Transformer kya hai

  1. Transformer क्या है इसके प्रकार, कार्यप्रणाली और संरचना
  2. ट्रांसफार्मर क्या है? इसके कार्य सिद्धांत
  3. विद्युत चुंबकीय तरंगे क्या है
  4. ट्रांसफार्मर क्या है? संरचना व प्रकार
  5. ट्रांसफार्मर क्या है ? भाग ,उपयोग,प्रकार,सिद्धांत Transformer in Hindi
  6. Transformer क्या है इसके प्रकार, कार्यप्रणाली और संरचना
  7. ट्रांसफार्मर क्या है ? भाग ,उपयोग,प्रकार,सिद्धांत Transformer in Hindi
  8. ट्रांसफार्मर क्या है? इसके कार्य सिद्धांत
  9. ट्रांसफार्मर क्या है
  10. ट्रांसफार्मर क्या है? संरचना व प्रकार


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Transformer क्या है इसके प्रकार, कार्यप्रणाली और संरचना

14 Related Electrical Transformer एक विद्युत डिवाइस है जो AC सप्लाय में से फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज और करंट को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Electricity Transformer का आविष्कार Michael Faraday ने 1831 और Joseph Henry ने 1832 में किया था, अगर आपको एलेट्रिकल सप्लाय (विद्युत धारा) ट्रांसफार्मर के जरिये हमारे घर कैसे आती है, Transformer Kya Hai?, ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल क्यू करते है Know More about Transformer in Hindi ट्रांसफॉर्मर के प्रकार और ट्रांसफार्मर क्या है परिभाषा जानना है, तो आगे पड़ते रहिए इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी मिलेंगी। अगर आपको ट्रांसफार्मर के जिस-किस पार्ट पर जानकारी चाहिए तो आप Table में दिए टॉपिक पर जानकारी ले सकते है। Transformer Kya Hai? ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत यंत्र है जो कि AC सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जरासल ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है मतलब सिंगल फेज और थ्री फेज, इसमें स्टेपउप और स्टेपडाउन भी होते है। हम हमारे जरुरत के अनुसार ट्रांसफार्मर का उपयोग कर सकते है और वोल्टेज को और करंट को कम या ज्यादा कर सकते है, हम ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल करके पहले वोल्टेज को 220V से 12V में बदलकर इसे रेक्टिफायर की मदद से AC से DC में बदला जाता है। आपको इसे भी जानना चाहिए ट्रांसफार्मर के उपयोग आज ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल बिजली के हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा है बड़े से बड़े पावर स्टेशन और इंडरट्रीज से लेकर घर के छोटे से एलेट्रिकल डिवाइस बल्ब में भी ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किसी न किसी रुप में किया जा रहा है। जरासल इंडरट्रीज और घर के लिए इस्तेमाल में आनेवाले ट्...

ट्रांसफार्मर क्या है? इसके कार्य सिद्धांत

आज के इस Post में मै आपको ट्रांसफार्मर क्या है (Transformer in Hindi), ट्रांसफार्मर की बनावट, कार्य, सिद्धांत, उपयोग, ट्रांसफार्मर के प्रकार, ट्रांसफारमर के क्या लाभ हैं के बारे में बताऊंगा. साथ ही साथ Transformerसे संबधित सभी प्रकार की जानकारी के बारे में जानेंगे. यदि आपको ट्रांसफार्मर के बारे में जानना है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए शुरू करते है और जानते है कि ट्रांसफार्मर क्या है और यह किस सिद्धांत पर कार्य करता है. ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) ट्रांसफार्मर (Transformer) एक बिजली का स्थिर यंत्र (Static Apparatus) है, जो कि अधिक A.C Voltageको कम और कम से अधिक करने के काम आता है । स्थिर का अर्थ है कि इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता है जैसे कि बुश कम्यूटेटर आदि । यह यंत्र Input तथा Output एक – सा रखता है जिससे वोल्टेज बढ़ने से करट कम हो जाती है. दोनों Stamping और Frequency भी एक-सी रहती है । अब मै आपको इसके बनावट के बारे में बताऊंगा. Transformer के बनावट ट्रांसफार्मर की बनावट में तीन मुख्य भाग आते हैं:- (1) प्राइमरी वाइंडिंग (Primary Winding)- ट्रांसफार्मर की इस वाइंडिंग में हम Supply देते है जिसे कि बढ़ाना होता है , या घटाना होता है । (2) सैकेन्द्री वाइंडिंग (Secondary Winding) – इस वाइडिग से हम बढ़ी हुई या घटी हुई वोल्टेज बाहर लेते हैं । (3) कोर (Core) – कोर विशेष प्रकार की Alloy steel जिसकी resistance high होती है. इसमें Hysteresis loss आदि कम होते हैं. पत्तियों की बनी core होती है जिसे हम laminated core कहते हैं। आपके जानकारी के लिए हम बता दे कि कोर लेमीनेटिड होता है. A.C Voltage होने के कारण Eddy current का लॉस कम हो जाता है। L...

