उज्जैन का मौसम 10 दिन का

  1. उज्जैन: आस्था, इतिहास और विज्ञान की नगरी
  2. Best 20 उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों की जानकारी
  3. Cyclone Biparjoy : गुजरात में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, 47 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
  4. शनिवार रात से बदला मौसम, रात भर गिरा रिमझिम, रविवार सुबह से बादल छाए
  5. बादल छाए, तेज सर्द हवाएं चलने लगीं, बूंदाबांदी ने बदल दिया उज्जैन का मौसम


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उज्जैन: आस्था, इतिहास और विज्ञान की नगरी

उज्जैन शहर अपने प्राचीन अतीत और पवित्र मंदिरों के लिए भारत के सबसे पावन शहरों में से एक माना जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं , कि यह शहर भारतीय खगोल विज्ञान में भी एक विशेष स्थान रखता है, जिसके कारण इसे “भारत का ग्रीनविच” भी कहा जाता रहा है। माना जाता है, कि एक समय में पूरे विश्व का समय या काल उज्जैन से ही तय होता था। ग्रीनविच की व्यवस्था बाद में शुरू हुई। मध्यप्रदेश में, शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर आबाद उज्जैन कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। प्राचीन काल में इसे अवंतिका और उज्जयनी के नाम से जाना जाता था। उज्जैन का एक दृश्य | LHI गरुड़ पुराण के एक श्लोक में उज्जैन को सप्तपुरी (हिंदू धर्म में 7 पवित्र तीर्थ स्थल) में से एक के रूप में उल्लेख किया गया है। अन्य तीर्थ स्थल हैं-अयोध्या , माया (हरिद्वार) , मथुरा , कांचीपुरम , काशी (वाराणसी) और द्वारका। कथाओँ के अनुसार , किसी ज़माने में उज्जैन पर हैहय राजवंश का शासन था, जो पांच कुलों का एक संघ था। ये कुल पौराणिक राजा यदु के वंश से सम्बंध होने का दावा करते थे। माना जाता है, कि यदु श्रीकृष्ण के पूर्वज थे। छठी सदी ई.पू. में,दूसरे शहरीकरण के कारण 16 महाजनपदों (साम्राज्यों) का उदय हुआ। दूसरा शहरीकरण भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि इस दौरान सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद, पहली बार पूरे भारत में बड़े-बड़े शहर उभरे थे। इन 16 में से कुछ महत्वपूर्ण महाजनपद थे- मगध, कोशल, वत्स और अवंती। उज्जैन अवंती महाजनपद की राजधानी बन गई थी। पुराना उज्जैन शहर गढ़कालिका नामक पहाड़ी के आसपास स्थित था, जो मिट्टी के प्राचीरों और ख़ंदक़ों से घिरा हुआ था। *Terms and Conditions प्राचीन काल से ही उज्जैन का खगोल विज्ञान में एक महत्वपूर्ण स्था...

Best 20 उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों की जानकारी

भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक उज्जैन में घूमने की जगह बेहद प्रसिद्ध और ऐतिहासिक है। मध्यप्रदेश में स्थित उज्जैन हिंदुओ की धार्मिक आस्था का बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है। प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर उज्जैन में ही स्थित है जहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। हर 12 सालों बाद कुंभ मेले का आयोजन यहां पर होता है उस दौरान मेले में लाखों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित यह शहर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से भक्ति भाव में लीन कर देता है। उज्जैन को पहले उज्जयिनी के नाम से भी जाना जाता था। इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उज्जैन में आप को कई उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिल जाएंगे जहां पर आप अपने परिवार के साथ दर्शन करने जा सकते हैं। उज्जैन प्राचीन समय से धर्म, संस्कृति, आस्था, शिक्षा और दर्शन का प्रसिद्ध केंद्र रहा है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उज्जैन में घूमने की जगह – Ujjain Mai Ghumne Ki Jagah हिंदुओ की धार्मिक आस्था का केंद्र उज्जैन भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में आता है जहां पर आप अपनी फैमली और दोस्तो के साथ घूमने और दर्शन करने जा सकते हैं। उज्जैन के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। 1. उज्जैन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर महाकालेश्वर मंदिर – Mahakaleshwar Temple, Ujjain In Hindi यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर में होने वाली भस्म आरती श्रद्धालुओ के बीच बहुत लोकप्रिय है जो सुबह 4 बजे होती है। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान महाकालेश्वर मंदिर जा...

