विधानपरिषद असलेले राज्य

  1. Explainer : क्यों कुछ राज्यों में है विधानपरिषद और कुछ में नहीं
  2. विधान परिषद
  3. Vidhanparishad
  4. राज्य विधान परिषद् (State Legislative Council)
  5. राज्य विधानमण्डल : विधानसभा और विधानपरिषद : HindiPrem.com
  6. राज्यों में विधानपरिषदें
  7. विधान परिषद
  8. Vidhanparishad
  9. Explainer : क्यों कुछ राज्यों में है विधानपरिषद और कुछ में नहीं
  10. राज्य विधान परिषद् (State Legislative Council)


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Explainer : क्यों कुछ राज्यों में है विधानपरिषद और कुछ में नहीं

देश के 03 राज्यों की विधान परिषद में करीब 30 सीटें खाली होने जा रही हैं. इन पर चुनाव प्रक्रिया 02 जून से शुरू हो रही है. ये तीन राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य हैं, जिनका कार्यकाल अगस्त में खत्म हो जाएगा. देश के सभी राज्यों में विधानसभा तो हैं लेकिन उनके साथ राज्य का ये सदन सभी राज्यों में नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है. विधानपरिषद की भूमिका क्या होती है. जिन राज्यों में विधान परिषद हैं, उन्हें राज्य में उच्च प्रतिनिधि सभा का दर्जा हासिल है. इसके सदस्य भी चुने जाते हैं लेकिन उनका चुनाव प्रत्यक्ष नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष तरीके से होता है. इसमें भी राज्यसभा की तरह कुछ सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. जिन्हें राज्यपाल मनोनीत करते हैं. कुल मिलाकर जितने राज्यों में विधान परिषद हैं, उन्हें विधान मंडल का अंग माना जाता है. कितने राज्यों में विधान परिषद देश में सभी राज्यों में विधान परिषद नहीं हैं. ऐसा केवल 28 में 06 राज्यों में है. ये राज्य हैं आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश. इसके अलावा असम, ओडिशा में विधान परिषद बनाने को भारत की संसद ने मंजूरी दे दी है. जिन राज्यों में कभी थी विधान परिषद, अब नहीं है अलग अलग एक्ट और प्रावधानों के तहत 07 भारतीय राज्यों में पहले विधान परिषद थीं, जिन्हें फिर खत्म कर दिया गया. हालांकि पिछले दिनों बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने राज्य में विधान परिषद के गठन की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने पिछले साल जुलाई में राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पास करके मंजूरी के लिए संसद के पास भेजा था. लेकिन अब तक उस पर कोई विचार नहीं हुआ. बंग...

विधान परिषद

अनुक्रम • 1 व्यवस्था • 1.1 गठन • 1.2 सदस्य कार्यकाल • 1.3 संरचना • 1.4 निर्वाचन • 1.5 योग्यताएँ • 2 प्रस्तावित विधान परिषद • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ व्यवस्था [ ] गठन [ ] • • तत्पश्चात अनुच्छेद • • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही विधान परिषद के गठन की अनुमति मिल जाती है। सदस्य कार्यकाल [ ] इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। एक राज्य के विधान सभा ( संरचना [ ] राज्य की विधान परिषद का आकार राज्य की निर्वाचन [ ] • परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से चुने जाते हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं। • एक तिहाई ( • एक बटा बारह ( • अन्य एक बटा बारह ( • एक बटा छ (1/6) सदस्य योग्यताएँ [ ] एमएलसी बनने हेतु योग्यताएँ: • भारत का नागरिक होना चाहिए। • न्यूनतम • मानसिक रूप से असमर्थ, व दिवालिया नहीं होना चाहिए। • इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र (जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो) की मतदाता सूची में उसका नाम भी होना आवश्यक है। • समान समय में वह संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए। प्रस्तावित विधान परिषद [ ] *वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधायक, 2019 के माध्यम से जम्मू और कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया। इन्हें भी देखें [ ] • • • सन्दर्भ [ ] • ↑ . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • जाँचें |url= मान ( . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 11 July 2015.

