उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन

  1. भारत में वनों के प्रकार और वर्गीकरण
  2. पर्णपाती वन क्या है? – ElegantAnswer.com
  3. MCQ on Geography: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी – Vision of wisdom
  4. RBSE Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन
  5. NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium)
  6. वन पारिस्थितिकी तंत्र (Forest Ecosystem)
  7. भारत में वनों के प्रकार बताइये (Types Of Forest In India In Hindi)
  8. हमारा पर्यावरण/प्राकृतिक वनस्पति एवं अन्य जीवन
  9. पर्णपाती वन क्या है? – ElegantAnswer.com
  10. वन पारिस्थितिकी तंत्र (Forest Ecosystem)


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भारत में वनों के प्रकार और वर्गीकरण

वन प्रकार क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर) कुल का प्रतिशत उष्णकटिबंधीय आद्र सदाबहार वन 20,054 2.61 उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाबहार वन 71,171 9.27 उष्णकटिबंधीयआद्र पर्णपाती वन 1,35,492 17.65 तटीय व दलदली वन 5,596 0.73 उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन 3,13,617 40.86 उष्णकटिबंधीय कटीले वन 20,877 2.72 उष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वन 937 0.12 उपोष्ण कटिबंधीयचौड़ी पत्ती वाले वन 32,706 4.26 उपोष्ण कटिबंधीय देवदार वन 18,102 2.36 उपोष्ण कटिबंधीय शुष्क सदाबहार वन 180 0.02 पर्वतीय आद्र समशीतोष्ण वन 20,435 2.66 हिमालय नम समशीतोष्ण वन 25,743 3.35 हिमालय शुष्क समशीतोष्ण वन 5627 0.73 उप-अल्पाइन वन 14,995 1.96 नम अल्पाइन स्क्रब 959 0.13 शुष्क अल्पाइन स्क्रब 2922 0.38 बागवानी/टीओएपफ 64,839 8.45 1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन -यह वन उन भागों में मिलता है। जहां का तापमान 240 से.ग्रे के आस पास तथा वार्षिक वर्षा 200 से.मी. से अधिक होती हैं। ये वृक्ष सदैव हरे भरे दिखा पड़ते हैं। इनकी लकड़ी काले रंग की तथा कठोर दिखा देती हैं। मुख्य वृक्ष रबड़, महोगनी, एबोनी, ताड़, आबनूस, बाँस आदि हैं। ये वन पश्चिमी तटीय प्रदेश, पश्चिमी घाट, उत्तर पूर्वी पर्वतीय प्रदेश एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पाये जाते है। 2. आद्र मानसूनी वन -ये वन उनभागों में मिलते हैं। जहां का वार्षिक तापमान 200 से अधिक तथा वर्षा 100 से 200 से.मी. तक होती हैं। ये वृक्ष एक विशेष मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। ये कम सघन हैं। इन वनों में सागौन, साखू, कुसूम, पलास, सीसम, आंवला, नीम, चंदन प्रमुख वृक्ष हैं। ये वन छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के भागों में पाये जाते है।। चंदन की लकड़ी सुग...

पर्णपाती वन क्या है? – ElegantAnswer.com

पर्णपाती वन क्या है? इसे सुनेंरोकेंपतझड़ी या पर्णपाती (deciduous) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जो हर वर्ष किसी मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। अन्य क्षेत्रों में कुछ वृक्ष अपने पत्ते गर्मी के मौसम में खो देते हैं। ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा ७० सेमी से २०० सेमी तक होती है. जंगल हमारा क्या कहलाता है? इसे सुनेंरोकेंजंगल मूल रूप से भूमि का एक टुकड़ा है जिसमें बड़ी संख्या में वृक्ष और पौधों की विभिन्न किस्में शामिल हैं। घने पेड़ों, झाड़ियों, श्लेष्मों और विभिन्न प्रकार के पौधों द्वारा कवर किया गया एक विशाल भूमि क्षेत्र को वन के रूप में जाना जाता है। उष्णकटिबंधीय जंगल क्या है? इसे सुनेंरोकेंआप बता सकते हैं उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन इन वनों को उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भी कहते हैं (चित्र 6.3)। ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंध के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है। चूँकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती। 3 पर्णपाती वन की मुख्य विशेषता क्या है? इसे सुनेंरोकेंपर्णपाती वन की मुख्य विशेषता है वर्ष की सबसे सीमित अवधि के दौरान पत्तियों की हानि। यह वह जगह है जहां पर उपजी पत्तियों के विकास की सीमा अधिक चिह्नित बहुत शुष्क अवधि के कारण होती है। पर्णपाती जंगल की मिट्टी कूड़े द्वारा उत्पन्न आवधिक योगदान के कारण वे आमतौर पर गहरे और बहुत उपजाऊ होते हैं। Parnpati Van की मुख्य विशेषता क्या है? इसे सुनेंरोकेंसवाल: पर्णपाती वन की मुख्य विशेषता क्या है? पर्णपाती वन को पतझड़ वन भी कहते हैं, इस जंगल में वर्ष के किसी निश्चित समय के दौरान वहां पर पतियों की हानि होती हैं, और ...

