वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है

  1. वैश्वीकरण क्या है? इसके राजनीतिक व आर्थिक प्रभावों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रौद्योगिकी शिक्षा
  3. वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?
  4. प्रौद्योगिकी
  5. 12th Political Science L
  6. प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण के लिए उत्तरदाई है स्पष्ट कीजिए? » Praudyogiki Vaishvikaran Ke Liye Uttardai Hai Spasht Kijiye


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वैश्वीकरण क्या है? इसके राजनीतिक व आर्थिक प्रभावों की समीक्षा कीजिए।

वैश्वीकरण का अर्थ: वैश्वीकरण या भूमण्डलीकरण विश्व के सभी भागों को एक सूत्र में बाँधने की प्रक्रिया है। यह एक बहुआयामी अवधारणा है तथा जीवन के प्रत्येक पक्ष से सम्बन्धित है। वैश्वीकरण ने विश्व को एक छोटे से गाँव में परिवर्तित कर दिया है क्योंकि विश्व में दूर – दूर स्थित देश अब अपने को एक-दूसरे के निकट महसूस करते हैं। वैश्वीकरण की प्रवृत्ति को तीव्र करने में प्रौद्योगिकी का विशेष योगदान रहा है। अन्य शब्दों में, वैश्वीकरण का अर्थ है। अन्तर्राष्ट्रीय एकीकरण, विश्वव्यापार का खुलना, उन्नत संचार साधनों का विकास, वित्तीय बाजारों का अन्तर्राष्ट्रीयकरण, बहुराष्ट्रीय कंपनी का महत्व बढ़ना, जनसंख्या का देशान्तर गमन, व्यक्तियों, वस्तुओं, पूँजी, आँकड़ों व विचारों की गतिशीलता बढ़ना वैश्वीकरण की प्रक्रिया ने विविधता से विश्व को एकल समाज में परिवर्तित कर दिया है। वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव : वैश्विक स्तर पर पारिस्थितिक परिवर्तन, एकीकृत अर्थव्यवस्था एवं अन्य प्रभावकारी प्रवृत्तियों के कारण संपूर्ण विश्व का राजनीतिक पर्यावरण वैश्वीकरण के प्रभाव में आ गया है। विकसित देशों में लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा का स्थान न्यूनतम अहस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया। संपूर्ण विश्व में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थापित हो चुकी हैं। इससे सरकारों की स्वायत्तता प्रभावित हुई है किन्तु फिर भी राष्ट्रीय राज्य की महत्ता अभी भी कायम है। तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में नागरिकों का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से सुधरा है। वैश्विक स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं ताकि विभिन्न राष्ट्र मिलजुल कर वैश्विक समस्याओं का निवारण कर सकें। सभी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ राष्ट्रीय सम्प्रभुता के मौलिक सिद्धान्...

प्रौद्योगिकी शिक्षा

अनुक्रम • 1 भारत में प्रौद्योगिकी शिक्षा • 1.1 स्वतन्त्रता पूर्व का परिदृश्य • 1.2 स्वतन्त्रता पश्चात तकनीकी शिक्षा का विकास • 2 शिक्षा तकनीकी का इतिहास • 3 शैक्षिक तकनीकी की आवश्यकता • 4 सन्दर्भ • 5 इन्हें भी देखें भारत में प्रौद्योगिकी शिक्षा [ ] तकनीकी शिक्षा को लेकर भारत में हमेशा एक असमंजस का माहौल रहा है। देश में तकनीकी शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत अभियांत्रिक ( इंजीनियरिंग ), प्रौद्योगिक, प्रबंधन, वास्तुकला (आर्किटेक्चर ), फार्मेसी, नगर नियोजन, हॉटल मैनेजमेन्ट, शिल्प, अनुप्रयुक्त कला एवं शिल्प इत्यादि आते हैं। भारत में तकनीकी शिक्षा सम्पूर्ण शिक्षा तन्त्र को एक महत्वपूर्ण भाग प्रदान करती है। हमारे देश में आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करती है। भारत में तकनीकी शिक्षा कई भागों में-डिप्लोमा, डिग्री, मास्टर डिग्री एवं क्षेत्र विशेष में शोध, आर्थिक वृद्धि व तकनीकी विकास के विभिन्न पहलुओं का प्र बन्धन आदि में विभक्त है। भारत में तकनीकी शिक्षा का विकास हाल के वर्षों में भारत में तकनीकी शिक्षा बहुत तेजी से बढ़ी है। इसके बावजूद देश के प्रौद्योगिकी संस्थान अपने क्षेत्र में सबसे अच्छे बने हुए हैं। लेकिन स्वतन्त्रता पूर्व का परिदृश्य [ ] भारत में ब्रिटिश शासकों द्वारा तकनीकी शिक्षा की शुरूआत भवन निर्माण, नहर, सड़क, बन्दरगाह आदि के निर्माण व मरम्मत के लिए तकनीकी अभियन्ताओं की आवश्यकता थी। उन्हें शिल्पकार, चित्रकार, ड्राफ्ɪस मैन आदि के प्रशिक्षण की आवश्यकता थी। जिससे वे यन्त्रों व उपकरणों का प्रयोग कर सकें। स्थल व नौसेना त था सर्वेक्षण विभाग में अधीक्षण अभियन्ता ब्रिटेन के कूपरस हिलन महाविद्यालय से नियुक्त किये जाते थे। इसी प्रकार फोरमैन, क्राफ्ट्समैन, कलाका...

वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?

वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का योगदान - वैश्वीकरण की धारणा तथा विकास में सबसे अधिक योगदान प्रौद्योगिकी का है क्योंकि इसमें ही सारे संसार के लोगों का पारंपरिक किया है और विभिन्न देशों तथा क्षेत्र को आमने सामने ला खड़ा किया है उनकी निर्भरता को बढ़ाया है और साथ ही उन्हें यह महसूस करने पर बाध्य किया है कि वह सब एक ही परिवार के सदस्य हैं निम्नलिखित तथ्य पुष्टि करते हैं। • प्रौद्योगिकी प्रगति ने सारे संसार में लोगों वस्तुओं पूंजी और विचारों के प्रवाह में आश्चर्यजनक बुद्धि की है। इनकी गतिशीलता बहुत तेज हुई है। • प्रौद्योगिक की प्रगति के कारण आज संसार के किसी भी भाग में बैठा व्यक्ति हजारों लाखों मील की दूरी पर घटने वाली घटनाओं से तुरंत ही परिचित हो जाता है और ऐसा महसूस करने लगता है कि वह उसी स्थान पर मौजूद है और उसके आसपास की घटना घट रही हैं। • टीवी पर दिखाए जाने वाले लाइव टेलीकास्ट से व्यक्ति हजारों मिल दूर घटने वाली घटनाओं तथा मैच आदि के बारे में यह महसूस करता है कि वह उस घटना या मैच को प्रत्यक्ष रूप से उसी स्थान पर बैठा देख रहा है और समय तथा स्थान की दूरी प्राय समाप्त हो गई है • प्रौद्योगिक में हुई प्रगति के कारण अपने घर में बैठा व्यक्ति सारे संसार से जुड़ा हुआ महसूस करता है वह घर बैठे ही विदेशों से व्यापार करता है धन का भुगतान करता है। आपस में बातचीत करता है यहां तक कि सम्मेलनों तथा बैठकों में भागीदारी भी करता है। • प्रौद्योगिकी विभिन्न देशों की संस्कृति की संस्कृतियों टीवी तथा इंटरनेट के माध्यम से अंतः क्रिया करने में भूमिका निभाई है और वे एक दूसरे को ऐसे प्रभावित करने लगी है जैसे लोग प्रत्यक्ष रूप से सामने आकर बातचीत से प्रभावित होते हैं वैश्वीकरण के प्रसार में सर्वाधिक महत्व...

प्रौद्योगिकी

अनुक्रम • 1 प्रौद्योगिकी का प्रभाव • 1.1 समाज • 1.2 अर्थव्यवस्था • 1.3 शिक्षा • 1.4 वातावरण • 1.5 कारखाना स्तर • 2 सन्दर्भ • 3 इन्हें भी देखें प्रौद्योगिकी का प्रभाव [ ] समाज [ ] 1) प्रौद्योगिकी, व्यापार के माध्यम से लोगों तक पहुँचती है आदमी को व्यापार से नई खोजों की उम्मीद है। समाज या राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि लाभ के लिए व्यापार पर निर्भर करता है। 2) उपभोक्ताओं की उच्च उम्मीद जब प्रौद्योगिकी बढ़ता है तब उपभोक्ताओं की उम्मीद भी उत्पादों की विविधता, अच्छी गुणवत्ता और सुरक्षा की तरह बढ़ जाती है। 3) प्रणाली जटिलता प्रौद्योगिकी जटिलता का कारण है। आधुनिक तकनीक बेहतर है और तेजी से काम करते हैं। लेकिन अगर वे बिगड़ जाते है तो उन्हें मरम्मत करने के लिए विशेषज्ञों की सेवाओं की जरूरत है। 4) सामाजिक परिवर्तन कोई नया आविष्कार, नए रोजगार के अवसर खोल सकता है। इस के कारण श्रमिकों के लिए अवकाश के समय बढ़ जाती है। अर्थव्यवस्था [ ] 1) बढ़ती उत्पादकता प्रौद्योगिकी, उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है। 2) अनुसंधान और विकास पर खर्च करने की जरूरत अनुसंधान और विकास के लिए धन का आवंटन करते समय, समय एक महत्वपूर्ण कारक है। 3) जॉब अधिक बौद्धिक हो जाते हैं नौकरियां अधिक बौद्धिक और उन्नत हो गई हैं। नौकरियों के लिए अब शिक्षित या कुशल श्रमिकों के सेवाओं की आवश्यकता है। 4) उत्पादों और संगठनों के बीच प्रतियोगिता एक नए उत्पाद की शुरूआत एक और संगठन की गिरावट का कारण है। 5) बहुराष्ट्रीय कम्पनी की स्थापना बहुराष्ट्रीय कंपनियों की शुरूआत सबसे अच्छा उदाहरण है। शिक्षा [ ] 1) एक कमरे कक्षाओं की गिरावट शिक्षा प्रक्रिया विशाल होता जा रहा है। 2) केंद्रीकृत दृष्टिकोण से पारी शिक्षा के क्षेत्र में शक्तियों का समान वितरण।...

