Thyroid badhne ke lakshan

  1. Thyroid Symptoms: अगर हो रही हैं ये समस्याएं तो तुरंत करा लें अपना थायरॉइड टेस्ट Know Symptoms of Thyroid Disorders in Hindi
  2. अगर ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत अपना कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं
  3. Thyroid ke Lakshan
  4. पित्त दोष क्या है : असंतुलित पित्त से होने वाले रोग, लक्षण और उपाय


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Thyroid Symptoms: अगर हो रही हैं ये समस्याएं तो तुरंत करा लें अपना थायरॉइड टेस्ट Know Symptoms of Thyroid Disorders in Hindi

Know Symptoms of Thyroid: अगर आपको दिन-ब-दिन थकान ज्यादा महसूस होने लगी है या ब्रेन फॉग (Brain fog), वजन बढ़ना, ठंड लगना या बालों के झड़ने जैसी समस्या हो रही है तो आपको अपना थायरॉइड टेस्ट करा लेना चाहिए. इसके विपरीत अगर आपको बहुत ज्यादा पसीना आने लगा है और घबराहट होती है तो आपको बता दें कि हो सकता है यह सब आपकी थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) की वजह से हो रहा हो. बता दें कि शरीर और दिमाग को रेगुलेट करने वाला ये थायरॉइड ग्लैंड असंतुलित भी हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है. शरीर में थायरॉइड ग्रंथि का क्या काम है? सबसे पहले जान लीजिए थायरॉइड ग्रंथि क्या है. दरअसल, थायरॉइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गर्दन के आगे के हिस्से में होती है. यह ग्लैंड हार्मोन पैदा करता है जो आपके मेटाबोलिज्म (Metabolism) की गति को नियंत्रित करता है. जानकारी के लिए बता दें कि मेटाबोलिज्म वह प्रणाली है जो शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करती है. थायरॉइड डिसऑर्डर्स (Thyroid Disorders) थायरॉइड हार्मोन (Thyroid hormone) के प्रोडक्शन को बाधित कर मेटाबोलिज्म को धीमा या संशोधित कर सकते हैं. जब हार्मोन का स्तर बहुत कम या बहुत अधिक हो जाता है, तो शरीर में कई तरह लक्षण दिखाई देने लगते हैं. आइए, जानते हैं क्या हैं ये लक्षण वजन बढ़ना या कम होना वजन में एक अस्पष्ट परिवर्तन थायरॉइड डिसऑर्डर के सबसे आम लक्षणों में से एक है. वजन बढ़ना थायरॉइड हार्मोन के नीचे गिरते स्तर का संकेत दे सकता है, जिसे हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है. वहीं अगर थायरॉइड शरीर की आवश्यकता से अधिक हार्मोन का उत्पादन करता है, तो अप्रत्याशित रूप से शरीर का वजन कम होने लगता है और इसे हा...

अगर ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत अपना कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं

हाई ब्लड कोलस्ट्रोल एक ऐसी समस्या है। इसने आज पूरी दुनिया को प्रभावित कर रखा है। मनुष्य में फैलने वाली यह सबसे तेज बीमारी मानी जाती है। क्योंकि कोलस्ट्रोल जैसे विषय के बारे में अक्सर लोगो को जानकारी नही होती है और शरीर में धीरे धीरे बढ़ रहे कोलोस्ट्राल के लक्षणों को वह लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे होते है। ऐसे में हो सकता है। कि इस वक़्त आपके शरीर में भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ हो और आप भी इस बात से पूरी तरह अंजान हो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के स्टडी के मुताबिक ऐसे 10 कारण जिनकी वजह से पूरे विशव में हर साल सब से ज्यादा लोग अपनी जान गवा देते है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर इस्कीमिक हार्ट डिसिअस है इस बीमारी में दिल तक खून और ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं जा पाता और किसी भी वक्त हार्ट अटैक आने का खतरा बना रहता है। इस तरह की बीमारियों के पीछे बड़ा हुआ कोलेस्ट्रोल ही सबसे मुख्य वजह होती है। केवल अकेले भारत में ही हर साल लगभग 12 लाख से भी ज्यादा लोगों की दिल की बीमारी के चलते मौत हो जाती है। जिनमें 19 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र के लोग शामिल है। कोलस्ट्रोल क्या होता है। आखिर हमारे शरीर में यह बढ़ता कैसे है और किस तरह घर पर ही यह पता लगाया जा सकता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या नहीं। कोलेस्ट्रॉल मोम की तरह इक चिकना पीले कलर का पदार्थ होता है। जो कि हमारे शरीर के लिए खून जितना ही जरूरी होता है। क्योंकि कोलस्ट्रोल से लिवर में बायलेएसिड का निर्माण होता है। जिससे भोजन पचने में सहायता होती है। यह धुप से शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करता है। और इसी की वजह से ही शरीर में सेक्स हॉर्मोस भी सही तरीके से बन पाते है। इसलिए कुल मिलाकर देखा जाए तो कोलेस्ट्रोल शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। इसीलिए ...