MCQ on Geography: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी – Vision of wisdom

16) विश्वसनीयता (Trustworthy) Q&A: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी (Question and Answer on Natural flora and wildlife) प्रश्न-1: वह वनस्पति जो मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होती है और लंबे समय तक बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उगती है, इस प्रकार की वनस्पति को कहते हैं- • देशज वनस्पति (Endemic or Indigenous Plant) • विदेशज वनस्पति (Exotic Vegetation) • अक्षत वनस्पति (Virgin Vegetation) • इनमें से कोई नहीं। व्याख्याः (Option: 3) प्राकृतिक वनस्पति ( Natural vegetation) का अर्थ उन वनस्पतियों से है जो मनुष्य की सहायता के बिना अपने-आप पैदा होती हैं और लंबे समय तक बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उगती हैं। साथ ही इस प्रकार की वनस्पतियों में लंबे समय तक मानवीय प्रभाव भी नहीं पड़ता है, इन्हें अक्षत वनस्पति ( Virgin Vegetation) भी कहते हैं। वह अक्षत वनस्पति जो मूलरूप से भारतीय है उसे ‘ देशज’ कहते हैं, लेकिन जो पौधे भारत के बाहर से लाए गए हैं उन्हें ‘ विदेशज’ पौधे कहते हैं। प्रश्न-2: वनस्पतियों की विविधता ( Diversity of flora) का/के प्रमुख कारण है/हैं- • कारण-1: मृदा में विविधता • कारण-2: तापमान में अंतर • कारण-3: नदियों के जल की मात्रा में अंतर नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये- • केवल 1 • केवल 1 और 2 • केवल 2 और 3 • केवल 1 और 3 व्याख्याः (Option: 2) वनस्पतियों में विविधता के प्रमुख कारण हैं-विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की मृदाएँ पाई जाती हैं जो कि विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों का आधार हैं। जैसे- मरुस्थल की बलुई मृदा ( Loamy soil) में कँटीली झाड़ियाँ तथा नदियों के डेल्टा क्षेत्र ( Delta region) में पर्णपाती वन ( Deciduous Forests) पाए जाते हैं। भू-भाग का वनस...

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन RBSE Class 7 Social Science प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन InText Questions and Answers पृष्ठ संख्या 39 प्रश्न 1. क्या आप बता सकते हैं कि चढ़ाई के साथ सलीमा ने प्राकृतिक वनस्पतियों में क्या परिवर्तन देखा? हिमालय में गिरिपाद से लेकर ऊँचाई तक सलीमा ने किस प्रकार की वनस्पति देखी? उत्तर: चढ़ाई के साथ सलीमा ने देखा कि चढ़ाई के साथसाथ जलवायु, मिट्टी की परत की मोटाई तथा ढाल में हुए परिवर्तनों के कारण प्राकृतिक वनस्पति की विशेषताओं में भी परिवर्तन हो जाता है। उसने देखा कि गिरिपाद में स्थित साल और सागवान के घने वृक्ष धीरे-धीरे अदृश्य हो गए तथा पर्वत की ढलानों पर नुकीली पत्तियों तथा शंकुधारी वृक्ष दिखने लगे। पृष्ठ संख्या 41 प्रश्न 1. भारत में शीतोष्ण सदाबहार एवं शीतोष्ण पर्णपाती वन कहाँ पाए जाते हैं? उन राज्यों के नाम बताएँ। उत्तर: • भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन-नागालैण्ड, त्रिपुरा, मेघालय, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल तथा असम में पाये जाते हैं। • यहाँ शीतोष्ण पर्णपाती वन झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा केरल में पाए जाते हैं। प्रश्न 2. भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं? उत्तर: भारत में अधिकतर शीतोष्ण पर्णपाती तथा मानसूनी वन पाए जाते हैं। पृष्ठ संख्या 43 प्रश्न 1. अपने आस-पास नरम तथा दृढ़ काष्ठ से बनी वस्तुओं पर ध्यान दें। उत्तर: दृढ़ काष्ठ की वस्तुएँ-पलंग, कपबोर्ड, दरवाजे, खिडकियाँ, मेज, कुर्सी आदि। नरम काष्ठ-माचिस, पैकिंग सामान, कागज आदि। प्रश्न 2. अपने बड़ों से अपने आस-पास के वृक्षों के नाम पता करें। उत्तर: विद्यार्थी अपने आस-पास के क्षेत्रों के वृक्षों के नाम पत...

