उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता है

  1. Importance and Significance of Studying Consumer Behaviour
  2. उपभोक्ता व्यवहार का सिद्धांत, theory of consumer behaviour in hindi
  3. निम्न में से उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता है? GK in Hindi
  4. Essay on Business Economics
  5. RBSE Class 12 Economics Notes Chapter 2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
  6. उपभोक्ता


Download: उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता है
Size: 31.50 MB

Importance and Significance of Studying Consumer Behaviour

Broadly stated, there can be a managerial view as well as a holistic view on the study of consumer behaviour. The managerial view is that consumer behaviour study is an applied social science. That is, consumer behaviour study is used as an adjunct to and as a basic for developing marketing strategies. Whereas, the holistic view considers consumer behaviour to be pure rather than as an applied social science. This implies that consumer behaviour study involves a legitimate focus of inquiry in and of itself without necessarily being applied to marketing. In olden days, the importance of consumers’ behavior was not realized because it was seller’s market. But modern marketing is customer-oriented. ADVERTISEMENTS: Therefore, the study of customers’ behavior is vital in framing production policies, price policies, decisions regarding channels of distribution and above all decisions regarding sales promotion. Importance and Significance of Studying Consumer Behaviour Importance of Studying Consumer Behaviour – Explained with the Help of 12 Points Consumer behaviour plays an important role in marketing management. It provides information to the marketer on the basis of which the marketer can design its marketing mix strategies and modify it in future as per the situation. For the marketer it is important to know how consumers will react to marketing programme in order to serve them effectively. Importance of study of consumer behaviour can be explained with the help of following...

उपभोक्ता व्यवहार का सिद्धांत, theory of consumer behaviour in hindi

इस अध्याय में हम व्यक्तिगत उपभोक्ता के व्यवहार का अध्ययन करेंगे। उपभोक्ता व्यवहार का सिद्धांत: किसी उपभोक्ता के लिए उपलब्ध उपभोग का बंडल दोनों वस्तुओं की कीमत ओर उपभोक्ता की आय पर ही निर्भर करता है। निश्चित आय होने से तथा दोनों वस्तुओं की कीमतों को परखते हुए उपभोक्ता केवल उसी बंडल को खरीदेगा, जो उसकी आय से कम कीमत मे हो ओर या बराबर मे हो। उपभोक्ता की ‘पसंद’ को ‘वरीयताएँ’ भी कहा जाता है। और उपभोक्ता क्या खरीद सकता है, यह माल की कीमतों और उपभोक्ता की आय पर निर्भर करता है। यह अध्याय दो अलग-अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो उपभोक्ता व्यवहार की व्याख्या करता है। प्रारंभिक नोटेशन और धारणाएं एक उपभोक्ता, सामान्य तौर पर, कई वस्तुओं का उपभोग करता है; लेकिन सरलता के लिए, हम उस स्थिति में उपभोक्ता की पसंद की समस्या पर विचार करेंगे, जहां केवल दो वस्तुएं हैं: केला और आम। दो वस्तुओं की मात्रा के किसी भी संयोजन को उपभोग बंडल या संक्षेप में बंडल कहा जाएगा। आम तौर पर, हम केले की मात्रा को दर्शाने के लिए चर x 1 और आमों की मात्रा को दर्शाने के लिए x 2 का उपयोग करेंगे। x 1 और x 2 धनात्मक या शून्य हो सकते हैं। (x 1, x 2) का अर्थ होगा केले की x 1 मात्रा और आम की x 2 मात्रा से युक्त बंडल। x 1 और x 2 के विशेष मानों के लिए, (x 1, x 2) हमें एक विशेष बंडल देगा। उदाहरण के लिए, बंडल (5,10) में 5 केले और 10 आम हैं; बंडल (10, 5) में 10 केले और 5 आम हैं। Also Read: इन्हें भी पढ़ें:- उपयोगिता या उपभोक्ता कौन नहीं है समझाइए? एक उपभोक्ता आमतौर पर किसी वस्तु के लिए अपनी मांग का निर्णय उसकी उपयोगिता (या संतुष्टि) के आधार पर करता है जो वह उससे प्राप्त करता है। उपयोगिता क्या है? किसी वस्तु की उपयोगिता उसकी आवश्...

