थाइराइड ग्रन्थि के लिए कौनसा आसन उत्तम हैं?

  1. Homeopathic Remedies For Goitre In Hindi [ गिल्लड़ का होम्योपैथिक दवा ]
  2. Yoga for Thyroid in Hindi
  3. थायराइड के लक्षण व थायराइड के रामबाण इलाज
  4. थाइराइड के कारण, लक्षण एवं उपचार, Thyroid in hindi.
  5. थाइराइड जांच के तरीके
  6. मानव तंत्र से सम्बंधित प्रश्न
  7. अन्नमय कोश और चमत्कारी हार्मोन ग्रन्थियाँ
  8. थायराइड का रामबाण घरेलू उपचार
  9. थायराइड में आहार
  10. थायराइड के लक्षण, आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार क्या है?


Download: थाइराइड ग्रन्थि के लिए कौनसा आसन उत्तम हैं?
Size: 14.45 MB

Homeopathic Remedies For Goitre In Hindi [ गिल्लड़ का होम्योपैथिक दवा ]

गले की थाइराइड ग्रन्थि के बढ़ जाने पर यह रोग होता है । ‘गिल्लड़’ सख्त होता है । इस रोग में गले में संकोचन होता है । इस रोग के रोगी का शरीर टी. बी. के रोगी की भाँति क्षीण होता चला जाता है, परन्तु उसकी भूख बढ़ती चली जाती है। इस रोग में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :- आयोडियम 3, 30, 1M – यह इस रोग की मुख्य औषध मानी जाती है। इसके ‘मूल-अर्क’ का प्रयोग भी किया जाता है। रोगी के शरीर का मांस क्षीण होते जाना, गिल्लड़ का बढ़ जाना तथा गले में संकोचन का अनुभव होने पर इसका प्रयोग करें । इसे उच्च शक्ति ‘1M’ में देने से अधिक लाभ होने की आशा की जाती है । थाइराइडीनम 3x, 6x – पूर्वोक्त दोनों औषधियों से लाभ न होने पर इसे देना चाहिए। यदि अन्य औषधियों के प्रयोग से गिल्लड़ घट गया हो, परन्तु पूरी तरह ठीक न हुआ हो, तब भी इस औषध का प्रयोग लाभ करता है । परन्तु यदि इसके प्रयोग से कोई बुरा प्रभाव दिखायी दे तो इसे देना तुरन्त ही बन्द कर देना चाहिए। कैल्केरिया-कार्ब 30 – यह मोटे शरीर वाले मनुष्यों के गिल्लड़ में लाभकर हैं। थुलथुल शरीर, पीला चेहरा, हाथ-पाँव ठण्डे, पसीने से खट्टी गन्ध आना तथा रोगी का सर्दी सहन न कर पाना एवं गर्मी पसन्द करना-इन लक्षणों में यह औषध लाभकारी है। स्पंजिया 2x, 3 – गले में लगातार सुई चुभने जैसा अनुभव, गिल्लड़ का पुराना और कठोर हो जाना, गिल्लड़ का बढ़ा हुआ होना तथा रोगी का शरीर क्षीण होना-इन लक्षणों में हितकर है । फ्लोरिक-एसिड 6, 30 – पूर्वोक्त औषधियों से लाभ न होने पर, इसे देकर देखना चाहिए । Ask A Doctor किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग औ...

Yoga for Thyroid in Hindi

१० वर्ष पहले, मुझे थाइरोइड की जानकारी केवल विद्यालय की पुस्तकों से मिली थी। मेरे लिए यह केवल एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति थी जो केवल बाहर की दुनिया के लोगों को हो सकती थी l ७ साल पूर्व एक दिन अचानक थाइरोइड का रोग मुझे भी हो गया l तब मुझे यह अहसास हुआ कि थाइरोइड विकार किसी को भी हो सकता है - मुझे भी! आरम्भ में मैं थोड़ी डरी हुई थी, तब तक जब तक की मुझे योग एवं आयुर्वेद के द्वारा सुरक्षित उपचार के बारे में पता नहीं चला थाl अब तो मैं इसके बारे में ज़्यादा विचार भी नहीं करती हूँ। जीवन उतना ही सामान्य है जितना कि हमेशा था और योग के दैनिक अभ्यास से और बेहतर हो गया है; एवं योग उसके लक्षणों से संघर्ष करने में भी मदद करता है।"--निखिला सिंह, २००६ से ह्य्पोथीरोइड से ग्रसित। आजकल गलग्रंथि (थाइरोइड) विकार का होना जनजीवन में उच्चरक्तचाप एवं मधुमेह की तरह बहुत आम पाया जाने लगा है। अमेरिकन थाइरोइड एसोसिएशन (ऐ टी ऐ) के अनुसार, अमेरिका में लगभग २० मिलियन लोग किसी न किसी थाइरोइड विकार से ग्रसित हैं जिस में से ६०% लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं होती हैl यह स्थिति पुरुषों के मुकाबले अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है। इसके कारणों में से प्रमुख कारण हमारी तनावग्रस्त जीवनशैली है। हालाँकि बढ़ती संख्या के बावजूद, आजकल थाइरोइड पीड़ितों के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैंl निसंदेह किसी भी उपचार में समय लगता हैl लेकिन हर्ष की बात यह है कि योगाभ्यास एवं ध्यान से थाइरोइड के उपचार में प्राकृतिक रूप से मदद मिलती हैl अपने नियमित उपचार में कुछ मिनट योगाभ्यास को भी शामिल करें जो आपके थाइरोइड विकार के २ प्रमुख रूप • हाइपो थाइरोइड |Hypothyroidism • हाइपर थाइरोइड | Hyperthyroidism आप अपने अनुभव से यह जान सकते हैं की आपको कै...