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium)

• NCERT Solutions for Social Science • Class 10 Social Science in Hindi Medium • Class 9 Social Science in Hindi Medium • Class 8 Social Science in Hindi Medium • Class 7 Social Science in Hindi Medium • Class 6 Social Science in Hindi Medium • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 11 1. भारत में शीतोष्ण सदाबहार एवं शीतोष्ण पर्णपाती वन कहाँ पाए जाते हैं? उन राज्यों के नाम बताएँ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41) उत्तर भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन उत्तरी-पूर्वी भारत में हिमालय के उन पर्वतीय भागों में पाए जाते हैं जो असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्य में आते हैं। शीतोष्ण पर्णपाती वन उत्तरांचल और हिमाचल प्रदेश के हिमालय के शिवालिक क्षेत्रों में पाए जाते हैं। 2. भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41) उत्तर भारत में अधिकतर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं। ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं। 3. ब्राजील के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वने इतने विशाल हैं कि पृथ्वी के फेफड़े की तरह प्रतीत होते हैं। आप बता सकते हैं, क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-40) उत्तर ब्राजील के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग वर्षभर वर्षा होती है, इसलिए इन क्षेत्रों में काफी पेड़-पौधे उगते हैं और ये पेड़-पौधे इतने घने हो गए हैं कि एक वृक्ष सूर्य के प्रकाश ग्रहण करने के लिए दूसरे पेड़ों से भी बढ़ जाते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों के वृक्षों की लम्बाई भी काफी अधिक है। विषुवत रेखीय प्रदेश ब्राजील उत्तरी भागों से गुजरती है, इसलिए यह समस्त प्रदेश उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों से घिरा हुआ है, इसलिए ये वन पृथ...

वन पारिस्थितिकी तंत्र (Forest Ecosystem)

Table of Contents • • • • • • • वन पारिस्थितिकी तंत्र: ये ऐसे पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनमें पेड़ों की प्रधानता होती है जो बड़ी संख्या में जड़ी-बूटियों, झाड़ियों, पर्वतारोहियों, लाइकेन, शैवाल और विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों से जुड़े होते हैं। ये वन अबाधित क्षेत्रों में पाए जाते हैं जो मध्यम से उच्च वर्षा प्राप्त करते हैं और आमतौर पर स्थिर चरमोत्कर्ष समुदायों के रूप में होते हैं। प्रचलित जलवायु परिस्थितियों के आधार पर वन विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं- उष्णकटिबंधीय वर्षा या सदाबहार वन (Tropical Rain or Evergreen Forests): वे भूमध्य रेखा के पास पाए जाने वाले सदाबहार चौड़े पत्ते वाले वन हैं। वे उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता और उच्च वर्षा की विशेषता रखते हैं, जो सभी पेड़ों के विकास के पक्ष में हैं। पूरे वर्ष मौसम कमोबेश एक समान रहता है। वे जैव विविधता में सबसे अमीर हैं। भोजन, धूप, पानी, पोषक तत्व आदि की उनकी जरूरतों के आधार पर पारिस्थितिकी तंत्र की विभिन्न परतों और स्थानों के भीतर जीवन के विभिन्न रूप विशिष्ट क्षेत्रों (निचेस) पर कब्जा कर लेते हैं। हम उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में विभिन्न प्रकार और पौधों और जानवरों की परतों में आते हैं। उदाहरण के लिए- उभरती हुई परत सबसे ऊंची चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार पेड़ों की सबसे ऊपरी परत होती है, जिसके नीचे कैनोपी होती है जहाँ छोटे पेड़ों की शीर्ष शाखाएँ एक छतरी जैसा आवरण बनाती हैं। इसके नीचे अभी भी छोटे पेड़ों की अंडरस्टोरी मौजूद है। पेड़ के तनों पर कुछ लकड़ी के पर्वतारोही उगते पाए जाते हैं जिन्हें लियाना के नाम से जाना जाता है। ऑर्किड जैसे कुछ अन्य पौधे हैं जो एपिफाइट्स हैं यानी वे बड़े पेड़ों की चड्डी या शाखाओं से जुड़...

