

समाजीकरण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, उद्देश्य

Samajikaran arth paribhasha visheshta uddeshy;समाजीकरण एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक जैविक प्राणी मे सामाजिक गुणों का विकास होता है और वह सामाजिक प्राणी बनता है। इस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति समाज और संस्कृति के बीच रहकर विभिन्न साधनों के माध्यम से सामाजिक गुणों को सीखता हैं, अतः इसे सीखने की प्रक्रिया भी कहते हैं। समाजीकरण द्वारा संस्कृति, सभ्यता तथा अन्य अनगिनत विशेषताएं पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तान्तरित होती है और जीवित रहती है। समाज से बाहर व्यक्ति व्यक्ति नही हैं। समाज से पृथक वह असहाय है। समाज से दूर होकर वह चल-फिर नही सकता, बोल-चाल नही सकता। समाज के अभाव मे व्यक्ति का जीवन यदि असम्भव नही तो कठिन एवं दूभर अवश्य है, किन्तु समाज कोई ऐसा जादुई करिश्मा नही कर देता कि जन्म लेते ही बच्चा चलने-फिरने लगे, बोलने-चालने लगे, समझने-समझाने लगे। ऐसा तो सामूहिक जीवन के दौरान जीवन पर्यन्त चलने वाली एक प्रक्रिया के द्वारा सम्भव होता है। इस प्रक्रिया को समाजीकरण कहते है। समाजीकरण की परिभाषा (samajikaran ki paribhasha) ग्रीन के अनुसार," समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बच्चा सांस्कृतिक विशेषताओं, आत्म एवं व्यक्तित्व को प्राप्त करता हैं। फिचर के शब्दों में "समाजीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति सामाजिक व्यवहारों को स्वीकार करता है और उसके साथ अनुकूलन करता हैं। गिलिन व गिलिन के अनुसार, " समाजीकरण से आश्य उस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा एक व्यक्ति समाज के एक क्रियाशील सदस्य के रूप मे विकसित होता हैं, समूह की कार्यप्रणालियों से समन्वय करता है, उसकी परम्पराओं का ध्यान रखता है और सामाजिक स्थितियों मे व्यवस्थापन करके अपने साथियों के प्रति सहनशक्ति की भावना विकसित करता...

संक्रमण तत्व (Transition Elements) किसे कहते हैं इनके सामान्य गुण लिखिए

4.5/5 - (2 votes) आवर्त सारणी में वर्गीकृत किए गए विभिन्न तत्वों की अपनी विशेषताएं हैं। आर्टिकल संक्रमण तत्व किसे कहते हैं में d-ब्लॉक के तत्वों की बात करेंगे। यह तत्व बहुत ही खास विशेषताएं रखते हैं तथा अन्य blocks के तत्वों से काफी भिन्नता दर्शाते हैं। आखिर ऐसी कौन सी विशेषताएं हैं जो इन तत्वों को सब से अलग बनाती है जानने के लिए आपको हमारा पूरा आर्टिकल अंत तक पढ़ना होगा। आज का विषय विज्ञान वर्ग के छात्र के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं में यहां से कई प्रश्न देखने को मिलते हैं। विषयसूची • • • • • • • • • • • • • • • • आज हम आपको बताएंगे कि संक्रमण तत्व किसे कहते हैं? संक्रमण तत्व को कितने श्रेणियों में बांटा गया है? संक्रमण तत्व की मूल विशेषताएं कौन-कौन सी है? इन तत्वों का आवर्त सारणी में क्या स्थान दिया गया है? ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न जो छात्रों के लिए बहुत ही आवश्यक है, हमने अपने आर्टिकल में सम्मिलित किए हैं। तो चलिए अब अपना आर्टिकल शुरू करते हैं। संक्रमण तत्व किसे कहते हैं? What is Transition Metal in Hindi? आवर्त सारणी में विभिन्न तत्वों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा गया है। रासायनिक तत्वों को उनके गुणों के आधार पर ही विभिन्न ब्लॉकों में बांटा है। वे तत्व जो डी ब्लॉक के अंतर्गत आते हैं और परावर्ती संयोजकता व्यक्त करते हैं संक्रमण तत्व कहलाते हैं। क्योंकि सभी तत्व धातु होते हैं इस कारण संक्रमण तत्वों को संक्रमण धातु के नाम से भी जाना जाता है। जिंक, कैडमियम और मर्करी संक्रमण संक्रमण तत्वों की एक परिभाषा इस प्रकार भी है कि वे तत्व जिनके बहाए d-उपकोश में आंशिक रूप से इलेक्ट्रॉन भरे हुए होते हैं संक्रमण धातु या तत्व कहलाते हैं। क्योंकि जिंक, ...

