त्रिकोणमिति

  1. त्रिकोणमिति टेबल 360 तक: त्रिकोणमिति तालिका निकालने का नियम
  2. त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?
  3. त्रिकोणमिति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण
  4. ΔABC त्रिकोणमिति की परिभाषा क्या है ?
  5. सभी त्रिकोणमिति फार्मूला
  6. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं की सूची
  7. त्रिकोणमिति टेबल
  8. त्रिकोणमिति
  9. त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?
  10. त्रिकोणमिति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण


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त्रिकोणमिति टेबल 360 तक: त्रिकोणमिति तालिका निकालने का नियम

त्रिकोणमिति गणित की एक ऐसी विशेष शाखा है, जिसमें त्रिभुज की लंबाई और कोणों के बिच के संबंध का अध्ययन किया जाता है. यह आम तौर पर एक गणित के अन्य क्षेत्रों में भी त्रिकोणमितिय सारणी का प्रयोग अधिक हैं. क्योंकि, दरअसल, त्रिकोणमितीय अनुपात केवल समकोण त्रिभुजों के लिए लागू होता हैं, जिनमें से एक कोण 90° और अन्य त्रिकोणमिति तालिका से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण Value, फार्मूला, अनुपात आदि को वर्णित किया गया है जो क्लास 10th, 11th और 12th के लिए आवश्यक है. Table of Contents • • • • • • • • • त्रिकोणमिति की टेबल क्या है? त्रिकोणमितीय अनुपात तालिका 0°, 30°, 45°, 60° और 90° जैसे अन्य कोणों सहित विभिन्न मानक कोणों के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातों के मानों का एक संग्रह है. जिसका प्रयोग सामान्यतः त्रिकोणमिति की समस्याओं को हल करने के लिए मानक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों का मान आवश्यक है. इसलिए, इन मानक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों के मूल्यों को याद रखना आवश्यक है इसमें त्रिकोणमितीय अनुपात sin, cos, tan, cosec, sec और cot होते है जो Angle के साथ एक सम्बन्ध स्थापित करते है. जैसे; sin 0°, cos 30°, tan 45° आदि. त्रिकोणमिति सारणी 360 तक त्रिकोणमिति तालिका ज्ञात करने का सबसे सरल तरीका निचे दिया गया है जिसे आप हल करके ज्ञात कर सकते है. कोण 0° 30° 45° 60° 90° संकेत √(0/4) √(1/4) √(2/4) √(3/4) √(4/4) संकेत वाली त्रिकोणमिति तालिका को Solve कर Easily मान निकाल सकते है, जैसे निचे दिखया गया है. कोण 0° 30° 45° 60° 90° 180° 270° 360° रेडियन 0° π/6 π/4 π/3 π/2 π 3π/2 2π sin 0 1/2 1/√2 √3/2 1 0 -1 0 cos 1 √3/2 1/√2 1/2 0 -1 0 1 tan 0 1/√3 1 √3 ∞ 0 ∞ 0 cot ∞ √3 1 1/√3 0 ∞ 0 ∞ cosec ∞ 2 √2 2/√3 1 ∞ -1 ∞ sec...

त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?

त्रिकोणमिति, त्रिकोण व मिति दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें से त्रिकोण का अर्थ है ‘तीन कोणों वाली आकृति’ अर्थात् त्रिभुज और मिति का अर्थ है माप। त्रिकोणमिति को अंग्रेजी भाषा में ‘Trigonometry’ कहते हैं, ‘ Trigonometry’ शब्द तीन ग्रीक शब्द Tri + Gon + Metron से मिलकर बना है। Trigonometry का अर्थ ‘त्रिभुज की तीनों भुजाओं की माप’ होता है। त्रिभुजों और बहुभुजों की भुजाओं की लंबाई और दो भुजाओं के बीच के मुख्य आधार (Main base) यह है कि समकोण लम्ब, आधार व कर्ण) का अनुपात उस त्रिभुज के कोणों के मान पर निर्भर करता है। त्रिकोणमिति से त्रिभुज की भुजाओं एवं कोणों के पारस्परिक संबंधों के उपयोग से ऊंचाई, दूरी व क्षेत्रफल आदि के अज्ञात मान ज्ञात किए जाते हैं। कुछ स्थितियों में ऊंचाई, दूरी व क्षेत्रफल आदि के मान आसानी से नहीं माप सकते हैं, इसलिए इन्हें भी त्रिकोणमिति (Trigonometry) के ज्ञान से ज्ञात किया जाता है। उदाहरण के लिए (For Example), भवनों की चौड़ाई, नदी की चौड़ाई, पृथ्वी से चंद्रमा, सूर्य आज की दूरियां ज्ञात करने में एवं किसी देश के क्षेत्र का मानचित्र बनाने में त्रिकोणमिति के सूत्रों (Formula) का उपयोग होता है। इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति का महत्त्व इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति के सूत्रों का उपयोग कोणीय सतहों के कोण तथा भुजाओं के मान ज्ञात करने में किया जाता है। इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति की मदद से टेपर जॉब के टेपर का त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratio) किसी समकोण त्रिभुज में किन्हीं दो भुजाओं के अनुपात को त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratio) कहते हैं। समकोण त्रिभुज की एक भुजा समकोण होती है, अर्थात् एक भुजा 90° तथा अन्य दो भुजाएं न्यून कोण पर होती हैं। इनकी‌ भुजाओं ...