थायराइड के लक्षण व थायराइड के रामबाण इलाज

थायराइड एक ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि गले में होती है पुरुष और महिलाओं दोनों को थायराइड हो सकता है। लेकिन पुरुष की तुलना में महिलाएं इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आती है किन्तु इसका इलाज भी सम्भव है जिसके बारे में आज आपको बताया जाएगा। थायराइड क्या होता है (What is Thyroid in Hindi?) थायरॉइड ग्रंथि शरीर का ही एक अंग होता है। जो गर्दन में पायी जाती है। थायरॉइड ग्रंथि को अवटु ग्रंथि के नाम से भी जाना जाता है। यह हार्मोन्स को बनाने का काम करती है जो शरीर के कार्य को करने और नियंत्रित करने में सहायक होते है। तितली के आकार की यह ग्रंथि गले में बीच में होती है। जिसमें २ चौड़े पंख भी दिखाई देते है। शरीर में होने वाली चयापचय क्रिया में इस ग्रंथि की अहम भूमिका होती है। थायरॉइड हार्मोन का काम (Thyroid Works in Hindi) यह ग्रंथि ट्राइ-आयडोथाइरोनीन (टी ३) और थाइरोकैल्सिटोनीन हार्मोन को स्रावित करने का काम करती है। इसके साथ ही इसके और भी कार्य है जानते है उनके बारे में। • यह हार्मोन महिलाओं में दुग्धस्राव के स्तर में वृद्धि करता है। • ब्लड में चीनी, फोस्फोलिपिड तथा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में सहायक। • पेशियों, लैंगिक, हड्डियों तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है। • हृदय की गति एवं ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने का कार्य करता है। • लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण बढ़ाता है और रक्ताल्पता के रोकथाम का कार्य करता है। • वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi) १) हाइपोथायरायडिज्म थायराइड- थायराइड की अल्पसक्रियता यानि की जब थायराइड ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन की कमी हो जाती है तो यह होता है। यह छोटे ब...

थाइराइड के कारण, लक्षण एवं उपचार, Thyroid in hindi.

Thyroid in hindi. वर्तमान समय में व्यक्ति का शारीरिक श्रम लगभग कम हो गया है और मशीनों के सहारे अपना काम जल्दी से जल्दी कम समय में पूरा कर अपनी उपलब्धियां बढ़ाना चाहता है। आधुनिक जीवन शैली की दौड़ में व्यक्ति अपने नियमित दिनचर्या को व्यवस्थित नहीं कर पाता है और कई रोगों से ग्रसित हो जाता है। आयुर्वेद के हिसाब से व्यक्ति के शरीर में मुख्य तीन विकार वात, पित्त और कफ से संबंधित होते हैं । इनके दोष बढ़ जाने पर व्यक्ति कई रोगों को आमंत्रण दे देता है। अनुचित आहार-विहार और तामसिक खानपान के कारण तनाव से भरा हुआ जीवन जीने की वजह से थायराइड ग्रंथि का विकार पैदा हो जाता है। जिसमें वात और कफ का विकार बढ़ जाता है। इसे ही थायराइड ( Thyroid ) रोग के रूप में जाना जाता है। नियमित दिनचर्या बनाकर थायराइड पर नियंत्रण पाया जा सकता है। थायराइड एक ऐसी बीमारी हो गई है जो दुनिया भर में बहुत लोगों को अपने चपेट में ले रही है। आज लगभग 10 में से 4 लोग इस बीमारी से ग्रसित होने लगे हैं। तो चलिए जानते है – थायराइड के लक्षण, कारण एवं घरेलू उपाय । Thyroid in hindi. पढ़े – Table of Contents • • • • • • • • • • • • थायराइड क्या है ? What is Thyroid in hindi. मानव शरीर में कई अंतः स्रावी ग्रंथियां पाई जाती है। अंतः स्त्रावी ग्रंथियों में अवटू नाम से जाने जाने वाली एक बड़ी ग्रंथि है जो तितली के आकार की होती है । इन अवटू ग्रंथियों में हार्मोन बनता है जो शरीर की चयापचय क्रिया को प्रभावित करता है। चयापचय व मेटाबॉलिज्म निर्माण में थायराइड ग्रंथि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। थायराइड ग्रंथि टी 3 और थायरो कैल्सीटोनिन नामक हार्मोन का स्त्राव करती है। हार्मोन शरीर के चयापचय और अन्य विकास तंत्र को प्रभावित करता है। हार्म...