Vidhanparishad

vidhanparishad vidhanparishad के अलावा अगर आपको vidhanparishad के बारे में हमने यहाँ detail में बात कि है. Table of content – • vidhanparishad | विधानपरिषद • vidhan sabha and vidhan parishad • FAQ : vidhanparishad विधानपरिषद 1. विधानपरिषद राज्य विधान मण्डल का द्वितीय या उच्च सदन है। 2. किसी राज्य की विधानपरिषदों के सदस्यो की संख्या विधानसभा में सदस्यो की संख्या का 1/3 से अनधिक होगी। तथा किसी भी दशा में 40 से अन्यून होगी। 3.जम्मू कश्मीर एक ऐसा राज्य है। जिसके विधानपरिषद में सदस्यो की संख्या 36 है। 4.किसी राज्य विधानपरिषद की कुल सदस्य संख्या में 5/6 सदस्य अप्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से तथा 1/6 सदस्य राज्य द्वारा नामांकन के माध्यम से लिए जाते है। 5.राज्य विधान परिषद के लिए निर्वाचित सदस्य विभिन्न निर्वाचक मंडलो द्वारा निर्वाचन के माध्यम से लिए जाते है। ⇒ इनका विवरण अग्रलिखित है। — • राज्य विधान परिषद की कुल सदस्य संख्या के 1/3 सदस्य स्थानीय निकायो के सदस्यो से मिलकर बनाने वाले निर्वाचक मण्डल द्वारा निर्वाचित किए जाते है। • 1/3 सदस्य विधानसभा के सदस्यो से मिलकर बनाने वाले निर्वाचक मण्डल द्वारा ऐसे व्यक्तियों से निर्वाचित किए जाते है। जी विधानसभा के सदस्य नहीं है। • 1/12 सदस्य कम से कम 3 वर्षो से स्नातको से मिलकर बनाने बाले निर्वाचक मण्डल द्वारा निर्वाचित किए जाते है। • 1/12 सदस्य कम से कम 3 वर्षो में माध्यमिक स्टार से अनिम्न स्टार की शिक्षण संस्था के शिक्षको से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मण्डल से निर्वाचित होंगे। 6. 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा ऐसे व्यक्तियों से नामांकित किए जाते है। जिन्हे कला,साहित्य,विज्ञान,सहकारिता के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या विशेष अनुभव हो। 7. राज्य विधान ...

राज्य विधान परिषद् (State Legislative Council)

संविधान के भाग – 6 में अनु० – 168 से 212 तक विधानमंडल की संगठन , कार्यकाल , शक्तियां व विशेषाधिकार आदि का वर्णन किया गया है । अनु०- 168 के अंतर्गत प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल का प्रावधान किया गया है , जिसमे राज्यपाल के अतिरिक्त विधानमंडल के एक या दो सदस्य शामिल होते है । वर्तमान में भारत में 29 राज्य है , जिनमे से 7 राज्यों में द्विसदनीय व्यवस्था (उत्तरप्रदेश , बिहार , आँध्रप्रदेश , तेलंगाना , जम्मू-कश्मीर , कर्नाटक, महाराष्ट्र ) व 22 राज्यों में एक सदनीय व्यवस्था है । • किसी भी राज्य में विधान परिषद् के गठन के लिए विधानसभा द्वारा (2/3) विशेष बहुमत प्राप्त करना आवश्यक है । • विधानपरिषद् के निर्माण व समाप्ति की अंतिम शक्ति संसद के पास है , ऐसा संविधान संसोधन किए बिना साधारण प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है । • अनु०- 169 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक राज्य अपनी इच्छा अनुसार चाहे तो दूसरा सदन रखे या ना रखे । इस उपबंध का लाभ उठाते हुए आंध्र प्रदेश ने 1957 में विधानपरिषद का गठन किया व 1985 में इसे समाप्त कर दिया , और पुन: 2007 में आंध्रप्रदेश विधान परिषद् अधिनियम 2005 को लागू करने के बाद विधानपरिषद का पुन: गठन किया । संरचना विधान परिषद् , राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है । अनु०- 171 के अंतर्गत विधान परिषद् के सदस्यों की अधिकतम संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की (1/3) एक तिहाई व न्यूनतम संख्या 40 होनी चाहिए । किंतु जम्मू-कश्मीर की सदस्य संख्या 36 है । विधान परिषद् के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निम्न तरीके है — • विधान परिषद् के (1/3) एक तिहाई सदस्य राज्य के स्थानीय संस्थाओं जैसे –नगरपालिका , नगरनिगम व जिला बोर्ड आदि के द्वारा चुने जाते है । • एक...