त्रिकोणमिति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण

Trigonometry in Hindi: त्रिकोणमिति गणित का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसका इस्तेमाल विश्व के विभिन्न क्षेत्र में किया जाता है। चाहे किसी खगोल शास्त्री को तारों के बीच की दूरी जानने हो या किसी देश का तापमान प्राप्त करना हो। हमें हर जगह है त्रिकोणमिति का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिस वजह से यह एक महत्वपूर्ण अध्याय बनता है। त्रिकोणमिति से जुड़े सवालों को हल करने के लिए आपको त्रिकोणमिति के सभी सूत्र और ट्रिक्स की जानकारी होनी चाहिए, जिसे समझाने के लिए आज का यह महत्वपूर्ण लेख लिखा गया है। Image: Trigonometry in Hindi तीन भुजाओं और उनके बीच बना हुआ कोण त्रिकोणमिति के अध्याय को जन्म देता है। त्रिकोणमिति सबसे पहले भारत में खोजा गया था, जिसके बाद इसके विभिन्न प्रकार के सूत्र के जरिए विश्व भर में अनेक प्रकार के अविष्कार किए गए। आज मुख्य रूप से त्रिकोणमिति के सवाल बोर्ड की परीक्षा और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाती है। आपको अच्छी डिग्री और शिक्षा के साथ-साथ अच्छी नौकरी हासिल करने के लिए त्रिकोणमिति की परिभाषा, त्रिकोणमिति के सभी सूत्र, त्रिकोणमिति के उदाहरण और ट्रिक्स की जानकारी होनी चाहिए, जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • • त्रिकोणमिति किसे कहते हैं इससे पहले कि आप त्रिकोणमिति के सभी सूत्रों को पढ़ है तो इसके उदय के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। सबसे पहले 16वीं सदी में लैटिन भाषा में इस शब्द का इस्तेमाल किया गया। त्रिकोणमिति दो शब्द से मिलकर बना है, जिसमें पहला शब्द ट्रिगोनो और दूसरा मेट्रॉन है। ट्रिगोनो का तात्पर्य तीन कोण वाला होता है और मेट्रोन का मतलब मापना होता है। सरल शब्दों में त्रिकोणमिति का मतलब होता है 3 कोण को मापने की प्रक्रिया। त्रि...

ΔABC त्रिकोणमिति की परिभाषा क्या है ?