थाइराइड जांच के तरीके

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आए दिन सिर दर्द, बदन दर्द और बुखार जैसी समस्याओं से घिरे रहते हैं। कई बार इनसे जल्दी छुटकारा पाने के लिए हम पेनकिलर का सहारा लेते हैं। ऐसा करना हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर ये समस्याएं लंबे समय से आपको परेशान कर रही हैं तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि कई बार ऐसी समस्याएं थाइरॉइड का लक्षण भी हो सकती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इस लंबे समय तक इस तरह की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श लें। जिससे समय रहते थाइरॉइड की जांच कराई जा सके। साथ ही थायराइड का पता चलने पर समय रहते इसका आसानी से उपचार किया जा सके। थाइरॉइड हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। वर्तमान समय में यह बहुत ही आम समस्या बन गई है। यह देश की कुल जनसंख्या के एक प्रतिशत लोगों में पाई जाती है। थाइरॉइड एक साइलेंट किलर है यह आपके शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। ऐसे में यह जरूरी है कि थाइरॉइड के लक्षण दिखाई देने पर इसकी तुरंत जांच करा लें और इसके उपचार में किसी भी लापरवाही न बरतें। इसके उपचार में देरी आपके लिए बड़ी समस्या बन सकती है। थायराइड के लक्षण महसूस होने पर आप थाइरॉइड के फंक्शन की जांच (Thyroid Function Tests-TFTs) टेस्ट करवा सकते हैं। थाइरॉइड टेस्ट करने का यह टेस्ट काफी सामान्य है। शरीर में बुखार और थकान होने जैसी सामान्य समस्याओं में भी यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। लेकिन थाइरॉइड की जांच कराने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है। किसी अच्छे डॉक्टर सलाह लेने के बाद ही प्रयोगशाला में यह जांच करवानी चाहिए। थाइरॉइड जांच के तरीके फिजियोलॉजी थाइरॉइड ग्रंथि से हाइपोथैलमस, पिट्यूटरी ग्रंथियां और ...

मानव तंत्र से सम्बंधित प्रश्न

शरीर की मूलभूत संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई का नाम लिखें। कोशिका ( Cell ) पाचन तंत्र को परिभाषित करें। भोजन के अन्तर्ग्रहण से लेकर मल त्याग तक एक तंत्र जिसमें अनेकों ग्रंथियाँ सम्मिलित हैं , सामंजस्य के साथ कार्य करते हैं। यह तन्त्र पाचन तंत्र कहलाता है। संवरणी पेशियों का क्या काम है ? संवरणी पेशियाँ ( Sphincters ) भोजन , पाचित भोजन रस व अवशिष्ट की गति को नियंत्रित करती हैं। पाचन तंत्र में सम्मिलित ग्रन्थियों के नाम लिखें। ( i ) लार ग्रन्थि ( ii ) यकृत ( iii ) अग्नाशय । कृंतक दंत क्या काम करते हैं ? ये भोजन को कुतरने तथा काटने का कार्य करते हैं। आमाशय के कितने भाग होते हैं ? आमाशय के तीन भाग होते हैं ( 1 ) कार्डियक ( ii ) जठर निर्गमी भाग ( iii ) फंडिस । पाचित भोजन का सर्वाधिक अवशोषण कहाँ होता है ? पाचित भोजन का सर्वाधिक अवशोषण छोटी आँत ( Small Intestine ) में होता है। शरीर में पाए जाने वाली सà¤...

