वे

  1. We meaning in Hindi
  2. सर्वनाम
  3. पत्र लेखन & प्रकार
  4. India Will Loose 6,500 Millionaires This Year : Henley Private Wealth Migration Report
  5. (Ve) वे meaning in hindi
  6. वाक्य – वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण – Learn Cram
  7. उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में विस्तार से जानें


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We meaning in Hindi

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सर्वनाम

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 1.1 पुरूष वाचक सर्वनाम- • 1.2 निजवाचक सर्वनाम- • 1.3 निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम- • 1.4 संबंधवाचक सर्वनाम- • 1.5 प्रश्नवाचक सर्वनाम • 2 अन्य भाषाओं में सर्वनाम • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरीकड़ियाँ परिभाषा [ ] • पुरूषवाचक - मैं, तू, वह, हम, मैंने • निजवाचक - आपने आप, स्वयं • निश्चयवाचक - यह, वह • अनिश्चयवाचक - कोई, कुछ • संबंधवाचक - जो, सो • प्रश्नवाचक - कौन, क्या पुरूष वाचक सर्वनाम- [ ] पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं: उत्तम पुरुष (Uttam Purush) इन सर्वनाम का प्रयोग बात कहने या बोलने वाला अपने लिए करता है । उदाहरण: मैं, मुझे, मेरा, मुझको, हम, हमें, हमारा, हमको । मध्यम पुरुष (Madhyam Purush) इन सर्वनाम का प्रयोग बात सुनने वाले के लिए किया जाता है । उदाहरण: तू, तुझे, तेरा, तुम, तुम्हे, तुम्हारा । आदर सूचक: आप, आपको, आपका, आप लोग, आप लोगों को आदि । अन्य पुरुष इन सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला अन्य किसी व्यक्ति के लिए करता है । उदाहरण :वह, उसने, उसको, उसका, उसे, उसमें, वे, इन्होंने, उनको, उनका, उन्हें, उनमें आदि । जो सर्वनाम शब्द कर्ता के स्वयं के लिए प्रयुक्त होते हैं उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे :स्वयं, आप ही, खुद, अपने आप । उदाहरण: उसने अपने आप को बर्बाद कर लिया । मैं खुद फोन कर लूँगा । तुम स्वयं यह कार्य करो । श्वेता अपने आप ही चली गयी । नोट: इसके 'आप' का प्रयोग अपने लिए / स्वयं (self) होता है आदर सूचक 'आप' के लिए नहीं । जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे: यह, वह, ये, वे । उदाहरण: यह मेरी घडी है । वह एक लड़का है । वे इधर ही आ रहे हैं । जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित...

पत्र लेखन & प्रकार

[पढ़ें और सीखें] Learn Maths, English, Reasoning, G.K., And Computer Topics, Formula, Questions, Tricks in Hindi For All Competitive Exams Like SSC, IBPS Banks, SBI, LIC, RRB, CAT, MAT, B.ED, TET, CTET, IPS, IAS, And STATE LEVEL EXAMS. हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग तथा गणित के सूत्र, प्रश्न, शार्ट ट्रिक्स और प्रतियोगी परीक्षा उपयोगी ट्रिकी सवाल, महत्वपूर्ण प्रश्नो का फार्मूला का प्रयोग करके शॉर्टकट हल पत्र लेखन | Patra Lekhan / Letter Writing in Hindi पत्र लेखन क्या है? पत्र-लेखन एक माध्यम है जिसके द्वारा हम दूर बैठे अपने मित्रों, निकट सम्बन्धियों या किसी अन्य व्यक्ति आदि से अपने विचार प्रकट कर सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। पत्र-लेखन एक कला माना गया है। मित्रों, निकट सम्बन्धियों या किसी अन्य परिचित व्यक्ति को लिखे जाने वाले पत्र-लेखन में मन के भावों और विचारों को निसंकोच अभिव्यक्त किया जाता है। पत्र लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए- १. पत्र की भाषा सरल पत्र लिखने समय निम्नलिखित बातों और शिष्ट होनी चाहिए। २. एक ही बात को बार-बार नहीं दोहराना चाहिए। ३. प्रत्येक बात एक-दूसरे से सम्बन्धित होनी चाहिए। ४. लेखनी शुद्ध और साफ होनी चाहिए। पत्र लेखन के प्रकार - मुख्यतः पत्र निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं- १. औपचारिक पत्र (formal letter) २. अनौपचारिक पत्र (Informal letter) १. औपचारिक पत्र (formal letter) औपचारिक पत्र भी निम्नलिखित 3 प्रकार के होते हैं- १) सामाजिक पत्र २) व्यापारिक अथवा व्यवसायिक पत्र ३) सरकारी कार्यालयों के लिए पत्र १) सामाजिक पत्र- ये पत्र अपने मित्रों, सम्बन्धियों, जैसे- माता-पिता, भाई-बहिन आदि के लिए लिखे जाते हैं। २) व्यापारिक अथव...