विद्युत चुंबकीय तरंगे क्या है

Table of Contents • • • • • • • • Electromagnetic Waves Kya Hai In Hindi विद्युत चुंबकीय तरंगे :- यदि किसी बिंदु पर विद्युत या चुंबकीय क्षेत्र का विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह क्षेत्र तरंग के रूप में प्रकाश के वेग से संचरित होते है। इस तरंग विद्युत चुंबकीय तरंग कहते हैं। इस तरंग में विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र तरंग संचरण की दिशा के लंबवत समान कला में सरल आवर्ती रूप से परिवर्तित होती है। हर्ट्ज़ का प्रयोग(hertz experiment ) :– इस प्रयोग से हर्ट्ज ने 6m तरंग लंबाई की विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न करने में सफलता प्राप्त की। इन्हीं के प्रयोग के कारण आज पूरी संचार प्रणाली इन्हीं के प्रयोग पर निर्भर है। इनके बाद में जगदीश चंद्र बसु ने 5mm से 25mm परास की विद्युत चुंबकीय तरंगें उत्पन्न की। विद्युत चुंबकीय तरंगों के गुण :- विद्युत चुंबकीय तरंगों के निम्न गुण हैं। • विद्युत चुंबकीय तरंगे त्वरित आवेशो से उत्पन्न होती है। • विद्युत चुंबकीय तरंगों में विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे के लंबवत कंपन करते हैं तथा तरंग संचरण की दिशा इन दोनों क्षेत्रों के लंबवत होती है। • विद्युत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ प्रकृति की होती है। • विद्युत चुंबकीय तरंग के संचरण पति के प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र का चुंबकीय क्षेत्र का अनुपात नियत रहता है तथा यह अनुपात चुम्बकीय तरंगों के वेग के तुल्य होता है। • विद्युत चुंबकीय तरंगों को संचरण करने के लिए किसी भी प्रकार के माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। Electromagnetic Waves Spectrum In Hindi विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम :- विद्युत चुंबकीय तरंगों को उनके वर्णक्रम के आधार पर अनेक तरंगों में विभक्त किया गया है। क्योंकि भिन्न भिन्न प्रकार की तरंगे अलग...

ट्रांसफार्मर क्या है? संरचना व प्रकार

ट्रांसफार्मर क्या है? ( What Is Transformer In Hindi), ट्रांसफार्मर के प्रकार, संरचना और कार्य के बारे में जानकारी दी गई है। ट्रांसफार्मर एक विद्युत यंत्र है जिसका उपयोग विद्युत धारा के वोल्टेज को कम या ज्यादा नियंत्रित करना होता है। ट्रांसफार्मर क्या है? और ट्रांसफार्मर के कार्य की जानकारी जानने का प्रयास इस लेख में आगे किया गया है। 2. ट्रांसफार्मर का कार्य प्रत्यावर्ती धारा (Alternative Current) के वोल्टेज को नियंत्रित करना होता है। इससे विद्युत उपकरण सुचारू रूप से कार्य करते है। 3. विद्युत का वोल्टेज अचानक कम या ज्यादा होता रहता है, इससे विद्युत उपकरण को नुकसान पहुंचता है। टीवी, कंप्यूटर जैसे उपकरण शॉट हो सकते है। ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज को नियंत्रित करता है। 4. यह विधुत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में भी काम आता है। 5. ट्रांसफार्मर (Transformer) फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर कार्य करता है। इसका अर्थ यह है कि एक कुंडली में धारा प्रवाहित करने पर दूसरी कुंडली में भी धारा प्रवाहित होती है। यह चुम्बकीय प्रभाव के कारण होता है। 6. ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा ( ट्रांसफार्मर के प्रकार – Types Of Transformer In Hindi 1. ट्रांसफार्मर (Transformer) अलग अलग बेस पर विभाजित किये जाते है। वोल्टेज के मुताबिक ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है। पहला स्टेप अप (Step Up) और दूसरा स्टेप डाउन (Step Down) ट्रांसफार्मर। इनको वोल्टेज बेस ट्रांसफार्मर भी कहते है। 2. स्टेप अप ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाते है। स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करते है। कुछ ट्रांसफार्मर में दोनों गुण होते है। विधुत के वोल्टेज के अनुसार ट्रांसफार्मर कार्य करता है। 3. उपयोग के आधार पर Tran...

