Vat savitri puja kab hai 2023

  1. Vat Savitri Vrat 2023:इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
  2. vat savitri 2023 date time rituals and significance of vat amavasya vrat kab hai bml
  3. Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रख रही हैं वट सावित्री व्रत, तो जानें नियम
  4. वट सावित्री पूजा कब है
  5. Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
  6. Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
  7. Vat Savitri Vrat 2023:इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
  8. vat savitri 2023 date time rituals and significance of vat amavasya vrat kab hai bml
  9. Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रख रही हैं वट सावित्री व्रत, तो जानें नियम
  10. वट सावित्री पूजा कब है


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Vat Savitri Vrat 2023:इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Vat Savitri Vrat 2023 Date: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। धर्म शास्त्रों में वट सावित्री व्रत का महत्व करवा चौथ जितना ही बताया गया है। मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे। तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, उसकी परिक्रमा करती हैं और वृक्ष के चारों ओर कलावा बांधती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा से रखने पर पति की लंबी आयु व संतान की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं वट सावित्री व्रत की तिथि, पूजा और महत्व के बारे में... वट पूर्णिमा व्रत विधि • वट सावित्री व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाएं प्रात: जल्दी उठें और स्नान करें। • स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। शृंगार जरूर करें। • साथ ही इस दिन पीला सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। • इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। • बरगद के पेड़ में जल डालकर उसमें पुष्प, अक्षत, फूल और मिठाई चढ़ाएं। • सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाएं। • वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद मांगें। • वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें। • इसके बाद हाथ में काले चना लेकर इस व्रत का कथा सुनें। • कथा सुनने के बाद पंडित जी को दान देना न भूलें। • दान में आप वस्त्र, पैसे और चने दें। • अगले दिन व्रत को तोड़ने से पहले बरगद के वृक्ष का कोपल खाकर उपवास समाप्त करें। वट सावित्री व्रत का महत्व कहा...

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Vat Savitri 2023: वट सावित्री के दिन क्यों की जाती है बरगद की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व वट सावित्री को सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. Vat Savitri 2023: वट सावित्री को सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार वट सावित्री और शनि जयंती एक ही दिन यानी 19 मई 2023 को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ रही है. हिंदू विवाहित महिलाओं के बीच वट सावित्री का बहुत महत्व माना गया है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए इस शुभ दिन पर व्रत रखती हैं. वट सावित्री अमावस्या तिथि को पड़ती है इसलिए इसे वट अमावस्या के नाम से जाना जाता है. महिलाएं इन दिन वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, वट वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्षों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में तीन मुख्य देवता - भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा इसमें निवास करते हैं और यह वृक्ष एक दीर्घायु वृक्ष है और यही कारण है कि विवाहित महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करती हैं. • इस दिन महिलाएं जल्दी उठती हैं और स्नान करती हैं. • पारंपरिक साड़ी और आभूषणों पहनती हैं. • भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन बनाएं, कच्छ सूत (पवित्र सफेद कच्चा धागा), जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम और फूल • जहां वट वृक्ष उपलब्ध हो वहां...

Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रख रही हैं वट सावित्री व्रत, तो जानें नियम

• • Faith Hindi • Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री का व्रत, तो इन नियमों का जरूर रखें ध्यान Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री का व्रत, तो इन नियमों का जरूर रखें ध्यान Vat Savitri Vrat 2023: सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि की कामना से वट सावित्री व्रत रखती है. इस दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है. Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू धर्म में व्रत व उपवास का खास महत्व बताया गया है. हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन व्रत सावित्री का व्रत रखा जाता है जो कि सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया है. वट सावित्री का व्रत कठिन होता है और महिलाएं ये व्रत अखंड सौभाग्य की कामना रखती हैं. कहते हैं कि इस व्रत को रखने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस साल व्रत सावित्री का व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. अगर आप पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं तो इस व्रत से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. Also Read: • • • वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इस वृक्ष की पूजन करने से तीनों देवता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. वट सावित्री व्रत में पूजा के साथ ही पूजन सामग्री भी खास महत्व रखती है. इसलिए पहले ही पूजन सामग्री तैयार कर लें, ताकि पूजा के दौरान कुछ छूट न जाए. पूजन सामग्री में कच्चा, सूत, अक्षत, सिंदूर, बांस का पंखा, कलावा, धूप, मिट्टी का दीपक, सुहाग का सामान, फल, फूल, सुपा...

