तिरंगे का जन्मदिन

  1. झण्डा ऊंचा रहे हमारा, आज है हमारे तिरंगे राष्ट्रीय ध्वज का जन्मदिन
  2. यह है तिरंगे की यशस्वी ऐतिहासिक विकास
  3. Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास
  4. 22 जुलाई : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का जन्मदिन
  5. Independence Day 2019 15 August: Know Flag Hoisting Rules
  6. तिरंगे (Tirange) Meaning In English Tirange in English इंग्लिश
  7. भारत के राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य


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झण्डा ऊंचा रहे हमारा, आज है हमारे तिरंगे राष्ट्रीय ध्वज का जन्मदिन

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यह है तिरंगे की यशस्वी ऐतिहासिक विकास

यह जानना अत्‍यंत रोचक है कि हमारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्‍वतंत्रता के राष्‍ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्‍यता दी गई। फ्रांसीसी क्रांति और उसके नारे स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का भारतीय राष्ट्रवाद पर गहरा असर पड़ा। सन् 1831 में जब राजा राम मोहन राय इंग्लैंड जा रहे थे तो उन्हें एक फ्रांसीसी जहाज़ पर फ़्रांस का झंडा लहराता दिखाई दिया। उसमें भी तीन रंग थे। 1857 की क्रांति ने भारतवासियों के दिल में आज़ादी के बीज बो दिए। बीसवीं शताब्दी में जब स्वदेशी आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा तो एक राष्ट्रीय ध्वज की ज़रूरत महसूस हुई। स्वामी विवेकानंद की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने सबसे पहले इसकी परिकल्पना की। फिर 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में बंगाल के विभाजन के विरोध में एक रैली हुई जिसमें पहली बार तिरंगा झंडा फहराया गया। समय के साथ इसमें परिवर्तन होते रहे लेकिन जब अंग्रेज़ों ने भारत छोड़ने का फ़ैसला किया तो देश के नेताओं को राष्ट्रीय ध्वज की चिंता हुई। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में एक ध्वज समिति का गठन किया गया और उसमें यह फ़ैसला किया गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को कुछ परिवर्तनों के साथ राष्ट्र ध्वज के रूप में स्वीकार कर लिया जाए, ये तिरंगा हो और इसके बीच में अशोक चक्र हो। भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा। एक रूप से यह राष्‍ट्र में राजनैतिक विकास को दर्शाता है। हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं: दूसरे ध्‍वज को पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था (कुछ के अनुसार 1905 में)। ...

Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास

तिरंगे झंडे से जुड़े रोचक तथ्‍य | Facts about National Flag in Hindi Rashtriy Dhwaj तिरंगा हम सभी को जान से भी प्‍यारा होता है। हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि हमें तिरंगे का हमेशा सम्‍मान करना है। 15 अगस्‍त और 26 जनवरी को हम सभी अपने घरों और दफ्तर पर तिरंगा झंडा अवश्‍य फहराते है। आज ऑनलाइन के इस जमाने में लोग Rashtriy Dhwaj तिरंगा को अपनी प्रोफाइल फोटो तक बना लेते हैं। क्‍योंकि हर भारतीय तिरंगे को अपनी जान से भी ज्‍यादा प्यार करता है। आज हम अपनी इस पोस्‍ट में आपको तिरंगे झंडे से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य बताने जा रह‍े हैं। जिन्‍हें जानने के बाद आप अपने देश के तिरंगे झंडे के और भी ज्‍यादा फैन हो जाएंगे। Related Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास Rashtriy Dhwaj तिरंगा को आज आप जिस स्‍वरूप में हम देखते हैं उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इसे तिरंगा इसलिए कहा जाता है कि क्‍योंकि ये कुल तीन रंगों से मिलकर बना होता है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया और नीचे हरा रंग होता है। जबकि बीच में सफेद रंग दिया होता है जिसमें बीच में नेवी ब्‍लू के अंदर अशोक चक्र मौजूद होता है। Facts about National Flag in Hindi (1-5) • भारतीय Rashtriy Dhwaj में शुरूआत में आशोक चक्र की बजाय चरखा रखा हुआ था। तिरंगे में ये बदलाव साल 1931 में किया गया था। लेकिन जब इस बदलाव के तौर पर चरखे की बजाय अशोक चक्र में बदला गया तो महात्‍मा गांधी बहुत नाराज हो गए थे। उन्‍होंने यहां तक कह दिया था कि वो इस तिरंगे को सलाम ही नहीं करेंगे। जिसके बाद उन्‍हें काफी मान मनोअल करके मनाया गया था। • पूरे देश में • किसी भी मंच पर या • देश में यदि हम मंदिर की बात करें तो रांची का ‘पहाड़ी मंदिर’ एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां तिरंगा झंडा फहराया जात...