Sangya Kise Kahate Hain

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sangya Kise Kahate Hain संसार में जितने भी चीजे (वस्तु) है सभी का कोई ना कोई नाम है।हिंदी व्याकरण में नाम को ही संज्ञाकहा जाता है।मनुष्य, गाय, घोड, हसना, रोना, शहर,पर्वत आदि ये सभी संज्ञाहै। संज्ञा की परिभाषा – Sangya Ki Paribhasha किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति या भाव के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे: श्रीराम, करनाल, वन, फल, ज्ञान संज्ञा का अर्थ नाम है क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा के उदाहरण – Sangya Ke Udahran • व्यक्ति का नाम – रमेश, अजय, विराट कोहली, नवदीप, राकेश, शंकर • वस्तु का नाम – कलम, डंडा, चारपाई, कंघा • गुण का नाम – सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी • भाव का नाम – प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध • स्थान का नाम – आगरा, दिल्ली, जयपुर संज्ञा के भेद – Sangya ke Bhed संज्ञा के भेद 5 भेद होते हैं| • व्यक्तिवाचक संज्ञा • जातिवाचक संज्ञा • समूहवाचक संज्ञा • द्रव्यवाचक संज्ञा • भाववाचक संज्ञा 1). व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस Vyakti Vachak Sangya Examples जैसे —राम , रहीम , चाँद , सूरज , रामायण , महाभारत , पटना , दिल्ली आदि। ‘राम’ से किसी खास व्यक्ति का और ‘पटना’ से किसी खास जगह या शहर का बोध होता है, अतः ये व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं। पाँचों संज्ञाओं में व्यक्तिवाचक संज्ञाओं की संख्या सबसे अधिक है। 2). जातिवाचक संज्ञा – Jativachak Sangya Kise Kahate Hain जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस संज्ञा से प्राणी या वस्तु की संपूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक कहते हैं। Jativachak Sangya Exam...

संक्रमण तत्व (Transition Elements) किसे कहते हैं इनके सामान्य गुण लिखिए

4.5/5 - (2 votes) आवर्त सारणी में वर्गीकृत किए गए विभिन्न तत्वों की अपनी विशेषताएं हैं। आर्टिकल संक्रमण तत्व किसे कहते हैं में d-ब्लॉक के तत्वों की बात करेंगे। यह तत्व बहुत ही खास विशेषताएं रखते हैं तथा अन्य blocks के तत्वों से काफी भिन्नता दर्शाते हैं। आखिर ऐसी कौन सी विशेषताएं हैं जो इन तत्वों को सब से अलग बनाती है जानने के लिए आपको हमारा पूरा आर्टिकल अंत तक पढ़ना होगा। आज का विषय विज्ञान वर्ग के छात्र के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं में यहां से कई प्रश्न देखने को मिलते हैं। विषयसूची • • • • • • • • • • • • • • • • आज हम आपको बताएंगे कि संक्रमण तत्व किसे कहते हैं? संक्रमण तत्व को कितने श्रेणियों में बांटा गया है? संक्रमण तत्व की मूल विशेषताएं कौन-कौन सी है? इन तत्वों का आवर्त सारणी में क्या स्थान दिया गया है? ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न जो छात्रों के लिए बहुत ही आवश्यक है, हमने अपने आर्टिकल में सम्मिलित किए हैं। तो चलिए अब अपना आर्टिकल शुरू करते हैं। संक्रमण तत्व किसे कहते हैं? What is Transition Metal in Hindi? आवर्त सारणी में विभिन्न तत्वों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा गया है। रासायनिक तत्वों को उनके गुणों के आधार पर ही विभिन्न ब्लॉकों में बांटा है। वे तत्व जो डी ब्लॉक के अंतर्गत आते हैं और परावर्ती संयोजकता व्यक्त करते हैं संक्रमण तत्व कहलाते हैं। क्योंकि सभी तत्व धातु होते हैं इस कारण संक्रमण तत्वों को संक्रमण धातु के नाम से भी जाना जाता है। जिंक, कैडमियम और मर्करी संक्रमण संक्रमण तत्वों की एक परिभाषा इस प्रकार भी है कि वे तत्व जिनके बहाए d-उपकोश में आंशिक रूप से इलेक्ट्रॉन भरे हुए होते हैं संक्रमण धातु या तत्व कहलाते हैं। क्योंकि जिंक, ...

