उत्तराखंड से प्रकाशित होने वाला सबसे प्राचीन समाचार पत्र कौन सा है

  1. अल्मोड़ा जनपद से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र व पत्रिकाएँ
  2. भारत में समाचार पत्र
  3. अल्मोड़ा अखबार 1871
  4. उत्तराखण्ड में पत्रकारिता का इतिहास — नवीन समाचार : समाचार नवीन दृष्टिकोण से
  5. समाचार पत्र
  6. समय विनोद : उत्तराखंड क्षेत्र से हिंदी में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र


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अल्मोड़ा जनपद से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र व पत्रिकाएँ

अल्मोड़ा अखबार अल्मोड़ा अखबार का संपादन वर्ष 1871 में बुद्धि बल्लभ पंत (Buddhi Ballabh Pant) द्वारा शुरू किया गया था। यह देश का 10th पंजीकृत समाचार पत्र था। इसे उत्तराखंड में पत्रकारिता की पहली ईंट भी कहा गया है। • अल्मोड़ा अखबार, कुमाऊँ से प्रकाशित होने वाला प्रथम हिंदी भाषा का प्रथम साप्ताहिक समाचार पत्र था। • यह उत्तरप्रदेश (वर्तमान उत्तराखंड) से प्रकाशित होने वाला हिंदी भाषा का प्रथम साप्ताहिक समाचार पत्र था। • अल्मोड़ा अखबार भारत का दूसरा हिंदी समाचार पत्र था। शक्ति • 18 अक्टूबर 2018 को अल्मोड़ा अखबार के बंद होने के पश्चात बद्रीदत्त पाण्डे द्वारा शक्ति समाचार पत्र का संपादन शुरू किया गया। प्रजा बंधु (Praja Bandhu) • इसका प्रकाशन वर्ष 1947 में जय दत्त वैला द्वारा शुरू किया गया था। पुरवासी (Purvasi) • इसका प्रकाशन वर्ष 1980 में लक्ष्मी भण्डार व हुक्का क्लब द्वारा शुरू किया गया। • पुरवासी, उत्तराखंड से प्रकाशित होने वाली एक वार्षिक पत्रिका थी। अल्मोड़ा टाइम्स (Almora Times) • इसका प्रकाशन वर्ष 1887 में अल्मोड़ा से सुरु किया गया था। ब्याण तार (Byaan Taar) • इसका प्रकाशन वर्ष 1990 में दीपक कार्की (Deepak Karki) व अनिल भोज (Anil Bhoj) द्वारा शुरू किया गया था। अल्मोड़ा समाचार (Almora Samachar) • इसका प्रकाशन वर्ष 1990 में जय दत्त पंत (Jai Dutt Pant) द्वारा शुरू किया गया। हिलाँस (Hillans) • इसका प्रकाशन वर्ष 1978 में हयात सिंह रावत (Hayat Singh Rawat) द्वारा शुरू किया गया था। द्रोणाचल टाइम्स (Dronachal Times) • इसका प्रकाशन अधिवक्ता उदय किरौला द्वारा शुरू किया गया था। स्वाधीन प्रजा (1930-33) • इस समाचार पत्र को वर्ष 1930 में पुष्प मोहन जोशी द्वारा सुरुब किया गया था। समता • इस समाचार...

भारत में समाचार पत्र

भारत में समाचार पत्र अधिकांश राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार प्रस्तुत करते हैं। भारतीय प्रिंट मीडिया मीडिया जगत में बड़े पैमाने पर कारोबार कर रहा है। भारत में समाचार पत्रों का इतिहास भारत में समाचार पत्रों का इतिहास 1780 में कोलकाता से ‘बंगाल गजट’ के प्रकाशन के साथ शुरू हुआ। भारत में पहले समाचार पत्र का आगमन पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ। जेम्स ऑगस्टस हिक्की को “भारतीय प्रेस का जनक” माना जाता है क्योंकि उन्होंने जनवरी 1780 में कोलकाता से पहला भारतीय समाचार पत्र ‘बंगाल गजट’ या ‘कलकत्ता जनरल एडवर्टाइज़’ शुरू किया था। यह पहला मुद्रित समाचार पत्र एक साप्ताहिक प्रकाशन था। 1789 में बॉम्बे (अब मुंबई) का पहला समाचार पत्र ‘बॉम्बे हेराल्ड’ प्रकाशित हुआ, उसके बाद अगले वर्ष ‘बॉम्बे कूरियर’ आया। बाद में इस अखबार का 1861 में टाइम्स ऑफ इंडिया में विलय हो गया। इन अखबारों में ब्रिटिश शासन के अधीन क्षेत्रों की खबरें छपती थीं। लार्ड हेस्टिंग्स के काल में भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र बंगाली में “समाचार दर्पण” था। इस दैनिक का पहला अंक 23 मई, 1818 को सेरामपुर मिशन प्रेस से प्रकाशित हुआ था। 1 जुलाई, 1822 को पहला गुजराती समाचार पत्र ‘बॉम्बे समाचार’ मुंबई से प्रकाशित हुआ था, जो अभी भी अस्तित्व में है। पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड था। तब से प्रमुख भारतीय भाषाएं जिनमें समाचार पत्र वर्षों से प्रकाशित हुए हैं, वे हिंदी, मराठी, तमिल, मलयालम, तेलुगु, उर्दू और बंगाली हैं। कोलकाता के कुछ व्यापारियों ने 1811 में “कलकत्ता क्रॉनिकल” शुरू किया और संपादक जेम्स सिल्क बकिंघम थे जिन्होंने भारत में पत्रकारिता के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश किया था। राजा राम मोहन र...