वट सावित्री पूजा कब है

Mobile Menu • Blog • Blogging • hosting • seo • adsense • blogspot • wordpress • life • Make Money • Mobile Menu • internet • seo • adsense • festival • youtube • social-media • security-tips • wordpress • blogspot • web-hosting • mobile-marketing • domain-registration • business-startup • email-marketing • affiliate-marketing • education • about-us वट सावित्री व्रत 2023:- Vat Savitri Vrat सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और संकल्प के लिए वट सावित्री व्रत रचती हैं। इस बार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा, अमावस्या को Vat Savitri Vrat रखा जाएगा, इस दिन स्त्रिया वट की पूजा करती है। इस बार Vat Savitri अमावस्या 19 मई 2023 को पड़ रही है, वहीं पूर्णिमा 3 जून को है। तो आइए जानते हैं इस साल वट सावित्री व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि? मान्यता है कि इस व्रत को धारण करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं और परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस विशेष दिन पर वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। वट सावित्री व्रत 2023 तिथि Vat Savitri Vrat 2023 Date ज्येष्ठ अमावस्या Vat Savitri Vrat हिंदू पंचांग के अनुसार,Vat Savitri Vrat ज्येष्ठ मास में दो बार मनाया जाता है एक अमावस्या तिथि के दिन और एक पूर्णिमा तिथि के दिन बताते हैं कि। बता दें कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 may 2023 को रात 09 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 19 may 2023 रात को 09 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में Vat Savitri Vrat अमावस्या व्रत 19 may 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है, जो ईव 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता ह...

Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री का व्रत देश के कुछ राज्‍यों में प्रमुखता से रखा जाता है. यह व्रत महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस बार ये व्रत 19 मई को रखा जाएगा. हालांकि देश के कुछ हिस्‍सों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है. जो कि 3 जून का पड़ रही है. खासतौर पर महाराष्‍ट्र और गुजरात में वट सावित्री व्रत ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा को रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्योष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस तरह ज्‍येष्‍ठ अमावस्या कोइ रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत उदया‍तिथि के अनुसार 19 मई को रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत की कथा और महत्व वट सावित्री का व्रत पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. माना जाता है कि वट सावित्री व्रत रखने से अखंड सौभाग्‍य मिलता है, पति की सेहत अच्‍छी रहती है और उसकी आयु बढ़ती है. साथ ही यह व्रत दांपत्‍य जीवन की समस्‍याएं भी दूर करता है. वट सावित्री की पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से देवी सावित्री के सत्‍यवान को यमराज ने पुन: जीवनदान दिया था. चूंकि जब तक सावित्री अपने पति के प्राण वापस लेकर नहीं आईं थीं तब तक वट वृक्ष की जटाओं ने सावित्री के मृत पति के शरीर को सुरक्षित रखा था इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके लिए सबसे पहले वट यानी कि बरगद के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाया जाता है. फिर तने के चारों ओर कच्‍चा सूत लपेट कर 3 परिक्रमा की जाती हैं. साथ ही मौली, रोली, भीगे हुए चने, फूल, धूप-दीप आदि से पूजा की जाती है. इस दिन वट सावित्री की क...

Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री का व्रत देश के कुछ राज्‍यों में प्रमुखता से रखा जाता है. यह व्रत महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस बार ये व्रत 19 मई को रखा जाएगा. हालांकि देश के कुछ हिस्‍सों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है. जो कि 3 जून का पड़ रही है. खासतौर पर महाराष्‍ट्र और गुजरात में वट सावित्री व्रत ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा को रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्योष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस तरह ज्‍येष्‍ठ अमावस्या कोइ रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत उदया‍तिथि के अनुसार 19 मई को रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत की कथा और महत्व वट सावित्री का व्रत पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. माना जाता है कि वट सावित्री व्रत रखने से अखंड सौभाग्‍य मिलता है, पति की सेहत अच्‍छी रहती है और उसकी आयु बढ़ती है. साथ ही यह व्रत दांपत्‍य जीवन की समस्‍याएं भी दूर करता है. वट सावित्री की पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से देवी सावित्री के सत्‍यवान को यमराज ने पुन: जीवनदान दिया था. चूंकि जब तक सावित्री अपने पति के प्राण वापस लेकर नहीं आईं थीं तब तक वट वृक्ष की जटाओं ने सावित्री के मृत पति के शरीर को सुरक्षित रखा था इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके लिए सबसे पहले वट यानी कि बरगद के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाया जाता है. फिर तने के चारों ओर कच्‍चा सूत लपेट कर 3 परिक्रमा की जाती हैं. साथ ही मौली, रोली, भीगे हुए चने, फूल, धूप-दीप आदि से पूजा की जाती है. इस दिन वट सावित्री की क...

