वधूत्सव का संधि

  1. कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण
  2. वधू + उत्सव की संधि क्या होगी?
  3. Swar Sandhi
  4. सन्धि नोट्स
  5. Swar Sandhi Class 9 Hindi Course B MadhuKalash
  6. वधू + उत्सव में कौन सी संधि है?
  7. दीर्घ संधि : परिभाषा एवं उदाहरण
  8. दीर्घ संधि : परिभाषा एवं उदाहरण
  9. Swar Sandhi
  10. कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण


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कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण

कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण खण्ड ख यूपी बोर्ड परीक्षा 1. लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ 1+1=2 (क) निम्नलिखित मुहावरों और लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए a. आँखों का तारा होना उत्तर – बहुत प्यारा होना, वाक्य प्रयोग – राम सभी बहनों में अकेला भाई है यदि वह कहीं चला जाता है तो उसके माता-पिता बहुत बेचैन हो जाते हैं b. हाथ कंगन को आरसी क्या उत्तर – प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है, वाक्य प्रयोग – अधिक प्रशंसा करने से फायदा क्या होगा पैसा कमा कर अमीर बन के दिखाओ C. पानी-पानी होना उत्तर – शर्मिंदा हो जाना – वाक्य प्रयोग – मोहन चोरी के इल्जाम में पकड़े जाने पर वह पानी पानी हो गया अर्थात शर्मिंदा हो गया | d. आ बैल मुझे मार उत्तर – बिना किसी कारण के ही मुसीबत मोल लेना, वाक्य प्रयोग – चोरी का सामान खरीद कर आपने बेकार में ही “आ बैल मुझे मार ” वाली स्थिति पैदा कर दी 2. (क) निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए 1 +1+1=3 (i) ‘वधूत्सव:’ का संधि-विच्छेद है (A) वधु + उत्सव: (B) वधूत् + सव: (C) वधू + उत्सव: (D) वधौ + उत्सव: उत्तर – (A) वधु + उत्सव: (ii) ‘स्वागतम्’ का संधि-विच्छेद्र है (A) स्वा + गतम् (B) सु + आगतम् (C) सो + आगतम् (D) स्वाग + तम् उत्तर – (B) सु + आगतम् (iii) ‘नायक:’ का सन्धि विच्छेद है (A) ना + यक: (B) नाय + क: (C) ने + अक: (D) नै + अक: उत्तर – (D) नै + अक: (ख) निम्नलिखित शब्दों की ‘विभक्ति’ और ‘वचन’ के अनुसार सही चयन कीजिए 1+1=2 (i) ‘सरिताम्’ में विभक्ति और वचन है (A) द्वितीया विभक्ति, एकवचन (B) पष्ठी विभक्ति, बहुवचन (C) पञ्चमी विभक्ति, द्विवचन (D) तृतीया विभक्ति, एकवचन उत्तर – (B) पष्ठी विभक्ति, बहुवचन (ii) ‘सर्वस्मिन्’ में विभक्ति ...

वधू + उत्सव की संधि क्या होगी?

वधू + उत्सव की संधि नीचे दी गई तालिका में वधू + उत्सव की संधि (Vadhoo + Utsav ki Sandhi) दी गई है - विच्छेद संधि वधू + उत्सव वधूत्सव Vadhoo + Utsav Vadhootsav वधू + उत्सव में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) वधू + उत्सव में " दीर्घ स्वर संधि" संधि है। वधू + उत्सव की संधि " वधूत्सव" होता है। तथा इसमें “ दीर्घ स्वर संधि” लागू होती है। यदि आपको वधू + उत्सव की संधि में कोई गलती मिली हो तो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं, या फिर एक नया उत्तर लिखे।