अल्मोड़ा अखबार 1871

तत्कालीन संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर विलियम म्यर के अल्मोड़ा आगमन पर उनको डिबेटिग क्लब में आमंत्रित किया गया था। विलियम म्यूर संस्था की गतिविधियों से प्रभावित हुए। बुद्धि बल्लभ पंत ने उनको अपना समाचार पत्र प्रकाशित करने की इच्छा से अवगत कराया। सर म्यूर ने उनको प्रोत्साहित किया। उन्होंने पंत को सलाह दी की पर्वतीय प्रदेश में जाग्रति लाने और अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने के लिए हिन्दी में एक समाचार पत्र का प्रकाशन करें ताकि उनकी आवाज और भावनायें दूर-दूर तक पहुँच सके। पंत ने इस सुझाव को कार्यान्वित करने हेतु केवल अल्मोड़ा ही नहीं वरन् सम्पूर्ण पर्वतीय प्रदेश में सर्वप्रथम छापा खाना स्थापित किया। कल्पना कीजिये आज से 145 वर्ष पूर्व जब यह क्षेत्र उपेक्षित था। यातायात, स चार के साधन नहीं थे, तकनीकी सुविधायें नहीं थी, एक प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करना कितना चुनौती पूर्ण कार्य रहा होगा। कहना न होगा इसका अधिकांश व्यय पंंत जी ने स्वयं वहन किया था। प्रेस की स्थापना के बाद इससे 1871 में अल्मोड़ा अखबार (जिसकी परम्परा में शक्ति साप्ताहिक आज भी प्रकाशित हो रहा है) नामक हिन्दी समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ। अल्मोड़ा अखबार भारत वर्ष का द्वितीय, उत्तर प्रदेश का प्रथम साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र था और उत्तराखंड का प्रथम कुमाऊँनी अखवार है। बुद्धि बल्लभ पंत इसके संस्थापक सम्पादक थे। इस प्रकार श्री पंत को इस क्षेत्र के प्रथम सम्पादक होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कुछ समय तक स्वयं सम्पादन किया बाद में राजकीय सेवा में व्यस्तता के कारण सम्पादन कार्य श्री सदानन्द सनवाल को सौंप दिया। अपने जीवन काल तक पंत जी अखबार का मार्गदर्शन और सहायता करते रहे। शुरुवात में अल्मोरा अखबार पाठको...

