ट्यूशन की स्पेलिंग

  1. पहले कभी इतना बड़ा नहीं था भारत का ट्यूशन बाजार, कोचिंग कल्चर नई महामारी बनकर उभर रहा
  2. स्पेलिंग बी
  3. ट्यूशन में क्या क्या पढ़ते हैं? – ElegantAnswer.com
  4. ट्यूशन का स्पेलिंग बताइए? » Tuition Ka Spelling Bataiye
  5. कोचिंग सेंटर कैसे खोले? (नियम, योग्यता, रजिस्ट्रेशन, लागत और मुनाफा)
  6. कोचिंग प्रचार कैसे करे? – ElegantAnswer.com
  7. भोपाल: ‘पैरट’ की स्पेलिंग नहीं बताने पर ट्यूशन टीचर ने पांच साल की बच्ची का तोड़ा हाथ
  8. स्पेलिंग नहीं बता पाने पर ट्यूशन टीचर ने बच्ची का हाथ तोड़ा, मारे थप्पड़


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पहले कभी इतना बड़ा नहीं था भारत का ट्यूशन बाजार, कोचिंग कल्चर नई महामारी बनकर उभर रहा

कनिष्क सिर्फ पांच साल का है. वह ठीक से 30 तक गिनती भी नहीं कर पाता है और ए, बी, सी, डी पढ़ते समय ‘क्यू’ पर अटक जाता है. लेकिन उसकी मां ने अभी से तय कर लिया है कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा. वह रोजाना जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल पांच घंटे पढ़ाई करता है और उसके बाद अपने प्यारे से लाल बैग में 11 किताबें भरकर दो घंटे की ट्यूशन क्लास के लिए निकल पड़ता है. घर से स्कूल, स्कूल से घर और फिर ट्यूशन. उसके जीवन का ये बिजी शेड्यूल तब तक बना रहेगा, जब तक कि वह 12वीं पास करने के बाद नीट का एंट्रेंस टेस्ट नहीं दे देता. हर बीतते साल के साथ उसकी पढ़ाई के पीछे की ये मारामारी और ज्यादा उन्मादी और उन्मत्त होती चली जाएगी. कनिष्क अकेला नहीं हैं. उनके जैसे अनगिनत बच्चे ‘ट्यूशन रिपब्लिक’ के इस फलते-फूलते उद्योग का हिस्सा है, जो एक उदासीन रटने वाली स्कूली शिक्षा, माता-पिता की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और सिकुड़ते नौकरी बाजार से पैदा हुआ है. मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र, बिहार से लेकर केरल तक, भारत के ट्यूशन रिपब्लिक ने पड़ोस के ट्यूटर्स के साथ-साथ, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और कोचिंग क्लासेस ने डिजिटल दुनिया में अपना जाल फैला लिया है. दो साल की महामारी के बाद, यह उद्योग अब पहले से कहीं ज्यादा बड़ा हो गया है. दरअसल यह शहरी भारत में आगे बढ़ने एक जरूरत बन गई है. नेशनल सैंपल सर्वे द्वारा 2016 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 7.1 करोड़ छात्र ट्यूशन में नामांकित हैं. मनोवैज्ञानिक अंतहीन ट्यूशन की दौड़ से उपजे तनाव और खोए हुए बचपन पर लंबे समय तक पड़ने वाले असर का अध्ययन करने की बात कह रहे हैं. बाल मनोवैज्ञानिक डॉ निमेश देसाई ने बताया, ‘एक समय था जब कुछ ही बच्चे ट्यूशन के लिए जाया करते थे. लेकिन 2022 में यह एक ...

