Upa सरकार क्या है

  1. NDA और UPA क्या है हिंदी में जाने What is NDA and UPA in Hindi
  2. UPA सरकार में एनकाउंटर केस में CBI ने बुलाया, कहा
  3. NDA और UPA क्या है
  4. Assembly Election Results 2023 UPA And NDA Rulling States In India
  5. अमेरिका के साथ इस मामले पर संकट में आ गई थी UPA सरकार, अतीक अहमद ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
  6. UPA सरकार में एनकाउंटर केस में CBI ने बुलाया, कहा
  7. NDA और UPA क्या है
  8. Assembly Election Results 2023 UPA And NDA Rulling States In India
  9. NDA और UPA क्या है हिंदी में जाने What is NDA and UPA in Hindi
  10. अमेरिका के साथ इस मामले पर संकट में आ गई थी UPA सरकार, अतीक अहमद ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका


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NDA और UPA क्या है हिंदी में जाने What is NDA and UPA in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम आपको NDA और UPA क्या है Hindi में इनका क्या मतलब होता है। इसके बारे में बताने जा रहे हैं। आपने अक्सर किसी न्यूज़ पेपर या टीवी चैनल में NDA और UPA सरकार का नाम जरुर सुना होगा। तो आप भी जानना चाहते होंगे What is NDA and UPA in hindi ? जहां तक बात करे देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ऐसी दो पार्टी है जिनके बारे में लगभग सभी लोग जानते है। इस समय केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और विरोधी पार्टी का दर्जा कांग्रेस को मिला हुआ है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। जब भी टीवी अख़बार में राजनैतिक बात आती है तो NDA और UPA का नाम जरुर आता है। आज भी बहुत से लोग है जिनको इन दोनों के बारे में पता नहीं है लोग नहीं जानते कि UPA और NDA का मतलब क्या होता है। जहां तक लोगो को पता है कि NDA और UPA कोई राजनैतिक पार्टी नहीं है फिर भी चुनाव में या किसी राजनीतिक बात में एनडीए और यूपीए का नाम लिया जाता है। तो नीचे आप इन दोनों के बारे में जान सकते हैं। NDA और UPA क्या है आपको बता दे कि NDA और UPA दोनों अलग अलग गठबंधन है जो अनेक पार्टियों से मिलकर बने हैं। NDA का Full Form National Democratic Alliance है। जबकि UPA का Full Form United Progressive Alliance होता है। NDA की मुख्य पार्टी भारतीय जनता पार्टी है जो एनडीए का नेतृत्व करती है। वहीं दूसरी तरफ यूपीए का नेतृत्व राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी करती है। यह दोनों गठबंधन पूरे देश में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन केंद्र में सरकार बनाने के लिए इन्हें राज्य की छेत्रीय पार्टियों का सहारा लेना पड़ता है। NDA (National Democratic Allia...

UPA सरकार में एनकाउंटर केस में CBI ने बुलाया, कहा

अमित शाह न्यूज 18 के प्रोग्राम में बोल रहे थे। उन्होंने एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोप पर कहा- मैं आपको बताता हूं कि एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कैसे किया गया। मैं इसका शिकार हो चुका हूं। कांग्रेस ने हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार का केस नहीं किया। जब मैं गुजरात का गृहमंत्री था, तब एक एनकाउंटर हुआ। CBI ने केस फाइल किया और मुझे गिरफ्तार कर लिया था। गृहमंत्री ने कहा- 90% पूछताछ के दौरान वो यही कहते रहे कि क्यों परेशान हो रहे हो। मोदी का नाम ले लो और हम तुम्हें छोड़ देंगे। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कई विपक्षी नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपोजिशन की आवाज दबाने के लिए ED और CBI जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। पढ़िए शाह ने किन मुद्दों पर क्या बातें कहीं... 1. एजेंसियों का दुरूपयोग शाह ने कहा- UPA शासन के दौरान CBI ने उन्हें फेक एनकाउंटर केस में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान एजेंसी ने मुझ पर PM मोदी को फंसाने का दबाव डाला था। कहते थे कि मोदी का नाम दे दो, लेकिन मैं उन्हें क्यों फंसाऊं। मेरी वजह से कुछ बेगुनाह पुलिस अफसरों को जेल में डाला गया। इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं मचाया। आज वही कांग्रेस एजेंसियों का रोना रो रही है। अगर आप बेगुनाह हैं तो कानून पर भरोसा रखिए। 2. राहुल गांधी मानहानि केस मानहानि केस में राहुल गांधी को सजा दिए जाने और उनकी सदस्यता जाने पर शाह ने कहा- राहुल गांधी अकेले राजनेता नहीं हैं, जिसे किसी कोर्ट ने दोषी ठहराया हो और उसकी संसद सदस्यता चली गई हो। ऊंची अदालत में अपील करने के बजाय राहुल हंगामा मचा रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं। राहु...

NDA और UPA क्या है

भारत के लोकसभा में कुल 545 सीट है। जिसमें से चुनाव आयोग(Election Commission) 543 का चुनाव कराता है। किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल करने के लिए कुल सीट का आधा यानी 271.5 से ज्यादा(272) लाना पड़ता है। तब जाकर उसका बहुमत सिद्ध होता है और अपनी सरकार बना पाते है। लेकिन जब चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो वे सभी पार्टी आपस में मिलने या गठबंधन करने लगते हैं। जब एक साथ कई पार्टियां मिलने लगती है तो उसे महागठबंधन कहते हैं।

Assembly Election Results 2023 UPA And NDA Rulling States In India

Election Results 2023: कितने राज्यों में है NDA की सरकार? अगर मेघालय-त्रिपुरा-नगालैंड में मिली जीत तो क्या होगा कांग्रेस-UPA का हाल Assembly Elections Results 2023: मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड के विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती जारी है. त्रिपुरा से शुरुआती रुझान सामने आ गए हैं. जिसमें बीजेपी को काफी अच्छी बढ़त मिल गई है. Assembly Elections Results 2023 Live: नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार (2 मार्च) शाम 5 बजे तक आ जाएंगे. इन तीनों राज्यों में राजनीतिक दलों ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है. नतीजों के आने से पहले ही बीजेपी ने तीनों राज्यों में सरकार बनाने का दावा भी कर दिया है. वहीं कांग्रेस और अन्य दल भी चुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं. इस समय, पूरे देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) की 17 राज्यों में सरकार है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए सिर्फ 6 राज्यों में है और 7 राज्यों में अन्य राजनीतिक दलों की सरकारें हैं. जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनमें अगर बीजेपी की जीत होती है तो ये 2024 के चुनाव के लिए अच्छे संकेत होंगे और एनडीए की सरकार 17 राज्यों में बनी रहेगी. वहीं, अगर मेघालय-त्रिपुरा-नगालैंड में कांग्रेस-यूपीए बाजी मार लेती है, तो देश में कुल 9 राज्यों में UPA का शासन होगा. इसी के साथ, बीजेपी की लिस्ट से नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय का नाम हट जाएगा. त्रिपुरा में 2018 में बीजेपी ने 43 प्रतिशत वोटों के साथ 36 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं मेघालय में बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. नगालैंड में बीजेपी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 पर परचम लहराया था. कितने राज्यों में है BJP-NDA सरकार? हरियाणा (मुख्यमंत्री...

अमेरिका के साथ इस मामले पर संकट में आ गई थी UPA सरकार, अतीक अहमद ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

पुस्तक के अनुसार, तब अतीक सहित छह Delinquent MPs को 48 घंटे के भीतर विभिन्न जेलों से फर्लो पर छोड़ा गया था। इन छह MPs में समाजवादी पार्टी (SP) का तत्कालीन लोकसभा सदस्य अतीक अहमद (Atiq Ahmed) था, जो तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा था। पुस्तक में किया गया उल्लेख राजेश सिंह द्वारा लिखित और Rupa Publication द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि अतीक उन बाहुबलियों में से एक था, जिन्होंने संप्रग सरकार को गिरने से बचाया था। असैन्य परमाणु समझौता (Civil Nuclear Agreement) करने के सरकार के फैसले पर वाम दलों ने 2008 के मध्य में सरकार को दिया गया अपना बाहरी समर्थन वापस ले लिया था। लोकसभा में UPA के 228 सदस्य थे: सिंह सिंह ने लिखा, ‘‘लोकसभा (Lok Sabha) में UPA के 228 सदस्य थे और अविश्वास प्रस्ताव से उबरने के लिए सरकार को 44 वोट कम पड़ रहे थे। PM सिंह ने, हालांकि, विश्वास (Confidence) व्यक्त किया था कि उनकी सरकार सत्ता में बनी रहेगी। यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि वह Vote of Confidence कहां से आया था।” इन पार्टियों ने UPA को दिया था समर्थन उन्होंने लिखा है कि तब समाजवादी पार्टी, अजीत सिंह (Ajit Singh) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (Secular) ने UPA को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने आगे लिखा कि संप्रग को समर्थन देने वाले अन्य MPs में ये ‘बाहुबली नेता’ भी शामिल थे। 100 से अधिक मामले दर्ज पुस्तक में कहा गया है, ‘‘(विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर) मतदान से 48 घंटे पहले सरकार ने देश के कानून (Law) तोड़ने वालों में से छह को फर्लो पर जेल से बाहर निकाल दिया था, ताकि वे अपने संवैधानिक दायित्वों (Con...

UPA सरकार में एनकाउंटर केस में CBI ने बुलाया, कहा

अमित शाह न्यूज 18 के प्रोग्राम में बोल रहे थे। उन्होंने एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोप पर कहा- मैं आपको बताता हूं कि एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कैसे किया गया। मैं इसका शिकार हो चुका हूं। कांग्रेस ने हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार का केस नहीं किया। जब मैं गुजरात का गृहमंत्री था, तब एक एनकाउंटर हुआ। CBI ने केस फाइल किया और मुझे गिरफ्तार कर लिया था। गृहमंत्री ने कहा- 90% पूछताछ के दौरान वो यही कहते रहे कि क्यों परेशान हो रहे हो। मोदी का नाम ले लो और हम तुम्हें छोड़ देंगे। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कई विपक्षी नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपोजिशन की आवाज दबाने के लिए ED और CBI जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। पढ़िए शाह ने किन मुद्दों पर क्या बातें कहीं... 1. एजेंसियों का दुरूपयोग शाह ने कहा- UPA शासन के दौरान CBI ने उन्हें फेक एनकाउंटर केस में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान एजेंसी ने मुझ पर PM मोदी को फंसाने का दबाव डाला था। कहते थे कि मोदी का नाम दे दो, लेकिन मैं उन्हें क्यों फंसाऊं। मेरी वजह से कुछ बेगुनाह पुलिस अफसरों को जेल में डाला गया। इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं मचाया। आज वही कांग्रेस एजेंसियों का रोना रो रही है। अगर आप बेगुनाह हैं तो कानून पर भरोसा रखिए। 2. राहुल गांधी मानहानि केस मानहानि केस में राहुल गांधी को सजा दिए जाने और उनकी सदस्यता जाने पर शाह ने कहा- राहुल गांधी अकेले राजनेता नहीं हैं, जिसे किसी कोर्ट ने दोषी ठहराया हो और उसकी संसद सदस्यता चली गई हो। ऊंची अदालत में अपील करने के बजाय राहुल हंगामा मचा रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं। राहु...

NDA और UPA क्या है

भारत के लोकसभा में कुल 545 सीट है। जिसमें से चुनाव आयोग(Election Commission) 543 का चुनाव कराता है। किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल करने के लिए कुल सीट का आधा यानी 271.5 से ज्यादा(272) लाना पड़ता है। तब जाकर उसका बहुमत सिद्ध होता है और अपनी सरकार बना पाते है। लेकिन जब चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो वे सभी पार्टी आपस में मिलने या गठबंधन करने लगते हैं। जब एक साथ कई पार्टियां मिलने लगती है तो उसे महागठबंधन कहते हैं।

Assembly Election Results 2023 UPA And NDA Rulling States In India

Election Results 2023: कितने राज्यों में है NDA की सरकार? अगर मेघालय-त्रिपुरा-नगालैंड में मिली जीत तो क्या होगा कांग्रेस-UPA का हाल Assembly Elections Results 2023: मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड के विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती जारी है. त्रिपुरा से शुरुआती रुझान सामने आ गए हैं. जिसमें बीजेपी को काफी अच्छी बढ़त मिल गई है. Assembly Elections Results 2023 Live: नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार (2 मार्च) शाम 5 बजे तक आ जाएंगे. इन तीनों राज्यों में राजनीतिक दलों ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है. नतीजों के आने से पहले ही बीजेपी ने तीनों राज्यों में सरकार बनाने का दावा भी कर दिया है. वहीं कांग्रेस और अन्य दल भी चुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं. इस समय, पूरे देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) की 17 राज्यों में सरकार है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए सिर्फ 6 राज्यों में है और 7 राज्यों में अन्य राजनीतिक दलों की सरकारें हैं. जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनमें अगर बीजेपी की जीत होती है तो ये 2024 के चुनाव के लिए अच्छे संकेत होंगे और एनडीए की सरकार 17 राज्यों में बनी रहेगी. वहीं, अगर मेघालय-त्रिपुरा-नगालैंड में कांग्रेस-यूपीए बाजी मार लेती है, तो देश में कुल 9 राज्यों में UPA का शासन होगा. इसी के साथ, बीजेपी की लिस्ट से नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय का नाम हट जाएगा. त्रिपुरा में 2018 में बीजेपी ने 43 प्रतिशत वोटों के साथ 36 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं मेघालय में बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. नगालैंड में बीजेपी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 पर परचम लहराया था. कितने राज्यों में है BJP-NDA सरकार? हरियाणा (मुख्यमंत्री...

