उड़ने और खिलने का कविता से क्या संबंध बनता है

  1. प्रश्न 1 उड़ने और खेलने का कविता से क्या संबंध है कविता के बहाने कविता के आधार पर बढ़ाइए?
  2. [SOLVED] ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है जिस प्
  3. उड़ने और Khilne का कविता से क्या संबंध बनता है?
  4. कुँवर नारायण – डॉ. नीरज दइया
  5. Kavita Ke Bahane Class 12 Question Answer
  6. उड़ने और खेलने का कवि से क्या संबंध है?
  7. उड़ने और खिलने का कविता से क्या संबंध बनता है


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प्रश्न 1 उड़ने और खेलने का कविता से क्या संबंध है कविता के बहाने कविता के आधार पर बढ़ाइए?

Table of Contents Show • • • • पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास कविता के साथ प्रश्न 1. इस कविता के बहाने बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने क्या है? (CBSE-2009, 2015) उत्तर: इसका अर्थ है-भेदभाव, अंतर व अलगाववाद को समाप्त करके सभी को एक जैसा समझना। जिस प्रकार बच्चे खेलते समय धर्म, जाति, संप्रदाय, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब आदि का भेद नहीं करते, उसी प्रकार कविता को भी किसी एक वाद या सिद्धांत या वर्ग विशेष की अभिव्यक्ति नहीं करनी चाहिए। कविता शब्दों का खेल है। कविता का कार्य समाज में एकता लाना है। प्रश्न 2. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है? अथवा ‘कविता के बहाने उसकी उड़ान और उसके खिलने का आशय स्पष्ट कीजिए। (CBSE-2014, 2016) उत्तर: कवि ने बताया कि चिड़िया एक जगह से दूसरी जगह उड़ती है। इसी प्रकार कविता भी हर जगह पहुँचती है। उसमें कल्पना की उड़ान होती है। कवि फूल खिलने की बात करता है। दूसरे शब्दों में, कविता का आधार प्राकृतिक वस्तुएँ हैं। वह लोगों को अपनी रचनाओं से मुग्ध करती है। प्रश्न 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं? (CBSE-2015) उत्तर: कविता और बच्चों के क्रीड़ा-क्षेत्र का स्थान व्यापक होता है। बच्चे खेलते-कूदते समय काल, जाति, धर्म, संप्रदाय आदि का ध्यान नहीं रखते। वे हर जगह, हर समय व हर तरीके से खेल सकते हैं। उन पर कोई सीमा का बंधन नहीं होता। कविता भी शब्दों का खेल है। शब्दों के इस खेल में जड़, चेतन, अतीत, वर्तमान और भविष्य आदि उपकरण मात्र हैं। इनमें नि:स्वार्थता होती है। बच्चों के सपने असीम होते हैं, इसी तरह कवि की कल्पना की भी कोई सीमा नहीं होती। प्रश्न 4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने क्या होते हैं। उत्तर: कवि कहता है कि ...

[SOLVED] ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है जिस प्

SOLUTION जिस प्रकार चिड़िया नीलगगन में उड़ान भरती है , उसी प्रकार कविता भी कवि की कल्पना के पंखों के सहारे उड़ान भरती है। लेकिन इन दोनों उड़ानों में एक अंतर होता है | चिड़िया की उड़ान एक स्थान एवं समय तक ही सीमित होती है , जबकि कविता में कवि की कल्पना की उड़ान पर देश-काल का कोई प्रतिबंध नहीं होता | इसीलिए कहा गया है- जहाँ न पहुँचे रवि , वहाँ पहुँचे कवि। जिस प्रकार फूल खिलकर लोगों को सुगंध बाँटता है और अपने सौंदर्य से आनंद प्रदान करता है , उसी प्रकार कविता भी कवि के हृदय में खिलती है और फिर अपने कोमल भावों से संसार को आनंदित करती है | किंतु फूलों का खिलना एक निश्चित समय सीमा के लिए ही होता है और उसके पश्चात् वह मुरझा जाता है | लेकिन कविता एक बार खिलने के पश्चात् फिर फिर विनष्ट नहीं होती | वह नित नूतन अर्थ ग्रहण कर विकसित होती रहती है |

उड़ने और Khilne का कविता से क्या संबंध बनता है?