Sangya Kise Kahate Hain

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sangya Kise Kahate Hain संसार में जितने भी चीजे (वस्तु) है सभी का कोई ना कोई नाम है।हिंदी व्याकरण में नाम को ही संज्ञाकहा जाता है।मनुष्य, गाय, घोड, हसना, रोना, शहर,पर्वत आदि ये सभी संज्ञाहै। संज्ञा की परिभाषा – Sangya Ki Paribhasha किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति या भाव के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे: श्रीराम, करनाल, वन, फल, ज्ञान संज्ञा का अर्थ नाम है क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा के उदाहरण – Sangya Ke Udahran • व्यक्ति का नाम – रमेश, अजय, विराट कोहली, नवदीप, राकेश, शंकर • वस्तु का नाम – कलम, डंडा, चारपाई, कंघा • गुण का नाम – सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी • भाव का नाम – प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध • स्थान का नाम – आगरा, दिल्ली, जयपुर संज्ञा के भेद – Sangya ke Bhed संज्ञा के भेद 5 भेद होते हैं| • व्यक्तिवाचक संज्ञा • जातिवाचक संज्ञा • समूहवाचक संज्ञा • द्रव्यवाचक संज्ञा • भाववाचक संज्ञा 1). व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस Vyakti Vachak Sangya Examples जैसे —राम , रहीम , चाँद , सूरज , रामायण , महाभारत , पटना , दिल्ली आदि। ‘राम’ से किसी खास व्यक्ति का और ‘पटना’ से किसी खास जगह या शहर का बोध होता है, अतः ये व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं। पाँचों संज्ञाओं में व्यक्तिवाचक संज्ञाओं की संख्या सबसे अधिक है। 2). जातिवाचक संज्ञा – Jativachak Sangya Kise Kahate Hain जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस संज्ञा से प्राणी या वस्तु की संपूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक कहते हैं। Jativachak Sangya Exam...

तत्व कितने होते हैं उनके नाम?

Table of Contents • Tatva kya hai In Hindi • Tatva Kitne Prakar Ke Hote Hain Tatva kya hai In Hindi तत्व किसे कहते है :- केवल एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बनने वाले पदार्थ को तत्व कहते हैं। तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक अभिक्रिया द्वारा अन्य भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। भूपर्पटी तत्वों का मुख्य स्रोत है। इसमें एल्युमिनियम धातु सर्वाधिक मात्रा में उपस्थित है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश तत्वों की धातु की प्रकृति होती है। Tatva Kitne Prakar Ke Hote Hain तत्वों के प्रकार :- तत्वों को तीन भागों में बांटा गया है। • धातु :- वे तत्व जो विद्युत और ऊष्मा सुचालक होती है। प्राय: ठोस होते है। धातु के गुणधर्म :- धातु के मुख्यतः निम्नलिखित गुणधर्म पाये जाते हैं (i) ये चमकीले होते हैं एवं इनमें चांदी जैसी सफेदी अथवा सोने रंग का पीलापन पाया जाता है। (ii) ये ऊष्मा और विद्युत के सुचालक होते हैं। चांदी एवं तांबा ऊष्मा एवं विद्युत के सबसे अच्छे सुचालक है। (iii) ये तन्य होती हैं। सोना सबसे अधिक तन्यता प्रदान करता है। (iv) ये आघातवर्ध्य होती हैं अर्थात जिन्हें पीटकर महीन चदरों (पत्तरों) में ढाला जा सकता है। सोना और चांदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य हैं। (v) सामान्यतः धातुएँ कठोर होते हैं जबकि अपवाद स्वरूप सोडियम एवं पोटैशियम मुलायम होते हैं जिसे चाकू से भी आसानी से काटा जा सकता है। (vi) इनके गलनांक एवं क्वथनांक प्रायः उच्च होते हैं। • अधातु :- वे तत्व जो विद्युत और ऊष्मा के कुचालक होते हैं एवं जिनमें आघातवर्ध्यता और तन्यता के गुण नहीं पाये जाते, अधातु कहलाते हैं। जैसे हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, आयोडीन, कार्बन (हीरा और ग्रेफाइट), ब्रोमीन, क्लोरीन, फास्फोरस, सल्फर इत्यादि अधातु क...