टुडे ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी

  1. Mira Road Murder Case Mumbai Police Investigation Manoj Sane Reveals About HIV ANN
  2. Rajasthan Gajendra Singh Shekhawat Told Division Of Jodhpur Wrong Targeted Ashok Gehlot Congress ANN
  3. पुराने “साथियों” का नीतीश से मोहभंग क्यों हो रहा है?


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Mira Road Murder Case Mumbai Police Investigation Manoj Sane Reveals About HIV ANN

Mira Road Murder: 'HIV पॉजिटिव के बाद दोनों टेंशन में रहते थे', लिव इन पार्टनर के टुकड़े करने वाले मनोज साने का बड़ा खुलासा Mira Road Murder Case: महाराष्ट्र के मीरा रोड कस्बे में किराए के घर में कथित तौर पर उसके लिव-इन पार्टनर ने युवती की हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. पुलिस ने 7 जून देर रात यह जानकारी दी. Mira Road Murder Case:महाराष्ट्र के ठाणे के मीरा रोड पर 32 साल की सरस्वती वैद्य की कथित हत्या और शव के टुकड़े कुकर में पकाने के आरोपी मनोज साने पुलिस कस्टडी में है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, पूछताछ में आरोपी मनोज ने बताया कि उसने सरस्वती की हत्या नहीं की. सरस्वती ने 3 जून को खुदकुशी की थी. सरस्वती की खुदकुशी से डरकर कहीं पुलिस उसे हत्या का आरोपी न बना दे इसलिए उसने बॉडी को ठिकाने लगाने का फैसला किया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मनोज साने ने पुलिस को यह भी बताया कि शव को ठिकाने लगाने के बाद वो खुद भी खुदकुशी करना चाहता था. वहीं इस पर पुलिस का कहना है कि आरोपी पर हत्या का आरोप है इसलिए वो गुमराह कर रहा है. मामले के हर पहलू की जांच हो रही है. मनोज साने ने पुलिस को बताया कि वो एचआईवी पॉजिटिव है इसलिए दोनों तनाव में रहते थे. मनोज साने का कहना है कि उसने जो किया उसके लिए उसे कोई पछतावा नहीं है. पुलिस का कहना है कि अभी तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है और अब तक एचआईवी एड्स बीमारी संबंधित जानकारी की पुष्टि नहीं है. मेडिकल रिपोर्ट और मृतक की फारेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही अधिक स्पष्टता आएगी. 10 साल पहले सरस्वती के संपर्क में आया आरोपी मनोज साने के पुराने घर के बारे में पता चला है कि वह 10 साल पहले मुंबई के बोरिवली इलाके में रहता था. उसके और उसके भाई के नाम पर एक ही फ्लोर पर अल...

Rajasthan Gajendra Singh Shekhawat Told Division Of Jodhpur Wrong Targeted Ashok Gehlot Congress ANN

Jodhpur News: राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने जोधपुर (Jodhpur) को दो हिस्सों में बांटने को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जोधपुर के दो टुकड़े करने का निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण, अविवेकपूर्ण, अनुचित और अनावश्यक है. शेखावत ने कहा कि जिस तरह से जिले बनाए गए, जिस मानसिकता के साथ बनाए गए, जिस प्रयोजन के साथ बनाए गए, जिस तरीके से बनाए गए, यह अत्यंत निंदनीय है. केवल अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए इस तरह से व्यवस्थाओं को छिन्न-भिन्न करने का काम पाप की श्रेणी में आता है. इस साल के अंत में होने विधानसभा चुनावों पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता ने पिछले साढ़े चार साल में बहुत कष्ट देखे हैं. राजस्थान की प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. राजस्थान ने भ्रष्टाचार और पेपरलीक के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में अपराध की दुनिया में जिस तरह नए कीर्तिमानी आंकड़े बनाए हैं, इन सबसे जनता अपने आप को ठगा महसूस करती है. इन सबको लेकर जनता एक-एक दिन इंतजार कर रही है. सीएम गहलोत डर से कर रहे हैं लुभावनी घोषणाएं- गजेंद्र सिंह शेखावत शेखावत ने कहा, "अभी जिस तरह की घोषणा करने का काम मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वो घोषणाएं करने की क्यों आवश्यकता पड़ी? आवश्यकता इसलिए पड़ी है, क्योंकि उन्हें अब समझ में आ गया है कि साढ़े चार साल में जिस तरह से उनके कारण कुशासन और कुव्यवस्था के कारण हालात बने हैं, राजस्थान की जनता उनको नकारने वाली है. उस डर से उन्होंने इस तरह की ...

पुराने “साथियों” का नीतीश से मोहभंग क्यों हो रहा है?

'23 जून को नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) बिहार में गैर भाजपा वाले विपक्षी दलों का महामंच सजाने जा रहे हैं लेकिन उनके पुराने विश्वसनीय साथी रहे जीतन राम मांझी ने उनका साथ छोड़ दिया है. इसके पहले आरसीपी और उपेंद्र कुशवाहा ने भी उनसे किनारा कर लिया. आखिर इस तरह की राजनीतिक घटनाओं से क्या संदेश जाएगा, जो नीतीश से बड़ी उम्मीदें सँजोये हुए हैं? कुछ दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बेचैन नज़र आ रहे थे. हाल- फिलहाल में मांझी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) से कई दौर की मुलाकातें भी हुईं लेकिन उनकी बेचैनी खत्म नहीं हुई. आज इसकी वजह सबके सामने आई, जब मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. वो नीतीश मंत्रालय में SC-ST कल्याण विभाग देख रहे थे. हालांकि, जब गठबंधन की सरकार बनने के कुछ महीने बाद उनसे लघु सिंचाई विभाग छीन लिया गया था. मांझी परिवार की तरफ से आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की तरफ से दवाब था कि वो अपनी पार्टी का विलय जनता दल (यू) के साथ कर दें. सूत्रों के जरिये ये बात भी छन-छनकर सामने आ रही है कि जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के लिए कम से कम 5 लोक सभा सीटों की मांग कर रहे थे लेकिन जद (यू) पहले पार्टी के विलय पर अड़ा हुआ था. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्र मानते हैं कि नीतीश ने मांझी का मन पहले ही भाँप लिया था और वो उसे बहुत लंबी डोर नहीं देना चाहते थे कि लोक सभा चुनाव के करीब जाकर वो कोई बड़ा कदम उठाएँ. बेटा डॉक्टर संतोष सुमन, तेजस्वी यादव से ज़्यादा पढ़ा- लिखा और मेधावी मांझी पर कुछ लोगों ने आरोप भी लगाया कि कि वो महत्वाकांक्षी हैं लेकिन सियासत में कौन महत्वाकांक्षी नहीं होता है. मांझी कई बार इस बात...