राधा स्वामी 5 नाम

  1. राधा स्वामी सत्संग 5 नाम क्या है? – ElegantAnswer.com
  2. शिव दयाल सिंह
  3. राधास्वामी के 5 नाम क्या है? – ElegantAnswer.com
  4. राधा के विषय पर बेहतरीन दोहा
  5. भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरित 120 अनोखे नाम
  6. राधा


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राधा स्वामी सत्संग 5 नाम क्या है? – ElegantAnswer.com

राधा स्वामी सत्संग 5 नाम क्या है? शिव दयाल सिंह वरिष्ठ पदासीन जन्म स्थान पन्नी गली,आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत 1.माता-पिता: सेठ दिलवाली सिंह जी (पिता), माता महा माया जी (माँ) 2.जीवनसाथी: राधा जी (नारायणी देवी) 3.बच्चे: कोई नहीं 4.भाई: दो; सेठ प्रताप सिंह जी, सेठ राय बिंद्राबन जी 5.राधा जी की मृत्यु: 1 नवंबर 1894 Date of death जून 15, 1878 (60 वर्ष) राधा स्वामी सत्संग के गुरु कौन है? इसे सुनेंरोकेंइस मत के सबसे पहले गुरु बाबा शिव दयाल 15 जून 1878 को अपनी सांसारिक भूमिका पूरी करने के बाद प्रभुचरणों में लीन हो गए। इसके 11 साल बाद 1889 में सेना से रिटायर उनके शिष्य जयमल सिंह ने पंजाब आकर यहां ब्यास नदी के किनारे कुटिया बनाई और भक्तों को नामदान देना शुरू कर दिया। 1903 तक उन्होंने राधा स्वामी के नाम से सत्संग किया। नाम दीक्षा क्या है? इसे सुनेंरोकेंइसमें फार्म नंबर, व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, आयु, पता, फोन नंबर देना होता था। इसमें दीक्षा लेने वाले के प्रथम उपदेश की तिथि लिखी जाती। उसके बाद हाजरी दो, तीन और चार होगी। आश्रम में आने वाले व्यक्ति को इसके बाद सरनाम की तिथि दी जाती थी। सतनाम मंत्र कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंसचिदानंद घन ब्रह्म की भक्ति का मंत्र ऊं, तत्, सत् हैं, जो ये एक सांकेतिक रूप है, जो ब्रह्म, अक्षर पुरुष, परम अक्षर पुरुष का हैं। कबीर साहेब के गुरु मंत्र बताइए? इसे सुनेंरोकें’ॐ पवित्राय नम:,पवित्राय नम:’ का जप करते पंडित जी और ‘लाहौल-विला-कूवत, कमबख्त (कबीर) ने बड़ा खराबा किया था’ कह कर लानत भेजते मौलवी साहब तो मेरे तसव्वुर में अपना पूरापन समेटे बड़ी शान से रक्स कर रहे हैं। श्रुतियाँ, स्मृतियाँ और वृत्तियाँ सब चूक गईं हैं। कबीर दास जी का गुरु मंत्र? इसे सुनेंरोकेंरोज...

शिव दयाल सिंह

धर्म अन्य नाम: हुज़ूर स्वामी जी महाराज वरिष्ठ पदासीन क्षेत्र आगरा उत्तरप्रदेश उपाधियाँ राधास्वामी मत के संस्थापक काल 1861 - 1878 उत्तराधिकारी हुज़ूर राय सालिगराम जी और बाबा जैमल सिंह जी महाराज, बाबा गरीब दास जी वैयक्तिक जन्म तिथि अगस्त 25, 1818 जन्म स्थान पन्नी गली, 1. माता-पिता: सेठ दिलवाली सिंह जी (पिता), माता महा माया जी (माँ) 2. दादा: श्री दीवान श्याम लाल जी 3. जीवनसाथी: माता राधा जी (नारायणी देवी) 4. बच्चे: कोई नहीं 5. भाई: दो; सेठ प्रताप सिंह जी, सेठ राय बिंद्राबन जी 6. बहन: बीबी सरधो जी 7. माता राधा जी की मृत्यु: 1 नवंबर 1894 Dateofdeath जून 15, 1878 (60 वर्ष) मृत्यु स्थान पन्नी गली, श्री सेठ शिव दयाल सिंह जी महाराज (25 अगस्त 1818 - 15 जून 1878) उनका जन्म 25 अगस्त 1818 में छोटी आयु में ही इनका विवाह उन्होंने 5 वर्ष की आयु से ही कथित स्वामी जी महाराज ने अपने दर्शन का नाम "सतनाम अनामी" रखा। इस को राधास्वामी के नाम से जाना गया। "राधा" का अर्थ "सुरत" और स्वामी का अर्थ "आदि शब्द या मालिक", इस प्रकार अर्थ हुआ "सुरत का आदि शब्द या मालिक में मिल जाना." स्वामी जी महाराज द्वारा सिखायी गई यौगिक पद्धति "सुरत शब्द योग" के तौर पर जानी जाती है। स्वामी जी महाराज ने अध्यात्म और सच्चे 'नाम' का भेद वर्णित किया है। उन्होंने 'सार-वचन' पुस्तक को दो भागों में लिखा जिनके नाम हैं: • 'सार वचन वार्तिक' (सार वचन गद्य) • 'सार वचन छंद बंद' (सार वचन पद्य) 'सार वचन वार्तिक' में स्वामी जी महाराज के सत्संग हैं जो उन्होंने 1878 तक दिए। इनमें इस मत की महत्वपूर्ण शिक्षाएँ हैं। 'सार वचन छंद बंद' में उनके पद्य की भावनात्मक पहुँच बहुत गहरी है जो उत्तर भारत की प्रमुख भाषाओं यथा खड़ी बोली, उनका निधन जून 15,...