Table of Contents Show • • • • • Question 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध बनता है? Solution पक्षी आकाश में उड़ते हैं तथा फूल जगह-जगह खिलते हैं। कविता में पक्षियों के समान उड़ने की तथा फूल के समान खिलने की विशेषता होती है। लेकिन ये विशेषताएँ उसे किसी सीमा में नहीं बाँधती। ये विशेषताएँ उसे गहराई तथा व्यापकता देती है। पक्षी एक समय तक ही उड़ सकते हैं तथा फूल खिलकर समाप्त हो जाते हैं लेकिन कविता में ऐसा नहीं होता है। वह अपने निर्माण के साथ ही उड़ान भरती है और सदियों तक इस उड़ान को कायम रखती है, वह फूल के समान स्वरूप पाकर खिलती है। उसका खिलना एक समय के लिए नहीं होता बल्कि वह भी सदियों तक खिलकर लोगों के हृदय को आनंदित करती है। इसलिए 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से गहरा संबंध बनता है। चिड़िया उड़ती है और फूल खिलता है। इसी प्रकार कविता कल्पना की उड़ान भरती है और फूल की तरह खिलती अर्थात् विकसित होती है। इस प्रकार दोनों में गहरा संबंध है। इसके बावजूद चिड़िया के उड़ने की सीमा है और फूल का खिलना उसे परिणति की और ले जाता है जबकि कविता के साथ ऐसा कोई बंधन नहीं है। खेलने की कविता से क्या संबंध है? जिस प्रकार बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का स्थान नहीं होता, उसी प्रकार कविता में कोई बंधन नहीं होता। कविता शब्दों का खेल है। जहाँ रचनात्मक ऊर्जा होती है वहाँ सभी प्रकार की सीमाओं के बंधन स्वयं टूट जाते हैं। बच्चे खेल-खेल में अपने-पराए घर की सीमाएँ नहीं जानते। कविता में उड़ान क्यों दिखाई गई है? कवि ने कविता की उड़ान को चिड़िया की उड़ान के समानान्तर क्यों बताया है? उत्तर: जिस प्रकार चिड़िया की उड़ान की कोई सीमा नहीं, वह किस दिशा में कब उड़ने लगे, उड़ती-उड़ती वह कहाँ चली जाय। उसकी...

कुँवर नारायण – डॉ. नीरज दइया

1. इस कविता के बहाने बताएँ कि ‘ सब घर एक कर देने के माने ‘ क्या है ? उत्तर:- बच्चे खेल-खेल में अपनी सीमा, अपने-परायों का भेद भूल जाते हैं। उसी प्रकार कविता भी शब्दों का खेल है अतः कवि को कविता करते वक्त अपने-पराये या वर्ग विशेष का भेद भूलकर लोक हित में कविता लिखनी चाहिए। 2. ‘ उड़ने ‘ और ‘ खिलने ‘ का कविता से क्या संबंध बनता है ? उत्तर:- पंछी की उड़ान और कवि की कल्पना की उड़ान दोनों दूर तक जाती हैं। कवि की कविता में कल्पना की उड़ान होती है। इसीलिए कहा गया है – ‘जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि’ जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुगंध एवं सौंदर्य से लोगों को आनंद प्रदान करता है उसी प्रकार कविता सदैव खिली रहकर लोगों को उसका रसपान कराती है। 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं ? उत्तर:- कविता और बच्चे दोनों अपने स्वभाव वश खेलते हैं। खेल-खेल में वे अपनी सीमा, अपने-परायों का भेद भूल जाते हैं। जिस प्रकार एक शरारती बच्चा किसी की पकड़ में नहीं आता उसी प्रकार कविता में एक उलझा दी गई बात तमाम कोशिशों के बावजूद समझने के योग्य नहीं रह जाती चाहे उसके लिए कितने प्रयास किए जाय, वह एक शरारती बच्चे की तरह हाथों से फिसल जाती है। 4. कविता के संदर्भ में ‘ बिना मुरझाए महकने के माने ‘ क्या होते हैं ? उत्तर:- कविता कालजयी होती है उसका मूल्य शाश्वत होता है जबकि फूल बहुत जल्दी मुरझा जाते हैं। 5. ‘ भाषा को सहूलियत ‘ से बरतने से क्या अभिप्राय है ? उत्तर:- ‘भाषा को सहूलियत’ से बरतने का आशय है – सीधी, सरल एवं सटीक भाषा के प्रयोग से है। 6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं , किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में ‘ सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है ‘ कैसे ? उत्तर:- बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, क...