Cyclone Biparjoy : गुजरात में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, 47 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

Cyclone Biparjoy: गुजरात में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, 47 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया Biparjoy Live Updates: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून को गुजरात के कच्छ से टकराएगा लेकिन उससे पहले ही समंदर में खलबली जारी है. गुजरात-महाराष्ट्र के कई जिलों में अलर्ट जारी है. कच्छ, पोरबंदर, अमरेली, गिर सोमनाथ, द्वारिका जिले के सभी स्कूल दो दिन बंद रहेंगे. इन जिलों के स्कूलों में 14 और 15 जून यानी दो दिन की छुट्टी कर दी गई है. Cyclone Biparjoy Updates: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक तबाही का अलर्ट जारी कर दिया है. समंदर से उफनती लहरें संकेत दे रही हैं कि भयंकर तूफान आने को है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तेज़ी से गुजरात की तरफ बढ़ रहा है. इस तूफान से निपटने के लिए द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, नवसारी समेत कई जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है और कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. दिल्ली से लेकर गुजरात तक तूफान की स्थिति की समीक्षा और हालात से निपटने के लिए बैठकों का दौर जारी है. आइये जानते हैं साइक्लोन से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स. Cyclone Biparjoy: कच्छ जिले में तीन दिनों के लिए सभी स्कूल-कॉलेज किए गए बंद Posted by :- Sachin Dubey चक्रवात बिपरजॉय के खतरे को देखते हुए कच्छ जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. तीन दिनों के लिए सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिएगए हैं. यहांNDRF और SDRF समेत कुल 30 टीमें तैनात की गई हैं. कोस्ट गार्ड, आर्मी और नेवी की टीमों को रेस्क्यू के लिए स्टैंड बाइ रखा गया है. Cyclone Biparjoy: कच्छ में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं Posted by :- Sachin Dubey चक...

शनिवार रात से बदला मौसम, रात भर गिरा रिमझिम, रविवार सुबह से बादल छाए

मानसून के विदा हाेने के बाद उज्जैन में शनिवार रात से बारिश शुरू हो गई। पहले हल्की बूंदबांदी होती रही लेकिन देर रात से रविवार सुबह तक रुक-रुककर बारिश होती रही। इससे पूरा शहर तरबतर हो गया। रातभर बादल गरजते रहे और बिजली चमकी। तापमान में भी गिरावट हो गई। बािरश का यह दौर प्रदेश के कई जिलों में जारी है। हालांकि उज्जैन में सुबह 8 बजे तक बारिश होती रही। लेकिन अब बादल छाए हुए हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण बािरश हो रही है। दरअसल मध्य बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बन रहा है। जो मप्र में भी सक्रिय है। इस वजह से गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। शनिवार-रविवार की रात हुई बारिश के चलते शहर का मौमस बदल गया। लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत मिली है और मौसम में ठंडक घुल गई है। खेतों में रखी है कटी हुई सोयाबीन, फफूंद होने का डर - दूसरी ओर कई किसानों की सोयाबीन अभी भी खेतों में कटी हुई रखी है। किसानों ने इसे सुखाने के लिए रखी थी, जो बारिश से और भीग गई। इस वजह से सोयाबीन पर फफंूद आने का डर बना हुआ है। यदि बािरश एक-दो दिन तक जारी रही तो यह सोयाबीन काली भी पड़ सकती है। इससे किसानों को पर्याप्त दाम नहीं मिलेंगे और उन्हें काफी नुकसान होने की आशंका बढ़ जाएगी। आलू-चने बोने वाले किसानों को फायदा - जिन किसानों की सोयाबीन निकल चुकी है, वे किसान अब अगली फसल की तैयारी में जुटे हैं। ऐसी स्थिति में वे किसान जिन्होंने फसलों के लिए खेत तैयार किए हैं, उन्हें इससे फायदा होगा। शीत ऋतु की फसलांे में मालवा की प्रमुख आलू, चने व बटले की फसलों को इससे फायदा होगा। रातभर में 6 मिमी बारिश - मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उज्जैन में बीती रात 6 मिमी ब...

बादल छाए, तेज सर्द हवाएं चलने लगीं, बूंदाबांदी ने बदल दिया उज्जैन का मौसम

मंगलवार को उज्जैन का मौसम एकाएक बदल गया। सुबह से ही बादल छाए थे। लेकिन करीब 10 से 12 बजे के बीच एक दो बार धूप भी खिली। लेकिन दोपहर में हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके बाद चली तेज हवाओं ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया। मौसम विभाग ने आज और कल जिले में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है। इससे शीतलहर का दौर शुरू होने की आशंका है। रामघाट पर श्रद्धालु। कोहरा छाने की उम्मीद मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में बदलाव का क्रम लगातार जारी रहेगा। 28 और 29 को हल्की बारिश, तेज हवा और कहीं-कहीं ओलावृष्टि के कारण 29 दिसंबर के बाद कोहरे का दौर फिर से शुरू हो जाएगा। इससे रात का पारा गिर सकता है। इसका क्रम 30, 31 दिसंबर और 1 व 2 जनवरी को भी जारी रहने के आसार हैं। हालांकि 28 के बाद दिन के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। इसकी वजह यह है कि बादलों की आवाजाही लगातार जारी रहेगी। खेती के लिए फायदेमंद यह हल्की बारिश खेती के लिए फायदेमंद बताई जा रही है। गेहूं, चने, प्याज व लहसुन, मटर आदि फसलों के लिए यह फसल फायदेमंद है। जबकि आलू आदि फसलों के लिए इससे नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। यदि तेज बारिश होती है तो फसलों को ज्यादा नुकसान होगा।