Swar Sandhi

Learn Swar Sandhi – स्वर संधि – अच् संधि – हिन्दी व्याकरण स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं- (i) दीर्घ सन्धि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ स्वर हो जाता है। वर्गों का संयोग चाहे ह्रस्व + ह्रस्व हो या ह्रस्व + दीर्घ और चाहे दीर्घ + दीर्घ हो, यदि सवर्ण स्वर है तो दीर्घ हो जाएगा। इस सन्धि को दीर्घ सन्धि कहते हैं; जैसे सन्धि – उदाहरण • अ + अ = आ – पुष्प + अवली = पुष्पावली • अ + आ = आ – हिम + आलय = हिमालय • आ + अ = आ – माया + अधीन = मायाधीन • आ + आ = आ – विद्या + आलय = विद्यालय • इ + इ = ई – कवि + इच्छा = कवीच्छा • इ + ई = ई – हरी + ईश = हरीश • इ + इ = ई – मही + इन्द्र = महीन्द्र • इ + ई = ई – नदी + ईश = नदीश • उ + उ = ऊ – सु + उक्ति = सूक्ति • उ + ऊ = ऊ – सिन्धु + ऊर्मि = सिन्धूमि • ऊ + उ = ऊ – वधू + उत्सव = वधूत्सव • ऊ + ऊ = ऊ – भू + ऊर्ध्व = भूल • ऋ+ ऋ = ऋ – मात + ऋण = मातण गुण सन्धि जब अ अथवा आ के आगे ‘इ’ अथवा ‘ई’ आता है तो इनके स्थान पर ए हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे उ या ऊ आता है तो ओ हो जाता है तथा अ या आ के आगे ऋ आने पर अर् हो जाता है। दूसरे शब्दों में, हम इस प्रकार कह सकते हैं कि जब अ, आ के आगे इ, ई या ‘उ’, ‘ऊ’ तथा ‘ऋ’ हो तो क्रमश: ए, ओ और अर् हो जाता है, इसे गुण सन्धि कहते हैं; जैसे- • अ, आ + ई, ई = ए • अ, आ + उ, ऊ = ओ • अ, आ + ऋ = अर् सन्धि – उदाहरण • अ + इ = ए – उप + इन्द्र = उपेन्द्र • अ + ई = ए – गण + ईश = गणेश • आ + इ = ए – महा + इन्द्र = महेन्द्र • आ + ई = ए – रमा + ईश = रमेश • अ + उ = ओ – चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय • अ + ऊ = ओ – समुद्र + ऊर्मि = समुद्र...

सन्धि नोट्स

स्वर संधि के भी निम्नानुसार पाँच उपभेद माने जाते है • दीर्घ स्वर संधि • गुण स्वर संधि • यण स्वर संधि • वृद्धि स्वर संधि • अयादि स्वर संधि 1.यण संधि :-यदि इ , ई , उ , ऊ ,और ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इनका परिवर्तन क्रमश: य , व् और र में हो जाता है यह भी पढ़ें >> सूत्र : इको यणचि • इ का य = इति +आदि = इत्यादि • ई का य = देवी +आवाहन = देव्यावाहन • उ का व = सु +आगत = स्वागत • ऊ का व = वधू +आगमन = वध्वागमन • ऋ का र = पितृ +आदेश = पित्रादेश अपवाद – यदि किसी शब्द में ‘स्व’ शब्दांश प्राप्त हो रहा हो एवं उसका अर्थ अपना/अपनी/अपने ग्रहण किया जा रहा हो तो वहाँ संधि-विच्छेद करते समय ‘स्व’ शब्दांश ‘+’ से पहले लिखा जाता है जैसे – स्वाध्याय – स्व + अध्याय (दीर्घ संधि) स्वावलम्बन – स्व + अवलम्बन (दीर्घ संधि) स्वर्ग – स्व: + ग – (विसर्ग) स्वेच्छा – स्व + इच्छा (गुण) 2. अयादि संधि :-यदि ए, ऐ, ओ, औ के पशचात इन्हें छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तो इनका परिवर्तन क्रमश: अय, आय, अव, आव में हो जाता है • ए का अय ने +अन = नयन • ऐ का आय नै +अक = नायक • ओ का अव पो +अन = पवन • औ का आव पौ +अन = पावन • न का परिवर्तन ण में = श्रो +अन = श्रवण अपवाद – नियम – 1. – यदि ‘गो’ शब्द के साथ इन्द्र/अक्षि(अक्ष)/अग्र शब्द का मेल हो रहा हो तो ‘ओ’ को अव् में नहीं बदलकर ‘अव’ में बदला जाता है जैसे – गो + इन्द्र – ग् + अव + इन्द्र – गवेन्द्र (अयादि/गुण) गो + अग्र – ग् + अव + अग्र – गवाग्र (अयादि/दीर्घ) नियम – 2. – यदि ओ/औ स्वर के साथ य प्रत्यय अथवा युति शब्द का मेल हो रहा हो तो वहाँ पर भी अयादि संधि मानी जाती है एवं इनमें संधि करने पर ओ/औ के स्थान पर अव्/आव् आदेश किया जाता है जैसे – गो + य – ग् + अव् + य – गव्य गो + यूति – ग्...

