उज्जैन से ओंकारेश्वर की दूरी

  1. महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (Mahakaleshwar se Omkareshwar ki duri)
  2. उज्जैन में घूमने की जगह और इसके दर्शनीय स्थल
  3. Mahashivratri 2023 MP Lord Omkareshwar On Mahashivratri If You Going To Visit This News Is Important See Photos ANN
  4. उज्जैन से ज्योतिर्लिंगों की रोचक दूरी, अंकों में दिखती है अजीब समानता
  5. उज्जैन महाकालेश्‍वर ज्‍योर्तिलिंग ही नहीं, MP के इन 5 धार्मिक जगहों की भी करें यात्रा, तीर्थ का मिलता है लाभ
  6. उज्जैन से ओंकारेश्वर जाने के साधन
  7. उज्जैन: : इतिहास, दर्शनीय स्थल, कैसे पहुंचे और घूमने का सबसे अच्छा समय
  8. ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर,ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर यात्रा केवल 4000 रुपये मे
  9. महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (Mahakaleshwar se Omkareshwar ki duri)


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महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (Mahakaleshwar se Omkareshwar ki duri)

Facebook WhatsApp अगर आप महाकालेश्वर से ओमकारेश्वर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको यह पता लगने वाला है, कि आखिर महाकालेश्वर और ओमकारेश्वर के बीच में कितनी दूरी है, और आपको दोनों के बीच सफर करने में कितना समय लगने वाला है। जिससे कि आपको अपना सफर करने में आसानी होगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं। महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (mahakaleshwar se omkareshwar ki duri) असल में महाकालेश्वर, महाकालेश्वर भगवान का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जोकि भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और अगर इसके स्थान की बात करे तो यह हमारे भारत के मध्य प्रदेश राज्य में उज्जैन नगर में स्थित है, और रही बात ओमकारेश्वर की, तो ओमकारेश्वर तो यह भी एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, और यह भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अगर बात करें इसके स्थान की, तो यह भी मध्यप्रदेश राज्य के अंदर ही है यह मध्यप्रदेश में खंडवा जिले के अंतर्गत आता है। अगर बात करे महाकालेश्वर से ओम्कारेश्वर की बीच की दूरी की, तो दोनों के बीच 138-39 km का डिस्टेंस है, जिसे पूरा करने में आपको लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग जाएगा अगर आप कार का यूज करे तो।

उज्जैन में घूमने की जगह और इसके दर्शनीय स्थल

Ujjain me ghumne ki jagah– आज के इस लेख में हम उज्जैन में स्थित उज्जैन के कुछ प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों के बारे में जानेंगे। उज्जैन भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित है, उज्जैन को मध्य प्रदेश के सबसे पुराने और पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। मालवा क्षेत्र में शुक्ल नदी के पूर्वी तट पर स्थित, उज्जैन मध्य प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा शहर है, जिसे मध्य प्रदेश के रूप में जाना जाता है। यह अपने समृद्ध इतिहास और कला संस्कृति के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उज्जैन शहर का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है, कभी महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी, इस शहर को प्राचीन काल में अवंतिका, उज्जयनी, कनकश्रंग जैसे कई नामों से भी जाना जाता था। उज्जैन में कई तीर्थ स्थल भी हैं, इसीलिए उज्जैन को मंदिरों की नगरी कहा जाता है, अगर आप उज्जैन घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें, क्योंकि इस लेख में मैंने उज्जैन के धार्मिक स्थानों का जिक्र किया है और उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी है। तो चलिए और जनते है उज्जैन के पर्यटन की जगह के विषय में : महाकालेश्वर मंदिर– Mahakaleshwar Temple महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में एक पवित्र हिंदू धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यह महाकालेश्वर मंदिर एक हिंदू धार्मिक स्थल है जो मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। यहां आयोजित महा शिवरात्रि के दौरान मेले में बड़ी संख्या में लोग भाग लेने आते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर को भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर शिप्रा नदी के तट पर स्थित एक सुंदर और धार्मिक स्थान है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर मराठा, भूमिजा औ...