अन्नमय कोश और चमत्कारी हार्मोन ग्रन्थियाँ

अवयवों की प्रत्यक्ष हलचलें ही शरीर विज्ञान की शोध का विषय रही हैं। अब तक जो खोजें हुई हैं उनमें वह प्रत्यक्ष ही मूलभूत आधार है। इसलिए समझा जाता है कि पंच तत्वों से बना हुआ यह ढाँचा मात्र ही शरीर है। समझा जाता है कि अन्न, जल, वायु विश्राम आदि के सहारे ही जीवन की गाड़ी चलती है। इतना होते हुए भी शरीरगत अनेक सन्दर्भ ऐसे हैं जिन पर रहस्य का पर्दा ही पड़ा हुआ है। स्थूल शरीर पर सूक्ष्म सत्ता का नियन्त्रण हमें इन्हीं हलचलों के पीछे झाँकता हुआ दीखता है। अंतःस्रावी ग्रन्थियाँ वंशानुक्रम प्रक्रिया भ्रूणवस्था में जीव का अत्यन्तिक उग्र विकास क्रम, जीवकोषों की अद्भुत क्षमता अचेतन मन की रहस्यमय गतिविधियाँ, भाव संवेदना से उत्पन्न अदम्य प्रेरणा, अतीन्द्रिय अनुभूतियाँ जीवाणुओं की स्वसंचालित जीवन पद्धति, प्रभावशाली तेजोवलय जैसे अनेकानेक सन्दर्भ ऐसे हैं जिनका शरीर की सामान्य संरचना के साथ कोई ताल मेल नहीं बैठता। रासायनिक पदार्थों के अपने गुण, धर्म होते हैं। सम्मिश्रण से उनमें भिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाऐं भी होती हैं, किन्तु ऐसे रहस्य उत्पन्न नहीं होते जैसे कि अनबूझ पहेलियों के रूप में सामने आते रहते हैं। इनके भौतिक समाधान अभी तक नहीं मिले हैं और न भविष्य में मिलने की सम्भावना है। इनके कारण हमें सूक्ष्म शरीर में ही खोजने होंगे। अन्नमय कोश का वर्णन अपेक्षाकृत सूक्ष्म संस्थानों के अन्तर्गत आता है। इसमें रासायनिक हलचलों की उत्पन्न क्रिया प्रक्रिया स्थूल शरीर के क्षेत्र में आती है। शरीर शास्त्रियों की खोज बीन यहीं तक सीमित है। स्वास्थ्य सम्वर्धन के लिए चिकित्सा उपचार के लिए जो क्रिया कलाप चलते हैं उन्हें भौतिक क्षेत्र की मर्यादा माना गया है। ऐसे अद्भुत रहस्य जिनका ताल मेल रासायनिक हलचलों से नहीं बै...

थायराइड का रामबाण घरेलू उपचार

7 थायराइड की आयुर्वेदिक दवा : Thyroid ki Dawai थायराइड क्या है इन हिंदी : Thyroid Kya Hai in Hindi थाइराइड गले का रोग है। थाइराइड (अवटू) ग्रंथि स्वरयंत्र (आवाज यंत्र) के ठीक नीचे सांस की नली के अगल-बगल में बाहर की ओर होती है। थाइराइड ग्रंथि के अन्दर से थायरोक्सिन (टी-4) और ट्रीआयोड थायरोक्सिन (टी-4) नामक हार्मोन्स बड़ी मात्रा में निकलते रहते हैं। इन दोनों हार्मोन्स का शरीर की चयापचयी (पाचनक्रिया) दर पर तेज प्रभाव पड़ता है। इसमें ऊतकों का निर्माण, ऊर्जा शक्ति का भंडारण, ऊतकों का मिलना और कोषों में उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग करने की क्षमता रहती है। साथ ही यह केलसीटोनिन नामक एक अन्य हार्मोन्स भी बाहर छोड़ता है, जो कैल्शियम की चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे निकलने वाले हार्मोन्स की कमी के कारण चयापचायी क्रिया सामान्य से 50 प्रतिशत कम हो जाती है, जबकि इससे निकलने वाले हारमोन्स में अधिकता होने से पाचनक्रिया (चयापचाय) सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक हो जाती है। थाइराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स का नियंत्रण पिट्युटरी ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स से होता है। थायराइड रोग क्या है : Thyroid Rog Kya Hai जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसकी थाइराइड ग्रन्थि में वृद्धि हो जाती है जिसके कारण शरीर के कार्यकलापों में बहुत अधिक परिवर्तन आ जाता है। यह रोग स्त्रियों में अधिक होता है। यह रजोनिवृति के समय, शारीरिक तनाव, गर्भावस्था के समय, यौवन प्रवेश के समय बहुत अधिक प्रभाव डालता है। थायराइड रोग के प्रकार : Thyroid Rog ke Prakar Types of Thyroid problems in Hindi थाइराइड रोग निम्न 3 प्रकार के होते है :- 1- थाइराइड का बढ़ना 2- थाइराइड का सिकुड़ना 3- गलगंड थाइराइड का बढ़ना क्या है ?...