राज्य विधानमण्डल : विधानसभा और विधानपरिषद : HindiPrem.com

राज्य विधानमण्डल : विधानसभा और विधानपरिषद– भारत में केंद्र एवं राज्य दोनों ही में संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है। केंद्रीय विधानमण्डल में दो सदन हैं। 2005 में संसद में आंध्रप्रदेश विधानपरिषद अधिनियम लाया गया। इसके तहत 4 अप्रैल 2007 को आंध्रप्रदेश के विधानपरिषद का पुनर्गठन किया गया। जिसे 1985 ई. में समाप्त कर दिया गया था। आंध्र प्रदेश विधानपरिषद का गठन 1957 ई. में किया गया था। पंजाब व पश्चिम बंगाल ने 1971 में अपनी विधान परिषदों का उत्सादन कर दिया था। संसद किसी राज्य के विधानपरिषद के उत्सादन या सृजन से संबंधित कानून बना सकती है। संविधान के अनुच्छेद 169 के अनुसार संसद किसी राज्य के विधानपरिषद के उत्सादन का उपबंध कर सकती है। विधानमण्डल के सदस्य की अर्हताएं – • भारत का नागरिक हो। तीसरी अनुसूची में दिए गए प्रारूप के अनुसार शपथ लेना अनिवार्य है। • न्यूनतम आयु – विधानसभा हेतु 25 वर्ष और विधानपरिषद् हेतु 30 वर्ष। • राज्य के किसी विधानसभा क्षेत्र का मतदाता हो। विधानमंडल की सदस्यता के लिए निरर्हताएं – इनका वर्णन संविधान के अनुच्छेद 191 में किया गया है। यदि कोई सदस्य केंद्र या राज्य के अधीन कोई लाभ का पद अर्जित करता है तो वह निरर्ह होगा। बहुत से राज्यों ने नियम बनाकर ऐसे पदों की सूची तैयार की है जिनका धारक विधानमंडल का सदस्य होने से निरर्हित नहीं होगा। यदि कोई सदस्य बिना अनुमति के 60 दिन तक सदन के अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है। तो अनुच्छेद 190(4) के अनुसार उसके स्थान को रिक्त घोषित किया जा सकता है। अनुच्छेद 192(2) के अनुसार सदस्य की निरर्हता के संबंध में राज्यपाल को निर्वाचन आयोग की राय के अनुसार कार्य करना पड़ेगा। कोई व्यक्ति एक ही समय में विधानसभा और विधानपरिषद् दोनों का सदस्य नह...

राज्यों में विधानपरिषदें

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस आलेख में राज्य में विधानपरिषद तथा उसके विभिन्न पक्षों की चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं। संदर्भ मध्य प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि वह विधानपरिषद के निर्माण की दिशा में कदम उठाने की योजना बना रही है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1956 में 7वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा मध्य प्रदेश के लिये विधानपरिषद की स्थापना का प्रावधान किया गया था किंतु अभी तक राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना जारी न किये जाने के कारण मध्य प्रदेश में विधानपरिषद का गठन नहीं हो सका है। भारत के सभी राज्यों में दो सदन अस्तित्व में नहीं हैं। ध्यान देने योग्य है कि वर्तमान में सिर्फ 6 राज्यों में ही विधानपरिषद की व्यवस्था है। विधानपरिषद का गठन एवं विघटन • संविधान का अनुच्छेद 171 किसी राज्य में विधानसभा के अलावा एक विधानपरिषद के गठन का विकल्प भी प्रदान करता है। राज्यसभा की तरह विधानपरिषद के सदस्य सीधे मतदाताओं द्वारा निर्वाचित नहीं होते। • यद्यपि संविधान में राज्यों के लिये विधानपरिषद के गठन का विकल्प दिया गया है किंतु राज्यों के संदर्भ में दो सदन का प्रावधान भारतीय संविधान की आधारभूत विशेषता नहीं है। संविधान में निर्दिष्ट है कि विधानपरिषद के गठन का निर्णय राज्यों को स्वयं करना होगा हालाँकि इसके लिये अनुच्छेद 169 के अंतर्गत प्रावधान किया गया है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि राज्यों को विधानपरिषद का गठन करने कि पूर्ण स्वतंत्रता है। • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 168 राज्य में विधानमंडल का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 169 के अनुसार, किसी राज्य में विधानपरिषद का गठन कि...