Mahashivratri 2023 MP Lord Omkareshwar On Mahashivratri If You Going To Visit This News Is Important See Photos ANN

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 18 फरवरी को है. इस मौके पर भगवान शिव की आराधना की जाती है. ऐसे में ज्योतिर्लिंग वाले मंदिरों में भक्तों की तादाद बढ़ जाती है. मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर का पुरातन काल का मंदिर है. यहां पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु माथा टेक कर भगवान भोले की पूजा अर्चना करते हैं. इस दौरान प्रशासन भी खास इंतजाम करता है. रोड बनाकर दर्शन कराने की तैयारी बता दें कि हाल ही में ओंकारेश्वर में स्थित झूला पुल का एक तार टूट जाने से श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ी थी. लेकिन, प्रशासन ने इसके लिए भी पूरा रास्ता तलाश लिया है. प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. अब रोड बनाकर श्रद्धालुओं के लिए आसानी से दर्शन कराने की योजना बना ली गई है. मंदिर में सुरक्षा के लिहाज से लगभग 300 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. यहां पर 70 से 80 पटवारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. आठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया जाएगा, जिनके साथ कोटवार भी व्यवस्था में सहयोग करेंगे. ज्योतिर्लिंगों में है चौथा स्थान मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चैथे स्थान पर माना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग की सबसे अनूठी बात यह है कि यहां दो ज्योतिस्वरूप शिवलिंग श्री ओंकारेश्वर और श्री ममलेश्वर हैं. ये दोनों ही शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग नदी के दो अलग-अलग किनारों पर स्थित हैं. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे मन्धाता स्थित है. भगवान भोले का होगा विशेष शृंगार महाशिवरात्रि का पर्व इस साल शनिवार को मनाया जाएगा. इसके लिए सभी शिव मंदिरों को सजाया जा रहा है. ओंकारेश्वर स्थित ज्योत...

उज्जैन से ज्योतिर्लिंगों की रोचक दूरी, अंकों में दिखती है अजीब समानता

LinkedIn and 3rd parties use essential and non-essential cookies to provide, secure, analyze and improve our Services, and to show you relevant ads (including professional and job ads) on and off LinkedIn. Learn more in our Select Accept to consent or Reject to decline non-essential cookies for this use. You can update your choices at any time in your उज्जैन. देश के 12 ज्योतिर्लिगों में एक विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर में अगले साल होने वाले सिंहस्थ के पहले उज्जैन से भारत के अन्य ज्योतिर्लिंगो की प्राचीन दूरियों के रोचक आंकड़े सामने आए हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरियों को यदि जोड़ा जाए तो इनके अंकों में अजीब समानता आती है। जैसे 111, 777, 666, 999 किमी। हालांकि, अब कुछ नए मार्ग और बायपास बनने से इन दूरियों में बदलाव आ गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अतिप्राचीन मंदिर भगवान महाकालेश्वर से एमपी के विभिन्न तीर्थ स्थलों और देश के अन्य तीर्थ स्थलों की दूरी का भी एक अलग महत्व है। एमपी की वेबसाइट पर ये सूचना अपलोड महाकालेश्वर, उज्जैन से ज्योतिर्लिंगों के बीच की दूरी की जानकारी जनसंपर्क विभाग, मध्य प्रदेश की वेबसाइट पर 25 सितंबर को अपलोड की गई है। हालांकि, प्राचीन दूरियों की जानकारी जुटाने का स्रोत क्या था और इसे किस आधार पर मांपा गया, इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। नए मार्ग और बायपास, बनने से आया अंतर हालांकि, वर्तमान में कुछ नए मार्गों और बायपास के बन जाने से इन ज्योतिर्लिंगों की दूरियों में आंशिक बदलाव हुआ है। अब उज्जैन से मल्लिकार्जुन 1090 किमी, केदारनाथ 902 किमी, त्रयंबकेश्वर 503 किमी, घृष्णेश्वर 533 किमी, रामेश्वरम 2091 किमी. और ओंकारेश्वर 113 किमी दूर...