ट्रांसफार्मर क्या है ? भाग ,उपयोग,प्रकार,सिद्धांत Transformer in Hindi

अब याद रहे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम ज्यादा करता है AC को DC नहीं करता है | तब जो 9 वोल्ट का करंट मिला है तो यह AC ही रहेगा अब इसको रेक्टिफायरके उपयोग से DC कर सकते है | अपने बहुत जगह देखा होगा जैसे मिनी इमरजेंसी लाइट में बैटरी के पास में लगा होता है और एम्पलीफायर अदि में भी ट्रांसफार्मर एक ऐसा स्थिर विद्युत यन्त्र है जो ऊर्जा की हानि किये बिना ही प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम या ज्यादा कर सकता है यह प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टेज को कम ज्यादा करता है इसलिए इस वोल्टेज को प्रत्यावर्ती वोल्टेज कहते है ट्रांसफार्मर धारा की आवर्ती बिना बदले वोल्टेज को कम ज्यादा करता है ट्रांसफार्मर का अविष्कार Michael faraday और जोसेफ हेनरी ने किया इसे 1831 में दुनिया को दिखाया हिंदी में ट्रांसफार्मर को परिणामित्र कहते है इसका साधारण उपयोग जैसे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करता है जैसे कोई device 12 volt दिष्ट धारा पर चलती है तब ट्रांसफार्मर हमारे घर में आने वाली प्रत्यावर्ती धारा जिसका वोल्टेज 220 volt होता है उसे कम करके 12 volt कर देता है यह प्रत्यावर्ती धारा का 12 volt होता है इसे स्थिर यन्त्र कहते है क्योंकि इसमें कोई भी moving part नही होता है या कोई भी पार्ट हिलता नही है ट्रांसफार्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है और अन्योन्य प्रेरण दिष्ट धारा में सम्भव नहीं है इस लिए ट्रांसफार्मर दिष्ट धारा को कम ज्यादा नहीं कर सकता है | ट्रांसफार्मर का चिन्ह किसी सर्किट में ये चिन्ह हो तो समझ सकते है यहाँ ट्रांसफार्मर लगा है ट्रांसफार्मर के भाग ट्रांसफार्मर की Core ट्रांसफार्मर में core बीच में होती है यह laminated steel plates की बनी होती है जो पट्टी types की होती है इन सभी पत्तियों के बीच mi...

Transformer क्या है इसके प्रकार, कार्यप्रणाली और संरचना

14 Related Electrical Transformer एक विद्युत डिवाइस है जो AC सप्लाय में से फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज और करंट को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Electricity Transformer का आविष्कार Michael Faraday ने 1831 और Joseph Henry ने 1832 में किया था, अगर आपको एलेट्रिकल सप्लाय (विद्युत धारा) ट्रांसफार्मर के जरिये हमारे घर कैसे आती है, Transformer Kya Hai?, ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल क्यू करते है Know More about Transformer in Hindi ट्रांसफॉर्मर के प्रकार और ट्रांसफार्मर क्या है परिभाषा जानना है, तो आगे पड़ते रहिए इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी मिलेंगी। अगर आपको ट्रांसफार्मर के जिस-किस पार्ट पर जानकारी चाहिए तो आप Table में दिए टॉपिक पर जानकारी ले सकते है। Transformer Kya Hai? ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत यंत्र है जो कि AC सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जरासल ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है मतलब सिंगल फेज और थ्री फेज, इसमें स्टेपउप और स्टेपडाउन भी होते है। हम हमारे जरुरत के अनुसार ट्रांसफार्मर का उपयोग कर सकते है और वोल्टेज को और करंट को कम या ज्यादा कर सकते है, हम ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल करके पहले वोल्टेज को 220V से 12V में बदलकर इसे रेक्टिफायर की मदद से AC से DC में बदला जाता है। आपको इसे भी जानना चाहिए ट्रांसफार्मर के उपयोग आज ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल बिजली के हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा है बड़े से बड़े पावर स्टेशन और इंडरट्रीज से लेकर घर के छोटे से एलेट्रिकल डिवाइस बल्ब में भी ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किसी न किसी रुप में किया जा रहा है। जरासल इंडरट्रीज और घर के लिए इस्तेमाल में आनेवाले ट्...