त्रिकोणमिति (Trigonometry) दोस्तों आज के अध्याय में आप त्रिकोणमिति से जुडी जानकारियाँ प्राप्त करने वाले है | आपको इस लेख के अंतर्गत इसके बारे परिचय दिया जायेगा , इससे जुड़े हुये तस्वीरों की मदद से भी समझाने का प्रयास करेंगे, और इसके साथ - साथ आप इसके सभी सूत्रों को एक जगह तथा एक सही तरीके से सजाया हुआ आप प्राप्त करेंगे | जिससे की आपको किसी भी सूत्र को पढ़ने और समझने में कोई परेशानी नहीं होगी | तो चलिये आज का लेख शुरू करते है... 1. त्रिकोणमिति की परिभाषा क्या है ? गणित की वह शाखा जिसके अंतर्गत त्रिभुज के कोणों और भुजाओं का अधयन्न किया जाता है, उसे त्रिकोणमिति कहा जाता है | ☆ त्रिकोणमिति के साधारण सूत्र को समझने के लिये आप इस तस्वीर की मदद से समझ सकते है.. त्रिकोणमिति के सभी सबंध समकोण त्रिभुज से विपरीत किये जाते है | जैसे की आप इस चित्र में, देख सकते है, की ΔABC एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें AC = कर्ण = h BC = आधार = b AB = लम्ब = p♥ पाइथागोरस प्रमेय से, समकोण ΔABC में, 1. कर्ण² = लम्ब² + आधार² या इसे आप इस प्रकार से भी चित्र के अनुसार लिख सकते है.. AC² = AB² + BC² 2. लम्ब² = कर्ण² - आधार² या AB² = AC² - BC² 3. आधार² = कर्ण² - लम्ब² या BC² = AC² - AB² 2. त्रिकोणमिति संबंध या अनुपात बताये ! त्रिकोणमिति संबंध या अनुपात निम्न प्रकार से है... AC / AB 3. त्रिकोणमिति फलन या अनुपात का महत्वपूर्ण तथ्य ! ☆ sinθ.cosθ.tanθ.cotθ.secθ.cosecθ इन सभी को त्रिकोणमिति फलन, निष्पति या अनुपात कहा जाता है| ☆ प्रत्येक त्रिकोणमिति फलन दो चीजों का बना हुआ होता है, जिसके अंतर्गत पहला वृतीय फलन तथा दूसरा चर कोण होते है | ☆ sinθ को वृतीय फलन कहा जाता है, जिसमें θ एक Variable कोण है | तथा ठीक इसी प्रकार अ...

सभी त्रिकोणमिति फार्मूला

Trikonmiti Formula का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के गणितीय समस्याओं को हल किया जाता है. जिसमे त्रिभुजों के कोण, लंबाई और ऊँचाइ के विभिन्न भाग और अन्य ज्यामितीय आकृतियां सामिल होती है. इन समस्याओं में त्रिकोणमितीय अनुपात से प्रश्न अधिक होता है. गणित के सूत्र में त्रिकोणमितीय अनुपात और अनुपातों का पहचान बहुत उपयोगी होते हैं. इसलिए, सभी आवश्यक Trikonmiti Formulas यहाँ दिया गया है जो विभिन्न प्रकार के प्रशों को हल करने में मदद करता है. त्रिकोणमितिय सूत्र भारतीय गणितज्ञों के अनुसार, त्रिकोणमिति और इसके सूत्रों के उपयोग अत्यधिक मात्रा में होता है. जो भूगोल में भूगोल के बीच की दूरी, खगोल विज्ञान, पास के सितारों और उपग्रह नेविगेशन प्रणालियों में दूरी को मापने के लिए किया जाता है. यहाँ त्रिकोणमिति अनुपात तथात्रिकोणमिति सर्वसमिकावों (Trigonometry Identity) पर विशेष ध्यान केन्द्रित करेंगे. क्योंकि, यह त्रिकोणमिति का सबसे मुख्य भाग है जिसके मदद से प्रश्न सरलता से हल किया जाता है. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • त्रिकोणमिति क्या है त्रिकोणमिति गणित की एक ऐसी शाखा है जिसके अंतर्गत त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन करते है. त्रिकोणमिति पूरे ज्यामिति में पाई जाती है, क्योंकि प्रत्येक सीधी-पक्षीय आकृति को त्रिभुजों के संग्रह के रूप में तोड़ा जा सकता है. इसके अलावा, त्रिकोणमिति गणित की अन्य शाखाओं, विशेष रूप से जटिल संख्याओं, अनंत श्रृंखला, लघुगणक और कलन के साथ आश्चर्यजनक रूप से जटिल संबंध रखती हैं. दरअसल Trigonometry ग्रीक के दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसे निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है: • Trigonon – जिसका अर्थ तीन कोण (Tri-angles) होता है...

