ट्रांसफार्मर क्या है

  1. ट्रांसफार्मर क्या है इसके भाग,कार्य ,प्रकार,सिद्धान्त - RKJKAHANI.COM
  2. ट्रांसफार्मर क्या है? Transformer in hindi
  3. What is Transformer in Hindi : ट्रांसफॉर्मर क्या है ?
  4. ट्रांसफार्मर क्या है What is a transformer
  5. ट्रांसफार्मर क्या है
  6. ट्रांसफार्मर क्या है?
  7. ट्रांसफार्मर क्या है? इसके प्रकार, कार्य एवं भाग? (Transformer in Hindi)


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ट्रांसफार्मर क्या है इसके भाग,कार्य ,प्रकार,सिद्धान्त - RKJKAHANI.COM

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ट्रांसफॉर्मर क्या है ट्रांसफार्मर एक स्थैतिक युक्ति (static device) है जो वैद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से दूसरे परिपथ में स्थानान्तरित करती हैं। इसके साथ हो इस युक्ति के द्वारा वोल्टता की अपचायक (step-down) एवं वोल्टता का उच्चायन (step-up) सुगणता से किया जा सकता हूँ। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह युक्त केवल प्रत्यावतीं धारा आपूर्ति पर हो कार्य करती हैं दिष्ट धारा आपूर्ति पर नहीं। ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ट्रांसफॉर्मर, म्यूच्युअल इण्डक्टेस (mutual inductance) के सिद्धान्त पर कार्य करता है। इण्डक्टेंस का अस्तित्व केवल ए.सी. परिपथ में हौता है अतः ट्रांसफॉर्मर भी केवल ए.सी. सप्लाई पर कार्य कर सकता है, डी.सी. पर नहीं। ट्रांसफॉर्मर की संरचना से आप क्या समझते हैं ट्रांसफॉ्भर में दो प्रकार की वाइंडिंगस्थापित की जाती हैं • प्राइमरी Primary : -जिस वाइंडिंग को वैद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है वह प्राइमरी वाइंडिंग’ या ‘प्राइमरी’ कहलाती हैं। • सेकण्डरी Secondary :- जिस वाइंडिंग को लोड (विद्युत शक्ति का उपभोग करने वाली युक्ति) से संयोजित किया जाता है वह सेकण्डरी वाइंडिंग’ या सेकण्डरी कहलाती है। क्रोड क्या कार्य है ट्रांसफॉर्मर वाइंडिंग को स्टील स्टैम्पिंग से निर्मित क्रोड (core) पर स्थापित किया जाता है। क्रोड का मुख्य कार्य है- • प्राइपरी द्वारा स्थापित चुम्बकीय क्षेत्र की चुम्बकीय बल रेखाओं का मार्ग पूर्ण रखना, • प्राइमरी द्वारा स्थापित चुम्बकीय क्षेत्र की अधिकाधिक चुम्बकीय बल रेखाओं को सेकण्डरी में से गुजारना। • वाइंडिंग, क्रोड पर स्थापित की जाती हैं और क्रोड को एक स्टोल खोल (envelope) में स्थाप...

