वात्स्यायन की पुस्तक

  1. अरे यायावर रहेगा याद? by सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  2. क्या वाकई कामसूत्र लिखने वाले ऋषि वात्यायन थे ब्रह्मचारी? जानें उनसे जुड़े फैक्ट्स
  3. वात्स्यायन
  4. न्यायदर्शनम
  5. कामसूत्र : महर्षि वात्सयायन द्वारा मुफ्त कामसूत्र हिंदी पीडीएफ पुस्तक
  6. कामसूत्र भाग
  7. पुस्तक समीक्षा : सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' द्वारा रचित 'एक बूँद सहसा उछली'
  8. सम्पूर्ण कामसूत्र बुक पीडीएफ


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अरे यायावर रहेगा याद? by सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'

एक बात की दुविधा है कि इस पुस्तक की समीक्षा करते समय इसे एक पुस्तक समीक्षा कहा जाये या एक यात्रा वृत्तांत कहा जाये। इसके पीछे कारण यह है कि इस पुस्तक को पढ़ते पढ़ते पाठक लगभग एक यात्रा ही कर लेता है, इतना सजीव चित्रण किया गया है। अज्ञेय जी का नाम हिंदी साहित्य की यात्रा-वृत्तांत विधा के पुरोधाओं में लिया जाता है, जिसमें अन्य नाम है - मोहन राकेश, राहुल सांकृत्यायन, धर्मवीर भारती आदि । भारती जी की 'ठेले पर हिमालय' जिसने पढ़ी हो भुला नहीं सकता। अज्ञेय जी का तो जीवन ही घुमक्कड़ी करते बीता है। भौतिकशास्त्र में पढ़ाई से लेकर सेना में नौकरी तक उन्होंने किया जिसमें उन्हें जीवन के विभिन्न आयामों, विभिन्न पहलुओं का ज्ञान हुआ और यह उनकी लेखनी में भी झलकता है। 'अरे यायावर रहेगा याद?' में आठ यात्रा वृत्तांत दिए गए हैं और सभी में पर्याप्त विविधता है। यात्राओं में असम, बंगाल, औरंगाबाद, कश्मीर, पंजाब व हिमाचल प्रदेश के भूभागों का वर्णन तो है ही साथ ही साथ तमिलनाडु के अति प्राचीन मंदिरों के बारे में भी बताया गया है । विविधता की बात यही है कि पुस्तक की शुरुआत ब्रह्मपुत्र के मैदानी भाग में अवतरण से हुई, फिर बात हिमालय की दुर्गम झील में डेरा डालने की हुई और अंत हुआ एलोरा की गुफाओं में इतिहास खोजने की कोशिश से । पहला लेख जो 'परशुराम से तूरखम' है उसमें अग्येय जी ने यात्रा एक सैनिक के रूप में की थी जबकि 'किरणों की खोज में' उन्होंने भौतिक शाश्त्र के विद्यार्थी के रूप ���े लिखा। अन्य कई लेख उन्होंने साधारण घुमक्कड़ के तौर पर लिखा । अज्ञेय जी के यात्रा वृत्तान्तों में एक खास बात उनकी विश्वसनीयता होती है। पाठक को एक बार यही लगेगा कि वह अज्ञेय जी के साथ उन पहाड़ों में, उन नावों में घूम रहा है। अज्ञेय...

क्या वाकई कामसूत्र लिखने वाले ऋषि वात्यायन थे ब्रह्मचारी? जानें उनसे जुड़े फैक्ट्स