उज्जैन

नरेश पारीक/चूरू. ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. रेलवे ने यात्री भार को देखते हुए धार्मिक स्थलों तक जाने के लिए राजस्थान के चूरू जिले से हो कर जाने वाली स्पेशल वीकली ट्रेनों के फेरे बढ़ाए हैं. इनमे साईं नगर शिरडी-बीकानेर स्पेशल और हिसार-तिरुपति स्पेशल वीकली ट्रेन शामिल हैं. रेलवे टिकट बुक करने वाले प्रमेंद्र सिंह ने बताया कि शिरडी-बीकानेर के चार व हिसार-तिरुपति के 14 फेरे बढ़ाए गये हैं. इससे अब उज्जैन महाकाल-तिरुपति बालाजी और शिरडी साईं बाबा के दर्शन की इच्छा रखने वाले श्रद्धालु कम खर्च में लंबी दूरी की अपनी धार्मिक यात्रा कर सकते हैं. बीकानेर-शिरडी साईंनगर के लिए पहला फेरा दो जून को, और हिसार-तिरुपति एक्सटेंशन वीकली स्पेशल का पहला फेरा तीन जून से शुरू हुआ है. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों वीकली ट्रेनों के रूट पर रेलवे को अच्छा यात्री भार मिला है, जिसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. बीकानेर-साईंनगर शिरडी सुपरफास्ट ट्रेन के संचालन से बीकानेर-चूरू, झुंझुनू व सीकर के यात्रियों को शिरडी के साईं बाबा एवं उज्जैन महाकाल दर्शन की यात्रा लाभदायक रही. इसी प्रकार, हिसार-तिरुपति स्पेशल वीकली ट्रेन सादुलपुर, झुंझुनू वसीकर, चूरू के यात्रियों के लिए अच्छी साबित रही. स्पेशल ट्रेन का यह होगा शेड्यूल – ट्रेन नंबर 09715 हिसार-तिरुपति सुपरफास्ट स्पेशल हिसार से प्रत्येक शनिवार को दोपहर 2:10 बजे रवाना हो कर 3:50 बजे सादुलपुर पहुंचेगी. यह जयपुर स्टेशन रात 9:30 बजे पहुंचेगी और 9:40 पर रवाना होकर सोमवार की सुबह 9 बजे तिरुपति पहुंचेगी. – ट्रेन नंबर 09716 तिरुपति-हिसार सुपरफास्ट तिरुपति से प्रत्येक मंगलवार को शाम 4 बजे रवाना होकर गुरुवार को जयपुर स्टेशन सुबह 5:45 पर...

उज्जैन महाकालेश्‍वर ज्‍योर्तिलिंग ही नहीं, MP के इन 5 धार्मिक जगहों की भी करें यात्रा, तीर्थ का मिलता है लाभ

उज्‍जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देश के सबसे प्रचलित धार्मिक स्‍थलों में से एक है. अमरकंटक में कई मन्दिर व मूर्तियां हैं जिनका सम्बन्ध महाभारत के पाण्डवों से बताया जाता है. Religious Places Of Madhya Pradesh: मध्‍य प्रदेश यानी कि देश का दिल. पर्यटन के क्षेत्र में यह प्रदेश काफी समृद्ध माना जाता है. आदिम युग की ऐतिहासिक इमारतें, हरे भरे घने जंगल, दूर तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं इस जगह की पहचान रही है. लेकिन जब बात धार्मिक आस्‍था रखने वाले लाखों करोड़ों सैलानियों की आती है तो बता दें कि यह उन राज्‍यों की लिस्‍ट में भी शामिल है जहां हर साल दर्शन करने वालों की संख्‍या अनगिनत रहती है. तो आइए आज हम बताते हैं कि अगर आप मध्‍य प्रदेश आएं तो यहां के किन प्रमुख धार्मिक स्‍थलों में जरूर जाएं. मध्‍य प्रदेश के 5 धार्मिक स्‍थल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्‍जैन शहर स्थित भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga) मध्यप्रदेश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्‍थलों में से एक है. उज्जैन के नाम का उल्‍लेख पुराणों और प्राचीन धर्म ग्रन्थों में ‘उज्जयिनी’ और ‘अवन्तिकापुरी’ के नाम से उल्लेखित है. माना जाता है कि मंगल ग्रह का जन्म स्‍थल मंगलश्वेर भी यहीं पर स्थित है. इसके अलावा, भर्तृहरि की गुफा, महर्षि सान्दीपनि जी का आश्रम भी यहीं मौजूद है. बता दें कि यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम शिक्षा प्राप्त करने आए थे. यहां हर 12 साल में एक बार सिहंस्थ महाकुम्भ का विशेष मेला लगता है. अगर आप यहां पहुंचना चाहते है तो वायु मार्ग के लिए आप इंदौर एयरपोर्ट पहुंचें जो यहां से करीब 58 किलोमीटर दूरी पर है. जबकि रेलमार्ग से यह लगभग सभी बड़े राज्‍यों से जुड़ा है. इसके अलावा, आप नेशनल हाइवे 48 और नैशनल हाइव...