Vat Savitri Vrat 2023:इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Vat Savitri Vrat 2023 Date: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। धर्म शास्त्रों में वट सावित्री व्रत का महत्व करवा चौथ जितना ही बताया गया है। मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे। तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, उसकी परिक्रमा करती हैं और वृक्ष के चारों ओर कलावा बांधती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा से रखने पर पति की लंबी आयु व संतान की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं वट सावित्री व्रत की तिथि, पूजा और महत्व के बारे में... वट पूर्णिमा व्रत विधि • वट सावित्री व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाएं प्रात: जल्दी उठें और स्नान करें। • स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। शृंगार जरूर करें। • साथ ही इस दिन पीला सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। • इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। • बरगद के पेड़ में जल डालकर उसमें पुष्प, अक्षत, फूल और मिठाई चढ़ाएं। • सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाएं। • वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद मांगें। • वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें। • इसके बाद हाथ में काले चना लेकर इस व्रत का कथा सुनें। • कथा सुनने के बाद पंडित जी को दान देना न भूलें। • दान में आप वस्त्र, पैसे और चने दें। • अगले दिन व्रत को तोड़ने से पहले बरगद के वृक्ष का कोपल खाकर उपवास समाप्त करें। वट सावित्री व्रत का महत्व कहा...

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Vat Savitri 2023: वट सावित्री के दिन क्यों की जाती है बरगद की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व वट सावित्री को सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. Vat Savitri 2023: वट सावित्री को सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है जिसे विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार वट सावित्री और शनि जयंती एक ही दिन यानी 19 मई 2023 को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ रही है. हिंदू विवाहित महिलाओं के बीच वट सावित्री का बहुत महत्व माना गया है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए इस शुभ दिन पर व्रत रखती हैं. वट सावित्री अमावस्या तिथि को पड़ती है इसलिए इसे वट अमावस्या के नाम से जाना जाता है. महिलाएं इन दिन वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करते हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, वट वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्षों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में तीन मुख्य देवता - भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा इसमें निवास करते हैं और यह वृक्ष एक दीर्घायु वृक्ष है और यही कारण है कि विवाहित महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करती हैं. • इस दिन महिलाएं जल्दी उठती हैं और स्नान करती हैं. • पारंपरिक साड़ी और आभूषणों पहनती हैं. • भोग प्रसाद के लिए सात्विक भोजन बनाएं, कच्छ सूत (पवित्र सफेद कच्चा धागा), जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम और फूल • जहां वट वृक्ष उपलब्ध हो वहां...

Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रख रही हैं वट सावित्री व्रत, तो जानें नियम

• • Faith Hindi • Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री का व्रत, तो इन नियमों का जरूर रखें ध्यान Vat Savitri Vrat 2023: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री का व्रत, तो इन नियमों का जरूर रखें ध्यान Vat Savitri Vrat 2023: सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि की कामना से वट सावित्री व्रत रखती है. इस दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है. Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू धर्म में व्रत व उपवास का खास महत्व बताया गया है. हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन व्रत सावित्री का व्रत रखा जाता है जो कि सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया है. वट सावित्री का व्रत कठिन होता है और महिलाएं ये व्रत अखंड सौभाग्य की कामना रखती हैं. कहते हैं कि इस व्रत को रखने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस साल व्रत सावित्री का व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. अगर आप पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं तो इस व्रत से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. Also Read: • • • वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इस वृक्ष की पूजन करने से तीनों देवता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. वट सावित्री व्रत में पूजा के साथ ही पूजन सामग्री भी खास महत्व रखती है. इसलिए पहले ही पूजन सामग्री तैयार कर लें, ताकि पूजा के दौरान कुछ छूट न जाए. पूजन सामग्री में कच्चा, सूत, अक्षत, सिंदूर, बांस का पंखा, कलावा, धूप, मिट्टी का दीपक, सुहाग का सामान, फल, फूल, सुपा...

वट सावित्री पूजा कब है

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