Thyroid ke Lakshan

· थकान ( Laziness ) : थायराइड की समस्या के उत्पन्न होने पर सबसे पहले व्यक्ति अपने आप को थका हुआ और आलस से भरा हुआ महसूस करने लगता है. वो सुस्त ह जाता है. इसका मुख्य कारण होता है शरीर में ऊर्जा का ना बनना और शरीर में ऊर्जा ना बनने का कारण थायराइड ग्रंथि के हार्मोन ना बनने से होता है. Thyroid ke Lakshan · डिप्रेशन ( Depression ) : क्योकि थायराइड की समस्या के कारण में चिंता और तनाव का अहम होता है तो चिंता की वजह से उत्पन्न होने वाले अन्य सबसे बड़े रोग डिप्रेशन का होना भी इसका एक लक्षण होता है. इस स्थिति में व्यक्ति का ना तो किसी कार्य में मन लगता है और ना ही उसका किसी से बाट ही करने का मन करता है. साथ ही दिमाग पर अधिक दबाव डालने से उसकी सोचने समझने और याददाश्त की क्षमता में भी कमी आ जाती है. · हाथ पैर ठन्डे होना ( Feel Cold Hand and Legs ) : ठन्डे हाथ पैर होने से हमारा मतलब रक्त स्त्राव के कम होने से या शरीर के तापमान के नीचे गिर जाने से बिलकुल नही है बल्कि इस अवस्था में पीड़ित का शरीर का तापमान तो सामान्य व्यक्ति जितना ही रहता है किन्तु फिर भी उसके हाथ पैर ठन्डे पड जाते है. Thyroid se Shrir par Prabhav Nuksaan · इम्यून सिस्टम का कमजोर होना ( Problem in Immune System ) : इस समस्या में व्यक्ति के शरीर के वाइट ब्लड सेल्स ( White Blood Cells ) के कम होने की भी संभावना होती है. जिससे इनके शरीर को अन्य बीमारियों से संक्रमण का भी खतरा बना रहता है. साथ ही इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की वजह से इनकी रोगों से लड़ने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है. - - Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमें...

पित्त दोष क्या है : असंतुलित पित्त से होने वाले रोग, लक्षण और उपाय

क्या आपके शरीर से भी बहुत तेज दुर्गंध आती है? या आप बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं तो जान लें कि ये सारे लक्षण पित्त प्रकृति के हैं। ऐसे लोग जिनमें पित्त दोष ज्यादा पाया जाता है वे पित्त प्रकृति वाले माने जाते हैं। इस लेख में हम आपको पित्त प्रकृति के गुण, लक्षण और इसे संतुलित करने के उपायों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। Contents • 1 पित्त दोष क्या है? • 2 पित्त के प्रकार : • 3 पित्त के गुण : • 4 पित्त प्रकृति की विशेषताएं : • 5 पित्त बढ़ने के कारण: • 6 पित्त बढ़ जाने के लक्षण : • 7 पित्त को शांत करने के उपाय : • 7.1 विरेचन : • 8 पित्त को संतुलित करने के लिए क्या खाएं : • 9 पित्त प्रकृति वाले लोगों को क्या नहीं खाना चाहिए : • 10 जीवनशैली में बदलाव : • 11 पित्त की कमी के लक्षण और उपचार : • 12 साम और निराम पित्त : पित्त दोष क्या है? पित्त दोष ‘अग्नि’ और ‘जल’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। यह हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। शरीर की गर्मी जैसे कि शरीर का तापमान, पाचक अग्नि जैसी चीजें पित्त द्वारा ही नियंत्रित होती हैं। पित्त का संतुलित अवस्था में होना अच्छी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। शरीर में पेट और छोटी आंत में पित्त प्रमुखता से पाया जाता है। ऐसे लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, अपच, एसिडिटी आदि से पीड़ित रहते हैं। पित्त दोष के असंतुलित होते ही पाचक अग्नि कमजोर पड़ने लगती है और खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। पित्त दोष के कारण उत्साह में कमी होने लगती है साथ ही ह्रदय और फेफड़ों में कफ इकठ्ठा होने लगता है। इस लेख में हम आपको पित्त दोष के लक्षण, प्रकृति, गुण और इसे संतुलित रखने के उपाय बता रहे हैं। पित्त के प्रकार : शरीर में इनके निवास...