ट्रांसफार्मर क्या है? Transformer in hindi

ट्रांसफार्मर मूल रूप से एक वोल्टेज नियंत्रण उपकरण है जिसका उपयोग व्यापक रूप से प्रत्यावर्ती धारा शक्ति के वितरण और संचरण में किया जाता है। ट्रांसफॉर्मर के विचार पर पहली बार माइकल फैराडे ने वर्ष 1831 में चर्चा की थी और इसे कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिक विद्वानों द्वारा आगे बढ़ाया गया था। हालांकि, ट्रांसफॉर्मर का उपयोग करने का सामान्य उद्देश्य बहुत अधिक वोल्टेज पर उत्पन्न होने वाली बिजली और बहुत कम वोल्टेज पर होने वाली खपत के बीच संतुलन बनाए रखना था। Transformer क्या है? ट्रांसफार्मर in hindi मूल रूप से एक वोल्टेज नियंत्रण उपकरण है जिसका उपयोग व्यापक रूप से प्रत्यावर्ती धारा शक्ति के वितरण और संचरण में किया जाता है। ट्रांसफॉर्मर के विचार पर पहली बार माइकल फैराडे ने वर्ष 1831 में चर्चा की थी और इसे कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिक विद्वानों द्वारा आगे बढ़ाया गया था। हालांकि, ट्रांसफॉर्मर का उपयोग करने का सामान्य उद्देश्य बहुत अधिक वोल्टेज पर उत्पन्न होने वाली बिजली और बहुत कम वोल्टेज पर होने वाली खपत के बीच संतुलन बनाए रखना था। जब एक प्रत्यावर्ती धारा प्राथमिक कुंडल से गुजरती है तो यह एक भिन्न चुंबकीय प्रवाह बनाता है। फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार, चुंबकीय प्रवाह में यह परिवर्तन द्वितीयक कुंडल में एक ईएमएफ (इलेक्ट्रोमोटिव बल) को प्रेरित करता है जो एक प्राथमिक कुंडल वाले कोर से जुड़ा होता है। यह आपसी प्रेरण है। • इन्सुलेट तेल • विद्युत अवरोधी पट्टी • इन्सुलेट पेपर • लकड़ी आधारित lamination ट्रांसफार्मर के अनुप्रयोग (Application of Transformer) • ट्रांसफार्मर लंबी दूरी पर तारों के माध्यम से विद्युत ऊर्जा का संचार करता है। • कई सेकेंडरी वाले ट्रांसफॉर्मर का उपयोग रेडियो...

What is Transformer in Hindi : ट्रांसफॉर्मर क्या है ?

दोस्तो आज का आर्टीकल ट्रांसफार्मर के ऊपर लिया गया है। जिसमे हम जानेंगेWhat is Transformer in Hindi / Transformer Kya Hai / ट्रांसफॉर्मर क्या है। आपने छोटी क्लास से लेकर अभी तक हमेशा Transformer (ट्रांसफार्मर) के बारे में सुना होगा। पर आज हम जानेंगेट्रांसफार्मर इन हिंदी, Transformer का कार्य सिद्धांत, Transformer के प्रकार, और Transformer के अनुप्रयोग क्या क्या होते हैं। Table of content जब प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) करंट प्राइमरी वाइंडिंग में प्रवाहित होती है तो प्राइमरी वाइंडिंग में समान मात्रा में प्रत्यावर्ती अपवाह (Alternating flux) प्रोड्यूस होता है। इस फ्लक्स का परिमाण और दिशा वाइंडिंग में प्रवाहित करंट के समान होता है और प्रवाहित कर्रेंट की दिशा को फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम ( Fleming right hand rule ) के अनुसार होगी। क्योंकि प्रत्यावर्ती धारा में फ्रीक्वेंसी के कारण उसकी प्रकृति लगातार बदलने की होती है। अतः प्राइमरी वाइंडिंग में फ्लक्स भी लगातार बदलता रहता है। जिससे प्राइमरी वाइंडिंग में Self induced EMF (Electro motive force) जेनरेट होता है जिसकी पोलेरिटी इनपुट में अप्लाई किये गए वोल्टेज के अपोजिट होती है। इस क्रिया को सेल्फ इंडक्शन कहते हैं। क्यो की Transformer की दोनों वाइंडिंग कॉमन मैग्नेटिक कोर से जुड़े होते है। इसलिए प्राइमरी वाइंडिंग में फ्लक्स के बदलने की दर के समानुपातिक Transformer की सेकेंडरी वाइंडिंग में भी EMF जेनेरेट होता है। यदि हम सेकंडरी वाइंडिंग के सर्किट को लोड के साथ क्लोज करें तो उसमे एक धारा प्रवाहित होने लगती है। अतः Transformer बिना फ्रीक्वेंसी को बदले इलेक्ट्रिक पावर को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ट्रांसफर करता है। इस पूरी...

