उज्जैन का किंग कौन

  1. उज्जैन में कौन सी नदी बहती है?
  2. [Solved] "उज्जैन" के बारे में निम्नलिखित में से कौन �
  3. Ujjain Ka King Kaun Hai
  4. Ujjains Mahakal Mahakaleshwar Temple 6 Statues Destroyed Abpp
  5. जानिये आखिर कैसे हुई उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति? – Buy Spiritual Products
  6. उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के साथ उस रात क्या हुआ था


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उज्जैन में कौन सी नदी बहती है?

उज्जैन में क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी बहती है। क्षिप्रा वास्तव में चंबल नदी की सहायक नदी है और भारत की पवित्र नदियों में एक है। उज्जैन में कुंभ का मेला इसी नदी के किनारे लगता है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वरम् भी यहां ही है। यह इंदौर एवं देवास के मध्य क्षिप्रा नामक स्थान से निकलती है जो 196 किलोमीटर बहने के बाद चंबल में मिल जाती है। मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर उज्जैन क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है। इसके प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। यह प्राचीन शहर कभी विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। जिसे कालिदास की नगरी नाम से भी जाना जाता है। देश भर में चार स्थानों पर कुंभ का आयोजन किया जाता है। प्रयाग, नासिक, हरिद्धार और उज्जैन में लगने वाले कुंभ मेलों के उज्जैन में आयोजित आस्था के इस पर्व को सिंहस्थ के नाम से पुकारा जाता है। उज्जैन में मेष राशि में सूर्य और सिंह राशि में गुरु के आने पर यहाँ महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे सिहस्थ के नाम से देशभर में पुकारा जाता है। इस तरह यहां हर 12 साल बाद महाकुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है। उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर से 45 किमी दूरी पर स्थित है। Tags :

[Solved] "उज्जैन" के बारे में निम्नलिखित में से कौन �

सही उत्तर न तो 1 है और न ही 2। उज्जैन - • उज्जैन एक भारतीय राज्य है जो मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। • यह शहर क्षिप्रा नदी के पास स्थित है। • यह मध्य भारत के मालवा पठार पर स्थित एक शहर है। • यह राज्य का पाँचवाँ सबसे बड़ा शहर है। • उज्जैन में प्रसिद्ध "कुंभ मेला" उत्सव भी हर 12 साल में होता है। • यह शहर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है । • यह सोलह महाजनपदों में से एक, प्राचीन अवंती साम्राज्य की राजधानी भी थी। • यह भारत के उन पांच स्थानों में से एक है जहाँ जंतर मंतर स्थित है। नोट - उज्जैन को भारत के ग्रीनविच या पृथ्वी की नाभि के रूप में भी जाना जाता है। - यह इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह स्थित है जहां कैंसर का ट्रॉपिक और देशांतर के प्रतिच्छेदन के शून्य मध्याह्न। Imp- लक्ष्मी नारायण मंदिर भोपाल में स्थित है।