22 जुलाई : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का जन्मदिन

हमारे देश के आजाद होने के बाद संविधान सभा में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 22 जुलाई 1947 में वर्तमान तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया। जिसमें तीन रंग थे। ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंगा। सफेद रंग की पट्टी में नीले रंग से बना था अशोक चक्र जिसमें चौबीस तीलियां थीं जो धर्म और कानून का प्रतिनिधित्व करती थीं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का वही स्वरूप आज भी मौजूद है। - सबसे पहले देश के राष्ट्रीय ध्वज की पेशकश 1921 में महात्मा गांधी ने की थी। जिसमें बापू ने दो रंग के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज बनाने की बात कही थी। इस झंडे को मछलीपट्टनम के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। दो रंगों में लाल रंग हिन्दू और हरा रंग मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करता था। बीच में गांधी जी का चरखा था, जो इस बात का प्रमाण था कि भारत का झंडा अपने देश में बने कपड़े से बना। - इसके बाद स्वतंत्रता के आंदोलन के अंतर्गत खिलाफत आंदोलन में तीन रंगों के स्वराज झंडे का प्रयोग किया गया। खिलाफत आंदोलन में मोतीलाल नेहरू ने इस झंडे को थामा और बाद में कांग्रेस ने 1931 में स्वराज झंडे को ही राष्ट्रीय ध्वज की स्वीकृति दी। स्वराज झंडे पर आधारित तिरंगे झंडे के नियम-कानून फ्लैग कोड ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए। जिसमें निर्धारित था कि झंडे का प्रयोग केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही किया जाएगा। जिसमें ऊपर केसरिया बीच में सफेद और नीचे हरा रंग था। साथ ही बीच में नीले रंग से चरखा बना हुआ था। सन्‌ 1947 से वर्तमान तिरंगा ध्वज को स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया गया। इसके बाद 2002 में नवीन जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। जिसके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को निर्देश दिए कि अन्य दिनों में भी झंड...

Independence Day 2019 15 August: Know Flag Hoisting Rules

यह भी पढ़ें • हाथ में हथौड़ा और आंखों में गुस्से के साथ लौट आया तारा सिंह, 'गदर 2' का पोस्टर शेयर कर सनी देओल ने लिखा- हिंदुस्तान जिंदाबाद • 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत 15 अगस्त तक 60 करोड़ रुपये के ध्वज खरीदे गए • Laal Singh Chaddha Box Office Collection Day 5: आमिर की फिल्म 15 अगस्त का भी नहीं उठा पाई फायदा, पांचवें दिन कमाई रही बस इतनी 3. झंडे (Flag of India) को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. 4. तिरंगे (Flag) का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए. 5. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. 6. केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है. 7. तिरंगे को हमेशा अपने पास की सबसे ऊंची जगह पर फहराना चाहिए. 8. तिरंगे का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है. 9. कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है. झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में आग में जला देना चाहिए या अन्य किसी तरीके से नष्ट करना चाहिए, ताकि उसकी गरिमा बनी रहे. झंडे को पवित्र नदी में जल समाधि भी दी जा सकती है.