12th Political Science L

अध्याय-1.9 : वैश्वीकरण वैश्वीकरण वैश्वीकरण क्या है? एक देश से दूसरे देश के बीच व्यक्ति, बस्तु, विचार और पूंजी के प्रवाह को वैश्वीकरण कहते हैं। वैश्वीकरण के कारण वैश्वीकरण के कारणों को संक्षेप में लिखिए। वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है? 1- प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति वैश्वीकरण की उत्पत्ति के कारणों में प्रौद्योगिकी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। आज इंटरनेट, मोबाइल फोन और माइक्रोचिप ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में संचार क्रांति उत्पन्न कर दी है। शुरू-शुरू में जब छपाई (मुद्रण) तकनीकी आई थी तो उसने राष्ट्रवाद की आधारशिला रखी। इसी प्रकार आज प्रौद्योगिकी के विकास ने हमारी जीवन शैली को ही बदल कर रख दिया है। प्रौद्योगिकी के कारण ही आज पूरे विश्व में विचार, वस्तु, पूंजी और व्यक्तियों की आवाजाही में सुगमता आई है। प्रौद्योगिकी की सहायता से आज भौगोलिक दूरियां कोई मायने नहीं रखती हैं। मिनटों में कोई भी व्यक्ति अपने सगे संबंधियों से संपर्क स्थापित कर सकता है। 2- विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव विश्वव्यापी प्रवाह में निरंतरता से लोगों में पारस्परिक जुड़ाव उत्पन्न हुआ है। इसी जुड़ाव की वजह से वैश्वीकरण की प्रक्रिया में तीव्रता आई। विश्व के किसी भी हिस्से में निवास कर रहे लोगों को विश्वास है कि वह एक दूसरे से जुड़े हैं। किसी भी देश या भूभाग में कोई भी घटना घटित होती है तो उसका प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ता है। सुनामी बर्ड फ्लू व कोविड-19 जैसे खतरे किसी एक राष्ट्र की सीमाओं में सिमटे नहीं हैं। ये घटनाएं राष्ट्रीय सीमाओं का पालन नहीं करती, इनका प्रभाव विश्व के अन्य देशों पर भी पड़ता है। अतः ऐसे में किसी देश का अलग-थलग रह पाना संभव नहीं है। 3- विश्वव्यापी प्रवाह विश्व के एक भाग क...

प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण के लिए उत्तरदाई है स्पष्ट कीजिए? » Praudyogiki Vaishvikaran Ke Liye Uttardai Hai Spasht Kijiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका पूछा गया प्रश्न है कि प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण के लिए उत्तरदाई क्या है स्पष्ट कीजिए अथवा बता दो कि अगर बात करें वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का योगदान तो वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का बहुत महत्व है जिसमें 1990 के दशक में आई प्रौद्योगिकी की क्रांति ने विश्व को छोटा सा गांव बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और टेलीफोन टेलीग्राफ तथा इंटरनेट जैसे संचार के साधनों ने विश्व के अनेक देशों में विचार एवं पूंजी की आवाजाही आसान हुई है अतः यह भी कह सकते हैं कि वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का बहुत अधिक योगदान है और प्रौद्योगिकी का जो प्रभाव है वह हमारे सोचने के तरीके पर भी पड़ता है जिसमें हम अपने बारे में जिस ढंग से सोचते हैं और हम सामूहिक जीवन के बारे में जिस प्रकार सोचते हैं तो दोगी कि का असर उस पर पड़ता है aapka poocha gaya prashna hai ki praudyogiki vaishvikaran ke liye uttardai kya hai spasht kijiye athva bata do ki agar baat kare vaishvikaran me praudyogiki ka yogdan toh vaishvikaran me praudyogiki ka bahut mahatva hai jisme 1990 ke dashak me I praudyogiki ki kranti ne vishwa ko chota sa gaon banane me bahut mahatvapurna bhumika nibhaai aur telephone telegraph tatha internet jaise sanchar ke saadhano ne vishwa ke anek deshon me vichar evam punji ki avajahi aasaan hui hai atah yah bhi keh sakte hain ki vaishvikaran me praudyogiki ka bahut adhik yogdan hai aur praudyogiki ka jo prabhav hai vaah hamare sochne ke tarike par bhi padta hai jisme hum apne bare me jis...