भारत में वनों के प्रकार बताइये (Types Of Forest In India In Hindi)

(10) मरूस्थल वनस्पति! (11) ज्वारीय वन (कच्छ वनस्पति) (1) उष्णकटिबंधीय सदाबहारी वन (tropical evergreen forest in hindi) – यह वन 200 सेंटीमीटर या उससे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं! ऐसे क्षेत्रों में वर्षभर आर्द्रता 70% से अधिक तथा तापमान 24° से 30° के मध्य रहता है! इन वनों में पाए जाने वाले वृक्ष की ऊँचाई 20 से 60 मीटर तक होती हैं तथा इनकी लकड़ी कठोर होती है! यह वन उड़ीसा, उत्तर पूर्वी भारत, भारतीय पश्चिमी घाट, तथा अंडमान निकोबार (2) उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन – यह प्ररूपी मानसून वन है, जहां साल और सागवान प्रमुख जातियां हैं! ये वन देश के उन सभी भागों में पाए जाते है जहां औसत वर्षा 100 से 200 से. मी. के बीच होती है! यह वन सहा्द्री, प्रायद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग में तथा हिमालय के पादगिरी में पाए जाते हैं! (3) उष्णकटिबंधीय कटीले वन – उष्णकटिबंधीय कटीले वन आर्द्र पतझड़ वनों का एक निम्नकृत रूप हैं! ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां औसत वर्षा 75 से 100 सेमी. के बीच तथा औसत तापमान 16° से 22°C के बीच होता हैं! ऐसे वन प्रायद्वीपीय भारत, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश तथा हिमालय के पादगिरी में पाए जाते हैं! इन वनों में मुख्य वृक्ष बबूल झाड़ खेर, कैक्टस, खेजड़ा, नागफनी, पलाश आदि! (4) उपोष्ण पर्वतीय वन – ये वन उन प्रदेशों में पाए जाते हैं जहां औसत वार्षिक वर्षा 100 से 200 सेंटीमीटर के बीच होती है तथा औसत वार्षिक तापांतर 15° से 20°C के बीच रहता है! यह वन उत्तर-पश्चिमी हिमालय (कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तर पूर्वी राज्यों के ढलान पर पाए जाते हैं! इस प्रकार के वनों में चीड़, ओक, ज...

हमारा पर्यावरण/प्राकृतिक वनस्पति एवं अन्य जीवन

वनों के प्रकार उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन या उष्णकटिबंधीय वर्षा वन-भूमध्यरेखा एवं उष्णकटिबंध के पास पाए जाते हैं।ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ वर्षा होती है।चूँकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता,इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती।इसलिए इन्हें सदाबहार कहते हैं।काफी घने वृक्षों के मोटी वितान के कारण दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन के अंदर तक नहीं पहुँच पाताहै। रोजवुड,आबनूस,महोगनी उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन या मानसूनी वन:-भारत,उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका में। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं।जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं।इन वनों में पाए जाने वाले दृढ़ काष्ठ वृक्षों में साल,सागवान,नीम तथा शीशम प्रमुख हैं। शीतोष्ण सदाबहार वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों में स्थित हैं।।ये सामान्यत:महाद्वीपों के पूर्वी के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं।-जैसे दक्षिण-पूर्व अमेरिका,दक्षिण चीन एवं दक्षिण-पूर्वी ब्राजील।यहाँ बांज,चीड़ एवं यूकेलिप्टस जैसे दृढ़ एवं मुलायम दोनों प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं। शीतोष्ण पर्णपाती वन-उच्च अक्षांश की ओर बढ़ने पर अधिक शीतोष्ण पर्णपाती वन मिलते है।ये उत्तर-पूर्वी अमेरिका,चीन,न्यूजीलैंड,चिली एवं पश्चिमी यूरोप के तटीय प्रदेशों में पाए जाते हैं।शुष्क मौसम ये अपनी पत्तियाँ झाड़ देते हैं।यहां पाए जानेवाले पेड़ हैं-बांज,ऐश,बीच आदि।हिरण ,लोमड़ी, भेड़िये,यहाँ आम जानवर हैं।फीजेंट तथा मोनाल जैसे पक्षी भी यहाँ पाए जाते हैं। भूमध्यसागरीय वनस्पति-महाद्वीपों के पूर्व एवं उत्रर-पूर्वी किनारों के अधिकांश भाग शीतोष्ण सदाबहार एवं पर्णपाती पेड़ों से ढ़ँके हैं।महाद्वीपों के पश्चिमी एवं दक...

