Vat savitri 2023 katha in hindi

  1. Vat Savitri Vrat 2023 Katha PDF: Date, Tithi, Shubh Muhurat Time, Puja Vidhi and Samagri List
  2. क्यों रखा जाता है, वट सावित्री व्रत, कथा, पूजाविधि, शुभ मुहूर्त, क्या है इसका पौराणिक महत्व
  3. वट सावित्री अमावस्या के दिन पढ़ें यह व्रत कथा, पूजा हो जाएगी सफल, मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
  4. Vat Savitri Vrat 2023 Date Time Puja Vidhi Savitri Satyavan Katha In Hindi


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Vat Savitri Vrat 2023 Katha PDF: Date, Tithi, Shubh Muhurat Time, Puja Vidhi and Samagri List

This yeas, first Vat Savitri Amavasya is fall on on date of 19 May, 2023 – Friday and the second Vata Savitri Purnima fall on date of 3 June 2023, Saturday. It is a traditional festival for woman which was celebrated with lots of joy and happiness in some part of the country including Gujarat, Uttar Pradesh, Maharashtra, Karnataka, Madhya Pradesh, Bihar, Punjab, Haryana and more. This festival is also called Vat Purnima because Amanta and Purnimanta as per the Hindu lunar calendar occur on the same day. Shani Jayanti is also coming on same date. On this festival women pray for their husband’s long life and prosperity and performing puja vidhi as per ritual. And also doing a fast for full day. Here we mention all details for Vat Savitri Vrat katha, date, puja vidhi and timings. Vat Savitri Vrat Amavasya 2023 (Date, Time and Muhurat) • • May 19, 2023 (Friday) • Amavasya Tithi Start on 09:42 PM on May 18, 2023 • Amavasya Tithi Ends on 09:22 PM on May 19, 2023 Vata Savitri Vrat Purnima 2023 (Date, Tithi and Muhurat) • • 3 June 2023 ( Saturday) • Purnima Tithi Start on 11:16 AM on Jun 03, 2023 • Purnima Tithi Ends on 09:11 AM on Jun 04, 2023 Vat Savitri Vrat Puja Vidhi (Amavasya and Purnima) • • Wake-up early morning and take a bath, wear new cloth • Do fast for full day and wear saree and birdal jewellery (As per Hindu ritual) • Visit nearest temple where have Banyan Tree (Vata) to perform puja • Do prarikrama around seven time to Banyan Tree • Offer or spray water, red powder...

क्यों रखा जाता है, वट सावित्री व्रत, कथा, पूजाविधि, शुभ मुहूर्त, क्या है इसका पौराणिक महत्व

वट सावित्री व्रत 2023 कब है, क्यों मनाया जाता है? (VatSavitri Vrat 2023 Importance of Vat Purnima, Vrat katha, puja vidhi in hindi) वट सावित्री व्रत क्यों किया जाता है। वट सावित्री की कथा व पौराणिक कहानी, सत्यवान सावित्री की कथा हमारी भारतीय संस्कृति में वट सावित्री पूजा की बहुत ही मान्यता है। वट सावित्री पूजा के दिन सभी महिलाएं व्रत रखती है और वृक्ष की पूजा करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वट सावित्री व्रत के बारे में बहुत लोगों ने सुना होगा लेकिन कुछ लोग वट सावित्री पूजा के बारे में नहीं जानते। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको वट सावित्री पूजा क्या है?सावित्री पूजा क्यों मनाया जाता है? वट सावित्री की पौराणिक कहानी, सभी चीजों की जानकारी देने वाले हैं। वट सावित्री पूजा के बारे में जानने के लिए हमारे साथ इस लेख में अंत तक बने रहे। वट सावित्री व्रत किस दिन है? अमावस्या की तिथि शुभारंभ, अमावस्था, 18 मई 2023 गुरुवार रात 09:42 PM से 19 मई 2023 रात 09:22 PM तक। भारतीय हिंदी कैलेंडर के अनुसार वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल 2023 में ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के दिन में पड़ेगी जिसके कारण लोग वट सावित्री व्रत को लेकर काफी कन्फ्यूज है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 में जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 मई 2023 को गुरुवार के दिन रात 09:42 PM पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 19 मई 2023 को शुक्रवार के दिन रात 09:22 PM तक रहेगी। क्योंकि हम सभी जानते हैं कि हिंदुओं की धार्मिक मान्यता के अनुसार उदया तिथि में ही त्यौहार या व्रत रखना शु...

वट सावित्री अमावस्या के दिन पढ़ें यह व्रत कथा, पूजा हो जाएगी सफल, मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद

वट सावित्री व्रत या वट सावित्री अमावस्या 19 मई दिन शुक्रवार को है. शुभ मुहूर्त में सावित्री, सत्यवान और वट वृक्ष की पूजा करते हैं. वट सावित्री व्रत या वट सावित्री अमावस्या आज 19 मई दिन शुक्रवार को है. वट सावित्री व्रत उत्तर भारत में रखा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं यह व्रत रखती हैं. वे शुभ मुहूर्त में सावित्री, सत्यवान और वट वृक्ष की पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं. वट सावित्री व्रत की पूजा के समय वट सावित्री व्रत कथा का श्रवण या पाठ करना जरूरी होता है. इससे व्रत पूर्ण होता है और मनोकामना पूरी होती है. व्रत कथा के बिना वट सावित्री व्रत अधूरा रहता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं वट सावित्री व्रत की कथा. वट सावित्री व्रत की प्रमाणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार, राजर्षि अश्वपति को एक मात्र संतान थी, जिसका नाम सावित्री था. उसका विवाह द्युमत्सेन के बेटे सत्यवान से हुआ. वह अल्पायु थे. विवाह के एक साल बाद ही उनकी मृत्यु तय थी. नारद जी से जब इस बात की जानकारी अश्वपति को हुई तो उन्होंने सावित्री को दूसरा विवाह करने का सुझाव दिया. लेकिन सावित्री नहीं मानीं और वे अपने पति सत्यवान के साथ वन में रहती थीं. साथ में उनके दृष्टिहीन सास और सुसर भी रहते थे. सावित्री उनकी सेवा करती थीं. यह भी पढ़ें: 19 मई को अखंड सौभाग्य का वट सावित्री व्रत, नोट कर लें पूजन सामग्री, इनके बिना अधूरी रह जाएगी पूजा सावित्री को जब पता चला कि सत्यवान कम दिन ही जीवित रहेंगे तो वे उपवास करने लगीं. जिस दिन सत्यवान के प्राण निकलने वाले थे, उस दिन सावित्री भी उनके साथ लकड़ी लेने के लिए जंगल गईं. सत्यवान पेड़ पर चढ़कर लकड़ी काटने लगे, तभी उनके सिर में तेज दर्द होने लगा. वे नीचे आए और एक बर...

Vat Savitri Vrat 2023 Date Time Puja Vidhi Savitri Satyavan Katha In Hindi

इस बार वट सावित्री अमावस्या 19 मई 2023 को है, वहीं वट सावित्री पूर्णिमा 3 जून 2023 को है. पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, हरियाणा में वट सावित्री अमावस्या (ज्येष्ठ अमावस्या) के दिन व्रत रखा जाता है. वहीं महाराष्ट्र और गुजरात में वट सावित्री पूर्णिमा (ज्येष्ठ पूर्णिमा) पर ये व्रत रखने की परंपरा है.