थायराइड में आहार

भोजन क्या खाएं (शाकाहारी व मांसाहारी लिए) सुबह (7:00–7:30 am) एक कप गर्म पानी में एक नींबू का रस नाश्ता (8:15–8:45 am) एक उबला हुआ अंडा + दलिया और उसके साथ सेब या अलसी के बीज का पाउडर + ब्राजील नट। दोपहर का खाना (12:00–12:30 pm) दो रोटी, एक कटोरी लौकी की सब्जी, एक कटोरी दाल, एक प्लेट सलाद। मांसाहारी लोग आहार में मछली या चिकन शामिल कर सकते हैं। शाम का नाश्ता (4:00 pm) एक आड़ू + एक कप नारियल पानी या एक कप चाय और एक कटोरी भूना हुआ मखाना। रात का खाना (7:00 pm) एक प्लेट दलिया/खिचड़ी और एक छोटी प्लेट सलाद। आगे है और जानकारी हाइपोथायरायडिज्म आहार के बाद अब जानते हैं कि हाइपोथायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए। थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hypothyroidism in Hindi हाइपोथायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए, उसकी सूची हम नीचे दे रहे हैं। ग्रीन टी – अधिक ग्रीन टी का सेवन थाइराइड में नुकसानदायक साबित हो सकता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन (catechin) एंटी-थाइराइड एजेंट की तरह काम कर सकता है, जो हार्मोन के निर्माण को कम करता है। इसलिए, थाइराइड में परेशानी हो सकती है ( सोयाबीन- सोयाबीन और सोया युक्त खाद्य पदार्थों से भी हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम हो सकता है ( कुछ खास प्रकार की सब्जियां – थायराइड में हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन थोड़ा संभलकर। कच्ची या आधी पकी हुई हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – ब्रोकली, पालक, फूलगोभी में एंटी-थायराइड और गोइट्रोजेनिक (goitrogenic) गुण होते हैं। जो थायराइड में हानिकारक हो सकते हैं ( पढ़ते रहें अब लेख के इस भाग में जानते हैं हाइपरथायराइड डाइट के बारे में। थायराइड के लिए आहार चार्ट – Hyperthyroidism Diet Chart in Hindi हाइपरथायराइड को रोक...

थायराइड के लक्षण, आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार क्या है?

थायराइड क्या है? (What is thyroid?) एक प्रकार की ग्रंथि होती है, जो कि तितली के आकार की पाई जाती है. हमारे शरीर में कई ग्रंथियां होती हैं, जिनमें से एक थायराइड एंडोक्राइन ग्रंथि भी है. यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर होती है, जो हार्मोन्स को बनाती है. नामक बीमारी के दो प्रकार होते हैं. • हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड कम होना) • हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड बढ़ना) थायराइड कैसे होता है? (How is thyroid done?) • शरीर में आयोडीन की अधिक कमी होने से हो सकती है. • गर्भावस्था में महिला के शरीर में हार्मोन के बदलाव होते रहते है. इनमे कुछ हार्मोन के बदलाव से हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है. • इसके अलावा दवा का अधिक मात्रा में सेवन भी कारण बन सकता है. • पिट्यूटरी ग्रंथि में कैंसर कोशिका के विकसित होने पर थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ सकता है. • जिन लोगो को हाई बीपी या लो बीपी की समस्या होती है, उनको थायराइड की समस्या हो जाती है. थायराइड के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of thyroid?) आपको बता दें कि दो तरह का होता है. पहला हाइपरथायरायडिज्म और दूसरा हाइपोथायरायडिज्म. आइए आपको इनके लक्षणों की जानकारी देते हैं. हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण (Symptoms of hyperthyroidism) • वजन घटना • हाथ कांपना • गर्मी न झेल पाना • ठीक से नींद न आना • तेजी से दिल धड़कना • ज्यादा पसीना आना • ज्य़ादा चिंता होना • प्यास लगना • कमजोरी होना हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण (Symptoms of hypothyroidism) • काम में सुस्ती • थकान • कब्ज • ठंड लगना • सूखी त्वचा औऱ बालों में रूखापन • महिलाओं में अनियमित मासिकचक्र • धीमी हृदय गति • इन्फर्टिलिटी के लक्षण थायराइड होने पर क्या सावधानियाँ बरतें? (What precautions should be taken ...