निम्न में से उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता है? GK in Hindi

Advertisement सूक्ष्म अर्थशास्त्र हिन्दी सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर का अभ्यास विद्यार्थियों के लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अक्सर विद्यार्थी अन्य विषयों की तैयारी तो अच्छी तरह से कर लेते हैं किन्तु सामान्य ज्ञान की जानकारी कमजोर होने के कारण परीक्षा में असफल हो जाते हैं। अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर क्विज के हजारों प्रश्न हमने यहाँ संकलित किए हैं। Economics Questions in Hindi Economics Important Questions in Hindi Economics GK Quiz in Hindi Economics Hindi Questions GK QUIZ Economics GK Hindi Quiz Economics Quiz in Hindi Economics multiple choice Questions Hindi Indian Economy GK in Hindi Indian Economy MCQ in Hindi Economics Questions in Hindi for UPSC Economics Questions in Hindi for SSC Economics Questions in Hindi for Banking Economics Questions in Hindi for NDA Economics Questions in Hindi for Railway Economics Questions in Hindi for Defense Economics Questions in Hindi for PCS Economics Questions in Hindi for TET Economics Questions in Hindi for MPPSC Economics Questions in Hindi for REET Economics Questions in Hindi for MPTET Related Posts: • उपभोक्ता आंदोलन का जनक निम्नलिखित में से किसे माना जाता है?… • उपभोक्ता अधिकारों की घोषणा किस देश में हुई थी? GK in Hindi • उपभोक्ता आंदोलन का प्रवर्तक किसको माना जाता है? GK in Hindi • निम्न में से किसे एक पृथक विषय के रूप में समष्टि अर्थशास्त्र… • मांग का नियम किस पर आधारित है? GK in Hindi • भारत में सहकारिता आंदोलन निम्न में से किस क्षेत्र में… • ‘‘अर्थशास्त्र वह है ज...

Essay on Business Economics

Here is an essay on ‘Business Economics’ for class 9, 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Business Economics’ especially written for school and college students in Hindi language. Essay on Business Economics Essay Contents: • व्यावसायिक अर्थशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Business Economics) • व्यावसायिक अर्थशास्त्र की मुख्य विशेषताएँ (Chief Characteristics of Business Economics) • व्यावसायिक अर्थशास्त्र की प्रकृति (Nature of Business Economics) • व्यावसायिक अर्थशास्त्र का क्षेत्र (Scope of Business Economics) • अर्थशास्त्र अथवा आर्थिक सिद्धान्तों का व्यावसायिक अर्थशास्त्र में उपयोग (Application of Economics or Economic Principles in Business Economics) Essay # 1. व्यावसायिक अर्थशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा ( Meaning and Definition of Business Economics): ADVERTISEMENTS: अर्थ ( Meaning): व्यावसायिक अर्थशास्त्र परम्परागत अर्थशास्त्र का ही एक भाग है । इसमें व्यावसायिक फर्म की समस्याओं का अध्ययन होता है । अर्थशास्त्र निरपेक्ष आर्थिक सिद्धान्तों (Abstract Economic Theories) से सम्बन्धित है । व्यावसायिक अर्थशास्त्र उन आर्थिक सिद्धान्तों का अध्ययन है जिनका उपयोग व्यवसाय की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए होता है । सरल शब्दों में, व्यावसायिक अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जिसमें हम यह अध्ययन करते हैं कि वास्तविक परिस्थितियों में अर्थशास्त्र के सिद्धान्त का प्रयोग किस प्रकार होता है और ये किस प्रकार प्रबन्ध को निर्णय लेने और भावी नियोजन में सहायता प्रदान करते हैं । व्यावसायिक अर्थशास्त्र सामान्य अर्थशास्त्र का ही एक भाग है । सामान्...

