Tirupati balaji kahan par hai

  1. मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामनाएं, बस गलती से भी न करें ये काम
  2. तिरुपति बालाजी मंदिर कहाँ पर स्थित है? » Tirupati Balaji Mandir Kahan Par Sthit Hai
  3. भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थल तिरुपति बालाजी मंदिर
  4. Tirupati Balaji Jay Ho
  5. बागेश्वर धाम कैसे जाएं


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मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामनाएं, बस गलती से भी न करें ये काम

राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर नामक एक घाटी है। वहां के बारें में मान्यता है कि यहां पर हनुमान जी बाल रूप में साक्षात विराज रहे है और यहां आने वाले सभी भक्तों के संकट वो पल मे हर लेते है। मेहंदीपुर में बालाजी महाराज कि सरकार चलती है, यहां आकर जिसने भी उनका आशीर्वाद ले लिया उसकी हर कामना बालाजी महाराज पूर्ण करते है। तभी तो जो भक्त एक बार मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कर लेता है वो बार-बार मेहंदीपुर जाने को आतुर रहता है। मान्यता है कि सच्चे दिल से जो भक्त उनका ध्यान करते है वो उन्हें दर्शन देते है। मेहंदीपुर में बालाजी के साथ ही श्री भैरव बाबा और श्री प्रेतराज सरकार के भी साक्षात दर्शन होते हैं। यहां पर तीन देव विराज रहे है इसलिए कुछ भक्त इसे त्रिदेव का धाम भी कहते हैं । श्री बालाजी दरबार के ही ठीक सामने सीता राम का दरबार है। दरबार आमने-सामने है और ऐसा प्रतीत होता बालाजी महाराज अपने प्रभु श्री राम और माता के दर्शन कर रहे हो और प्रभु श्री राम और माता उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे हो। भूत-प्रेत बाधाएं हो या किसी भी तरह का संकट हो यहां आने मात्र से सब ठीक हो जाता हैं । अगर आप भी मेहंदीपुर बालाजी जाना चाहते हैं तो वहां के कुछ नियमो का पालन अवश्य करे। जितने भी समय आप मेहंदीपुर मे रह पूर्ण रूप से सात्विक आहार ले। मांस, मदिरा का सेवन बिलकुल नही करे। मान्यता है की बालाजी धाम कि यात्रा के बाद 41 दिन तक सात्विक आहार ही लेना चाहिए । मेहंदीपुर से खाने पीने का कुछ भी सामान घर को नहीं लाया जाता हैं यहां तक की वहां के प्रसाद को भी घर को नहीं लाया जाता है। Disclaimer हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें औ...

तिरुपति बालाजी मंदिर कहाँ पर स्थित है? » Tirupati Balaji Mandir Kahan Par Sthit Hai

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भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थल तिरुपति बालाजी मंदिर

वहीं एक दूसरी अनुश्रुति के अनुसार 11वीं शताब्दी में संत रामानुज ने तिरुपति की इस 7वीं पहाड़ी पर चढ़ाई की थी। प्रभु श्रीनिवास (वेंकटेश्वर का दूसरा नाम) उनके समक्ष प्रकट हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करने के पश्चात वे 120 वर्ष की आयु तक जीवित रहे और जगह-जगह घूमकर वेंकटेश्वर भगवान की ख्याति फैलाई। 15 सदी के पश्चात इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैलनी शुरू हो गई। 1843 से 1933 ई. तक अंग्रेजों के शासन के अंतर्गत इस मंदिर का प्रबंधन हातीरामजी मठ के महंत ने संभाला। 1933 में इस मंदिर का प्रबंधन मद्रास सरकार ने अपने हाथ में ले लिया और एक स्वतंत्र प्रबंधन समिति 'तिरुमाला-तिरुपति' के हाथ में इस मंदिर का प्रबंधन सौंप दिया। श्री वेंकटेश्वर का यह पवित्र व प्राचीन मंदिर पर्वत की वेंकटाद्रि नामक 7वीं चोटी पर स्थित है, जो श्री स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे स्थित है। इसी कारण यहां पर बालाजी को भगवान वेंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जिसके पट सभी धर्मानुयायियों के लिए खुले हुए हैं। इसके अंतर्गत श्रद्धालु प्रभु को अपने केश समर्पित करते हैं जिससे अभिप्राय है कि वे केशों के साथ अपना दंभ व घमंड ईश्वर को समर्पित करते हैं। पुराने समय में यह संस्कार घरों में ही नाई द्वारा संपन्न किया जाता था, पर समय के साथ-साथ इस संस्कार का भी केंद्रीकरण हो गया और मंदिर के पास स्थित 'कल्याण कट्टा' नामक स्थान पर यह सामूहिक रूप से संपन्न किया जाने लगा। अब सभी नाई इस स्थान पर ही बैठते हैं। केशदान के पश्चात यहीं पर स्नान करते हैं और फिर पुष्करिणी में स्नान के पश्चात मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। सर्वदर्शनम-सर्वदर्शनम स...

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बागेश्वर धाम कैसे जाएं

इस पोस्ट के द्वारा आप जानेंगे कि “बागेश्वर धाम कैसे पहुंचे? बागेश्वर धाम भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक हिन्दू मंदिर है, जो हनुमान जी एवं भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। छतरपुर जिले में स्थित धाम भारत के एक ऐतिहासिक शहर खजुराहो से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चलिए अब मध्य प्रदेश के एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल “बागेश्वर धाम कैसे पहुंचे” के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। विषय - सूची • • • • • • • • • • • • • बागेश्वर धाम छतरपुर कैसे पहुंचें ? – How To Visit Shri Bageshwar Dham. इस बात को ज्यादा न टालते हुए कि बागेश्वर धाम छतरपुर के निकट में रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा की सुविधा उपलब्ध नहीं है, विस्तार से बागेश्वर धाम जाने के बारे में जान लेते हैं, क्योंकि रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा की सुविधा बागेश्वर धाम के पास में उपलब्ध ना होने की वजह से आप समझ सकते हैं कि यहां पर पहुंचने में थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन बावजूद इसके कि बागेश्वर धाम के पास हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन की सुविधा नहीं है, लेकिन फिर भी आइए जानते हैं कि “बागेश्वर धाम कैसे जाएं? फ्लाइट से बागेश्वर धाम कैसे जाएं ? – How To Reach Bageshwar Dham Chhatarpur By Flight In Hindi. बागेश्वर धाम के करीब हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से सिर्फ सड़क मार्ग के द्वारा ही बागेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है। बागेश्वर धाम के नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो एयरपोर्ट है। खजुराहो एयरपोर्ट आने के लिए आप दिल्ली जैसे कुछ शहरों से फ्लाइट पकड़कर खजुराहो एयरपोर्ट आसानी से पहुंच सकते हैं। खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचने के उपरांत वहां पर मिलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – टैक्सी, ऑटो आदि क...