स्पेलिंग बी

अनुक्रम • 1 शब्द-व्युत्पत्ति • 2 इतिहास • 2.1 संयुक्त राज्य अमेरिका • 2.2 कनाडा • 2.3 युनाइटेड किंगडम • 2.4 एशिया • 3 नेशनल स्पेलिंग बी • 4 स्पेलिंग बी स्कूल • 5 लोकप्रिय संस्कृति में • 5.1 टेलीविजन में • 5.1.1 काल्पनिक टेलीविजन में • 5.1.1.1 काल्पनिक टीवी एपिसोड • 5.2 फिल्म में • 5.3 थिएटर में • 5.4 साहित्य में • 6 आलोचना और विकल्प • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ शब्द-व्युत्पत्ति [ ] ऐतिहासिक दृष्टि से शब्द बी का प्रयोग लोगों के ऐसे मेल-मिलाप वाले कार्यक्रम के लिए किया जाता है जहां कोई विशेष गतिविधि की जा रही हो, जैसे हस्किंग बी, क्विल्टिंग बी अथवा एप्पल बी. इसकी बेन का प्रयोग इतिहास [ ] स्पेलिंग बी वाक्यांश का प्रथम प्रकाशित प्रमाण 1825 में मिलता है, हालांकि स्पष्ट रूप से यह प्रतियोगिता इस वर्ष से पहले भी होती थी। [ संयुक्त राज्य अमेरिका [ ] संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय स्पेलिंग बी 1925 में लुइविल, केंटकी के समाचार-पत्र दि कुरियर-जर्नल द्वारा प्रारंभ की गयी। 1941 में, स्क्रिप्स हावर्ड न्यूज सर्विस इस कार्यक्रम का प्रायोजन ले लिया और इसका नाम बदल कर स्क्रिप्स हावर्ड नेशनल स्पेलिंग बी हो गया (बाद में बदल कर यह सिर्फ "स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी" कर दिया गया). संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रान्त, जिनकी संख्या 50 थी, के साथ ही कई प्रतियोगी कनाडा, बहामाज़, न्यूजीलैंड तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में, स्पेलिंग बी का आयोजन प्रतिवर्ष स्थानीय स्तर से लेकर स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी के स्तर तक होता है जिसमें विजेता को नकद पुरस्कार मिलता है। नेशनल स्पेलिंग बी को इंग्लिश वेबस्टर का तीसरा नया अंतर्राष्ट्रीय शब्दकोष है। वार्षिक अध्ययन सूची स्क्रिप्स के द्वारा उपलब्ध कराई गयी है, यह ...

ट्यूशन में क्या क्या पढ़ते हैं? – ElegantAnswer.com

ट्यूशन में क्या क्या पढ़ते हैं? इसे सुनेंरोकेंट्यूशन बच्चों के लिए वह शिक्षा माध्यम है जो स्कुल के अतिरिक्त कम समय मे क्वालिटी वाली पढ़ाई देता है। इसमें बच्चे को स्कूली पाठ्यक्रम के मुख्य बिंदुओं पर सार रूप मे ध्यान आकर्षित कर बच्चे को Exams की दृष्टिकोण से सक्षम बनाया जाता है। ट्यूशन क्यों होता है? इसे सुनेंरोकेंस्कूलों में क्लास में अधिक छात्रों के होने के कारण छात्र खुलकर शिक्षकों से सवाल नहीं पूछे पाते हैं। वहीं होम ट्यूशन में छात्र अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षकों से आराम से सावल भी कर पाते हैं और अपने डाउट्स भी क्लीयर कर पाते हैं। साथ ही शिक्षक भी छात्रों के सारे सवालों का जबाव आराम से देते हैं। कोचिंग क्लास क्या है? इसे सुनेंरोकेंवे स्कूल से आकर ऑनलाइन अपने समय के अनुसार पढ़ सकते हैं। ऑनलाइन क्लासेस में छात्रों को शिक्षकों से बातचीत करना का मौका कम मिलता है। वहीं कोचिंग क्लास में छात्र शिक्षक से डाउट क्लीयर कर सकते हैं। उनकी प्रत्येक क्लास शिक्षकों द्वारा ली जाती है। ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंOnline क्या और कीसे कहते है जिसे अगर आप डाउनलोड करने के बाद देखते हैं, तो उसे offline कहा जाएगा। और यदि हमारा कंप्यूटर प्रिंटर जुड़ा रहता है तो इसे भी ऑनलाइन कहा जाता है जिसमें प्रिंटर को प्रिंट करते समय कंप्यूटर से कनेक्ट करना पड़ता है नही तो वह प्रिंट नहीं कर पाता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंऑफलाइन क्लास में शिक्षक को हर बार उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है जबकि ऑनलाइन क्लास में बार बार पढ़ाये जाने वाले विषय का एक वीडियो बना कर उसको बार बार चला सकते हैं जिससे शिक्षक का समय भी बचेगा और फिर शिक्षक ऑनलाइन आकर उनकी समस्याओं क...