राधास्वामी के 5 नाम क्या है? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार राधास्वामी समस्त रचना का उद्गम है। राधास्वामी वह आध्यात्मिक धुन है, जो रचना के सर्वोच्च लोक में अनवरत गाज रही है। मौलिक धुन अथवा आदि शब्द (प्रथम धुन) ही स्वामी है। राधा सृजनात्मक शक्ति है, जो शब्द से प्रकट हुई है और स्वामी शब्द का भंडार है सत्संग कब से शुरू होंगे? इसे सुनेंरोकेंराधा स्वामी डेरा ब्यास के सत्संग घरों में होने वाले सभी समागमों पर रोक लगा दी गई है। अब 31 मार्च 2021 तक कोई सत्संग या समागम नहीं होगा। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। कोरोना महामारी फैलने के चलते हालातों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है राधास्वामी की स्थापना कब हुई थी? इसे सुनेंरोकें1861 में Basant panchami के दिन Radha Soami की स्थापना की। कहा जाता है कि उन्होंने पांच वर्ष की आयु में ही Surat Shabd Yog की साधना कर ली थी। इसके बाद वे स्वामी जी महाराज के नाम से प्रसिद्ध हुए। दुनियाभर में उन्हीं के शिष्य राधास्वामी मत को चला रहे हैं। राधा स्वामी का गुरु कौन है? इसे सुनेंरोकेंराधास्वामी मत की स्वामीबाग शाखा में जहाँ पवित्र समाधि स्थित है, वहाँ वर्तमान में कोई आचार्य नहीं है। राधास्वामी मत की हजूरी भवन, पीपलमंडी, आगरा शाखा के वर्तमान आचार्य परम गुरु हुजुर अगम प्रसाद माथुर है। राधा स्वामी का गुरु मंत्र क्या है? इसे सुनेंरोकेंअसल में जिस समय बाघ आरुणि पर झपटा था, उस समय आरुणि की निगाह बाघ पर पड़ गई. मारे घबराहट के मुनि के मुख से अनायास ही ऊं नमो नारायणाय का मंत्र निकल गया. राधा स्वामी कौन सा धर्म है? इसे सुनेंरोकेंराधा स्वामी सत्संग भारत का गुह्य धार्मिक मत है। इस मत के अनुयायी हिन्दू और सिक्ख दोनों हैं। इस मत या संप्रदाय की स्थापना 1861 में शिव दयाल साहब ने...

राधा के विषय पर बेहतरीन दोहा

कृष्ण-भक्ति काव्यधारा में राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन प्रमुख विषय रहा है। राधा कृष्ण की सहचरी के रूप में अराध्य देवी हैं, जिनके नाम का अर्थ पूर्णता और सफलता है। राधा-कृष्ण को शाश्वत युगल कहा जाता है और राधा के बिना कृष्ण अपूर्ण कहे गए हैं। प्रस्तुत चयन में राधा की महत्ता की स्थापना करते काव्य-रूपों का संकलन किया गया है।

भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरित 120 अनोखे नाम

भगवान कृष्ण विष्णु जी के 8 वें अवतार हैं तथा हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वह अपने नटखट व प्यारे स्वभाव, सुंदरता, आकर्षण, मित्रता और प्रेम के लिए प्रसिद्ध हैं। महाभारत के युद्ध में उनकी भूमिका और मानवता के लिए किए गए अच्छे कामों के लिए उन्हें जाना जाता है। लोग उन्हें कई नामों से जानते हैं क्योंकि उन्होंने धरती पर कई रूप लिए हैं। सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनका बाल रूप है जो बहुत ही प्रेरणादायक है और जिसके कारण कई लोग अपने बच्चे का नाम उसके नाम पर रखना पसंद करते हैं। हम यहाँ आपके लिए श्रीकृष्ण के कुछ अद्भुत नाम लेकर आएं हैं जो नीचे सूचीबद्ध है । नाम अर्थ आरिव इस नाम का अर्थ है ‘बुद्धि और न्याय का राजा’ अरीन्जय / अरींज इस नाम का अर्थ है ‘बुराई पर विजय’ अद्वैत इसका अर्थ है अद्वितीय, अनोखा, अविभाजित, अलौकिक और ये सभी श्रीकृष्ण के नाम हैं अनादिह यह श्रीकृष्ण का एक नाम है जिसका अर्थ है ‘जो पहला कारण है’ अनंतजीत इस नाम का अर्थ है ‘अनंत का विजेता’ या ‘सदा विजयी होने वाले भगवान’ अनीश इसका अर्थ है ‘सुसंगति’, ‘ अच्छा साथी’ अपराजित इस नाम का अर्थ है ‘जिसे हराया नहीं जा सकता’, ‘ एक महान योद्धा’ अप्रमेय इसका अर्थ है ‘अनंत’ व ‘अथाह’ बिलकुल भगवान श्रीकृष्ण के तरह अरिजीत इसका अर्थ है ‘दुश्मनों पर विजय’ , ‘ प्रभुत्व रखना’ असुमान इस नाम का अर्थ है ‘श्वासों का स्वामी’ अस्वद इसका अर्थ है ‘ज्ञानी’, ‘ ज्ञान का पेड़’ जैसे भगवान कृष्ण अवयुक्त इसका अर्थ है ‘स्पस्ट चित्त, मन, विचार व बुद्धि’ एकेश्वर श्रीकृष्ण का एक नाम बृज इसका अर्थ है ‘श्रीकृष्ण का निवास’ और ‘शक्ति, ताकत’ बालेश्वर भगवान कृष्ण का एक नाम दर्श इसका अर्थ है ‘सुन्दर व रूपवान’ and ‘ दृष्टि’ जो भगवान कृष्ण का प्रतिनिधित्व कर...

राधा

राधा संज्ञा स्त्री० [सं०]१. वैशाख की पूर्णिमा । २. प्रीति । अनुराग । प्रेम । ३. धृतराष्ट्र के सारथी अधिरथ की पत्नी का नाम ।विशेष—इसने कर्ण पुत्रवत् पाला था । इसी कारण से कर्णका एक नाम 'राधेय' भी था ।४. वृषभानु गोप की कन्या और श्रीकृष्ण की प्रेयसी ।विशेष—श्रीमद् भागवत में राधा का कोई उल्लेख नहीं है । परब्रह्मवैवर्त देवीभागवत, आदि में राधा का वर्णन मिलता है ।इन पुराणों में राधा के जन्म और जीवन के संबंध में भिन्न भिन्नकथाएँ दी गई हैं । कहीं लिखा है कि ये श्रीकृष्ण के बाएँ अंगसे उत्पन्न हुई थी और कहीं गोलोकधाम के रासमंडल मेंइनका जन्म लिखा है । यह भी कहा जाता है कि येजन्म लेते ही पूर्ण वयस्का हो गई थीं । श्रीकृष्ण केसाथ इनका विवाह नहीं हुआ था यद्यपि गर्गसंहिता आदिकुछ इधर के ग्रंथों में विवाह की कथा भी रख दी गई है ।सब जगह श्रीकृष्ण के साथ इनकी मूर्ति और नाम रहता है ।इनके नाम के साथ ईश या स्वमीवाचक शब्द लगने सेश्रीकृष्ण का बोध होता है ।५. एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में रगण, तगण, मगण,यगण और एक गुरु सब मिलकर १३ अक्षर होते हैं । जैसे,—कृष्ण राधा कृष्ण कृष्ण राधा राधा गा । ६. विशाखा नक्षत्र ।७. बिजली । ८. आँवला । ९. विष्णुक्रांता लता ।