अगर आपसे ऋषि वात्स्यायन के बारे में पूछा जाए, तो शायद आपको भी सबसे पहले कामसूत्र की याद आएगी। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसके बारे में बात करने से लोग थोड़ा कतराते हैं। यह न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। जहां ऋषि और मुनियों को कठोर तपस्या करते देखा जाता है वहीं, ऋषि वात्स्यायन को लेकर अलग-अलग तरह की धारणाओं को माना जाता है। हालांकि, न्यायसूत्र को किताब का रूप देने वाले पक्सिलस्वामिन वात्स्यायन माने जाते हैं जिन्हें लोग कामसूत्र वाले वात्स्यायन समझते हैं। इसे जरूर पढ़ें- Rishi Vatsyayana was famed for writing commentary on Nyaya Sutra - one of the most subtle Darshan Shastras. There is no evidence of Vatsyayana being author of some silly Kama Sutra in any ancient scripture. Oldest manuscript is probably from a Lodhi dynsaty Sultan! — Sanjeev Newar सञ्जीव नेवर (@SanjeevSanskrit) कौन थे ऋषि वात्स्यायन? माना जाता है कि वो अपने समय के बहुत चर्चित ऋषि थे। उनका जन्म गुप्त वंश के समय हुआ था। हालांकि, उनके जीवनकाल को लेकर इतिहासकारों की अलग-अलग राय है। नीतिसार के रचयिता कामदंक को माना जाता है और कामदंक चाणक्य के प्रधान शिष्य थे। ऐसे में एक थ्योरी यह कहती है कि कामदंक ही ऋषि वात्स्यायन थे जिन्होंने कामसूत्र की रचना भी की। एक और ग्रन्थ वासवदत्ता में कामसूत्र के रचनाकार का नाम 'मल्लनाग' कहा गया है। माना जाता है कि वात्स्यायन का पूरा नाम महर्षि मल्लनाग वात्स्यायन ही था। इस तरह ऋषि के नाम और उनके काम को लेकर मतभेद हैं। क्या ब्रह्मचारी थे वात्स्यायन? एक बहुत ही चर्चित थ्योरी मानती है कि ऋषि वात्स्यायन ब्रह्मचारी थे। ऋषि वात्स्यायन के परिवार या पत्नी का जिक्र कहीं भी नहीं मिल...

वात्स्यायन

अनुक्रम • 1 कामसूत्र के रचयिता वात्स्यायन • 2 सन्दर्भ • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरी कड़ियाँ कामसूत्र के रचयिता वात्स्यायन [ ] जिस प्रकार वात्स्यायन के नामकरण पर मतभेद है उसी प्रकार उनके स्थितिकाल में भी अनेक मतवाद और प्रवाद प्रचलित हैं और कुछ विद्वानों के अनुसार उनका जीवनकाल ६०० ईसापूर्व तक पहुँचता है। सन्दर्भ [ ] • العربية • مصرى • भोजपुरी • বাংলা • Čeština • Deutsch • Ελληνικά • English • Español • Euskara • Suomi • Français • Frysk • Galego • Հայերեն • Bahasa Indonesia • ಕನ್ನಡ • മലയാളം • मराठी • Mirandés • नेपाली • Norsk bokmål • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • Português • Русский • संस्कृतम् • Srpskohrvatski / српскохрватски • සිංහල • தமிழ் • తెలుగు

न्यायदर्शनम

समिका ॥ ९ €. आधुनिक दर्शन अपने २ विषयों को छोड़ कर परस्पर एक दूसरे के विषय में हस्ताशेप करता है । अस्तु-हमें यहां दर्शनशास्त्र का आलोच्य विषय क्‍या है इस पर विचार करना है! दर्शनशास्खत्र का प्रथम आलोच्य विधय--जगस है। जिस समय भनुष्य को प्रथम श्ञान प्रस्क्टित होता उस समय जगत्‌ ही उस के ज्ञान मे प्रतिभात होता है । जितने दिनि जगत्‌ का नियत परिवर्तन मे नानारूप शक्ति या शक्तिमान्‌ कौ क्रिया देख कर मन अभिभूत रहत, जितने समय उन शक्तियो को असीम जानता-इस जगत्‌ को अनन्त अपीम कह कर, हमारा साम खसे धारणा नही कर सस्ता-जितने दिन जगत्‌ को असोम कर हम अपने ज्ञान में उते प्रवेश नहीं करा सकते उतने दिनि तक्ष “ दृशेनशाख का आरम्भ होता नहीं! असोस और ससोस फी सीसा का मिथोरण करना ही ज्ञान! का उद्देश्य है। ज्ञान राज्य की सीमा अतीत कर ज्ञानातीत का राज्य आरम्भ होता है। ज्ञान इस ज्ञानातीत के राज्यम प्रमाण मीर यक्ति অল से कभों नहों जा सकता । उस राज्य में जाने के लिये लपाय कभी स्थिर नहीं कर सकता । दर्शन, केघल ज्ञान और झानातीत के मध्य में सीमा कपा है, यह निधारय कर सकता है। किन्तु ज्ञान के क्रम विकाश के साथ चान की सीमा करमशः विस्तीशं होने लगता है, झानातीत का राज्य-अझृषय र्य को जीत कर दशन, क्रमशः ज्ञान विस्तार करता है । खान को सोमा चाहे जितनी विस्वृतष्टो उसके पार में असीम का राज्य रहेहीगा। ज्ञानको परिधि का पू् विस्तार होने ही पर दश्शन शास्त्र शेष सोमा में उपनीत होताहै-ठस के परे दशन को झागे चलने की समता नहीं । ठषके बाद ब्रक्मजझ्ान का प्रयोजन होता है! यह ज्ञान! या ' आन्तरप्रत्यक्' सूल सटय उपलब्धि का शेष उपाय है-यही दर्शन का शेष सिद्दान्त है। और इसी कारण “दशेन” नास को साथकता होती है। इस बात को यहां लिखने की विशेष ...

कामसूत्र : महर्षि वात्सयायन द्वारा मुफ्त कामसूत्र हिंदी पीडीएफ पुस्तक

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें कामसूत्र का संछिप्त विवरण : वात्सायन के कामसूत्र में कुल सात भाग हैं | प्रत्येक भाग कई अध्यायों में बंटे हैं| प्रत्येक अध्याय में कई श्लोक हैं | साहित्य प्रेमियों की सुविधा के लिए पहले संस्कृत और उसके नीचे उसका हिंदी अनुवाद दिया गया | महर्षि वात्सायन का जन्म बिहार राज्य में हुआ था और प्राचीन भारत के महत्वपूर्ण साहित्यकारों में से एक हैं | महर्षि वात्सायन ने कामसूत्र में न केवल दांपत्य जीवन का श्रंगार किया है वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी सम्पादित किया है……… Kamasutra PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran : Vatsayan ke Kamasootra mein kul sat bhag hain. Pratyek bhag kayi Adhyayon mein bante hain. Pratyek adhyay mein kai shlok hain. Sahity premiyon ki suvidha ke liye pahale sanskrt aur usake neeche usaka hindi anuvad diya gaya. Maharshi Vatsayan ka janm bihar Rajy mein huya tha aur pracheen bharat ke Mahatvapurn sahityakaron mein se ek hain. Maharshi vatsayan ne kamasootra mein na keval dampaty jeevan ka shrangar kiya hai varan kala, shilpakala evan sahity ko bhi sampadit kiya hai………. Short Description of Kamasutra PDF Book : There are seven parts in the Kamasutra of Vatsayana. Each part is divided into several chapters. There are many verses in each chapter. For the convenience of literature lovers, first Sanskrit and then its Hindi translation was given below. Maharishi Vatsayana was born in the state of Bihar and is one of the important literary figures of ancient India. Maharishi Vatsayan has not only adorn...

कामसूत्र भाग

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें कामसूत्र पुस्तक का संक्षिप्त विवरण : वात्सायन के कामसूत्र में कुल सात भाग हैं | प्रत्येक भाग कई अध्यायों में बंटे हैं| प्रत्येक अध्याय में कई श्लोक हैं | साहित्य प्रेमियों की सुविधा के लिए पहले संस्कृत और उसके नीचे उसका हिंदी अनुवाद दिया गया | महर्षि वात्सायन का जन्म बिहार राज्य में हुआ था और प्राचीन भारत के महत्वपूर्ण साहित्यकारों में से एक हैं | महर्षि वात्सायन ने कामसूत्र में न केवल दांपत्य जीवन का श्रंगार किया है वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी सम्पादित किया है | अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कोटिल्य का है, काम इके क्षेत्र में वही स्थान महर्षि वात्सायन का है | महर्षि वात्सायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है | अधिकृत प्रमाण के अभाव में महर्षि का काल निर्धारण नहीं हो पाया है…… Short Description of Kamasutra Hindi PDF Book : A total of seven parts of the Kama Sutra Vatsayayan. Each part is divided into several chapters. There are many verses in each chapter. Sanskrit literature lovers and the first to feature was a Hindi translation. Vatsayayan Maharishi was born in Bihar and one of ancient India’s most important writers. Maharishi Vatsayayan adornments of the Kama Sutra is not only marriage but arts, crafts and literature has also edited. The location is in the sense of Kotilya work in Economy, is the location of Maharishi Vatsayayan. The Kama Sutra of Vatsayayan Maharishi is the world’s first sex Code...

पुस्तक समीक्षा : सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' द्वारा रचित 'एक बूँद सहसा उछली'

इस पुस्तक कीभूमिका में ही अज्ञेय जी नेघूमने के उद्द्येश्य के बारे में चर्चा की है। उन्होंने कहा है कि अगर इस पुस्तक को एक विवरणिका की तरह से सोचकर किसी ने पढ़ने के लिए उठाया है तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी। यह पुस्तक रहने-घूमने के उत्तम स्थानों और खर्चे का अंदाजा लगाने के लिए किसी ने पढ़ने की कोशिश की तो उसे भी निराश होना पड़ेगा। लेखक की यात्रा का उद्द्येश्य धार्मिक तीर्थयात्रा न होकर मनुष्य के अनुभवों की वृद्धि था, ज्ञानार्जन था। लेखक बहुत से कवियों, विचारकों और दार्शनिकों से मिला और वहाँ पर उसने उसने संसार और इस लोक से पर की बातों पर चर्चा की। मनुष्य के अस्तित्व के मूलभूत सवालों पर चर्चा की और अंजान लोगों से मिलकर बातें करने का आनंद लिया। लेखक ने यूरोप के दर्शनीय स्थानों की भी यात्रा की। जब मनुष्य उनदो जगह घूमता है जिनकी समानताओं की पहले चर्चा हो चुकी होती है तो स्वाभाविक है कि लेखक के मन में भी इन तथाकथित समानताओं के बारे में कुछ विचार तो आयेंगे ही। स्विट्ज़रलैंड और कश्मीर की तुलना को व्यर्थ बताते हुये अज्ञेय जी ने कहा है कि दोनों ही प्रदेशों का अपना सौंदर्य है और उनको यथा अवस्था में रखते हुये उनका अवलोकन किया जाये, न कि यह सोचते हुये कि यदि यह पैमाना यहाँ होता तो यह भी उस जगह के जैसे लगता। यूरोप में पहुँचकरजो जीवनशैली लेखक ने देखी उससे वह गहराई तक प्रभावित हुआ। पुस्तक में एक जगह पर लेखक ने भारतीय, यूरोपीय और चीनी जीवनशैली की तुलना करते हुये उनके दर्शनशास्त्र के मूल में जाने की कोशिश की है। यूरोप में व्यक्ति की निजी स्वंत्रता पर बहुत जोर दिया जाता है लेकिन उसका रूप पूरे यूरोप में एक जैसा हो ऐसा नहीं है। फ्रांस में हर एक आदमी किसी दूसरे के जीवन में दखल नहीं देता है लेकिन ल...

सम्पूर्ण कामसूत्र बुक पीडीएफ

महर्षि वात्स्यायन के हस्त द्वारा लिखित भारत का एक प्राचीन ग्रंथ काम शास्त्र पीडीएफ या कामसूत्र पुस्तक है। यह दुनिया की पहली और अनोखी योन अर्थात sex life पर लिखा बुक है। kamasutra hindi pdf में आप यौन प्रेम के जरूरी सिद्धान्तों तथा प्रयोग की व्याख्या एवं विवेचना पढ़ेगें। इसके साथ ही kamasutra book pdf का महत्व उसी के समान है जो अर्थ के क्षेत्र में कौटिल्य के अर्थशास्त्र का है। सम्पूर्ण कामसूत्र । Kamasutra Book in Hindi PDF वात्स्यायन जी ने कामसूत्र में न केवल दाम्पत्य जीवन को बेहतर बनाने के बारे में वार्ता की है, बल्कि 64 कलाओ के ऊपर भी प्रकाश डाला है। इसके साथ ही भारत इतिहास में वर्णित राजस्थान की दुर्लभ यौन चित्रकारी तथा खजुराहो, कोणार्क आदि शिल्पकला भी कामसूत्र से ही प्रभावित है। कामसूत्र | Kamasutra | Vatsyayana Book Pdf in Hindi वात्स्यायन ने अपनी पुस्तक कामसूत्र में भारत की प्राचीन परंपरा के अनुसार धर्म, अर्थ और काम को जन जन की भाषा में सुलभ प्रस्तुत किया है। महर्षि वात्स्यायन ने धर्म-अर्थ-काम को बहुत ही बारीकी के साथ स्व अनुभव के आधार पर वर्णित किया है। धर्म, अर्थ और काम के इस संगम को महर्षि ने ‘त्रयी’ कहा है। वात्स्यायन के अनुसार – “धर्म परमार्थ का प्रारंभ करता है, इस कारण धर्म का बोध होना बहुत ही आवश्यक है। इसके उपरांत अर्थ की सिद्धि के लिए हमे अपने परिश्रम एवं बुद्धि के समर्थ से उपाय करने चाहिए। इन दोनों की प्राप्ति के बाद हमारा दायित्व है कि हम ग्रस्थ जीवन के अगले चरण काम शास्त्र में प्रविष्ट हो, जिसके लिए हम सभी को महर्षि के ग्रंथ kamasutra book in hindi में बताए उपायों की शरण लेनी पड़ती है और यहां kamasutra hindi book free pdf केवल सम्भोग के ही पराधीन नहीं है।...