उत्तराखण्ड में पत्रकारिता का इतिहास — नवीन समाचार : समाचार नवीन दृष्टिकोण से

उत्तराखंड सरकार से 'A' श्रेणी में मान्यता प्राप्त, 14.12 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 11.9 मिलियन यानी 1.19 करोड़ से अधिक बार पढी गई अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ में आपका स्वागत है...‘नवीन समाचार’ के माध्यम से अपने व्यवसाय-सेवाओं को अपने उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए संपर्क करें 8077566792, 9412037779 व [email protected] पर... डॉ. नवीन जोशी, नैनीताल. आदि-अनादि काल से वैदिक ऋचाओं की जन्मदात्री उर्वरा धरा रही देवभूमि उत्तराखण्ड में पत्रकारिता का गौरवपूर्ण अतीत रहा है। कहते हैं कि यहीं ऋषि-मुनियों के अंतर्मन में सर्वप्रथम ज्ञानोदय हुआ था। बाद के वर्षों में आर्थिक रूप से पिछड़ने के बावजूद उत्तराखंड बौद्धिक सम्पदा के मामले में हमेशा समृद्ध रहा। शायद यही कारण हो कि आधुनिक दौर के ‘जल्दी में लिखे जाने वाले साहित्य की विधा-पत्रकारिता’ का बीज देश में अंकुरित होने के साथ ही यहां के सुदूर गिरि-गह्वरों तक भी विरोध के स्वरों के रूप में पहुंच गया। कुमाउनी के आदि कवि गुमानी पंत(जन्म 1790-मृत्यु 1846, रचनाकाल 1810 ईसवी से) ने अंग्रेजों के यहां आने से पूर्व ही 1790 से 1815 तक सत्तासीन रहे महा दमनकारी गोरखों के खिलाफ कुमाउनी के साथ ही हिंदी की खड़ी बोली में कलम चलाकर एक तरह से पत्रकारिता का धर्म निभाना प्रारंभ कर दिया था। इस आधार पर उन्हें अनेक भाषाविदों के द्वारा उनके स्वर्गवास के चार वर्ष बाद उदित हुए ‘आधुनिक हिन्दी के पहले रचनाकार’ भारतेंदु हरिश्चंद्र(जन्म 1850-मृत्यु 1885) से आधी सदी पहले का पहला व आदि हिंदी कवि भी कहा जाता है। हालांकि समाचार पत्रों का प्रकाशन यहां काफी देर में 1842 में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित ‘द हिल्स’ नामक उत्तरी भारत के पहले समाचार...

समाचार पत्र

विवरण 'समाचार पत्र' अथवा 'अख़बार' समाज और देश में हो रही घटनाओं पर आधारित एक प्रकाशन है। इसमें मुख्यत: ताजी घटनाएँ, खेल-कूद, व्यक्तित्व, राजनीति, विज्ञापन की जानकारियाँ सस्ते इतिहास प्रथम भारतीय समाचार पत्र पहला भारतीय समाचार पत्र प्रथम हिन्दी समाचार पत्र संबंधित लेख अन्य जानकारी समाचार पत्र प्रायः दैनिक होते हैं लेकिन कुछ समाचार पत्र साप्ताहिक, मासिक एवं छमाही भी होते हैं। अधिकतर समाचारपत्र स्थानीय भाषाओं में और स्थानीय विषयों पर केन्द्रित होते हैं। समाचार पत्र अथवा अख़बार ( इतिहास और योगदान भारत में ब्रिटिश शासन के एक पूर्व अधिकारी के द्वारा अखबारों की शुरुआत मानी जाती है, लेकिन उसका स्वरूप अखबारों की तरह नहीं था। वह केवल एक पन्ने का सूचनात्मक पर्चा था। पूर्णरूपेण अखबार बंगाल से ' भारत में समाचार पत्रों का इतिहास मुख्य लेख: विशेष बिन्दु • पहला भारतीय • 1818 ई. में मार्शमैन के नेतृत्व में • 1821 ई. में बंगाली भाषा में साप्ताहिक समाचार पत्र 'संवाद कौमुदी' का प्रकाशन हुआ। इस समाचार पत्र का प्रबन्ध • भारत का प्रथम प्रथम साप्ताहिक अख़बार पहला भारतीय अंग्रेज़ी समाचार पत्र 1816 ई. में प्रमुख समाचार पत्र भारत के प्रमुख समाचार पत्र नाम नगर भाषा मुम्बई, दिल्ली हिन्दी हिन्दी दिल्ली, विश्वामित्र मुम्बई, हिन्दी वीर अर्जुन हिन्दी हिन्दी हिन्दी अमृत प्रभात हिन्दी हिन्दी राजस्थान पत्रिका हिन्दी हिन्दी हिन्दुस्तान टाइम्स हिन्दू अंग्रेज़ी टाइम्स ऑफ इण्डिया दिल्ली, पटना, अंग्रेज़ी इंडियन एक्सप्रेस अंग्रेज़ी द हितवाद अंग्रेज़ी फाइनेंशियल एक्सप्रेस मुम्बई, दिल्ली अंग्रेज़ी पायनियर अंग्रेज़ी इकोनॉमिक टाइम्स अंग्रेज़ी स्टेट्समैन अंग्रेज़ी स्वतंत्र भारत अंग्रेज़ी कोलकाता असम ट्रिब्यून अंग्रेज़ी...

समय विनोद : उत्तराखंड क्षेत्र से हिंदी में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र

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