ट्रांसफार्मर क्या है What is a transformer

जब से दुनिया में विद्युत ऊर्जा के उपयोग का विकास शुरू हुआ, ट्रांसफार्मर ( Transformer ) मुख्य उपकरणों में से एक हैं जिन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका बनाई है। विद्युत ऊर्जा का विस्तार ट्रांसफार्मर ( Transformer ) के बिना, पूरी दुनिया संभव नहीं हो सकता था । आजकल विद्युत स्थापना में बड़े पैमाने पर ट्रांसफार्मर ( Transformer ) का उपयोग किया जाता है, इसलिए सबको इसके बारे में जानना जरूरी है। इस ब्लॉग में, हम ट्रांसफॉर्मर ( Transformer ) की एक विस्तृत जानकारी देने प्रयास करेंगे। ट्रांसफार्मर क्या है What is a transformer: Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • ट्रांसफार्मर एक उपकरण है जो प्रत्यावर्ती धारा (alternating current) पर काम करता है इसका मतलब है कि ट्रांसफार्मर विद्युत उपकरण है जो एक वोल्टेज (Voltage ) पर ऊर्जा को स्वीकार करता है और दूसरे वोल्टेज (Voltage) स्तर पर वितरित करता है। यह इनपुट वोल्टेज (input voltage) के संबंध में एक अलग स्तर पर आउटपुट वोल्टेज (output voltage ) प्रदान करता है। यह एक स्टैटिक डिवाइस (static device ) है जिसमें कोई चलने वाला हिस्सा नहीं होता है। ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है How the Transformer works: ट्रांसफार्मर में कॉइल (coil) होते हैं जो संख्या में दो (प्राथमिक – Primary और द्वितीयक – Secondary ) की तुलना में दो या अधिक होते हैं। ये कॉइल (coil) सीधे एक-दूसरे के साथ जुड़े नहीं होते हैं, यानी ये चुंबकीय रूप (magnetically) एक-दूसरे के साथ से जुड़े होते हैं। प्राथमिक कुंडली Primary coil शक्ति के स्रोत – Electrical Source से जुड़ी होती है और द्वितीयक कुंडल Secondary coil शक्ति (भार) Electrical Load के उपयोग से जुड़ा होता है। जिस सिद्धांत पर ...

ट्रांसफार्मर क्या है

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी नॉलेज वेबसाइट पर आज के इस आर्टिकल में हम आपको ट्रांसफार्मर क्या है इसके बारे में बताएंगे। एक ट्रांसफार्मर एक प्रकार की विद्युत मशीन है जो विद्युत ऊर्जा के वोल्टेज स्तर को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ले जाने के लिए स्विच करता है। इस ऊर्जा हस्तांतरण में, विद्युत ऊर्जा की आवृत्ति अपरिवर्तित रहती है। एक ट्रांसफॉर्मर में एक चुंबकीय क्षेत्र मौजूद होता है क्योंकि विद्युत ऊर्जा एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थानांतरित होती है। एक चुंबकीय क्षेत्र के बिना, विद्युत ऊर्जा ट्रांसफार्मर की कल्पना नहीं की जा सकती है। वासवानी एट अल। 2017 में जारी एक ग्राउंडब्रेकिंग रिसर्च में द ट्रांसफॉर्मर के रूप में जाना जाने वाला न्यूरल आत्म-ध्यान परतों के उत्तराधिकार के माध्यम से इन वैक्टरों को पास करके सभी इनपुट वैक्टरों के भारित कुल की गणना कर सकते हैं। यह इसे अनुक्रम के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर जोर देने में सक्षम बनाता है। सामान्य तौर पर, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण अनुप्रयोग विशेष रूप से दृढ़ तंत्रिका नेटवर्क वास्तुकला के अनुकूल होते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं ट्रांसफॉर्मर क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसका उपयोग किस लिए किया जाता है तो इस लेख को अंत तक पढ़े। Contents • 1 ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) • 2 ट्रांसफार्मर का आविष्कार • 3 ट्रांसफार्मर क्या है? ट्रांसफार्मर के कार्य • 4 ट्रांसफार्मर के क्या उपयोग हैं? • 5 ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग • 5.1 1. Core (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.2 4. Tap changer (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.3 2. Windings (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.4 3. Insulation (ट्रांसफार्मर क्या है) • 5.5 6. Protective devices • 5....

ट्रांसफार्मर क्या है?