Kavita Ke Bahane Class 12 Question Answer

ठीक उसी प्रकार कविता में भी कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। कवि बच्चे की तरह संपूर्ण समाज को देखना चाहते हैं। इसलिए वह सभी प्रकार की सीमा को खत्म कर देने की बात कहते हैं। कविता के बहाने प्रश्न 2. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है? कविता के बहाने उत्तर- ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से संबंध कुछ इस प्रकार है- चिड़िया एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़ती है। फूल खिलता है और शाम तक अपनी खुशबू बिखेर कर मुरझा जाता है। मगर फूल और चिड़िया के उड़ने एवं खिलने में एक सीमा रहती है। कवि कहते हैं कि कविता में भी एक पंख होता है, जिसके माध्यम से कविता अपनी उड़ान भरती हैं। फूल की खुशबू की तरह कविता भी काव्यों के माध्यम से खुशबू फैलाती हैं। मगर यह खुशबू फूल की खुशबू की तरह एक समय तक सीमित नहीं रहती है। कविता के बहाने प्रश्न 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं? कविता के बहाने उत्तर- कविता और बच्चों को एक समान कहने के पीछे कवि का तात्पर्य यह है कि बच्चे भी रंग भेद, जाति भेद यह सब नहीं करते हैं और जब वह खेलते हैं, तो सबको साथ में लेकर खेलते हैं। ठीक उसी प्रकार कविता है, जो बिना किसी भेद-भाव के सभी को अपनी कविता में स्थान देती है। जिस तरह कवि बिना किसी सीमा में बंधे हुए कविता की रचना करता है। ठीक उसी प्रकार बच्चे भी बिना कुछ सोचे बिना किसी सीमा निर्धारण के सभी को साथ में लेकर आगे बढ़ते और खेलते हैं। कविता के बहाने प्रश्न 4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने क्या होते हैं। कविता के बहाने उत्तर- फूल कुछ समय हमें अपनी खुशबू और सुंदरता से आकर्षित करता है। लेकिन बाद में मुरझा जाता है। और ऐसे ही धीरे-धीरे फूल की कोमल पत्तियाँ सूखकर बिखर जाती हैं। लेकिन कविता ...

उड़ने और खेलने का कवि से क्या संबंध है?

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उड़ने और खिलने का कविता से क्या संबंध बनता है

चिड़िया उड़ती है और फूल खिलता है। इसी प्रकार कविता कल्पना की उड़ान भरती है और फूल की तरह खिलती अर्थात् विकसित होती है। इस प्रकार दोनों में गहरा संबंध है। इसके बावजूद चिड़िया के उड़ने की सीमा है और फूल का खिलना उसे परिणति की और ले जाता है जबकि कविता के साथ ऐसा कोई बंधन नहीं है। कवि फूल की तरह खिलकर और चिड़िया की तरह उड़ान भरकर कविता को व्यापकता प्रदान करता है। ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है? चिड़िया उड़ती है और फूल खिलता है। इसी प्रकार कविता कल्पना की उड़ान भरती है और फूल की तरह खिलती अर्थात् विकसित होती है। इस प्रकार दोनों में गहरा संबंध है। इसके बावजूद चिड़िया के उड़ने की सीमा है और फूल का खिलना उसे परिणति की और ले जाता है जबकि कविता के साथ ऐसा कोई बंधन नहीं है। कवि फूल की तरह खिलकर और चिड़िया की तरह उड़ान भरकर कविता को व्यापकता प्रदान करता है। 519 Views बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें - A. बात की चूड़ी मर जाना (i) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना B. बात की पेंच खोलना (ii) बात का पकड़ में न आना C. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iii) बात का प्रभावहीन हो जाना D. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iv) बात में कसावट का न होना E. बात का बन जाना (v) बात को सहज और स्पष्ट करना A. बात की चूड़ी मर जाना (i) बात का प्रभावहीन हो जाना B. बात की पेंच खोलना (ii) बात को सहज और स्पष्ट करना C. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iii) बात का पकड़ में न आना D. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iv) बात में कसावट का न होना E. बात का बन जाना (v) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना 381 Views चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर...