यीशु मसीह के गाने हिंदी में

  1. ईसा (यीशु) एक झूठा मसीहा है
  2. मसीह का पुनरुत्थान क्यों महत्वपूर्ण है?
  3. यीशु की कहानियां : क्रिसमस पर जानिए ईसा मसीह के जन्म से लेकर सूली तक की कहानी
  4. 900+ हिंदी मसीही गीत


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ईसा (यीशु) एक झूठा मसीहा है

सभी आर्य व ईसाई मित्रो को नमस्ते। प्रिय मित्रो, जैसे की हम सब जानते हैं – हमारे ईसाई मित्र – ईसा मसीह को परम उद्धारक और पापो का नाशक मानते हैं – इसी आधार पर वो अपने पापो के नाश के लिए ईसा को मसीह – यानी उद्धारक – खुदा का बेटा – मनुष्य का पुत्र – स्वर्ग का दाता – शांति दूत – अमन का राजकुमार – आदि आदि अनेक नामो से पुकारते हैं – इसी आधार ईसा को पापो से मुक्त करने वाला और – स्वर्ग देने हारा – समझकर – अनेक हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवाकर – उन्हें स्वर्ग की भेड़े बनने पर विवश करते हैं – ईसा का पिछलग्गू बना देते हैं – नतीजा – हिन्दू समाज धर्म को त्याग कर – मात्र स्वर्ग के झूठे लालच में ईसा के पीछे भटकता रहता है – सोचने वाली बात है – ईसाई जो ऐसा षड्यंत्र रच रहे की ईसा से पाप मुक्ति होगी और ईसा को मानने वाला स्वर्ग में प्रवेश करेगा – क्या ये वास्तव में होगा ? क्या ये षड्यंत्र है अथवा सत्य ? क्या कभी धर्म को त्याग कर मनुष्य केवल एक भेड़ बन जाने से स्वर्ग पा सकता है ? क्या कहती है बाइबिल ? बाइबिल के अनुसार – सच्चे मसीह को पहिचानने के लिए बाइबिल में कुछ भविष्यवाणियां की गयी थी – जो उन भविष्यवाणियों पर खरा उतरेगा वो ही मसीह कहलायेगा – और जो भविष्यवाणियों पर खरा नहीं उतरेगा वो झूठा मसीह होगा – ऐसे मसीह अनेक आएंगे – जो खुद को ईसा और पाप का नाशक कहेंगे – मगर लोगो को सावधान रहकर – सच्चे मसीह पर विश्वास करना होगा – जो झूठे मसीह पर विश्वास करेगा – वो पापी ही कहलायेगा – वो कभी स्वर्ग नहीं जा सकता – ये बाइबिल का कहना है। आइये एक नजर डाले – जिस ईसा पर विश्वास करके हमारे ईसाई भाई – हिन्दुओ को बहका कर उनका धर्म परिवर्तन कर रहे – वो ईसा क्या सचमुच बाइबिल के आधार पर – मुक्तिदाता है ? क्या वाकई ये ईसा...

मसीह का पुनरुत्थान क्यों महत्वपूर्ण है?