Swar Sandhi Class 9 Hindi Course B MadhuKalash

You May Like – दो निकटतम वर्णों के(पहले शब्द के अंतिम तथा दूसरे शब्द के पहले वर्ण) मेल से जो परिवर्तन आता है उसे संधि कहते हैं। संधि का शाब्दिक अर्थ है जोड़ या मेल, मुख्य रूप से वर्णों के मेल या जोड़ को संधि कहते हैं। जैसे- परम+ अर्थ= परमार्थ (पहले शब्द परम के अंतिम वर्ण अ और दूसरे शब्द के पहले वर्ण अ के मेल से आ बदलाव आया इसलिए इसे परमार्थ कहा जाएगा, परमअर्थ नहीं। इस तरह परमार्थ के निकटतम वर्णों के मेल से जो परिवर्तन आया है वह परिवर्तन ही संधि है।) देव+ आलय = देवालय जगत+ नाथ= जगन्नाथ दो समीपवर्ती वर्णों के पास-पास आने के कारण, उनमें जो विकार सहित मेल होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि -विच्छेद यदि संधि के नियमों के अनुसार मिले हुए वर्णों को अलग-अलग करके, संधि से पहले की स्थिति में पहुँचा दिया जाए तो इसे संधि-विच्छेद कहा जाता है। संधि में दो ध्वनियों का मेल होता है तो संधि-विच्छेद में उन ध्वनियों को अलग-अलग करके दिखाया जाता है। जैसे- शब्द संधि -विच्छेद विद्यालय विद्या+ आलय संधि के भेद संधि के तीन भेद माने जाते हैं- • स्वर संधि 2. व्यंजन संधि 3. विसर्ग संधि • स्वर संधि- स्वर और स्वर के मिलने से जो विकार (परिवर्तन) आता है उसे स्वर संधि कहा जाता है। जैसे- सूर्य+ उदय= सूर्योदय (अ +उ =ओ) दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि स्वर के बाद, स्वर के मेल से, उनमें जो विकार सहित परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे – देव+ आलय = देवालय स्वर संधि के पांच भेद होते हैं- (क) दीर्घ संधि (ख) गुण संधि (ग) वृद्धि संधि (घ) यण सन्धि (ड़) अयादि संधि (क) दीर्घ संधि (विकार – आ, ईँ, ऊ) – जब दो सवर्ण स्वर पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर उसी वर्ण का दीर्घ स्वर बनाते हैं। अ+अ, अ+आ, आ+अ तथा आ+आ=आ के ...

वधू + उत्सव में कौन सी संधि है?

वधू + उत्सव में संधि वधू + उत्सव में " दीर्घ स्वर संधि" संधि है। वधू + उत्सव की संधि " वधूत्सव" होता है। तथा इसमें “ दीर्घ स्वर संधि” लागू होती है। नीचे दी गई तालिका में वधू + उत्सव की संधि (Vadhoo + Utsav ki Sandhi) दी गई है - विच्छेद संधि वधू + उत्सव वधूत्सव Vadhoo + Utsav Vadhootsav वधू + उत्सव में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) वधू + उत्सव में " दीर्घ स्वर संधि" संधि है। वधू + उत्सव की संधि " वधूत्सव" होता है। तथा इसमें “ दीर्घ स्वर संधि” लागू होती है। यदि आपको वधू + उत्सव की संधि में कोई गलती मिली हो तो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं, या फिर एक नया उत्तर लिखे।