उज्जैन से ओंकारेश्वर जाने के साधन

उज्जैन से ओंकारेश्वर जाने के साधन : अगर आप ओंकारेश्वर से उज्जैन (omkareshwar to ujjain distance) की ओर जा रहे है तो आपको बता दे की इसके लिए आपको लगभग 3.5 किलोमीटर की दुरी तय करनी पड़ेगी जिसमे आपको अपनी गाड़ी से 15 मिनट का समय लग सकता है। इसके अलावा अगर आप पैदल जाते है तो आपको लगभग 3 किलोमीटर की दुरी तय करनी पड़ेगी जिसमे आपको 37 मिनट तक का समय लग सकता है। श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग : यह चमत्कारी मन्दिर भारत के मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिले में स्थित है। प्रतिवर्ष देश-विदेश से लोग यहाँ मन्दिर के दर्शन करने के लिए आते है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग (omkareshwar in hindi) में चौथा ओम्कारेश्वर है। ओमकार (places to visit in omkareshwar) का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। उसी ओमकार स्वरुप ज्योतिर्लिंग श्री ओम्कारेश्वर है, इसका मतलब ये हुआ की यहाँ भगवान शिव ओम्कार स्वरुप में प्रकट हुए हैं। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगओं (omkareshwar indore) में से एक है, सदियों पहले भील जनजाति ने इस जगह पर लोगो की बस्तियां बसाई और अब यह जगह अपनी भव्यता और इतिहास से प्रसिद्ध है। अगर आप भी यहाँ जाना (how to reach omkareshwar) चाहते है तो आपको बता दे की ओमकारेश्वर मंदिर प्रातः 5 बजे खुल जाता है और यहां पर आरती होती है और यह मंदिर रात के 10 बजे तक खुला रहता है। ज्योतिर्लिंग क्या होते है? ज्योतिर्लिंग वे स्थान कहलाते हैं जहाँ पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे एवं ज्योति रूप में स्थापित हैं। प्रणव ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से समस्त पाप भस्म हो जाते है। Shri Omkareshwar Jyotirlinga...

उज्जैन: : इतिहास, दर्शनीय स्थल, कैसे पहुंचे और घूमने का सबसे अच्छा समय

• इतिहास • घूमने के स्थान • कैसे पहुंचा जाये शिप्रा नदी पर स्थित, उज्जैन के प्राचीन शहर को भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। उज्जैन की मुख्य विशेषताओं में से एक यह है कि यह भव्य उत्सवों के लिए चार स्थलों में से एक है कुंभ मेला - ग्रह पर सबसे बड़ा मानव जमावड़ा जो सालाना लगभग 100 मिलियन लोगों को आकर्षित करता है। प्राचीन काल से, उज्जैन भारत में अपने धर्म, वास्तुकला और शैक्षिक मूल्य के साथ-साथ अपार धन के लिए जाना और मनाया जाता रहा है। इतना ही नहीं, इसकी भौगोलिक स्थिति भी काफी दिलचस्प है क्योंकि यह कर्क रेखा पर स्थित है। और हे, क्या आप जानते हैं कि उज्जैन भी वह स्थान है जहाँ आपको महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक मिलता है? तीर्थ स्थलों की बात करें तो यहां इतने सारे मंदिरों की उपस्थिति के कारण इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय मध्य प्रदेश में उज्जैन जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है। इन महीनों के दौरान कुल मिलाकर मौसम की स्थिति काफी सुखद और हवादार होती है, इसलिए आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ अच्छा समय बिताने में सक्षम होंगे। उज्जैन का इतिहास ऐतिहासिक रूप से, उज्जैन को महाभारत और रामायण के समय का पता लगाया जा सकता है। यह भी उल्लेख किया गया है कि रामघाट पर राजा दशरथ के लिए पिंडदान करने के लिए भगवान राम माता सीता के साथ यहां आते थे। समय से थोड़ा आगे जाने पर, हम पाते हैं कि इसे कभी एक पवित्र तीर्थ स्थल भी माना जाता था और महान सम्राट अशोक का निवास स्थान भी था। उज्जैन इतिहास में अलग-अलग समय के दौरान प्राचीन अवंती और राजा विक्रमादित्य की भी राजधानी थी। कई हिंदुओं का ...

ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर,ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर यात्रा केवल 4000 रुपये मे

ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वरमंदिर : यह मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए पक्की सीढ़ियाँ बनी हैं। भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है, ज्योतिष में जिसका विशेष महत्व है। इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएँ हैं। गर्भगृह में नंदी दीप स्थापित है, जो सदैव प्रज्ज्वलित होता रहता है। गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित है। इस कक्ष में बैठकर हजारों श्रद्धालु शिव आराधना का पुण्य लाभ लेते हैं। महाकाल की भस्म आरती इस आरती मे शामिल होने के लिए महिलाओं को साडी मे और पुरुषों को धोती पहनकर जाना होता है यह पहनावा बहुत जरूरी है अन्यथा भस्म आरती मे प्रवेश नही मिलता है प्रतिदिन सुबह होने वाली भगवान की भस्म आरती के लिए कई महीनों पहले से ही बुकिंग करानी होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है लेकिन आजकल इसका स्थान गोबर पर कंडे की भस्म का उपयोग किया जाता है परंतु आज भी यही कहा जाता है कि यदि आपने महाकाल की भस्म आरती नहीं देखी तो आपका महाकालेश्वर दर्शन अधूरा है। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन व उसके आसपास के गाँवों में कई प्रसिद्ध मंदिर व आश्रम है, जिनमें चिंतामण गणेश मंदिर,गोपाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, त्रिवेणी संगम, सिद्धवट, मंगलनाथ, इस्कॉन मंदिर आदि प्रमुख है। इन स्थानों पर पहुँचने के लिए महाकालेश्वर मंदिर से बस व टैक्सी सुविधा उपलब्ध है। #महाकाल #महाकालेश्वर कैसे पहुँचें उज्जैन : उज्जैन पहुँचने के लिए आपको इंदौर,भोपाल आदि स्थानों से बस, ट्रेन व टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। नजदीकी हवाईअड्डा इंदौर और फिर भोपाल में है। ओंकारेश्वर हम सु...

महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (Mahakaleshwar se Omkareshwar ki duri)

Facebook WhatsApp अगर आप महाकालेश्वर से ओमकारेश्वर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको यह पता लगने वाला है, कि आखिर महाकालेश्वर और ओमकारेश्वर के बीच में कितनी दूरी है, और आपको दोनों के बीच सफर करने में कितना समय लगने वाला है। जिससे कि आपको अपना सफर करने में आसानी होगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं। महाकालेश्वर से ओंकारेश्वर की दूरी (mahakaleshwar se omkareshwar ki duri) असल में महाकालेश्वर, महाकालेश्वर भगवान का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जोकि भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और अगर इसके स्थान की बात करे तो यह हमारे भारत के मध्य प्रदेश राज्य में उज्जैन नगर में स्थित है, और रही बात ओमकारेश्वर की, तो ओमकारेश्वर तो यह भी एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, और यह भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अगर बात करें इसके स्थान की, तो यह भी मध्यप्रदेश राज्य के अंदर ही है यह मध्यप्रदेश में खंडवा जिले के अंतर्गत आता है। अगर बात करे महाकालेश्वर से ओम्कारेश्वर की बीच की दूरी की, तो दोनों के बीच 138-39 km का डिस्टेंस है, जिसे पूरा करने में आपको लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग जाएगा अगर आप कार का यूज करे तो।