NDA और UPA क्या है हिंदी में जाने What is NDA and UPA in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम आपको NDA और UPA क्या है Hindi में इनका क्या मतलब होता है। इसके बारे में बताने जा रहे हैं। आपने अक्सर किसी न्यूज़ पेपर या टीवी चैनल में NDA और UPA सरकार का नाम जरुर सुना होगा। तो आप भी जानना चाहते होंगे What is NDA and UPA in hindi ? जहां तक बात करे देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ऐसी दो पार्टी है जिनके बारे में लगभग सभी लोग जानते है। इस समय केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और विरोधी पार्टी का दर्जा कांग्रेस को मिला हुआ है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। जब भी टीवी अख़बार में राजनैतिक बात आती है तो NDA और UPA का नाम जरुर आता है। आज भी बहुत से लोग है जिनको इन दोनों के बारे में पता नहीं है लोग नहीं जानते कि UPA और NDA का मतलब क्या होता है। जहां तक लोगो को पता है कि NDA और UPA कोई राजनैतिक पार्टी नहीं है फिर भी चुनाव में या किसी राजनीतिक बात में एनडीए और यूपीए का नाम लिया जाता है। तो नीचे आप इन दोनों के बारे में जान सकते हैं। NDA और UPA क्या है आपको बता दे कि NDA और UPA दोनों अलग अलग गठबंधन है जो अनेक पार्टियों से मिलकर बने हैं। NDA का Full Form National Democratic Alliance है। जबकि UPA का Full Form United Progressive Alliance होता है। NDA की मुख्य पार्टी भारतीय जनता पार्टी है जो एनडीए का नेतृत्व करती है। वहीं दूसरी तरफ यूपीए का नेतृत्व राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी करती है। यह दोनों गठबंधन पूरे देश में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन केंद्र में सरकार बनाने के लिए इन्हें राज्य की छेत्रीय पार्टियों का सहारा लेना पड़ता है। NDA (National Democratic Allia...

अमेरिका के साथ इस मामले पर संकट में आ गई थी UPA सरकार, अतीक अहमद ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

पुस्तक के अनुसार, तब अतीक सहित छह Delinquent MPs को 48 घंटे के भीतर विभिन्न जेलों से फर्लो पर छोड़ा गया था। इन छह MPs में समाजवादी पार्टी (SP) का तत्कालीन लोकसभा सदस्य अतीक अहमद (Atiq Ahmed) था, जो तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा था। पुस्तक में किया गया उल्लेख राजेश सिंह द्वारा लिखित और Rupa Publication द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि अतीक उन बाहुबलियों में से एक था, जिन्होंने संप्रग सरकार को गिरने से बचाया था। असैन्य परमाणु समझौता (Civil Nuclear Agreement) करने के सरकार के फैसले पर वाम दलों ने 2008 के मध्य में सरकार को दिया गया अपना बाहरी समर्थन वापस ले लिया था। लोकसभा में UPA के 228 सदस्य थे: सिंह सिंह ने लिखा, ‘‘लोकसभा (Lok Sabha) में UPA के 228 सदस्य थे और अविश्वास प्रस्ताव से उबरने के लिए सरकार को 44 वोट कम पड़ रहे थे। PM सिंह ने, हालांकि, विश्वास (Confidence) व्यक्त किया था कि उनकी सरकार सत्ता में बनी रहेगी। यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि वह Vote of Confidence कहां से आया था।” इन पार्टियों ने UPA को दिया था समर्थन उन्होंने लिखा है कि तब समाजवादी पार्टी, अजीत सिंह (Ajit Singh) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (Secular) ने UPA को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने आगे लिखा कि संप्रग को समर्थन देने वाले अन्य MPs में ये ‘बाहुबली नेता’ भी शामिल थे। 100 से अधिक मामले दर्ज पुस्तक में कहा गया है, ‘‘(विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर) मतदान से 48 घंटे पहले सरकार ने देश के कानून (Law) तोड़ने वालों में से छह को फर्लो पर जेल से बाहर निकाल दिया था, ताकि वे अपने संवैधानिक दायित्वों (Con...