India Will Loose 6,500 Millionaires This Year : Henley Private Wealth Migration Report

इस साल देश से करोड़पतियों की निकासी के मामले में चीन पहले स्थान पर है. इसमें 13,500 एचएनडब्ल्यूआई खोने की भविष्यवाणी की गई है, जिसके बाद भारत ने दूसरा स्थान पर है. हालांकि, रिपोर्ट में दूसरी सबसे बड़ी निकास संख्या होने के बावजूद, भारत की स्थिति में पिछले साल से सुधार होने की संभावना है जब इसके करोड़पतियों के बाहर जाने की संख्या 7,500 थी. न्यू वर्ल्ड वेल्थ में अनुसंधान प्रमुख एंड्रयू एमोइल्स बताते हैं, "ये बहिर्वाह भारत के लिए चिंता का विषय नहीं है क्योंकि भारत प्रवासन से होने वाले नुकसान की तुलना में कहीं अधिक नए करोड़पति पैदा करता है." हेनले एंड पार्टनर्स के अनुसार, करोड़पति या उच्च-निवल मूल्य वाले व्यक्ति (HNWI) वे लोग होते हैं जिनके पास $1 मिलियन या उससे अधिक की निवेश योग्य संपत्ति होती है. हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टीफ़न का कहना है कि पिछले एक दशक में करोड़पतियों का पलायन लगातार बढ़ा है, लगभग 1,22,000 और 1,28,000 करोड़पतियों के क्रमशः 2023 और 2024 में वैश्विक स्तर पर पलायन करने की उम्मीद है. भारत से पलायन क्यों? हौरानी में प्राइवेट वेल्थ एंड फैमिली ऑफिस में पार्टनर सुनीता सिंह-दलाल के अनुसार, “निषेधात्मक कर कानून के साथ जटिल नियम जो आउटबाउंड रेमिटेंस से संबंधित हैं, जो गलत व्याख्या और दुरुपयोग के लिए खुले हैं, ऐसे कुछ मुद्दे हैं जिन्होंने इस भारत से इनवेस्टमेंट माइग्रेशन की प्रवृत्ति को ट्रिगर किया है.” नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि हेनले एंड पार्टनर्स ने इस वर्ष की पहली तिमाही में इनवेस्टमेंट माइग्रेशन योजनाओं के लिए भारतीयों और अमेरिकियों से महत्वपूर्ण मांगों के साथ सबसे अधिक बातचीत दर्ज की है. करोड़पति कहां जा रहे हैं? दुबई और सिंगापुर अमीर भारतीय ...

(Ve) वे meaning in hindi

[सं-पु.] - निर्वात; शून्य। [सं-पु.] - देखभाल; अच्छी तरह देखना। [सं-पु.] - 1. (भौतिकविज्ञान) किसी वस्तु के दिशा विशेष में गति की रफ़्तार; किसी निश्चित दिशा में वस्तु की स्थिति के परिवर्तन की दर; (वेलोसिटी) 2. प्रवाह; धारा 3. तीव्र प्रवृत्ति 4. उत्तेजना 5. जल्दबाज़ी। [सं-पु.] - मल-मूत्र का वेग रोकना। [वि.] - जिसमें वेग हो; वेगयुक्त। [वि.] - 1. तीव्र गति वाली 2. जिसका वेग अत्यधिक हो 3. तीव्र; उग्र। [सं-स्त्री.] 1. दक्षिण भारत की एक नदी 2. (काव्यशास्त्र) एक प्रकार का छंद। [वि.] - तेज़ चलने वाला; वेगयुक्त।