Ujjain Ka King Kaun Hai

अनुक्रम • • ujjain ka king kaun hai दुर्लभ कश्यप नाम के शख्स को उज्जैन का किंग माना जाता हैं. वैसे तो यह शख्स आज की तारीख में मौजूद नहीं हैं. महज 20 वर्ष की आयु में दुर्लभ कश्यप की मृत्यु हो गई थी. वह महज 20 वर्ष की आयु में अपराध की दुनिया का बहुत बड़ा चेहरा बन गया था. इसके दुश्मन काफी बढ़ जाने की वजह से उन्होंने ही उसे मौत के मुंह में धकेल दिया था. भले ही आज के समय में दुर्लभ कश्यप जीवित नहीं हैं. लेकिन आज भी दुर्लभ के नाम की गैंग उज्जैन में चल रही हैं. महज 16 वर्ष की आयु में दुर्लभ ने अपराध की दुनिया में अपने कदम रखे थे. और 20 साल की उम्र तक तो उज्जैन का किंग और अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था. इसने उज्जैन में अपने नाम का ऐसा खौफ फैलाया था. की लोग दुर्लभ के नाम से डरने लगे थे. 20 वर्ष की आयु में लोग अपने जीवन को लेकर चिंतित रहते हैं. वही दुर्लभ सिर्फ 20 वर्ष की आयु में एक सक्रिय गैंग चलाने लगा था. आज भी दुर्लभ के नाम पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे पोलिस स्टेशन में दर्ज हैं. कोर्ट मैरिज करने पर कितने रुपए मिलते हैं – सम्पूर्ण जानकारी दुर्लभ का जन्म मध्यप्रदेश के उज्जैन में ही सन 2000 की साल में हुआ था. दुर्लभ के पिता बिजनेसमेन तथा माता शिक्षिका हैं. ऐसा माना जाता हैं. की दुर्लभ थोडा बड़ा हुआ तभी से इसकी हरकते अजीब थी. कुछ लोगो का कहना है की दुर्लभ ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर “किसी भी प्रकार के वाद विवाद निपटाने के लिए संपर्क करे” इस प्रकार की लाइन लिखी हुई थी. फेसबुक और सोशल मिडिया के माध्यम से ही वह अपना और अपनी गैंग का प्रचार करता था. वह लोगो को धमकी देता था. और अपनी गैंग को हमेशा ऐसे काम करने के लिए मोटिवेट करता रहता था. दुर्लभ की गैंग में अधिकतर लोग नाबालिग ही थे. ...

Ujjains Mahakal Mahakaleshwar Temple 6 Statues Destroyed Abpp

उज्जैन में रविवार आंधी और तूफान के बाद महाकाल लोक की 6 से ज्यादा प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना के बाद कुछ समय के लिए आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद करवा दिया गया था. इस बीच बीजेपी और कांग्रेस के बीच शुरू हुई तकरार अभी तक खत्म नहीं हुई है. कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में लग गई है. महेश परमार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक दल बनाया है. इस दल में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, उज्जैन जिले के कांग्रेस के सभी विधायक, शोभा ओझा, के के मिश्रा सहित अन्य नेता शामिल होंगे. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि को आवासी करने का आरोप भी लगाया है. खबर के मुताबिक घटना ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे का मुख्य प्रवेश द्वार 'नंदी द्वार' पर हुई. शिवराज सरकार के वित्त और उज्जैन के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 2 हफ्ते के अदंर फिर से मूर्तियों को तैयार कर दिया जाएगा. जगदीश देवड़ा ने कहा कि सभी मूर्तियों पर सीधे रंग लगा दिया गया था, इसकी वजह से भी मजबूती पर असर पड़ा. इन प्रतिमाओं के अंदर लोहे का जाल भी नहीं लगाया गया था. अब नए सिरे से प्रतिमाओं पर काम शुरू किया जा चुका है. महाकालेश्वर मंदिर समिति ने भी इस घटना को भ्रष्टाचार से जोड़ दिया है. महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी ने कहा कि हरिद्वार में गंगा किनारे भगवान शिव की प्रतिमा पर कई बार आंधी तूफान आने के बावजूद कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन महाकाल लोक की प्रतिमा थोड़ी सी आंधी में क्षतिग्रस्त हो गई. यह भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है.इस पूरे मामले को लेकर म...

