ठूठा आम

  1. ठूँठा आम
  2. कच्‍चे आम के फायदे और नुकसान
  3. डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय


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ठूँठा आम

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें ठूँठा आम का कुछ अंश : और मेरा वह जानकार बुजुर्ग एक लम्बी साँस लेकर थका- सा कह चलता कि तुम क्या जानो, जिसने केवल पावस ओर बसंत ही देखे है, निदाघ और पतझड़ न देखे, केवल अंकुर और कोपलें ही फ़ूटती देखी है, सूखती साँस न देखी, पीछे झड़ते पत्ते न देखे ? फिर एक दिन, एक साल कुछ ऐसा हुआ कि जैसे सब कुछ बदल गया । जहाँ बसन्त के….. Thoontha Aam PDF Pustak Ka Kuch Ansh : Aur mera vah Jankar bujurg ek lambi Sans lekar thaka- sa kah chalata ki tum kya jano, jisane keval pavas or basant hi dekhe hai, Nidagh aur patajhad na dekhe, keval ankur aur kopalen hi footati dekhi hai, sookhati sans na dekhi, Peechhe jhadate patte na dekhe ? Fir ek din, ek sal kuchh aisa huya ki jaise sab kuchh badal gaya . Jahan basant ke…….. Short Passage of Thoontha Aam PDF Book : And my knowledgeable elder took a long breath and said tiredly, what do you know, who has seen only the spring and spring, did not see the rough and fall, only saw the sprouts and the buds burst, did not see the dry breath, falling back Don’t see the leaves? Then one day, one year something happened that changed everything. Where the spring …….. 44Books का एंड्रोइड एप डाउनलोड करें “वह व्यक्ति ग़रीब नहीं है जिसके पास थोड़ा बहुत ही है। ग़रीब तो वह है जो ज़्यादा के लिए मरा जा रहा है।” सैनेका, रोमन दार्शनिक “It is not the man who has too little, but the man who craves more, that is poor.” Lucius Annaeus Seneca, Roman Philosopher Related Posts: • गुप्तकाल का सांस्कृतिक इतिहास : भगवतशर...

कच्‍चे आम के फायदे और नुकसान

Kacha Aam In Hindi कच्चा आम खाने के फायदे जानकर आप हैरान हो जाएगें। गर्मीयों का मौसम आते ही आपको फलों के राजा आम की याद आने लगती है। लेकिन क्‍या आप कच्‍चे आम के फायदे और नुकसान जानते हैं। कच्‍चे आम का नाम सुनते ही आपके मुंह में पानी आ गया होगा। कच्‍चे आम खाने के फायदे इतने हैं कि इन्‍हें एक बार में बताना मुश्किल है। फिर भी इस लेख में आपको कच्‍चा आम खाने के कुछ प्रमुख फायदे बताए जा रहे हैं। कच्‍चे आम के लाभ वजन कम करने, मधुमेह को रोकने, पाचन समस्‍याओं को दूर करने, दांतों को स्‍वस्‍थ रखने, लिवर को हेल्‍दी बनाने, कब्‍ज का इलाज करने और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने आदि में होते हैं। आइए विस्‍तार से जाने कच्‍चे आम के फायदे और नुकसान क्‍या हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आम एक मौसमी फल है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होता है। कच्‍चे आम स्‍वादिष्‍ट होने के साथ ही पौष्टिक भी होते हैं। कच्‍चे आम में कार्बोहाइड्रेट, (और पढ़े – कच्‍चे आम की तासीर – Kache aam ki taseer in Hindi निश्चित रूप से फलों का राजा पूछने पर आप आम का ही नाम लेगें। आम स्‍वाद में अच्‍छा होने के साथ ही सेहत के लिए बहुत अच्‍छा होता है। स्‍वाभाविक है कि आम हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है क्‍योंकि कच्‍चे आम की तासीर ठंडी होती है। कच्‍चे आम की ठंडी तासीर आपको अनोखे स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में सहायक होती है। कच्‍चे आम का उपयोग कैसे करें – How to Use Green Mango in hindi हमारे द्वारा कच्‍चे आम का उपयोग कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। लेकिन कच्‍चे आम से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के कई तरीके हैं। आइए जाने कि कच्‍चे आप का उपयोग कैसे करें। • कच्‍चे आम का उपयोग सलाद के रूप में ...

डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय

डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय || Dr Bhagwat saral Upadhyay ka jivan Parichay ine Hindi UP board live class Class- 10th Hindi पाठ- 6 अजंता ( डॉ भगवतशरण उपाध्याय) -लेखक संबंधी प्रश्न- (1)- डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए| (2)- डॉक्टर भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय देते हुए उनकी गलतियों और बात करूं पर प्रकाश डालिए| (3) - डॉ भगवतशरण उपाध्याय का साहित्य परिचय दीजिए| (4) - डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रतिभा और भाषा शैली पर प्रकाश डालिए (6)- डॉ भगवतशरण उपाध्याय की भाषा शैली की विवेचना कीजिए| जीवन परिचय- डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जन्म सन 1910 में बलिया जिले के उजियारपुर नामक गांव में हुआ था अपनी तैयारी में शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास विषय में m.a. किया| संस्कृत -साहित्य तथा पुरातत्व के ज्ञानी थे/ उन्होंने पुरातत्व एवं प्राचीन भाषाओं का गहन अध्ययन के साथ-साथ अन्य आधुनिक यूरोपीय भाषाओं का भ्रमण करते हुए हिंदी -साहित्य को उन्नति के पथ पर अग्रसर कराने विशिष्ट योगदान दिया| इन्होंने 'पुरातत्व विभाग' 'प्रयाग संग्रहालय' लखनऊ संग्रहालय के अध्यक्ष तथा पिलानी में विदुला 'महाविद्यालय में प्राध्यापक पद पर कार्य किया| इसके पश्चात विक्रम विश्वविद्यालय में उन्होंने प्राचीन इतिहास विभाग में प्रोफेसर पद ग्रहण किया तथा अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए वहीं से अवकाश ग्रहण किया| इसी प्रकार हिंदी साहित्य की सेवा करते हुए अगस्त ,1982 में उनका स्वर्गवास हो गया| साहित्यिक परिचय- उपाध्याय जी ने अनेक अनेक देशों का भ्रमण किया उन्होंने यूरोप अमेरिका चीन आदि देशों की यात्राएं कीं तथा इन देशों में भारती...