वाक्य – वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण – Learn Cram

वाक्य की परिभाषा (Vakya Ki Paribhasha), Bhed, Udaharan भाषा हमारे भावों-विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। भाषा की रचना वर्णों, शब्दों और वाक्यों से होती है। दूसरे शब्दों में वर्णों से शब्द, शब्दों से वोक्य और वाक्यों से भाषा का निर्माण हुआ है। इस प्रकार वाक्य शब्दों के समूह का नाम है, लेकिन सभी प्रकार के शब्दों को एक स्थान पर रखकर वाक्य नहीं बना सकते हैं। Learn वाक्य की परिभाषा शब्दों का वह व्यवस्थित रूप जिसमें एक पूर्ण अर्थ की प्रतीति होती है, वाक्य कहलाता है। आचार्य विश्वनाथ ने अपने ‘साहित्यदर्पण’ में लिखा है “वाक्यं स्यात् योग्यताकांक्षासक्तियुक्तः पदोच्चयः।” अर्थात् योग्यता, आकांक्षा, आसक्ति से युक्त पद समूह को वाक्य कहते हैं। वाक्य के तत्त्व वाक्य के तत्त्व निम्न हैं- 1. सार्थकता सार्थकता वाक्य का प्रमुख गुण है। इसके लिए आवश्यक है कि वाक्य में सार्थक शब्दों का ही प्रयोग हो, तभी वाक्य भावाभिव्यक्ति के लिए सक्षम होगा; जैसे-राम रोटी पीता है।। यहाँ ‘रोटी पीना’ सार्थकता का बोध नहीं कराता, क्योंकि रोटी खाई जाती है। सार्थकता की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध माना जाएगा। सार्थकता की दृष्टि से सही वाक्य होगा-राम रोटी खाता है। इस वाक्य को पढ़ते ही पाठक के मस्तिष्क में वाक्य की सार्थकता उपलब्ध हो जाती है। कहने का आशय है कि वाक्य का यह तत्त्व वाक्य रचना की दृष्टि से अनिवार्य है। इसके अभाव में अर्थ का अनर्थ सम्भव है। 2. क्रम क्रम से तात्पर्य है-पदक्रम। सार्थक शब्दों को भाषा के नियमों के अनुरूप क्रम में रखना चाहिए। वाक्य में शब्दों के अनुकूल क्रम के अभाव में अर्थ का अनर्थ हो जाता है; जैसे-नाव में नदी है। इस वाक्य में सभी शब्द सार्थक हैं, फिर भी क्रम के अभाव में वाक्य गलत है। सही क्रम ...

उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में विस्तार से जानें

शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। चलिए उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg Pratyay) विस्तार से जानते हैं। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर उपसर्ग प्रत्यय (a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। (b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। (b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है। उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है। उदाहरण प्र+हार = प्रहार उप+कार = उपकार आ+हार = आहार हिन्दी में मुख्यतः चार प्रकार के उपसर्ग होते है- • संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) • हिंदी के उपसर्ग (तद्भव) • उर्दू के उपसर्ग • अंग्रेजी के उपसर्ग (विदेशी) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) संस्कृत के 22 मूल उपसर्ग हैं- उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द अति अधिक अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचार अधि प्रधान/श्रेष्ठ अधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन अनु पीछे अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव अप बुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन अभि पास अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग अव हीनता अवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण आ तक/से आघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म उत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, ...

हिन्दी

• 1. बालक विद्यालय जाता है। - बालकः विद्यालयं गच्छति। • 2. झरने से अमृत को मथता है। - सागरं सुधां मथ्नाति। • 3. राम के सौ रुपये चुराता है। - रामं शतं मुष्णाति। • 4. राजा से क्षमा माँगता है। - नृपं क्षमां याचते। • 5. सज्जन पाप से घृणा करता है। - सज्जनः पापाद् जुगुप्सते। • 6. विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है। - विद्यालये बालकाः बालिकाश्च वर्तन्ते। • 7. मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ। - अहं कंकतेन केशप्रसाधनं करोमि। • 8. बालिका जा रही है। - बालिका गच्छन्ती अस्ति। • 9. यह रमेश की पुस्तक है। - इदं रमेशस्य पुस्तकम् अस्ति। • 10. बालक को लड्डू अच्छा लगता है। - बालकाय मोदकं रोचते। • 11. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है। - पितरौ गुरुजनाश्च सम्माननीयाः। • 12. जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा। - यद्भावी तद् भवतु, नाहं तस्य पुरः शिरोऽवनमयिष्यामि। • 13. वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है। - वानरः वृक्षात् अवतीर्य्य नीचैः उपविष्टोऽस्ति। • 14. मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया। - सर्वा ममाशा मोघाः सञ्जाताः। • 15. मैने सारी रात आँखों में काटी। - पर्यङ्के निषण्णस्य ममाक्ष्णोः प्रभातमासीत्। • 16. गुरु से धर्म पूछता है। - उपाध्यायं/गुरुं धर्मं पृच्छति। • 17. बकरी का दूध दुहता है। - अजां दुग्धं दोग्धि। • 18. मन्दिर के चारों ओर भक्त है। - मन्दिरं परितः भक्ताः सन्ति। • 19. इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं। - ब्रह्मचारिणः वानप्रस्थाः संन्यासिनश्च अस्मिन् आश्रमे सन्ति। • 20. नाई उस्तरे से बाल काटता है। - नापितः क्षुरेण केशान् वपति। • 21. रंगरेज वस्त्रों को रंगता है। - रज्जकः वस्त्राणि रञ्जयति। • 22. मन सत्य से शुद्ध होता है। - मनः सत्येन शुध्यति। • 23. आकाश म...