सातवां-यह सभी विश्वासियों के लिए अनंत आशा है मसीह का पुनरुत्थान यीशु मसीह का मृतकों में से जी उठना ही मसिहियत का आधार है। इसके बिना, मसिहियत एक धोखा होगा। प्रेरित पौलुस लिखता है, “और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है; और तुम अब तक अपने पापों में फंसे हो।” (1 कुरिन्थियों 15:17)। निम्नलिखित कारणों से मसीह का पुनरुत्थान महत्वपूर्ण है: पहला- यह परमेश्वर की शक्तिशाली सामर्थ की गवाही देता है केवल सृष्टिकर्ता ही अपने प्राणियों को मरने के बाद पुनर्जीवित कर सकता है। “ 54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही?” (1 कुरिन्थियों 15:54-55; यशायाह 25:8; होशे 13:14)। पुनरुत्थान के कारण, मसीह को उनमें से पहला फल माना जाता है जो सोए हुए हैं। पौलुस ने लिखा, “ 20 परन्तु सचमुच मसीह मुर्दों में से जी उठा है, और जो सो गए हैं, उन में पहिला फल हुआ। 23 परन्तु हर एक अपनी अपनी बारी से; पहिला फल मसीह; फिर मसीह के आने पर उसके लोग।” (1 कुरिन्थियों 15:20,23)। दूसरा-यह एक संकेत है कि मसीह परमेश्वर का पुत्र है पौलुस ने पुष्टि की कि मसीह को “और पवित्रता की आत्मा के भाव से मरे हुओं में से जी उठने के कारण सामर्थ के साथ परमेश्वर का पुत्र ठहरा है।” (रोमियों 1:4)। मसीह ने बार-बार दावा किया था कि वह परमेश्वर का पुत्र था (मत्ती 27:43; यूहन्ना 5:17-30; 10:36) और भविष्यवाणी की थी कि वह तीसरे दिन फिर से जी उठेगा (मत्ती 12:40; यूहन्ना 2:19, 21)। तीसरा-यह शास्त्रों को पूरा करता है पुनरुत्थान पुराने नियम की मसीहाई भविष्यद्वाणी की एक सीधी पूर्ति है जो कहती है, “क्योंकि तू मेरे...

यीशु की कहानियां : क्रिसमस पर जानिए ईसा मसीह के जन्म से लेकर सूली तक की कहानी

जन्म : ईसा मसीह के जन्म के संबंध में मतभेद है। इस संबंध में हमें चार सिद्धांत मिलते हैं। पहला 'ल्यूक एक्ट' के अनुसार उनका परिवार नाजरथ गांव में रहता था। उनके माता पिता नाजरथ से जब बेथलहेम पहुंचे तो वहां एक जगह पर उनका जन्म हुआ। कहते हैं जब यीशु का जन्म हुआ तब मरियम कुंआरी थीं। मरियम योसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। जिस वक्त ईसा मसीह का जन्म हुआ उस वक्त परियों वहां आकर उन्हें मसीहा कहा और ग्वालों का एक दल उनकी प्रार्थना करने पहुंचा। यह भी कहा जाता है कि मरियम को यीशु के जन्म के पहले एक दिन स्वर्गदूत गाब्रिएल ने दर्शन देकर कहा था कि धन्य हैं आप स्त्रियों में, क्योंकि आप ईश्‍वर पुत्र की माता बनने के लिए चुनी गई हैं। यह सुनकर मदर मरियम चकित रह गई थीं। कहते हैं कि इसके बाद सम्राट ऑगस्टस के आदेश से राज्य में जनगणना प्रारंभ हुई जो सभी लोग येरुशलम में अपना नाम दर्ज कराने जा रहे थे। यीशु के माता पिता भी नाजरथ से वहां जा रहे थे परंतु बीच बेथलेहम में ही माता मरियम ने एक बालक को जन्म दिया। एक दूसरे सिद्धांत के अनुसार अर्थात 'मैथ्यू एक्ट' के अनुसार ईसा का जन्म तो बेथलहम में हुआ था था परंतु वहां के राजा हिरोड ने बेथलहेम में दो साल से कम उम्र के सभी बच्चों को मारने का आदेश दे दिया दिया था, यह जानकर ईसा मसीह का परिवार वहां से मिस्र चला गया था। फिर वहां से कुछ समय बाद वे नजारथ में बस गए थे। 'गॉस्पेल ऑफ मार्क' और 'गॉस्पेल ऑफ जॉन' ने इनके जन्म स्थान का जिक्र नहीं किया है, लेकिन उनका संबंध नाजरथ से बताया है। ईसाई धर्मपुस्तक के अनुसार माता मरियम गलीलिया प्रांत के नाजरथ गांव की रहने वाली थी और उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी युसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। कहते हैं कि विवाह के पूर्व ही वह परमेश्वर के प्...

900+ हिंदी मसीही गीत

• मसीह के कथन • वचन देह में प्रकट होता है • न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है • परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं • सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का संकलन • अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन • परमेश्वर के दैनिक वचन • सुसमाचार पुस्तकें • परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो • राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर (संकलन) • अनुभव और गवाहियाँ • मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया • मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवों की गवाहियाँ • विजेताओं की गवाहियाँ