पर्णपाती वन क्या है? – ElegantAnswer.com

पर्णपाती वन क्या है? इसे सुनेंरोकेंपतझड़ी या पर्णपाती (deciduous) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जो हर वर्ष किसी मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। अन्य क्षेत्रों में कुछ वृक्ष अपने पत्ते गर्मी के मौसम में खो देते हैं। ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा ७० सेमी से २०० सेमी तक होती है. जंगल हमारा क्या कहलाता है? इसे सुनेंरोकेंजंगल मूल रूप से भूमि का एक टुकड़ा है जिसमें बड़ी संख्या में वृक्ष और पौधों की विभिन्न किस्में शामिल हैं। घने पेड़ों, झाड़ियों, श्लेष्मों और विभिन्न प्रकार के पौधों द्वारा कवर किया गया एक विशाल भूमि क्षेत्र को वन के रूप में जाना जाता है। उष्णकटिबंधीय जंगल क्या है? इसे सुनेंरोकेंआप बता सकते हैं उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन इन वनों को उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भी कहते हैं (चित्र 6.3)। ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंध के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है। चूँकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती। 3 पर्णपाती वन की मुख्य विशेषता क्या है? इसे सुनेंरोकेंपर्णपाती वन की मुख्य विशेषता है वर्ष की सबसे सीमित अवधि के दौरान पत्तियों की हानि। यह वह जगह है जहां पर उपजी पत्तियों के विकास की सीमा अधिक चिह्नित बहुत शुष्क अवधि के कारण होती है। पर्णपाती जंगल की मिट्टी कूड़े द्वारा उत्पन्न आवधिक योगदान के कारण वे आमतौर पर गहरे और बहुत उपजाऊ होते हैं। Parnpati Van की मुख्य विशेषता क्या है? इसे सुनेंरोकेंसवाल: पर्णपाती वन की मुख्य विशेषता क्या है? पर्णपाती वन को पतझड़ वन भी कहते हैं, इस जंगल में वर्ष के किसी निश्चित समय के दौरान वहां पर पतियों की हानि होती हैं, और ...

वन पारिस्थितिकी तंत्र (Forest Ecosystem)

Table of Contents • • • • • • • वन पारिस्थितिकी तंत्र: ये ऐसे पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनमें पेड़ों की प्रधानता होती है जो बड़ी संख्या में जड़ी-बूटियों, झाड़ियों, पर्वतारोहियों, लाइकेन, शैवाल और विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों से जुड़े होते हैं। ये वन अबाधित क्षेत्रों में पाए जाते हैं जो मध्यम से उच्च वर्षा प्राप्त करते हैं और आमतौर पर स्थिर चरमोत्कर्ष समुदायों के रूप में होते हैं। प्रचलित जलवायु परिस्थितियों के आधार पर वन विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं- उष्णकटिबंधीय वर्षा या सदाबहार वन (Tropical Rain or Evergreen Forests): वे भूमध्य रेखा के पास पाए जाने वाले सदाबहार चौड़े पत्ते वाले वन हैं। वे उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता और उच्च वर्षा की विशेषता रखते हैं, जो सभी पेड़ों के विकास के पक्ष में हैं। पूरे वर्ष मौसम कमोबेश एक समान रहता है। वे जैव विविधता में सबसे अमीर हैं। भोजन, धूप, पानी, पोषक तत्व आदि की उनकी जरूरतों के आधार पर पारिस्थितिकी तंत्र की विभिन्न परतों और स्थानों के भीतर जीवन के विभिन्न रूप विशिष्ट क्षेत्रों (निचेस) पर कब्जा कर लेते हैं। हम उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में विभिन्न प्रकार और पौधों और जानवरों की परतों में आते हैं। उदाहरण के लिए- उभरती हुई परत सबसे ऊंची चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार पेड़ों की सबसे ऊपरी परत होती है, जिसके नीचे कैनोपी होती है जहाँ छोटे पेड़ों की शीर्ष शाखाएँ एक छतरी जैसा आवरण बनाती हैं। इसके नीचे अभी भी छोटे पेड़ों की अंडरस्टोरी मौजूद है। पेड़ के तनों पर कुछ लकड़ी के पर्वतारोही उगते पाए जाते हैं जिन्हें लियाना के नाम से जाना जाता है। ऑर्किड जैसे कुछ अन्य पौधे हैं जो एपिफाइट्स हैं यानी वे बड़े पेड़ों की चड्डी या शाखाओं से जुड़...