इसमें में एक लेमिनेटेड कोर और दो वाइंडिंग होती है| वाइंडिंग एक अच्छे सुचालक जैसे कॉपर या अल्युमिनियम धातु के तार की बनी होती है| transformers इलेक्ट्रिसिटी generate नहीं करता है| यह सिर्फ इलेक्ट्रो मोटिवे फ़ोर्स का इस्तेमाल करके वोल्टेज को कम या जयादा करता है| जब ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइंडिंग में AC CURRENT दी जाती है तो उसके आसपास इलेक्ट्रिक मेग्नेटिक फील्ड उल्पन्न होता है| इस मेग्नेटिक फील्ड के कारण सेकेंडरी वाइण्डिंग में electrive motive force (EMF) विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है| सेकंड्री वाइंडिंग भी उसी कोर पर लगी होने के कारण ELECTRIC MEGNETIC INDUCTION के कारण उसमे AC CURRENT बहाने लगता है| ट्रांसफार्मर में input और output frequency समान ही रहती है लेकिन Voltage और current मान बदल जाता है। यदि ट्रांसफार्मर Step-up है तो वोल्टेज बढ जायेगा और करंट कम हो जायेगा| और यदि ट्रांसफार्मर Step Down है तो वोल्टेज कम कम हो जायेगा तथा करंट बढ जाता है। SECONDARY WINDING में INDUCTION के कारन उत्पन्न करंट मेग्नेटिक फील्ड के समानुपाती होता है| Primery winding में जिस frequency की करंट देंगे| secondary winding में भी वही frequency आएगी| transformer machanism ट्रांसफार्मर के प्रकार Phase की संख्या के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है 1) सिंगल फेज ट्रांसफार्मर 2) Three phase ट्रांसफार्मर Output के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है| Step up transformer Step down transformer कोर (Core) के आधार पर ट्रांसफार्मर तीन प्रकार के होते है शैल क्रोड बैरी प्रकार का इसके अलावा ट्रांसफार्मर पावर ट्रांसफार्मर (PTR) तथा डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (DTR) भी होते है। क्या ट्रांसफ...

ट्रांसफार्मर क्या है? इसके प्रकार, कार्य एवं भाग? (Transformer in Hindi)

ट्रांसफार्मर का नाम तो आप सबने सुना ही होगा, लेकिन अगर आप ट्रांसफार्मर के बारे में डिटेल में जानना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम जानिंगे की ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) कैसे काम करता है? इसके फ़ायदे? और इसके प्रकार? All about Transformer in Hindi! लगभग आज से 200 साल पहले ट्रांसफॉर्मर का आविष्कार हुआ और विद्युत से संबंधित कार्य और आसान हो गए। ट्रांसफार्मर भी धीरे-धीरे कई प्रकार के बनने लगे, उनका इस्तेमाल विभिन्न कार्यों में होने लगा। यदि किसी बिजली को नियंत्रण में करना हो तो हम ट्रांसफॉर्मर का इस्तेमाल कर सकते हैं और उससे होने वाले खराबी को दूर कर सकते हैं। • • इस लेख के माध्यम से आपको ट्रांसफॉर्मर के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे और जनिंगे की आख़िर यह ट्रांसफार्मर होता क्या है? तथा यह भी बताएंगे कि इस विद्युत मशीन की खोज किसने की तथा आज मानव सभ्यता इसका किन-किन कार्यो के लिए इस्तेमाल करते हैं। तो चलिए देखते है की आख़िर ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ट्रांसफार्मर क्या है? (What is Transformer in Hindi) ट्रांसफार्मर एक इलेक्ट्रिक डिवाइस होता है जो विद्युत के माध्यम से चलता है। यह इलेक्ट्रिक एनर्जी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करता है। जब Electrical Circuit Source की Electrical Power को Receive करता है, तो उसे Primary Winding कहते हैं तथा दूसरी सर्किट जो इलेक्ट्रिक एनर्जी को डिलीवर करता है उस लोड को Secondary Winding कहते हैं। AC Supply की Frequency को बिना बदले, उसे कम या ज्यादा करने के लिए इसका इस्तेमाल होता हैं। इनका इस्तेमाल DC ...