Tuglak vansh ka sansthapak kaun tha

  1. तुलसीदास की रचनाएं
  2. राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट
  3. Delhi Gk Tugalak Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha ? Gk Question Answers In Hindi
  4. वर्धन वंश का संस्थापक कौन था ?
  5. प्रमुख वंश के अंतिम शासक, राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट, Rajvansho Ke Antim Shasak Yaad Karne Ki Trick
  6. गुलाम वंश का संस्थापक कौन था ?
  7. Bihar Gk Tugalak Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha ? Gk Question Answers In Hindi
  8. तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) का इतिहास


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तुलसीदास की रचनाएं

तुलसीदास की रचनाएं, Tulsidas Ki Rachnaye तुलसीदास की रचनाएं तुलसीदास जी की रचनाएं कौन – कौन सी है ? दोस्तों भारतीय साहित्य के महाकवि तुलसीदास जी का नाम तो हर कोई जानता ही है। क्या आप जानते हैं तुलसीदास जी का जन्म किस काल में हुआ था? तुलसीदास जी के माता पिता का नाम क्या था? तुलसीदास जी का पूरा नाम क्या था और तुलसीदास जी के द्वारा कुल कितनी रचनाएं लिखी गई थी? इसके अलावा उनमें से प्रमुख रचनाएं कौन सी थी और तुलसीदास जी के गुरु कौन थे। आज के अपने इस आर्टिकल में हम बात करेंगे तुलसीदास जी की रचनाएं कौन – कौन सी है ? के बारे मेंइसलिए अगर आप भी महाकवि तुलसीदास की रचनाओं और उनके जीवन के बारे में जानना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिये काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े। तभी आप महाकवि तुलसीदास के बारे के सम्पूर्ण जानकारियां हासिल कर पाओगे। तुलसीदास जी का जीवन परिचय देखिएतुलसीदास जी का पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास जी था और इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता जी का नाम हुलसी था। इनका जन्म सरयूपारीण ब्राह्मण कुल में हुआ था। तुलसीदास जी का जन्म 1511 ई० में सोरों शूकरक्षेत्र नामक स्थान पर जिला कासगंज, राज्य उत्तर प्रदेश भारत में हुआ था। इनके बचपन का नाम रामबोला था। तुलसीदास जी के माता-पिता ने किसी कारणवश इनका त्याग करके इन्हें एक चुनियां नामक दासी के पास छोड़ दिया था। जब तुलसीदास जी मात्र साढ़े 5 वर्ष के थे तब चुनियां नमक दासी का भी देहांत हो गया, जिससे कि इनका कोई भी सहारा नहीं रहा ADVERTISEMENT और यह इधर-उधर भटकते हुए अनाथों की तरह बचपन जीने को मजबूर हो गए। लेकिन बाद में तुलसीदास जी ने दीक्षा प्राप्त कर महाकाव्य साहित्य रचनाएं की और उन में जान डाल दी। इसलिए आज ...

राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • नन्द वंश संस्थापक➠महापद्‌म या उग्रसेन अंतिम शासक ➠ धनानंद मौर्य वंश संस्थापक ➠ चंद्रगुप्त मौर्य अंतिम शासक ➠ बृहद्रथ गुप्त वंश संस्थापक ➠ चंद्रगुप्त प्रथम अंतिम शासक ➠ स्कंदगुप्त शुंग वंश संस्थापक ➠ पुष्यमित्र शुंग अंतिम शासक ➠ देवभूमि सातवाहन वंश संस्थापक ➠ सिमुक अंतिम शासक ➠ यज्ञ शातकर्णी (वातापी के) चालुक्य वंश संस्थापक➠ पुलकेशिन् प्रथम अंतिम शासक ➠ कीर्तीवर्मन चालुक्य चोल वंश संस्थापक ➠ विजयालय अंतिम शासक ➠ राजेंद्र तृतीय राष्ट्रकूट वंश संस्थापक ➠ दंतीदुर्ग अंतिम शासक ➠ इंद्र चतुर्थ सोलंकी वंश संस्थापक➠ मूलराज प्रथम गुलाम वंश संस्थापक ➠ कुतुबुद्दीन ऐबक अंतिम शासक ➠ मुइज़ुद्दिन क़ैकाबाद खिलजी वंश संस्थापक ➠ जलाल उद्दीन अंतिम शासक ➠ खुसरो खान तुगलक वंश संस्थापक ➠ गयासुद्दीन तुग़लक़ अंतिम शासक ➠ फिरोज शाह तुगलक लोदी वंश संस्थापक ➠ बहलोल लोधी अंतिम शासक ➠ इब्राहिम लोधी मुगल वंश संस्थापक ➠ बाबर अंतिम शासक ➠ बहादुर शाह द्वितीय अन्य पढ़ें :- भारत के प्रमुख दर्रे PDF in Hindi