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं की सूची

अनुक्रम • 1 प्रयुक्त संकेतों (Notation) के बारे में • 2 मौलिक सम्बन्ध • 3 ऐतिहासिक पृष्टभूमि • 4 सममिति, अनतर एवं आवर्तन (Symmetry, shifts, and periodicity) • 4.1 सममिति (Symmetry) • 4.2 आवर्तता (periodicity) • 5 कोणों के योग और अन्तर की सर्वसमिकाएँ (Angle sum and difference identities) • 5.1 अनन्त पदों के योग की ज्या एवं कोज्या • 5.2 अनेक किन्तु सीमित पदों के योग की स्पर्शज्या • 6 कोणों के गुणज के त्रिकोणमित्तीय अनुपात • 6.1 दोगुना, तिगुना एवं आधे कोण के सूत्र • 6.2 यूलर का अनन्त गुणनफल • 7 घातांक कम करने का सूत्र • 8 गुणनफल-से-योग तथा योग-से-गुणनफल की सर्वसमिकाएँ • 8.1 अन्य सम्बन्धित सर्वसमिकाएँ • 8.2 टोलेमी का प्रमेय (Ptolemy's theorem) • 9 Linear combinations • 10 Other sums of trigonometric functions • 11 व्युत्क्रम त्रिकोणमित्तीय फलन • 11.1 Compositions of trig and inverse trig functions • 12 Relation to the complex exponential function • 12.1 "cis" • 12.1.1 Convenience • 12.1.2 Pedagogy • 13 अनन्त गुणनफल का सूत्र • 14 The Gudermannian function • 15 Identities without variables • 16 चलन-कलन (Calculus) • 16.1 Implications • 17 चरघातांकी वाली परिभाषाएँ (Exponential definitions) • 18 विविध • 18.1 डिरिच्लेट् कर्नेल् (Dirichlet kernel) • 18.2 अर्ध कोणों के सूत्रों का परिवर्धन (Extension of half-angle formulae) • 19 इन्हें भी देखें • 20 सन्दर्भ • 21 बाहरी कड़ियाँ प्रयुक्त संकेतों (Notation) के बारे में [ ] To avoid the confusion caused by the ambiguity of sin −1( x), the reciprocals and inverses of trigonometric functions are often displayed as in this table. In representi...

त्रिकोणमिति टेबल

Sin θ: सबसे पहले Sin वाली लाइन में 0° से 90° तक सबको इस प्रकार लिख लें – अब इनको सॉल्व कर लें, इसके बाद आपको sin के सही मान मिल जायेंगे। Cos θ: सबसे ऊपर त्रिकोणमिति टेबल को ध्यान से देखिये। Cos वाली लाइन, Sin वाली लाइन का विपरीत क्रम है। अर्थात Sin के मानों को 90° से 0° के क्रम में लिखने पर आपको Cos के मान प्राप्त हो जायेंगे। Tan θ: Sin वाले मान को, Cos वाले मान से भाग देने पर आपको Tan के मान प्राप्त हो जायेंगे। Cosec θ: यह Sin वाले मान का व्युत्क्रम है अर्थात ऊपर वाली संख्या नीचे और नीचे वाली संख्या ऊपर उदाहरण: Sin 60° = √3/2 तो इसको व्युत्क्रम में लिखने पर Cosec 60° = 2/√3 ठीक इसी प्रकार Cos का व्युत्क्रम Sec है और Tan का व्युत्क्रम Cot है। अन्य पोस्ट: • • • •

त्रिकोणमिति

त्रिकोणमिति का परिचय: (Introduction of Trigonometry In Hindi) गणित में त्रिकोणमिति अध्याय के अंतर्गत त्रिभुज की भुजाओं तथा त्रिभुज के कोणों के बीच संबंध का अध्ययन किया जाता है त्रिकोणमिति शब्द अंग्रेजी के ट्रिग्नोमेट्री(Trigonometry) का हिंदी अनुवाद है जोकि ग्रीक भाषा में 3 शब्दों Tri(त्रि) + Gon(गोन) + Metron(मेट्रोन) से मिलकर बना है जिनका हिंदी में अर्थ निम्नलिखित होता है त्रिकोणमिति का मुख्य सूत्र (Main Trigonometry Formula in hindi) - • sinθ = लम्ब / कर्ण • cosθ = आधार / कर्ण • tanθ = लम्ब / आधार • secθ = कर्ण / आधार • cosecθ = कर्ण / लम्ब • cotθ = आधार / लम्ब : त्रिकोणमिति के सभी सूत्र त्रिकोणमिति के सूत्र को याद रखने की ट्रिक्सत्रिकोणमिति के सूत्र को निम्नलिखत फॉर्मूले के द्वारा आसानी से याद रख सकते हैं LAL/KKA

त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?

