उत्प्रेक्षा अलंकार के 5 उदाहरण

  1. अलंकार : परिभाषा,भेद, प्रकार व उदाहरण
  2. अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण


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अलंकार : परिभाषा,भेद, प्रकार व उदाहरण

Alankar in Hind – इस अध्याय में आपको हिंदी व्याकरण का एक और बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक ‘अलंकार’ (Alankar in Hindi), अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार एवं अलंकार के उदाहरण की जानकारी दी जा रही है। यह जानकारी इसलिए आवश्यक है, क्योंकि यह विषय लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं एवं बोर्ड परीक्षाओं में पूछा जाता है, तो दोस्तों हमनें आपके लिए यहां अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार एवं उदाहरण को सरल भाषा में विस्तार से अध्ययन किया है। तो आप इसे पूरा जरूर पढ़ें, तो चलिए शुरू करते हैं। 4.6 6. कनक कनक ते सौ गुनी में कौन सा अलंकार है? अलंकार की परिभाषा (Alankar ki Paribhasha) अलंकार का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषण’ या ‘सजावट’ होता है। जिस प्रकार आभूषण पहनने से स्त्रियों के सौन्दर्य में चार चांद लग जाते हैं, उसी प्रकार अलंकार के प्रयोग से काव्य का सौन्दर्य बढ़ जाता है। अर्थात् अलंकारों के प्रयोग से शब्द और अर्थ में चमत्कार उत्पन्न हो जाता है। अलंकार में ‘अलम्’ तथा ‘कार’ दो शब्द होते हैं। ‘अलम्’ का अर्थ है- ‘भूषण’ या ‘सजावट’। तथा ‘कार’ का अर्थ है- ‘वाला’; अर्थात् जो अलंकृत या भूषित करें, वह ‘अलंकार’ (Alankar in Hindi) कहलाता हैं। संक्षेप में अलंकार की परिभाषा – “काव्य के शब्द और अर्थ में चमत्कार उत्पन्न करके काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को ‘अलंकार’ कहते हैं।” अलंकार के संबंध में प्रथम काव्य शास्त्र ‘आचार्य दण्डी’ ने लिखा है- “ काव्यशोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्ष्तें।” अर्थात् ‘काव्य के शोभा कारक (अथवा शोभा बढ़ाने वाले) धर्म ‘अलंकार’ है।’ नोट पॉइंट्स:- विद्यार्थी ध्यान दें कि – • ‘आचार्य भरतमुनि’ ने सर्वप्रथम ‘नाटकशास्त्र’ में अलंकार को परिभाषित तो नहीं किया है, परन्तु चार अलंकार- (1). उपमा अलंकार, (2)...

अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

अलंकार दो शब्दों से मिलकर बने होते है – (अलम + कार = अलंकार) यहाँ पर अलम का अर्थ होता है आभूषण, उसकी प्रवर्ती के कारण ही अलंकारों को जन्म दिया गया है। जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आभूषणों को पहनती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अथार्त जो अलंकार का महत्व कविता की रोचकता, हृदयग्राहाता, सरसता और चमत्कार बढ़ जाता हैं। अनेक विद्वान तो अलंकार को काव्य की आत्मा तक मान बैठे हैं। उदाहरण :- कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय! वा खाये बौराए नर, वा पाये बौराये। अलंकार के प्रकार अंलकार मुख्य तीन प्रकार के होते हैं। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्दालंकार की परिभाषा शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है शब्द + अलंकार। ध्वनी और अर्थ। ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टी होती है। जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और अर्थात जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर शब्दालंकार के प्रकार शब्दालंकार के 6 प्रकार निम्लिखित हैं। 1. यमक अलंकार क्या है जहां शब्दों की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार होती हैं किंतु प्रत्येक बार (स्थिति के अनुसार प्रत्येक शब्द अर्थ भिन्न होते हैं यमक अंलकार होता हैं। उदाहरण :- कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय! वा खाए वैराय जग, या पाए वैराय!! 2. अनुप्रास अंलकार क्या है जहां पर एक या एक से अधिक उदाहरण :- बंदऊ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुवाम सरल अनुरणा ब, प, स, द, र, ग (वर्णो की आवृत्ति) 3. श्लेष अलंकार क्या है जिस अंलकार में शब्दों की आवृत्ति एक से अधिक बार आवृति हुए बिना प्रसन्न अनुसार दो या दो से अधिक अर्थ निकले वहा...