Delhi Gk Tugalak Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha ? Gk Question Answers In Hindi

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वर्धन वंश का संस्थापक कौन था ?

वर्धन वंश का संस्थापक पुष्यभूति वर्धन था। वर्धन वंश को पुष्यभूति वंश भी कहा जाता है. वर्धन शासकों की राजधानी थानेश्वर थी जो वर्तमान में हरियाणा में कुरुक्षेत्र के समीप है। वर्धन वंश का प्रमुख शासक प्रभाकर वर्धन था। प्रभाकर वर्धन ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। राज्यवर्धन की मृत्यु के बाद 606 ई. में हर्षवर्धन थानेश्वर की राजगद्दी पर बैठा। हर्षवर्धन को शिलादित्य के नाम से भी जाना जाता है। हर्षवर्धन और पुलकेशिन द्वितीय के बीच नर्मदा नदी के तट पर हुआ जिसमें हर्षवर्धन की हार हुई और उसे पीछे हटना पड़ा। हर्षवर्धन के समय में ही प्रति पांचवें वर्ष एक समारोह का आयोजन किया जाता था जिसे महामोक्ष परिषद कहा जाता था। हर्षवर्धन एक महादानी राजा था। बाणभट्ट हर्षवर्धन का दरबारी कवि था जिसने हर्षचरित एवं कादंबरी की रचना की थी। हर्षवर्धन स्वयं एक उत्कृष्ट रचनाकार था जिसने प्रियदर्शिका, रत्नावली तथा नागानंद नामक तीन संस्कृत नाटकों की रचना की थी। हर्षवर्धन को भारत का अंतिम हिंदू सम्राट कहा जाता है।लेकिन वह कट्टर हिंदू नहीं था बल्कि सभी धर्मों का आदर करता था। हर्षवर्धन के बाद भारत में कई छोटे-छोटे राज्यों का उदय हुआ तथा मुसलमानों के आक्रमण भी प्रारंभ हो गए थे। हर्षवर्धन की मृत्यु 647 ई. में हुई थी। हर्षवर्धन के समय मथुरा सूती वस्त्रों के उत्पादन का केंद्र था।

प्रमुख वंश के अंतिम शासक, राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट, Rajvansho Ke Antim Shasak Yaad Karne Ki Trick

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गुलाम वंश का संस्थापक कौन था ?