त्रिकोणमिति, त्रिकोण व मिति दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें से त्रिकोण का अर्थ है ‘तीन कोणों वाली आकृति’ अर्थात् त्रिभुज और मिति का अर्थ है माप। त्रिकोणमिति को अंग्रेजी भाषा में ‘Trigonometry’ कहते हैं, ‘ Trigonometry’ शब्द तीन ग्रीक शब्द Tri + Gon + Metron से मिलकर बना है। Trigonometry का अर्थ ‘त्रिभुज की तीनों भुजाओं की माप’ होता है। त्रिभुजों और बहुभुजों की भुजाओं की लंबाई और दो भुजाओं के बीच के मुख्य आधार (Main base) यह है कि समकोण लम्ब, आधार व कर्ण) का अनुपात उस त्रिभुज के कोणों के मान पर निर्भर करता है। त्रिकोणमिति से त्रिभुज की भुजाओं एवं कोणों के पारस्परिक संबंधों के उपयोग से ऊंचाई, दूरी व क्षेत्रफल आदि के अज्ञात मान ज्ञात किए जाते हैं। कुछ स्थितियों में ऊंचाई, दूरी व क्षेत्रफल आदि के मान आसानी से नहीं माप सकते हैं, इसलिए इन्हें भी त्रिकोणमिति (Trigonometry) के ज्ञान से ज्ञात किया जाता है। उदाहरण के लिए (For Example), भवनों की चौड़ाई, नदी की चौड़ाई, पृथ्वी से चंद्रमा, सूर्य आज की दूरियां ज्ञात करने में एवं किसी देश के क्षेत्र का मानचित्र बनाने में त्रिकोणमिति के सूत्रों (Formula) का उपयोग होता है। इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति का महत्त्व इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति के सूत्रों का उपयोग कोणीय सतहों के कोण तथा भुजाओं के मान ज्ञात करने में किया जाता है। इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति की मदद से टेपर जॉब के टेपर का त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratio) किसी समकोण त्रिभुज में किन्हीं दो भुजाओं के अनुपात को त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratio) कहते हैं। समकोण त्रिभुज की एक भुजा समकोण होती है, अर्थात् एक भुजा 90° तथा अन्य दो भुजाएं न्यून कोण पर होती हैं। इनकी‌ भुजाओं ...

त्रिकोणमिति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण

Trigonometry in Hindi: त्रिकोणमिति गणित का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसका इस्तेमाल विश्व के विभिन्न क्षेत्र में किया जाता है। चाहे किसी खगोल शास्त्री को तारों के बीच की दूरी जानने हो या किसी देश का तापमान प्राप्त करना हो। हमें हर जगह है त्रिकोणमिति का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिस वजह से यह एक महत्वपूर्ण अध्याय बनता है। त्रिकोणमिति से जुड़े सवालों को हल करने के लिए आपको त्रिकोणमिति के सभी सूत्र और ट्रिक्स की जानकारी होनी चाहिए, जिसे समझाने के लिए आज का यह महत्वपूर्ण लेख लिखा गया है। Image: Trigonometry in Hindi तीन भुजाओं और उनके बीच बना हुआ कोण त्रिकोणमिति के अध्याय को जन्म देता है। त्रिकोणमिति सबसे पहले भारत में खोजा गया था, जिसके बाद इसके विभिन्न प्रकार के सूत्र के जरिए विश्व भर में अनेक प्रकार के अविष्कार किए गए। आज मुख्य रूप से त्रिकोणमिति के सवाल बोर्ड की परीक्षा और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाती है। आपको अच्छी डिग्री और शिक्षा के साथ-साथ अच्छी नौकरी हासिल करने के लिए त्रिकोणमिति की परिभाषा, त्रिकोणमिति के सभी सूत्र, त्रिकोणमिति के उदाहरण और ट्रिक्स की जानकारी होनी चाहिए, जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • • त्रिकोणमिति किसे कहते हैं इससे पहले कि आप त्रिकोणमिति के सभी सूत्रों को पढ़ है तो इसके उदय के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। सबसे पहले 16वीं सदी में लैटिन भाषा में इस शब्द का इस्तेमाल किया गया। त्रिकोणमिति दो शब्द से मिलकर बना है, जिसमें पहला शब्द ट्रिगोनो और दूसरा मेट्रॉन है। ट्रिगोनो का तात्पर्य तीन कोण वाला होता है और मेट्रोन का मतलब मापना होता है। सरल शब्दों में त्रिकोणमिति का मतलब होता है 3 कोण को मापने की प्रक्रिया। त्रि...