तुलसी विवाह रंगोली डिजाइन

  1. Tulsi Vivah
  2. तुलसी विवाह पौराणिक कथा
  3. Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह के पर्व को मनमोहक रंगोली से बनाएं बेहद खास, देखें लेटेस्ट डिजाइन्स (Watch Videos)
  4. Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह पर बनाएं रंगोली के यें डिजाइन, Make these designs of Rangoli on Tulsi Vivah.


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Tulsi Vivah

वैसे तो संसार की सभी सभ्यताओं में प्रकृति को पूजनीय माना जाता है, किंतु भारत में विशेष रूप से हिंदू धर्म में पौधों एवं पेड़ों को पवित्र देवी देवता का दर्जा दिया जाता है। इन्हीं में से एक है तुलसी का पौधा जो न केवल अपने औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण स्थान रखता है, अपितु उसकी नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की शक्ति उसे पवित्रता का प्रतीक भी बनाती है। तुलसी को हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय पौधे के रूप में स्थान दिया गया है, क्योंकि मान्यता अनुसार उसे देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। दीपावली के त्यौहार की श्रृंखला के अंतर्गत ही तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) का आयोजन किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्यारस या देव उठनी एकादशी को तुलसी विवाह के साथ हिन्दू विवाह की शुरुआत हो जाती है। तुलसी जी एवं शालिग्राम का विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार चार माह से सोये हुए देव इसी दिन जागते है, तथा शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। तुलसी को लाल रंग की साड़ी या चुनरी पहनाई जाती हैं। उनकी शाखाओं को लाल-हरी चूड़ियाँ, कुमकुम एवंलाल बिंदी से सुशोभित किया जाता हैं। देवी का मंगलसूत्र सूखी हल्दी की जड़ से बनाया जाता है। महिलाएं भगवान कृष्ण की उपस्थिति मानकर फूलों एवं दूध से तुलसी की पूजा करती हैं। तुलसी विवाह हिंदुओं के लिए एक बहुत ही शुभ त्योहार है। इस त्यौहार को भारत में कटाई के मौसम का अंत एवं विवाह के मौसम की शुरुआत माना जाता है। तुलसी विवाह में गन्ना, इमली एवं आंवला जैसी चीज़ों को शामिल किया जाता है। Table of Contents • • • • Myths about Tulsi Vivah | तुलसी विवाह का महत्व तुलसी विवाह का उत्सव भारतीय हिन्दुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान...

तुलसी विवाह पौराणिक कथा

Read in English एक बार शिव ने अपने तेज को समुद्र में फैंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। इसकी राजधानी का नाम जालंधर नगरी था। दैत्यराज कालनेमी की कन्या वृंदा का विवाह जालंधर से हुआ। जालंधर महाराक्षस था। अपनी सत्ता के मद में चूर उसने माता लक्ष्मी को पाने की कामना से युद्ध किया, परंतु समुद्र से ही उत्पन्न होने के कारण माता लक्ष्मी ने उसे अपने भाई के रूप में स्वीकार किया। वहाँ से पराजित होकर वह देवी पार्वती को पाने की लालसा से कैलाश पर्वत पर गया। भगवान देवाधिदेव शिव का ही रूप धर कर माता पार्वती के समीप गया, परंतु माँ ने अपने योगबल से उसे तुरंत पहचान लिया तथा वहाँ से अंतर्ध्यान हो गईं। देवी पार्वती ने क्रुद्ध होकर सारा वृतांत भगवान विष्णु को सुनाया। जालंधर की पत्नी वृंदा अत्यन्त पतिव्रता स्त्री थी। उसी के पतिव्रत धर्म की शक्ति से जालंधर न तो मारा जाता था और न ही पराजित होता था। इसीलिए जालंधर का नाश करने के लिए वृंदा के पतिव्रत धर्म को भंग करना बहुत आवश्यक था। इसी कारण भगवान विष्णु ऋषि का वेश धारण कर वन में जा पहुँचे, जहाँ वृंदा अकेली भ्रमण कर रही थीं। भगवान के साथ दो मायावी राक्षस भी थे, जिन्हें देखकर वृंदा भयभीत हो गईं। ऋषि ने वृंदा के सामने पल में दोनों को भस्म कर दिया। उनकी शक्ति देखकर वृंदा ने कैलाश पर्वत पर महादेव के साथ युद्ध कर रहे अपने पति जालंधर के बारे में पूछा। ऋषि ने अपने माया जाल से दो वानर प्रकट किए। एक वानर के हाथ में जालंधर का सिर था तथा दूसरे के हाथ में धड़। अपने पति की यह दशा देखकर वृंदा मूर्छित हो कर गिर पड़ीं। होश में आने पर उन्होंने ऋषि रूपी भगवान से विनती की कि वह उसके पति को जीवित ...

Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह के पर्व को मनमोहक रंगोली से बनाएं बेहद खास, देखें लेटेस्ट डिजाइन्स (Watch Videos)

Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह के पर्व को मनमोहक रंगोली से बनाएं बेहद खास, देखें लेटेस्ट डिजाइन्स (Watch Videos) अगर आप तुलसी विवाह के पर्व को मना रहे हैं तो ऐसे में रंगोली के डिजाइन बनाकर इसकी शुभता बढ़ा सकते हैं, इसलिए हम लेकर आए हैं तुलसी पूजा, तुलसी विवाह स्पेशल रंगोली डिजाइन्स, जिन्हें आप ट्यूटोरियल वीडियोज की मदद से आसानी से बना सकते हैं. Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी के पौधे (Tulsi) को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है, इसलिए अधिकांश घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है और नियमित रूप से उसकी पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में तुलसी को भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पत्नी देवी लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के रूप में पूजा जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के दिन या उसके बाद तुलसी का शालिग्राम (Shaligram) से विवाह कराया जाता है, जिसे तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के नाम से जाना जाता है. इस साल तुलसी विवाह का पर्व 5 नवंबर 2022 को मनाया जा रहा है. इस खास अवसर पर लोग धूमधाम से तुलसी का शालिग्राम से विवाह कराते हैं और इस पर्व की शुभता बढ़ाने के लिए खूबसूरत रंगोली डिजाइन बनाए जाते हैं. अगर आप तुलसी विवाह के पर्व को मना रहे हैं तो ऐसे में रंगोली के डिजाइन बनाकर इसकी शुभता बढ़ा सकते हैं, इसलिए हम लेकर आए हैं तुलसी पूजा, तुलसी विवाह स्पेशल रंगोली डिजाइन्स, जिन्हें आप ट्यूटोरियल वीडियोज की मदद से आसानी से बना सकते हैं. यह भी पढ़ें: तुलसी विवाह रंगोली डिजाइन तुलसी विवाह आसान रंगोली डिजाइन तुलसी विवाह स्पेशल रंगोली यह भी पढ़ें: तुलसी विवाह कलात्मक रंगोली गौरतलब है कि तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और रीति-रिवाज...

Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह पर बनाएं रंगोली के यें डिजाइन, Make these designs of Rangoli on Tulsi Vivah.

Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है, अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की सुबह पूजा की जाती हैं. तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवउठनी एकादशी के बाद तुलसी का शालिग्राम से विवाह कराया जाता है, जिसे मान्यता है कि भगवान विष्णु इस तिथि को चार माह की योग निद्रा के बाद जाग्रत होते हैं. इस दिन से विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं. इस खास अवसर पर लोग अपने घर में रंगोली डिजाइन बनाते हैं, ऐसे में हम आपके लिए रंगोली के डिजाइन लेकर आए हैं. Tulsi Vivah 2022 Rangoli Designs: तुलसी विवाह पर बनाएं ये रंगोली डिजाइन •