गुलाम वंश प्रथम मुस्लिम राजवंश था जो मुहम्मद गोरी की भारत विजय के पश्चात भारत में स्थापित हुआ. गुलाम वंश को ममलूक वंश भी कहा जाता है. गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था। कुतुबुद्दीन ऐबक मध्यकालीन भारत में दिल्ली सल्तनत का पहला शासक एवं गुलाम वंश का संस्थापक था। 1192 में तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को पराजित करने के बाद अपने द्वारा जीते हुए उत्तर भारत के क्षेत्रों को मोहम्मद गोरी अपने एक योग्य गुलाम एवं सेनानायक कुतुबुद्दीन ऐबक के हवाले करके वापस चला गया।1206 में मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में गुलाम वंश की स्थापना की। वह केवल 4 वर्ष ही सुल्तान रहा। कुतुबुद्दीन ऐबक ने लाहौर को अपनी राजधानी बनाई। उसने कुतुब मीनार की नींव रखी तथा अजमेर में ढाई दिन का झोपड़ा बनवाया। 1206 में उसने अपना राज्याभिषेक करवाया लेकिन सुल्तान की उपाधि धारण नहीं की। इसका कारण था दरबार के अन्य गुलाम सरदारों का उससे ईर्ष्या करना। अपनी मृत्यु के पूर्व मोहम्मद गोरी ने अपने उत्तराधिकारी के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा था। वह तुर्क दासों पर अधिक विश्वास करता था।मुहम्मद गौरी ने ऐबक को मलिक की उपाधि प्रदान की लेकिन उसे सभी गुलाम सरदारों का प्रमुख बनाने का निश्चय नहीं किया था। कुतुबुद्दीन ऐबक ने विषम परिस्थितियों में कुशलतापूर्वक काम किया और दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक बना। गौरी के जीते हुए प्रदेशों का सूबेदार बनने से लेकर अपनी मृत्यु तक कुतुबुद्दीन ऐबक विद्रोह और युद्ध में ही व्यस्त रहा। ऐबक ने गोरी के सहायक के रूप में कई सैन्य अभियानों में हिस्सा लेकर अपनी योग्यता का परिचय दे दिया था। इसी बात से प्रसन्न होकर गोरी ने उसे इन क्षेत्रों का सूबेदार नियुक्त कर दिया था...

Bihar Gk Tugalak Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha ? Gk Question Answers In Hindi

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तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) का इतिहास

tughlaq dynasty तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) के शासक और तुगलक वंश के इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य, तुगलक वंश के शासक एवं उनका कार्यकाल, Tuglak vansh short trick, Firoz tughlaq, गयासुद्दीन तुगलक (Ghiyasuddin Tughlaq), मोहम्मद बिन तुगलक एवं फिरोज तुगलक का उत्तराधिकारी। Tuglak vansh in hindi pdf, Tuglak vansh notes in hindi, tuglak vansh ka sansthapak kon tha. 5 सितंबर 1320 ईस्वी को खुसरो खां को पराजित करके गाजी मलिक या तुगलक गाजी गयासुद्दीन तुगलक के नाम से 8 सितंबर 1320 ईसवी को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। गयासुद्दीन तुगलक ने करीब twenty nineबार मंगोल आक्रमण को विफल किया था। गयासुद्दीन तुगलक ने अलाउद्दीन के समय में लिए गए अमीरों की भूमि को पुनः वापस लौटा दिया था तथा गयासुद्दीन तुगलक ने सिंचाई के लिए नहरों एवं कुँए का निर्माण करवाया था। संभवतः नहरों का निर्माण करने वाला गयासुद्दीन तुगलक प्रथम शासक था। गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नाम का एक नया नगर स्थापित किया। रोमन शैली में निर्मित इस नगर में एक दुर्ग का निर्माण भी हुआ। इस दुर्ग को छप्पनकोट के नाम से भी जाना जाता है। तुगलक वंश के शासक और उनका कार्यकाल- (The ruler of the Tughlaq dynasty and his tenure) गयासुद्दीन तुगलक (1320 ईस्वी - 1325 ईस्वी ) मुहम्मद बिन तुगलक (1325 ईस्वी - 1351 ईस्वी ) फिरोज तुगलक (1351 ईस्वी - 1388 ईस्वी ) गयासुद्दीन तुगलक दिवतीय (1388 ईस्वी - 1389 ईस्वी) अबू बक्र (1389 ईस्वी-1390 ईस्वी ) मुहम्मद (1390 ईस्वी - 1394 ईस्वी ) हुमायूं (1394 ईस्वी - 1395 ईस्वी ) नसीरुद्दीन महमूद (1395 ईस्वी -1414 ईस्वी ) गयासुद्दीन तुगलक का पिता बलबन के समय हिंदुस्तान आया था और उसने पंजाब ...