विधान परिषद

अनुक्रम • 1 व्यवस्था • 1.1 गठन • 1.2 सदस्य कार्यकाल • 1.3 संरचना • 1.4 निर्वाचन • 1.5 योग्यताएँ • 2 प्रस्तावित विधान परिषद • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ व्यवस्था [ ] गठन [ ] • • तत्पश्चात अनुच्छेद • • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही विधान परिषद के गठन की अनुमति मिल जाती है। सदस्य कार्यकाल [ ] इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। एक राज्य के विधान सभा ( संरचना [ ] राज्य की विधान परिषद का आकार राज्य की निर्वाचन [ ] • परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से चुने जाते हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं। • एक तिहाई ( • एक बटा बारह ( • अन्य एक बटा बारह ( • एक बटा छ (1/6) सदस्य योग्यताएँ [ ] एमएलसी बनने हेतु योग्यताएँ: • भारत का नागरिक होना चाहिए। • न्यूनतम • मानसिक रूप से असमर्थ, व दिवालिया नहीं होना चाहिए। • इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र (जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो) की मतदाता सूची में उसका नाम भी होना आवश्यक है। • समान समय में वह संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए। प्रस्तावित विधान परिषद [ ] *वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधायक, 2019 के माध्यम से जम्मू और कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया। इन्हें भी देखें [ ] • • • सन्दर्भ [ ] • ↑ . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • जाँचें |url= मान ( . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 11 July 2015.

Vidhanparishad

vidhanparishad vidhanparishad के अलावा अगर आपको vidhanparishad के बारे में हमने यहाँ detail में बात कि है. Table of content – • vidhanparishad | विधानपरिषद • vidhan sabha and vidhan parishad • FAQ : vidhanparishad विधानपरिषद 1. विधानपरिषद राज्य विधान मण्डल का द्वितीय या उच्च सदन है। 2. किसी राज्य की विधानपरिषदों के सदस्यो की संख्या विधानसभा में सदस्यो की संख्या का 1/3 से अनधिक होगी। तथा किसी भी दशा में 40 से अन्यून होगी। 3.जम्मू कश्मीर एक ऐसा राज्य है। जिसके विधानपरिषद में सदस्यो की संख्या 36 है। 4.किसी राज्य विधानपरिषद की कुल सदस्य संख्या में 5/6 सदस्य अप्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से तथा 1/6 सदस्य राज्य द्वारा नामांकन के माध्यम से लिए जाते है। 5.राज्य विधान परिषद के लिए निर्वाचित सदस्य विभिन्न निर्वाचक मंडलो द्वारा निर्वाचन के माध्यम से लिए जाते है। ⇒ इनका विवरण अग्रलिखित है। — • राज्य विधान परिषद की कुल सदस्य संख्या के 1/3 सदस्य स्थानीय निकायो के सदस्यो से मिलकर बनाने वाले निर्वाचक मण्डल द्वारा निर्वाचित किए जाते है। • 1/3 सदस्य विधानसभा के सदस्यो से मिलकर बनाने वाले निर्वाचक मण्डल द्वारा ऐसे व्यक्तियों से निर्वाचित किए जाते है। जी विधानसभा के सदस्य नहीं है। • 1/12 सदस्य कम से कम 3 वर्षो से स्नातको से मिलकर बनाने बाले निर्वाचक मण्डल द्वारा निर्वाचित किए जाते है। • 1/12 सदस्य कम से कम 3 वर्षो में माध्यमिक स्टार से अनिम्न स्टार की शिक्षण संस्था के शिक्षको से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मण्डल से निर्वाचित होंगे। 6. 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा ऐसे व्यक्तियों से नामांकित किए जाते है। जिन्हे कला,साहित्य,विज्ञान,सहकारिता के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या विशेष अनुभव हो। 7. राज्य विधान ...