ट्यूशन का स्पेलिंग बताइए? » Tuition Ka Spelling Bataiye

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कोचिंग सेंटर कैसे खोले? (नियम, योग्यता, रजिस्ट्रेशन, लागत और मुनाफा)

Tution Centre Kaise Shuru Kare: आज के युवाओं को सबसे ज्यादा जरूरत पढ़ाई की है क्योंकि पढ़ाई के बिना कोई भी जॉब करना असंभव है। अगर आप पढ़े-लिखे नहीं है, तो आपके पास कमाई का साधन बहुत ही कम होता है, जिसके जरिए आप को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए आप के लिए सबसे ज्यादा पढ़ाई लिखाई का महत्व है। जब हम पढ़ाई कर लेते हैं, तो हमारा फर्ज बनता है कि हम दूसरे लोगों को भी पढ़ाएं और उनका बेहतर भविष्य बनाएं। इसीलिए हमारे गुरु या शिक्षक हमें पढ़ाई करवाते हैं, जिसके जरिए हम अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं। अगर आप ही पढ़ाने का हुनर रखते हैं, तो आपके लिए ट्यूशन सेंटर का बिजनेस करना बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • ट्यूशन सेंटर बिजनेस क्या होता है? आजकल के बच्चे ऐसे बच्चे हैं, जिनको घर में पढ़ाना असंभव सा होता जा रहा है क्योंकि यह जनरेशन पुराने जनरेशन से बिल्कुल ही अलग है, जिसका तालमेल बिल्कुल भी नहीं बैठ पा रहा है। ऐसे में लोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए ट्यूशन सेंटर में भेजते हैं, जिसके जरिए वहां पर बच्चों को पढ़ाया जाता है। इसी के साथ अच्छे अंक लाने की गारंटी भी ली जाती है और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ट्यूशन सेंटर बहुत ही आवश्यक हो गया है। कोचिंग सेंटर कैसे खोले? (Tution Centre Kaise Shuru Kare) ट्यूशन सेंटर खोलने के लिए अच्छे प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है। अगर आपके पास यह दोनों ही हैं तो आप बहुत ही आराम से ट्यूशन सेंटर खोल सकते हैं। इसी के साथ इसके लिए थोड़ी सी जगह की आवश्यकता होती है। व्यापार के लिए लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है और भी कई अन्य चीजों की आवश्यकता होती है। उन चीजों के बारे में हम आपको आर्टिकल में ...

कोचिंग प्रचार कैसे करे? – ElegantAnswer.com

कोचिंग प्रचार कैसे करे? • कोचिंग क्लास का प्रचार करने के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके अपना सकते हैं। • ऑनलाइन तरीकों में आप डिजिटल मार्केटिंग का यूज कर सकती हैं जैसे सोशल मीडिया मार्केटिंग, वेबसाइट पर जानकारी देकर, क्लासिफाइड मार्केटिंग के थ्रू, फेसबुक पेज बनाकर और फेसबुक ग्रुप्स में प्रमोट करके, गूगल और फेसबुक एड्स कोचिंग सेंटर क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंकोचिंग सेण्टर में कोच या टीचर का कार्य अपने विद्यार्थियों या ग्राहकों को किसी विषय के बारे में जानकारी देने का होता है ताकि वे उस जानकारी का उपयोग अपनी परीक्षा में कर सकें। साधारण भाषा में जिस स्थान पर विद्यार्थियों को ट्यूशन पढाया जाता है उसे Coaching Center कहा जा सकता है। कोचिंग की स्पेलिंग क्या होती है? इसे सुनेंरोकेंराजस्थान सरकार ने 01 सितंबर 2021 से कोचिंग संस्थान खोलने की भी अनुमति दे दी है। कैसे कोचिंग के लिए छात्रों को आकर्षित करने? इसे सुनेंरोकेंछात्रों को एडमिशन के लिए आकर्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी कोचिंग क्लास की डिजिटल मार्केटिंग करना है। इंटरनेट मार्केंटिग के सहारे ही आप ज्यादा से ज्यादा से छात्रों को अपनी कोचिंग क्लास की तरफ एडमिशन के लिए आसानी से आकर्षित कर सकते हैं। कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन कैसे करे? कंप्यूटर प्रशिक्षण संस्थान के लिए सरकारी मान्यता कैसे प्राप्त करें (Step For Registration) • पंजीकरण के लिए कदम अभी आवेदन करें (अपना विवरण भरें) • उसके बाद ई-मैक्स टीम कॉनट। • आप फ़ॉर्म डाउनलोड करें और हमारे ईमेल पर फ़ॉर्म को भेजें और भेजें • पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करें कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है? कोचिंग का नाम क्या रखे? इसे सुनेंरोकेंदोस्तों जब भी आप अपने किसी कोचिंग सें...