ट्रांसफार्मर क्या है ? भाग ,उपयोग,प्रकार,सिद्धांत Transformer in Hindi

अब याद रहे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम ज्यादा करता है AC को DC नहीं करता है | तब जो 9 वोल्ट का करंट मिला है तो यह AC ही रहेगा अब इसको रेक्टिफायरके उपयोग से DC कर सकते है | अपने बहुत जगह देखा होगा जैसे मिनी इमरजेंसी लाइट में बैटरी के पास में लगा होता है और एम्पलीफायर अदि में भी ट्रांसफार्मर एक ऐसा स्थिर विद्युत यन्त्र है जो ऊर्जा की हानि किये बिना ही प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम या ज्यादा कर सकता है यह प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टेज को कम ज्यादा करता है इसलिए इस वोल्टेज को प्रत्यावर्ती वोल्टेज कहते है ट्रांसफार्मर धारा की आवर्ती बिना बदले वोल्टेज को कम ज्यादा करता है ट्रांसफार्मर का अविष्कार Michael faraday और जोसेफ हेनरी ने किया इसे 1831 में दुनिया को दिखाया हिंदी में ट्रांसफार्मर को परिणामित्र कहते है इसका साधारण उपयोग जैसे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करता है जैसे कोई device 12 volt दिष्ट धारा पर चलती है तब ट्रांसफार्मर हमारे घर में आने वाली प्रत्यावर्ती धारा जिसका वोल्टेज 220 volt होता है उसे कम करके 12 volt कर देता है यह प्रत्यावर्ती धारा का 12 volt होता है इसे स्थिर यन्त्र कहते है क्योंकि इसमें कोई भी moving part नही होता है या कोई भी पार्ट हिलता नही है ट्रांसफार्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है और अन्योन्य प्रेरण दिष्ट धारा में सम्भव नहीं है इस लिए ट्रांसफार्मर दिष्ट धारा को कम ज्यादा नहीं कर सकता है | ट्रांसफार्मर का चिन्ह किसी सर्किट में ये चिन्ह हो तो समझ सकते है यहाँ ट्रांसफार्मर लगा है ट्रांसफार्मर के भाग ट्रांसफार्मर की Core ट्रांसफार्मर में core बीच में होती है यह laminated steel plates की बनी होती है जो पट्टी types की होती है इन सभी पत्तियों के बीच mi...

ट्रांसफार्मर क्या है? इसके कार्य सिद्धांत

आज के इस Post में मै आपको ट्रांसफार्मर क्या है (Transformer in Hindi), ट्रांसफार्मर की बनावट, कार्य, सिद्धांत, उपयोग, ट्रांसफार्मर के प्रकार, ट्रांसफारमर के क्या लाभ हैं के बारे में बताऊंगा. साथ ही साथ Transformerसे संबधित सभी प्रकार की जानकारी के बारे में जानेंगे. यदि आपको ट्रांसफार्मर के बारे में जानना है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए शुरू करते है और जानते है कि ट्रांसफार्मर क्या है और यह किस सिद्धांत पर कार्य करता है. ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) ट्रांसफार्मर (Transformer) एक बिजली का स्थिर यंत्र (Static Apparatus) है, जो कि अधिक A.C Voltageको कम और कम से अधिक करने के काम आता है । स्थिर का अर्थ है कि इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता है जैसे कि बुश कम्यूटेटर आदि । यह यंत्र Input तथा Output एक – सा रखता है जिससे वोल्टेज बढ़ने से करट कम हो जाती है. दोनों Stamping और Frequency भी एक-सी रहती है । अब मै आपको इसके बनावट के बारे में बताऊंगा. Transformer के बनावट ट्रांसफार्मर की बनावट में तीन मुख्य भाग आते हैं:- (1) प्राइमरी वाइंडिंग (Primary Winding)- ट्रांसफार्मर की इस वाइंडिंग में हम Supply देते है जिसे कि बढ़ाना होता है , या घटाना होता है । (2) सैकेन्द्री वाइंडिंग (Secondary Winding) – इस वाइडिग से हम बढ़ी हुई या घटी हुई वोल्टेज बाहर लेते हैं । (3) कोर (Core) – कोर विशेष प्रकार की Alloy steel जिसकी resistance high होती है. इसमें Hysteresis loss आदि कम होते हैं. पत्तियों की बनी core होती है जिसे हम laminated core कहते हैं। आपके जानकारी के लिए हम बता दे कि कोर लेमीनेटिड होता है. A.C Voltage होने के कारण Eddy current का लॉस कम हो जाता है। L...

