तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ

  1. तुलसीदास का जीवन परिचय एवं रचनाएँ ।Tulsi Das ka Jeevan Parichay Rachnayen
  2. तुलसीदास का जीवन परिचय (बचपन, माता
  3. तुलसीदास की बेहतरीन कविताएं और चर्चित रचनाएं जानिए यहां
  4. तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ


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तुलसीदास का जीवन परिचय एवं रचनाएँ ।Tulsi Das ka Jeevan Parichay Rachnayen

तुलसीदास का जीवन परिचय एवं रचनाएँ नाम - तुलसीदास , बचपन का नाम - राम बोला जन्म - 1532 ई. , 1589 विक्रम संवत् स्थान कस्बा राजापुर जिला बांदा (उ.प्र.) निधन - संवत् 1680 पिता- आत्माराम माता - हुलसी बाई पत्नी - रत्नवाली रचनाएँ - • रामचरित मानस • गीतावली • दोहावली • कवितावली • विनय पत्रिका • पार्वती मंगल • कृष्ण गीतावली तुलसीदास के बारे में -गोस्वामी तुलसीदासजी का जीवन चरित्र • गोस्वामी तुलसीदासजी के जीवन चरित्र का सबसे प्रमाणिक रूप अंतसाक्ष्य के आधार पर ही दिया जा सकता है। उनके जीवन से संबंधित अनेक उक्तियाँ उनकी रचनाओं में मिलती हैं जो उनके जीवन संबंधी तथ्यों को प्रमाणित करती हैं। • गोस्वामीजी का जन्म 1532 ई. में. अर्थात् 1589 विक्रम संवत् में कस्बा राजापुर (जिला-बाँदा) में हुआ था। • तुलसीदासजी के पिता का नाम पंडित आत्माराम था और माता का नाम हुलसी था। • यद्यपि पिता का नामोल्लेख इनकी किसी भी कृति में नहीं मिलता परन्तु माता का उल्लेख इनकी कृतियों में मिलता है- ‘ रामहि प्रिय पावन तुलसी सी। तुलसीदास हितहिय हुलसी सी। इसका स्पष्ट अर्थ है कि रामकथा , तुलसी के लिए माता हुलसी के हृदय समान के है। • अनेक बाहरी साक्ष्यों में भी तुलसीदासजी की माता का नाम हुलसी मिलता है। • इनके विषय में एक प्रसिद्ध जनश्रुति यह भी है कि ये अभुक्त मूल नक्षत्र में पैदा हुए थे। अत: इनके ज्योतिषाचार्य पिता आत्माराम इन्हें जन्मते ही अशुभ मानकर दासी के हवाले कर दिया। इनको जन्म देते समय प्रसव पीड़ा से इनकी माता का देहांत हो जाने पर इनके पिता का क्रोध और भी स्वाभाविक हो गया । • तुलसीदास के बचपन का नाम रामबोला था। कतिपय जीवनियों और जनश्रुतियों के अनुसार जन्म लेते ही उन्होंने राम नाम का उच्चारण किया था , इसीलिए इनका न...

तुलसीदास का जीवन परिचय (बचपन, माता

विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • तुलसी दास का जीवनी एक नजर में नाम गोस्वामी तुलसी दास उपनाम रामबोला जन्म 1511 ई. (संवत् 1589), राजापुर, चित्रकूट जिला मृत्यु 1623 ई. (संवत् 1680),112 वर्ष में, अस्सी घाट शिक्षा वेद, पुराण एवं उपनिषदों की शिक्षा माता-पिता माता-हुलसी पिता-आत्मा राम दुबे पत्नी पुत्र ज्ञात नहीं धर्म हिन्दू गुरू नर हरिदास पेशा संत और कवि प्रसिद्ध रचनाएं रामचरितमानस, हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक आदि तुलसीदास का बचपन और माता-पिता गोस्वामी तुलसी दास के जन्म के बारे अभी मतभेद है। लेकिन कई विद्वानों का मानना है कि तुलसीदास का जन्म 1511 ई. (संवत् 1589) को उतरप्रदेश के चित्रकूट जिले के राजापुर में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्मा राम दुबे और माता का नाम हुलसी था। तुलसीदास के बचपन का नाम रामबोला था। जब तुलसीदास का जन्म हुआ तब रोने की बजाय इनके मुख से सबसे पहले राम का नाम ही निकला था, इसलिए इनका बचपन से ही नाम रामबोला रख लिया गया। इनका जन्म 32 दांतों के साथ ही हुआ था। हर नवजात शिशु अपनी की कोख में 9 महीने तक रहता है, लेकिन तुलसीदास 12 महीने तक अपनी मां की कोख में रहे। तुलसी दास जी के जीवन को लेकर एक दोहा प्रसिद्ध है, जो यहां दे रहे हैं: पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर। श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी धरयो शरीर।। कई विद्वान यह दावा करते हैं कि वो पराशर गोत्र के एक सारूपरेण ब्राहमण थे और कुछ का मानना है कि ये कन्याकुब्जा या संध्याय ब्राहमण थे। तुलसीदास के जन्म ज्योतिषियों ने बताया कि उनके जन्म का समय अशुभ है। जन्म के दूसरे ही दिन उनकी माता इस दुनिया से चली गई और इनके पिता ने सन्यास ग्रहण कर लिया। लेकिन उनके पिता ने सन्यास धारण करने से पहले उन्होंने तुलसी दास को चुन...