Explainer : क्यों कुछ राज्यों में है विधानपरिषद और कुछ में नहीं

देश के 03 राज्यों की विधान परिषद में करीब 30 सीटें खाली होने जा रही हैं. इन पर चुनाव प्रक्रिया 02 जून से शुरू हो रही है. ये तीन राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य हैं, जिनका कार्यकाल अगस्त में खत्म हो जाएगा. देश के सभी राज्यों में विधानसभा तो हैं लेकिन उनके साथ राज्य का ये सदन सभी राज्यों में नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है. विधानपरिषद की भूमिका क्या होती है. जिन राज्यों में विधान परिषद हैं, उन्हें राज्य में उच्च प्रतिनिधि सभा का दर्जा हासिल है. इसके सदस्य भी चुने जाते हैं लेकिन उनका चुनाव प्रत्यक्ष नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष तरीके से होता है. इसमें भी राज्यसभा की तरह कुछ सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. जिन्हें राज्यपाल मनोनीत करते हैं. कुल मिलाकर जितने राज्यों में विधान परिषद हैं, उन्हें विधान मंडल का अंग माना जाता है. कितने राज्यों में विधान परिषद देश में सभी राज्यों में विधान परिषद नहीं हैं. ऐसा केवल 28 में 06 राज्यों में है. ये राज्य हैं आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश. इसके अलावा असम, ओडिशा में विधान परिषद बनाने को भारत की संसद ने मंजूरी दे दी है. जिन राज्यों में कभी थी विधान परिषद, अब नहीं है अलग अलग एक्ट और प्रावधानों के तहत 07 भारतीय राज्यों में पहले विधान परिषद थीं, जिन्हें फिर खत्म कर दिया गया. हालांकि पिछले दिनों बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने राज्य में विधान परिषद के गठन की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने पिछले साल जुलाई में राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पास करके मंजूरी के लिए संसद के पास भेजा था. लेकिन अब तक उस पर कोई विचार नहीं हुआ. बंग...

राज्य विधान परिषद् (State Legislative Council)

संविधान के भाग – 6 में अनु० – 168 से 212 तक विधानमंडल की संगठन , कार्यकाल , शक्तियां व विशेषाधिकार आदि का वर्णन किया गया है । अनु०- 168 के अंतर्गत प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल का प्रावधान किया गया है , जिसमे राज्यपाल के अतिरिक्त विधानमंडल के एक या दो सदस्य शामिल होते है । वर्तमान में भारत में 29 राज्य है , जिनमे से 7 राज्यों में द्विसदनीय व्यवस्था (उत्तरप्रदेश , बिहार , आँध्रप्रदेश , तेलंगाना , जम्मू-कश्मीर , कर्नाटक, महाराष्ट्र ) व 22 राज्यों में एक सदनीय व्यवस्था है । • किसी भी राज्य में विधान परिषद् के गठन के लिए विधानसभा द्वारा (2/3) विशेष बहुमत प्राप्त करना आवश्यक है । • विधानपरिषद् के निर्माण व समाप्ति की अंतिम शक्ति संसद के पास है , ऐसा संविधान संसोधन किए बिना साधारण प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है । • अनु०- 169 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक राज्य अपनी इच्छा अनुसार चाहे तो दूसरा सदन रखे या ना रखे । इस उपबंध का लाभ उठाते हुए आंध्र प्रदेश ने 1957 में विधानपरिषद का गठन किया व 1985 में इसे समाप्त कर दिया , और पुन: 2007 में आंध्रप्रदेश विधान परिषद् अधिनियम 2005 को लागू करने के बाद विधानपरिषद का पुन: गठन किया । संरचना विधान परिषद् , राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है । अनु०- 171 के अंतर्गत विधान परिषद् के सदस्यों की अधिकतम संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की (1/3) एक तिहाई व न्यूनतम संख्या 40 होनी चाहिए । किंतु जम्मू-कश्मीर की सदस्य संख्या 36 है । विधान परिषद् के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निम्न तरीके है — • विधान परिषद् के (1/3) एक तिहाई सदस्य राज्य के स्थानीय संस्थाओं जैसे –नगरपालिका , नगरनिगम व जिला बोर्ड आदि के द्वारा चुने जाते है । • एक...