ट्रांसफार्मर क्या है

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी नॉलेज वेबसाइट पर आज के इस आर्टिकल में हम आपको ट्रांसफार्मर क्या है इसके बारे में बताएंगे। एक ट्रांसफार्मर एक प्रकार की विद्युत मशीन है जो विद्युत ऊर्जा के वोल्टेज स्तर को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ले जाने के लिए स्विच करता है। इस ऊर्जा हस्तांतरण में, विद्युत ऊर्जा की आवृत्ति अपरिवर्तित रहती है। एक ट्रांसफॉर्मर में एक चुंबकीय क्षेत्र मौजूद होता है क्योंकि विद्युत ऊर्जा एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थानांतरित होती है। एक चुंबकीय क्षेत्र के बिना, विद्युत ऊर्जा ट्रांसफार्मर की कल्पना नहीं की जा सकती है। वासवानी एट अल। 2017 में जारी एक ग्राउंडब्रेकिंग रिसर्च में द ट्रांसफॉर्मर के रूप में जाना जाने वाला न्यूरल आत्म-ध्यान परतों के उत्तराधिकार के माध्यम से इन वैक्टरों को पास करके सभी इनपुट वैक्टरों के भारित कुल की गणना कर सकते हैं। यह इसे अनुक्रम के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर जोर देने में सक्षम बनाता है। सामान्य तौर पर, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण अनुप्रयोग विशेष रूप से दृढ़ तंत्रिका नेटवर्क वास्तुकला के अनुकूल होते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं ट्रांसफॉर्मर क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसका उपयोग किस लिए किया जाता है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। Contents • 1 ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) • 2 ट्रांसफार्मर का आविष्कार • 3 ट्रांसफार्मर क्या है? ट्रांसफार्मर के कार्य • 4 ट्रांसफार्मर के क्या उपयोग हैं? • 5 ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग • 5.1 1. Core (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.2 4. Tap changer (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.3 2. Windings (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.4 3. Insulation (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.5 6. Protective devices • 5....

ट्रांसफार्मर क्या है? संरचना व प्रकार

ट्रांसफार्मर क्या है? ( What Is Transformer In Hindi), ट्रांसफार्मर के प्रकार, संरचना और कार्य के बारे में जानकारी दी गई है। ट्रांसफार्मर एक विद्युत यंत्र है जिसका उपयोग विद्युत धारा के वोल्टेज को कम या ज्यादा नियंत्रित करना होता है। ट्रांसफार्मर क्या है? और ट्रांसफार्मर के कार्य की जानकारी जानने का प्रयास इस लेख में आगे किया गया है। 2. ट्रांसफार्मर का कार्य प्रत्यावर्ती धारा (Alternative Current) के वोल्टेज को नियंत्रित करना होता है। इससे विद्युत उपकरण सुचारू रूप से कार्य करते है। 3. विद्युत का वोल्टेज अचानक कम या ज्यादा होता रहता है, इससे विद्युत उपकरण को नुकसान पहुंचता है। टीवी, कंप्यूटर जैसे उपकरण शॉट हो सकते है। ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज को नियंत्रित करता है। 4. यह विधुत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में भी काम आता है। 5. ट्रांसफार्मर (Transformer) फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर कार्य करता है। इसका अर्थ यह है कि एक कुंडली में धारा प्रवाहित करने पर दूसरी कुंडली में भी धारा प्रवाहित होती है। यह चुम्बकीय प्रभाव के कारण होता है। 6. ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा ( ट्रांसफार्मर के प्रकार – Types Of Transformer In Hindi 1. ट्रांसफार्मर (Transformer) अलग अलग बेस पर विभाजित किये जाते है। वोल्टेज के मुताबिक ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है। पहला स्टेप अप (Step Up) और दूसरा स्टेप डाउन (Step Down) ट्रांसफार्मर। इनको वोल्टेज बेस ट्रांसफार्मर भी कहते है। 2. स्टेप अप ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाते है। स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करते है। कुछ ट्रांसफार्मर में दोनों गुण होते है। विधुत के वोल्टेज के अनुसार ट्रांसफार्मर कार्य करता है। 3. उपयोग के आधार पर Tran...