तिरंगे (Tirange) Meaning In English Tirange in English इंग्लिश

तिरंगे का अन्ग्रेजी में अर्थ तिरंगे (Tirange) = Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या। तिरंगे से सम्बंधित प्रश्न Tirange meaning in Gujarati: ત્રિરંગો Translate ત્રિરંગો Tirange meaning in Marathi: तिरंगा Translate तिरंगा Tirange meaning in Bengali: তিরঙ্গা Translate তিরঙ্গা Tirange meaning in Telugu: త్రివర్ణ పతాకం Translate త్రివర్ణ పతాకం Tirange meaning in Tamil: மூவர்ணக்கொடி Translate மூவர்ணக்கொடி Tirange के पर्यायवाची: Tags: Tirange, Tirange meaning in English. Tirange in english. Tirange in english language. What is meaning of Tirange in English dictionary? Tirange ka matalab english me kya hai (Tirange का अंग्रेजी में मतलब ). Tirange अंग्रेजी मे मीनिंग. English definition of Tirange. English meaning of Tirange. Tirange का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी में जाने। Tirange kaun hai? Tirange kahan hai? Tirange kya hai? Tirange kaa arth. Hindi to english dictionary(शब्दकोश).तिरंगे को अंग्रेजी में क्या कहते हैं. इस श्रेणी से मिलते जुलते शब्द: ये शब्द भी देखें: synonyms of Tirange in Hindi Tirange ka Samanarthak kya hai? Tirange Samanarthak, Tirange synonyms in Hindi, Paryay of Tirange, Tirange ka Paryay, In “gkexams” you will find the word synonym of the Tirange And along with the derivation of the word Tirange is also given here for your enlightenment. Paryay and Samanarthak both reveal the same expressions. What is the synonym of Tirange in Hindi? तिर...

भारत के राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य

हर देश का राष्ट्रीय ध्वज उसकी स्वतंत्रता का प्रमाण और उसकी पहचान होता है। यही कारण है कि बचपन से हमें तिरंगे का सम्मान करने की सीख दी जाती है। हर 26 जनवरी और 15 अगस्त को लोग अपने-अपने घरों, दफ्तरों, स्कूल व कॉलेज आदि में तिरंगा फेहराते तो हैं, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास की जानकारी कम लोग को ही होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए माॅमजंक्शन के इस लेख में भारत के झंडे से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी दी गई है, जिसके बारे में जानना हर किसी के लिए जरूरी है। इस लेख में आप तिरंगे के इतिहास के साथ जानेंगे ध्वज का विकास, उसे फहराने का सही तरीका और उससे जुड़े कुछ अन्य रोचक तथ्य। • • • • तिरंगे का इतिहास भारत का राष्ट्रीय ध्वज आज जिस स्वरूप में उसे 22 जुलाई 1947 को कॉन्स्टिटुएंट असेंबली में हुई मीटिंग के दौरान मान्यता मिली थी। इसे तिरंगा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह तीन रंगों से मिलकर बना है – केसरिया, सफेद और हरा। साथ ही बीच में मौजूद सफेद रंग के ऊपर गहरे नीले (नेवी ब्लू) रंग का अशोक चक्र भी मौजूद होता है इस निराले तिरंगे की विकास यात्रा को जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास 1947 से पहले राष्ट्रीय ध्वज का स्वरूप पांच बार बदला गया था, जो इस प्रकार है • 1906 : राष्ट्रीय ध्वज पहली बार 7 अगस्त, 1906 को उस समय के कलकत्ता यानी आज के कोलकता में फहराया गया था। इस झंडे में तीन रंग थे – हरा, पीला और लाल। सबसे ऊपर हरा रंग, जिस पर कमल बने थे, बीच में पीले रंग पर “वंदे मातरम्” लिखा था और सबसे नीचे लाल रंग पर एक तरफ चांद व एक तरफ सूरज बना था। • 1917 : भारत का तीसरा झंडा 1917 में होम रूल मूवमेंट के दौरान डॉ. एनी बैसैंट और बाल गंगाधर तिलक द्वारा फहराया गया था। इस झंडे में ...