दीर्घ संधि : परिभाषा एवं उदाहरण

दीर्घ संधि की परिभाषा • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है। • इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं। • जैसे: पुस्तक + आलय : पुस्तकालय बनता है। यहाँ अ+आ मिलकर आ बनाते हैं। दीर्घ संधि के कुछ उदाहरण : • विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ) जैसा कि आप ऊपर दिये गए दीर्घ संधि के उदाहरण में देख सकते हैं, दोनों स्वर मिलकर संधि करने पर परिवर्तन ला रहे हैं। आ एवं अ मिलकर आ बना रहे हैं एवं संधि होने के बाद शब्द में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये स्वर हैं अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आयेगा। • विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ) ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि जब आ एवं अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन्होंने आ का निर्माण किया। जब संधि हुई तो मुख्य शब्द में संधि होने के बाद परिवर्तन की वजह से देखने को मिला। अतः यह दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा। • परम + अर्थ : परमार्थ (अ + अ = आ) जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि यहाँ पर संधि करते समय जब अ एवं अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन शब्दों ने मिलकर आ बना दिया। जब संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन स्वरों कि वजह से आया। अतः यह दीर्ग संधि के अंतर्गत आएगा। • कवि + ईश्वर : कवीश्वर (इ + ई = ई) ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं इ और ई ये दो स्वरों को मिलाया गया। जब संधि होते समय ये दो स्वर मिले तो इन्होने ई बना दिया। जब शब्दों कि संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन इन स्वरों कि वजह से देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा। • गिरि + ईश : गिरीश (इ + ई = ई) ज...

दीर्घ संधि : परिभाषा एवं उदाहरण

दीर्घ संधि की परिभाषा • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है। • इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं। • जैसे: पुस्तक + आलय : पुस्तकालय बनता है। यहाँ अ+आ मिलकर आ बनाते हैं। दीर्घ संधि के कुछ उदाहरण : • विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ) जैसा कि आप ऊपर दिये गए दीर्घ संधि के उदाहरण में देख सकते हैं, दोनों स्वर मिलकर संधि करने पर परिवर्तन ला रहे हैं। आ एवं अ मिलकर आ बना रहे हैं एवं संधि होने के बाद शब्द में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये स्वर हैं अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आयेगा। • विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ) ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि जब आ एवं अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन्होंने आ का निर्माण किया। जब संधि हुई तो मुख्य शब्द में संधि होने के बाद परिवर्तन की वजह से देखने को मिला। अतः यह दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा। • परम + अर्थ : परमार्थ (अ + अ = आ) जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि यहाँ पर संधि करते समय जब अ एवं अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन शब्दों ने मिलकर आ बना दिया। जब संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन स्वरों कि वजह से आया। अतः यह दीर्ग संधि के अंतर्गत आएगा। • कवि + ईश्वर : कवीश्वर (इ + ई = ई) ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं इ और ई ये दो स्वरों को मिलाया गया। जब संधि होते समय ये दो स्वर मिले तो इन्होने ई बना दिया। जब शब्दों कि संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन इन स्वरों कि वजह से देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा। • गिरि + ईश : गिरीश (इ + ई = ई) ज...