भोपाल: ‘पैरट’ की स्पेलिंग नहीं बताने पर ट्यूशन टीचर ने पांच साल की बच्ची का तोड़ा हाथ

भोपाल: ‘पैरट’ की स्पेलिंग नहीं बताने पर ट्यूशन टीचर ने पांच साल की बच्ची का तोड़ा हाथ भोपाल: ‘पैरट’ की स्पेलिंग नहीं बताने पर ट्यूशन टीचर ने पांच साल की बच्ची का तोड़ा हाथ By December 29, 2022 02:16 PM 2022-12-29T14:16:11+5:30 2022-12-29T14:20:10+5:30 हबीबगंज पुलिस थाना प्रभारी मनीष राज सिंह भदौरिया के मुताबिक, हबीबगंज इलाके में प्रयाग विश्वकर्मा नाम के एक ट्यूशन टीचर ने मंगलवार को ‘पैरट’ शब्द की स्पेलिंग नहीं बता पाने पर अपनी एक छात्रा का हाथ इतनी बुरी तरह से मरोड़ दिया कि उसका हाथ ही टूट गया। वहीं, गैर-सरकारी संगठन ‘चाइल्ड लाइन’ की संचालिका अर्चना सहाय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घटना में बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई है और उसके दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद बच्ची को भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसे बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। भदौरिया ने कहा कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता के परिवार की ओर से शिकायत मिलने के बाद हमने मंगलवार को ही आरोपी ट्यूशन टीचर को गिरफ्तार कर लिया था।’’ पुलिस के अनुसार, बच्ची के माता-पिता को अपनी बेटी को किसी अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाना है, इसलिए उन्होंने हबीबगंज इलाके में अपने घर के पास रहने वाले एक ट्यूटर के पास उसे ट्यूशन पढ़ने के लिए भेजा था, ताकि वह स्कूल द्वारा ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सके। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता रोज शाम को ट्यूटर के घर पर पढ़ने जाती थी। (कॉपी भाषा एजेंसी) Web Title: Bhopal: Tuition teache...

स्पेलिंग नहीं बता पाने पर ट्यूशन टीचर ने बच्ची का हाथ तोड़ा, मारे थप्पड़

भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में फिर एक ट्यूशन टीचर की हैवानियत सामने आई है। स्पेलिंग नहीं बता पाने पर ट्यूशन टीचर ने पीट-पीटकर पांच साल की बच्ची का हाथ तोड़ दिया। वह दर्द से करहाती रही लेकिन उसे कोई दया नहीं आई। वह फिर भी बच्ची को मारता रहा। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। ये भी पढ़ें- जानकारी के मुताबिक़, भानुप्रताप सिंह कुशवाहा परिवार के साथ रहते हैं और प्राइवेट जॉब करते हैं। उनकी बहन की 5 साल की बेटी प्रिया भी पढ़ाई के लिए उनके साथ ही रहती है। भानु ने बताया कि अगले सत्र में बच्ची का एडमिशन अच्छे स्कूल में कराना है। इसके लिए बच्ची को घर के पास ही रहने वाले टीचर प्रयाग विश्वकर्मा के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए भेज रहे थे। ये भी पढ़ें- 27 दिसंबर को भी रोज की तरह बच्ची ट्यूशन पढ़ने गई थी। शाम को बच्ची की मां ने भानु को कॉल कर बताया कि प्रयाग ने प्रिया को बेरहमी से मारा है। चेहरे और हाथ पर चोट के निशान हैं। भानु तुरंत ही घर पहुंचे। देखा तो बच्ची दर्द से कराह रही थी। उसे तुरंत ही पास के प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने एक्सरे कराया। इसमें उसके बाएं हाथ में फ्रेक्चर निकला। ये भी पढ़ें- बच्ची ने बताया कि टीचर ने पैरट की स्पेलिंग नहीं बताने पर पहले हाथ मरोड़ा, फिर गाल पर 6-7 थप्पड़ मारे। बच्ची रोते हुए घर आई। वह दर्द से चीख रही थी। टीचर पहले भी बच्चों को बेरहमी से पीट चुका है। भानु ने टीचर के खिलाफ पुलिस में श्हिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।