उज्जैन कितने किलोमीटर है

  1. इंदौर से उज्जैन की दूरी कितनी है
  2. वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है / वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई
  3. भोपाल से उज्जैन कितने किलोमीटर है
  4. उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल


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इंदौर से उज्जैन की दूरी कितनी है

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वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है / वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई

वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है / वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई –वैष्णो देवी का मंदिर सुप्रसिद्ध मंदिर माना जाता हैं. यह मंदिर जम्मू-कश्मीर के पास कटरा नगर की पहाड़ियों में स्थित हैं. यहाँ पर पुरे देश से दर्शन करने के लिए लोग पहुंचते हैं. जिस पहाड़ी में यह मंदिर स्थित हैं. उस पहाड़ी को त्रिकुटा पर्वत के नाम से भी जाना जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है तथा वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई कितनी हैं . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. अनुक्रम • • • • • • • • वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है वैसे अगर देखा जाए तो जमीन से वैष्णो देवी माता का मंदिर 5200 फिट की ऊँचाई पर मौजूद हैं. लेकिन कटरा से वैष्णो देवी की पैदल यात्रा शुरू होती हैं. अगर आप कटरा से पैदल यात्रा शुरू करते हैं. कटरा से मंदिर लगभग 13 किलोमीटर के करीब माना जाता हैं. यानि की आपको 13 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी होगी. चमगादड़ को जंतु जगत में क्यों रखा गया है वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई वैष्णो देवी से भैरव बाबा की चढ़ाई काफी कम हैं. अगर देखा जाए तो दोनों स्थान पास में ही हैं. दोनों स्थान के बीच अधिक दुरी नहीं हैं. अगर आप वैष्णो देवी मंदिर से भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं. तो आपको 1.5 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होगी. कटरा से वैष्णो देवी की चढ़ाई कितने किलोमीटर है कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की चढ़ाई 13 किलोमीटर के करीब हैं. हिमालय पर्वत किस देश में है / हिमालय का निर्माण किस काल में हुआ कटरा से वैष्णो देवी जाने के साध...

भोपाल से उज्जैन कितने किलोमीटर है

विषयसूची Show • • • • भोपाल से उज्जैन के बीच 11 ट्रेनें प्रतिदिन चलती हैं। भोपाल से उज्जैन के बीच यात्रा की अनुमानित दूरी क्या है? भोपाल से उज्जैन के बीच यात्रा की अनुमानित दूरी 174 कि.मी. है। भोपाल में कितने रेलवे स्टेशन हैं? भोपाल में 9 रेलवे स्टेशन हैं। उज्जैन में कितने रेलवे स्टेशन हैं? उज्जैन में 8 रेलवे स्टेशन हैं। भोपाल से उज्जैन तक यात्रा करने के लिए कितनी साप्ताहिक ट्रेनें उपलब्ध हैं? भोपाल से उज्जैन तक यात्रा करने के लिए, 11 साप्ताहिक ट्रेनें उपलब्ध हैं। भोपाल से उज्जैन के बीच कौन सी ट्रेन सबसे तेज़ है? भोपाल और उज्जैन के बीच सबसे तेज़ ट्रेन Pryj Dadn Exp है। भोपाल से उज्जैन तक की सबसे तेज़ ट्रेन, यात्रा तय करने में कितना समय लेती है? भोपाल से उज्जैन तक की सबसे तेज़ ट्रेन की यात्रा अवधि 2घंटे 5मिनट है। भोपाल से उज्जैन तक पहुँचने के लिए सबसे तेज़ ट्रेन द्वारा लिया गया समय क्या है? भोपाल से उज्जैन तक पहुँचने के लिए सबसे तेज़ ट्रेन द्वारा लिया गया समय 2घंटे 5मिनट है। भोपाल से उज्जैन मार्ग पर चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन का नाम क्या है? उसके बारे में जानकारी दें। भोपाल से उज्जैन मार्ग पर चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन का नाम Narmada Express है। यह भोपाल से 03:35:00 बजे निकलती है और 08:35:00 बजे उज्जैन पहुँचती है। यह ट्रेन 174 कि.मी. की दूरी तय करती है। भोपाल से उज्जैन तक की सबसे किफ़ायती ट्रेन कौन सी है? सारी जानकारी प्रदान करें। भोपाल से उज्जैन तक चलने वाली सबसे किफ़ायती ट्रेन 19712 Bpl Jp Exp है और इसका किराया 90 रुपए है। यह 174 कि.मी. की दूरी तय करती है। भोपाल से उज्जैन तक की यात्रा के लिए,यात्रा तिथि से कितने दिन पहले तत्काल टिकट उपलब्ध होते हैं? तत्काल टिकट के मामले में आरक्षण,...

उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल

पुराणों में उल्लेख है कि भारत की पवित्रतम सप्तपुरियों में अवन्तिका अर्थात उज्जैन भी एक है। इसी आधार पर उज्जैन का धार्मिक महत्व अतिविशिष्ट है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का यहां स्‍थित होना। उपरोक्त दोनों तथ्‍य उज्जैन की प्रतिष्ठा एवं महत्व को और भी अधिक बढ़ाने में सहायक होते हैं। यहां पर श्मशान, ऊषर, क्षेत्र, पीठ एवं वन- ये 5 विशेष संयोग एक ही स्थल पर उपलब्ध हैं। यह संयोग उज्जैन की महिमा को और भी अधिक गरिमामय बनाता है। उक्त दृष्टिकोण से मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर‍ स्‍थित उज्जैन प्राचीनकाल से ही धर्म, दर्शन, संस्कृति, विद्या एवं आस्था का केंद्र रहा है। इसी आधार पर यहां कई धार्मिक स्थलों का निर्माण स्वाभाविक रूप से हुआ। हिन्दू धर्म और संस्कृति के पोषक अनेक राजाओं, धर्मगुरुओं एवं महंतों ने जनसहयोग से इस महातीर्थ को सुंदर एवं आकर्षक मंदिरों, आराधना स्थलों आदि से श्रृंगारित किया। उज्जैन के प्राचीन मंदिर एवं पूजा स्थल जहां एक ओर पुरातत्व शास्त्र की बहुमूल्य धरोहर हैं, वहीं दूसरी ओर ये हमारी आस्‍था एवं विश्वास के आदर्श केंद भी हैं। अर्थात् ब्रह्मांड में सर्वपूज्य माने गए तीनों लिंगों में भूलोक में स्‍थित भगवान महाकाल प्रधान हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में इनकी गणना होती है। उज्जैन के प्रथम और शाश्वत शासक भी महाराजाधिराज श्री महाकाल ही हैं, तभी तो उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। दक्षिणमुखी होने से इनका विशेष तांत्रिक महत्व भी है। ये कालचक्र के प्रवर्तक हैं तथा भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले बाबा महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से ही प्राणिमात्र की काल मृत्यु से रक्षा होती है, ऐसी शास्त्रों की मान्यता है। भारत के नाभिस्थल में, क...