तुलसीदास की बेहतरीन कविताएं और चर्चित रचनाएं जानिए यहां

गोस्वामी तुलसीदास का नाम महान कवियों में आता है। तुलसीदास की रचनाएँ, तुलसीदास कविताएँ, तुलसीदास की कविता, तुलसीदास की छोटी कविताएँ, दोहे हर उम्र के व्यक्ति, मुश्किल हालातों और समय में लोगों को अपना जीवन जीने की एक बेहतर प्रेरणा देती हैं। उनके द्वारा लिखी गई हर एक लाइन आपके कठिन समय से आपको आगे बढ़ाने का प्रयास करती है। तो चलिए इस ब्लॉग के जरिए Tulsidas poems in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं। Courtesy: Wikipedia तुलसीदास जी का जीवन परिचय तुलसीदास जी का जन्म सन् 1532 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के छोटे से गांव राजापुर में हुआ था। कुछ लोग उनका जन्म स्थान सोरों (जिला – एटा) भी मानते हैं। बचपन में ही तुलसीदास जी का उनके माता-पिता से बिछोह हो गया इसलिए तुलसीदास जी का जीवन बहुत ही संघर्षमय था। यह माना जाता है कि उन्हें रामभक्ति का मार्ग गुरु कृपा से मिला। तुलसीदास जी मानव मूल्यों के एक उपासक कवि थे। तुलसीदास जी राम जी के भक्त थे और रामचरितमानस उनकी इस अतुलनीय भक्ति का उदाहरण है । वे राम को मानवीय मर्यादा और आदर्शों के प्रतीक मानते थे जिसके माध्यम से तुलसीदास जी ने स्नेह, त्याग, नीति, वीनम्रता, शील जैसे कई और आदर्शों का बखान किया है। उत्तरी भारत की जनता के मध्य बहुत रामचरितमानस बहुत प्रचलित है । राम चरित्र मानस के अलावा उनकी कई और प्रमुख रचनाएं हैं जैसे कवितावली, गीतावली, दोहावली, कृष्णगीतावली, विनयपत्रिका आदि। तुलसीदास जी का अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं में ही समान अधिकार था। 1632 में काशी में उनकी मृत्यु हो गई। रामचरितमानस की रचना अवधि में थी वहीं कवितावली और विनयपत्रिका की रचना ब्रज भाषा में । उस समय प्रचलित सभी काव्यों को आप तुलसीदास की रचनाओं में देख सकते हैं। तुलसीद...

तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ

इस आर्टिकल में हम तुलसीदास जी के जीवन परिचय को एकदम विस्तार से देखेंगे। यह जीवनी कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिये बेहद ही महत्वपूर्ण है, क्योकी तुलसीदास का जीवन परिचय कक्षा 10, 11 और 12 के हिन्दी के परीक्षा में लिखने को जरुर आता है। इसलिए यदि आप कक्षा 9 से 12 तक के किसी भी क्लास के छात्र है। तो इस तुलसीदास की जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े, ताकी अगर आपके हिन्दी के परीक्षा में तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ लिखने का प्रश्न आये, तो आप उस प्रश्न को असानी से कर सके। तुलसीदास का जीवन परिचय बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, क्योकी बोर्ड की परीक्षा में " तुलसीदास का साहित्यिक जीवन परिचय एवं इनकी रचनाएँ लिखें" ऐसे प्रश्न के आने की काफी ज्यादा संभावना होती है। इसलिए यदि आप बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे है, तो इस जीवनी को आप जरुर याद करे, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है। आपको बता दे को, यह जीवनी न केवल बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिये ही उपयोगी है, बल्की जो छात्र प्रतियोगीता परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिये भी यह जीवनी समान रूप से उपयोगी है। क्योकी बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं में तुलसीदास जी के जीवन से सम्बंधित काफी सारे प्रश्न पुछे जाते है, ऐसे में यदि आप उन छात्रों में से है जो इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो आप भी इस तुलसीदास की जीवन को अच्छे से जरुर पढ़े। यहा इस लेख में हम तुलसीदास जी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो, आपके बोर्ड की परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते हैं जैसे की- तुलसीदास का जन्म कब और ...