RBSE Class 12 Economics Notes Chapter 2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत

Rajasthan Board RBSE Class 12 Economics Chapter 2 Notes उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत → प्रत्येक उपभोक्ता को यह निर्णय करना होता है कि वह अपनी आय को विभिन्न वस्तुओं पर किस प्रकार व्यय करे। कोई भी उपभोक्ता वस्तुओं के ऐसे संयोजन को प्राप्त करना चाहेगा जो उसे अधिकतम संतोष प्रदान करता है। → प्रारम्भिक संकेतन तथा अभिग्रह: हम उपभोक्ता के व्यवहार का अध्ययन यह मानकर करेंगे कि केवल दो ही वस्तुएँ हैं। दोनों वस्तुओं की मात्रा की कोई भी सम्मिलित राशि को उपभोक्ता बंडल अथवा संक्षेप में बंडल कह सकते हैं। → उपयोगिता: एक वस्तु की उपयोगिता, उसकी किसी आवश्यकता को सन्तुष्ट करने की क्षमता है। वस्तु की जितनी ज्यादा आवश्यकता होगी, उससे उतनी ही अधिक उपयोगिता प्राप्त होगी। → गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण-इस विश्लेषण की मान्यता है कि उपयोगिता के स्तर को संख्या में | व्यक्त किया जा सकता है। कुल उपयोगिता–कुल उपयोगिता (TU) एक वस्तु (X) की एक निश्चित मात्रा से प्राप्त उपयोगिता का योग है जो वस्तु की की गई मात्रा को उपयोग करने से प्राप्त होती है। → सीमान्त उपयोगिता: सीमान्त उपयोगिता (MU) कुल उपयोगिता में वह परिवर्तन है जो वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपयोग से होता है। → एकल वस्तु की दशा में माँग वन की उत्पत्ति (ह्रासमान उपयोगिता नियम): हासमान उपयोगिता नियम बताता है कि जैसे-जैसे अन्य वस्तुओं के उपयोग को स्थिर रखते हुए किसी वस्तु के उपयोग को बढ़ाया जाता | है, वस्तु की हर अगली इकाई के उपयोग से प्राप्त सीमान्त उपयोगिता गिरती जाती है। किसी वस्तु का माँग वक्र गणनावाचक विश्लेषण द्वारा बनाया जा सकता है। माँग वक्र, एक वस्तु की, विभिन्न कीमतों पर माँगे जाने वाली मात्राओं की रेखीय प्रस्तुति है। . → क्रमवाचक उपयोगिता...

उपभोक्ता

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (जून 2021) स्रोत खोजें: · · · · उपभोक्ता उस व्यक्ति को कहते हैं, जो विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। वस्तुओं में उपभोक्ता वस्तुएं (जैसे गेहूं, आटा, नमक, चीनी, फल आदि) एवं स्थायी वस्तुएं (जैसे टेलीविजन, रेफरीजरेटर, टोस्टर, मिक्सर, साइकिल आदि) सम्मिलित है। जिन सेवाओं का हम क्रय करते हैं, उनमें बिजली, टेलीफोन, परिवहन सेवाएं, थियेटर सेवाएं आदि सम्मिलित है। ध्यान रखने योग्य बात है कि उपभोक्ता वह है, जो उपभोग के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय करता है। यदि कोई फुटकर व्यापारी किसी थोक विक्रेता से वस्तुएं (जैसे स्टेशनरी का सामानद) खरीदता है, तो वह उपभोक्ता नहीं है क्योंकि वह तो वस्तुओं का क्रय पुनः विक्रय के लिए कर रहा है। अनुक्रम • 1 परिचय • 2 उपभोक्तावाद • 3 उपभोक्ता के अधिकार • 4 उपभोक्ता के उत्तरदायित्व • 5 इन्हें भी देखें परिचय [ ] क्या यह आवश्यक है कि एक क्रेता (जो केवल एक उपभोक्ता है) ही वस्तुओं का उपयोग करे? यह सदा नहीं होता। यदि आप अपने लिखने के लिए एक कापी खरीदते हैं तो आप क्रेता भी हैं और उपभोक्ता भी। माना आपके पिता खाद्य सामग्री का क्रय करते हैं, जिसका उपभोग परिवार के सभी सदस्य करते हैं या फिर जब वह कपड़े धोने का डिटरजैन्ट पाउडर खरीदते हैं तो इसका प्रयोग परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं तथा अन्य कोई भी (जो कपड़े धोने का कार्य कर रहा है) कर सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक उपभोक्ता जिन वस्तुओं का क्रय करता है उनका उपभोग उसके परिवार के सदस्य कर सकते हैं अथवा क्रेता की ओर से कोई अन्य व्यक्ति कर सकता है। उपभोक्ता वह व्यक्ति है, जो वस्तुओं अथवा से...