जानिये आखिर कैसे हुई उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति? – Buy Spiritual Products

उज्जैन में स्थापित महाकाल मंदिर की स्थापना द्वापर युग में नंद जी की आठ पीढ़ी पहले हुई थी। बता दें मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल में हमेशा ही भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है क्योंकि उज्जैन में मौजूद महकाल का संबंध भगवान शिव से है और यह Ujjain Mahakal Mandir 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। इसे पृथ्वी का नाभिस्थल भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर के शिखर से कर्क रेखा होकर गुजरती है। Ujjain ke Mahakal ki kahani से ही महाकालेश्वर मंदिर का पौराणिक इतिहास जुड़ा हुआ है। सभी के मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि महाकालेश्वर मंदिर की इतनी मान्यता है तो उसके पीछे प्रमुख वजह क्या है आज हम महाकालेश्वर मंदिर के पौराणिक कहानी के बारे में बता जा रहे हैं। आइये जानते हैं आखिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्तिके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। महाभारत, शिवपुराण और स्कन्दपुराण में महाकाल के बारे में खूब वर्णन किया गया है। Mahakaleshwar Mandir से जुड़ी कथा में भगवान शिव के परमभक्त राजा चन्द्रसेन और गोप बालक का जिक्र मिलता है। एक बार राजा चन्द्रसेन भगवान शिव की पूजा में अत्यधिक लीन थे उस वक़्त श्रीकर नामक गोप बालक वहां से गुजर रहा था। गोप बालक हो उठा ललायित राजा का शिवपूजन देख गोप बालक लालायित हो उठा और पूजा करने की इच्छा उसके मन में जाग उठी। रास्ते में जाते हुए वह बालक पूजा सामग्री जुटाने में जुट गया पर वह पूजा का सारा सामान नहीं जुटा सका। पर उसके मन में जागृत हुई वह इच्छा कम न हुई और उसने एक सामान्य पत्थर लेकर ही भगवान शिव की पूजा करना आरम्भ कर दिया। उसने पत्थर पर पुष्प, चन्दन आदि अर्पित किये और राजा की ही भांति उपासना में डूबता चला गया। ...

उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के साथ उस रात क्या हुआ था

Ujjain Gangster Durlabh Kashyap / गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की पूरी कहानी • 16 साल की अल्प आयु में जब दूसरे बच्चे भविष्य गड़ने के लिए सब्जेक्ट चुनते है, तब दुर्लभ ने अपराध का रास्ता चुन लिया था. • कश्यप ने इस बात का प्रण लिया था कि, वह बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनीयर या कोई अधिकारी नहीं बल्कि गैंगस्टर बनेगा. • 17 की उम्र पार करते ही दुर्लभ ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर तहलका मचा दिया था. • उसने बहुत छोटी सी उम्र में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया और नामी गैंगस्टर्स की लिस्ट में शामिल हो गया. माथे पर लाल टीका, आँखों में काजल और काँधे पर काला गमछा लटकाए इस तस्वीर में मासूम सा दिख रहा यह बालक असल में मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर का मशहूर रहा गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप है. जिसकी मृत्यु 6 सितंबर 2020 की रात करीब 2 बजे हेलावाड़ी क्षेत्र में गैंगवार के दौरान हुई थी. पुरानी रंजिश को लेकर हिस्ट्रीशीटर बदमाश दुर्लभ कश्यप की हत्या हेलावाड़ी में मौजूद जुम्मन चाचा की दुकान पर चाय पीने के दौरान शाहनवाज और शादाब से हुआ था. इसी दौरान चाकू से गोदकर की गई थी. घटना के दौरान दुर्लभ का एक साथी बुरी तरह जख्मी हो गया था. जिसे उपचार के लिए इंदौर रैफर कर दिया गया था. कौन था गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप (Gangster Durlabh Kashyap) ? हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक कारोबारी पिता और सरकारी स्कूल में अध्यापिका माँ का इकलोता बेटा था गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप. नाबालिक का सपना था कि, वह पूरे उज्जैन का सबसे बड़ा डॉन बने. डॉन बनने की चाहत में वह सोशल मीडिया पर आए दिन हथियारों के साथ अपने फोटो डालता था दुर्लभ कश्यप का अपना अलग स्टाइल था. माथे पर लाल टीका, आँखों में काजल और काँधे पर काला गमछा, जिसे देखकर कई युवा उस...