Swar Sandhi

Learn Swar Sandhi – स्वर संधि – अच् संधि – हिन्दी व्याकरण स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं- (i) दीर्घ सन्धि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ स्वर हो जाता है। वर्गों का संयोग चाहे ह्रस्व + ह्रस्व हो या ह्रस्व + दीर्घ और चाहे दीर्घ + दीर्घ हो, यदि सवर्ण स्वर है तो दीर्घ हो जाएगा। इस सन्धि को दीर्घ सन्धि कहते हैं; जैसे सन्धि – उदाहरण • अ + अ = आ – पुष्प + अवली = पुष्पावली • अ + आ = आ – हिम + आलय = हिमालय • आ + अ = आ – माया + अधीन = मायाधीन • आ + आ = आ – विद्या + आलय = विद्यालय • इ + इ = ई – कवि + इच्छा = कवीच्छा • इ + ई = ई – हरी + ईश = हरीश • इ + इ = ई – मही + इन्द्र = महीन्द्र • इ + ई = ई – नदी + ईश = नदीश • उ + उ = ऊ – सु + उक्ति = सूक्ति • उ + ऊ = ऊ – सिन्धु + ऊर्मि = सिन्धूमि • ऊ + उ = ऊ – वधू + उत्सव = वधूत्सव • ऊ + ऊ = ऊ – भू + ऊर्ध्व = भूल • ऋ+ ऋ = ऋ – मात + ऋण = मातण गुण सन्धि जब अ अथवा आ के आगे ‘इ’ अथवा ‘ई’ आता है तो इनके स्थान पर ए हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे उ या ऊ आता है तो ओ हो जाता है तथा अ या आ के आगे ऋ आने पर अर् हो जाता है। दूसरे शब्दों में, हम इस प्रकार कह सकते हैं कि जब अ, आ के आगे इ, ई या ‘उ’, ‘ऊ’ तथा ‘ऋ’ हो तो क्रमश: ए, ओ और अर् हो जाता है, इसे गुण सन्धि कहते हैं; जैसे- • अ, आ + ई, ई = ए • अ, आ + उ, ऊ = ओ • अ, आ + ऋ = अर् सन्धि – उदाहरण • अ + इ = ए – उप + इन्द्र = उपेन्द्र • अ + ई = ए – गण + ईश = गणेश • आ + इ = ए – महा + इन्द्र = महेन्द्र • आ + ई = ए – रमा + ईश = रमेश • अ + उ = ओ – चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय • अ + ऊ = ओ – समुद्र + ऊर्मि = समुद्र...

कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण

कक्षा 12 इंटरमीडिएट हिंदी व्याकरण खण्ड ख यूपी बोर्ड परीक्षा 1. लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ 1+1=2 (क) निम्नलिखित मुहावरों और लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए a. आँखों का तारा होना उत्तर – बहुत प्यारा होना, वाक्य प्रयोग – राम सभी बहनों में अकेला भाई है यदि वह कहीं चला जाता है तो उसके माता-पिता बहुत बेचैन हो जाते हैं b. हाथ कंगन को आरसी क्या उत्तर – प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है, वाक्य प्रयोग – अधिक प्रशंसा करने से फायदा क्या होगा पैसा कमा कर अमीर बन के दिखाओ C. पानी-पानी होना उत्तर – शर्मिंदा हो जाना – वाक्य प्रयोग – मोहन चोरी के इल्जाम में पकड़े जाने पर वह पानी पानी हो गया अर्थात शर्मिंदा हो गया | d. आ बैल मुझे मार उत्तर – बिना किसी कारण के ही मुसीबत मोल लेना, वाक्य प्रयोग – चोरी का सामान खरीद कर आपने बेकार में ही “आ बैल मुझे मार ” वाली स्थिति पैदा कर दी 2. (क) निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए 1 +1+1=3 (i) ‘वधूत्सव:’ का संधि-विच्छेद है (A) वधु + उत्सव: (B) वधूत् + सव: (C) वधू + उत्सव: (D) वधौ + उत्सव: उत्तर – (A) वधु + उत्सव: (ii) ‘स्वागतम्’ का संधि-विच्छेद्र है (A) स्वा + गतम् (B) सु + आगतम् (C) सो + आगतम् (D) स्वाग + तम् उत्तर – (B) सु + आगतम् (iii) ‘नायक:’ का सन्धि विच्छेद है (A) ना + यक: (B) नाय + क: (C) ने + अक: (D) नै + अक: उत्तर – (D) नै + अक: (ख) निम्नलिखित शब्दों की ‘विभक्ति’ और ‘वचन’ के अनुसार सही चयन कीजिए 1+1=2 (i) ‘सरिताम्’ में विभक्ति और वचन है (A) द्वितीया विभक्ति, एकवचन (B) पष्ठी विभक्ति, बहुवचन (C) पञ्चमी विभक्ति, द्विवचन (D) तृतीया विभक्ति, एकवचन उत्तर – (B) पष्ठी विभक्ति, बहुवचन (ii) ‘सर्वस्मिन्’ में विभक्ति ...