विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण क्या है

  1. विद्युत द्विध्रुव क्या है, SI मात्रक, सूत्र एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित द्विध्रुव, आघूर्ण
  2. विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा क्या है electric dipole in hindi , वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा
  3. द्विध्रुव आघूर्ण से क्या तात्पर्य है ? किसी विद्युत् द्विध्रुव के कारण
  4. वैद्युत द्विध्रुव क्या है, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र, SI मात्रक
  5. विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा क्या है electric dipole in hindi , वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा – 11th , 12th notes In hindi


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विद्युत द्विध्रुव क्या है, SI मात्रक, सूत्र एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित द्विध्रुव, आघूर्ण

प्रस्तुत अध्याय के अंतर्गत हम विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा और इसके आघूर्ण तथा विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय और निरक्षीय दोनों स्थितियों पर चर्चा करेंगे। तथा एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाला बल युग्म के गुण का व्यंजक भी प्राप्त करेंगे। विद्युत द्विध्रुव वह निकाय, जिसमें दो बराबर परन्तु विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं। उस निकाय को विद्युत द्विध्रुव (Electric dipole in Hindi) कहते हैं। किसी एक (+q या -q) आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी 2ℓ के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को p से प्रदर्शित करते हैं। तो विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण p = आवेश × दोनों आवेशों के बीच की दूरी p = q × 2ℓ \footnotesize \boxed यह एक सदिश राशि है। विद्युत द्विध्रुव का SI मात्रक कूलाम-मीटर होता है। तथा इसका विमीय सूत्र [LTA] होता है। इसकी दिशा ऋणात्मक आवेश (-q) से धनात्मक आवेश (+q) की ओर होती है। Note – विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दोनों स्थितियों अर्थात् अक्षीय और निरक्षीय दोनों स्थितियों को हमने एक अलग लेख में तैयार किया है ताकि आपको आसानी से समझाया जा सके। पढ़ें… एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव Note – इसे एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म का आघूर्ण भी कहते हैं। लेकिन एनसीईआरटी बुक में इसे एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव कहा है इसलिए हमने यहां पर भी इसी नाम का प्रयोग किया है। इसलिए आप इन दोनों के नाम में कंफ्यूज न होना दोनों एक जैसे ही हैं। एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव एक समान विद्युत क्षेत...

विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा क्या है electric dipole in hindi , वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा

वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा (electric dipole and dipole moment in hindi) विद्युत द्विध्रुव तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण : जब समान परिमाण के दो आवेशों जो प्रकृति में विपरीत हो अर्थात एक ऋणात्मक तथा दूसरा धनात्मक आवेश को अल्प दूरी पर रखा जाता है तो इस प्रकार के बने निकाय को विद्युत द्विध्रुव कहते है। माना दो आवेश जिनका परिमाण q है , दोनों विपरीत प्रकृति के है अर्थात एक -q है तथा दूसरा +q है , को अल्प दूरी 2a पर रखा गया है तो चित्रानुसार एक द्विध्रुव का निर्माण करते है। दोनों आवेश के मध्य बिंदु को द्विध्रुव का केन्द्र कहते है तथा दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा को अक्ष रेखा कहते है। द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा : विद्युत द्विध्रुव के किसी भी एक आवेश तथा दोनों आवेशों की मध्य की दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते है। विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है। विद्युत द्विध्रुव में हमने आवेश का परिमाण q तथा दूरी 2a मानी थी अतः द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा के अनुसार विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक = कुलाम x मीटर = C . m तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की विमा = M 0 L 1 T 1 A 1होती है। विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण : HCl ध्रुवी अणु है जिसमे एक H +तथा दूसरा Cl –आयन परस्पर विद्युत आकर्षण बल से बंधे रहते है , दोनों आवेश के मध्य लगभग 10 -11 mकी दूरी होती है जो की अल्प है अतः यह एक विद्युत द्विध्रुव का निर्माण करते है। इसी प्रकार H 2 O , NaCl , AgNO 3इत्यादि भी विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण है। विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र (electric field due to electric dipole ) : विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र प्रत्येक आवेश द्वारा उत्पन्...

द्विध्रुव आघूर्ण से क्या तात्पर्य है ? किसी विद्युत् द्विध्रुव के कारण

दोस्तों हमारा सवाल दिया है कि बुजुर्गों से क्या तात्पर्य है किसी विद्युत द्विध्रुव के कारण निरक्षीय स्थिति में किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक प्राप्त कीजिए ठीक है सबसे पहले दूध रूट की परिभाषा होती हमारे घर कोई दूध रुक दूधों की परिभाषा हो जाएगा गुड कि इसके पीछे दिखाते हैं कि 122 जल मतलब आवेश दूदू का जो आवेश है और उनके बीच की दूरी के गुणनफल को हम लोग द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं ठीक है इसकी दिशा जो है - की भाभी से प्लस की बारिश की ओर होती है तो यह आपको दिखा दिखा रही है ठीक और इन दोनों को गुणनफल को हम दूदू फागुन कहते हैं अब इसके लिए व्यंजक प्राप्त करते हैं दूध रूआग उन पर अच्छी स्थिति में ठीक है ठीक है तो इसके लिए मान लेते हम लोग हमारा कोई दूध है - क्यों और प्लस की जो दोनों यह भी इसे मतलब जो एक दूसरे से तू एल दूरी पर है उसका मध्य बिंदु है तो मध्य में अगर हम एक रेखा खींचे तो इस रेखा पर जो कोई भी किसी बिंदु पर स्थित जो है बिंदु पी पर हमें भी दूषित की तीव्रता निकालनी है ठीक है इसे हम लोग भी अच्छी स्थिति करते हैं इस जो लाइन पर कोई भी बिंदु होगा उस पर हमें विद्युत क्षेत्र की तीव्रता जो होती है उसे नहीं रची स्थित कहते हैं ठीक है जो एक लाइन किसी भी बिंदु पर हम लोग विद्युत क्षेत्र की तीव्रता निकाल सकते हैं वह बिंदु मारा निरक्षीय स्थिति में कल आता है ठीक तो यहां से मालिया आर दूरी पर एक बिंदु पी है और यह दूरी हल है तो आपका ए पी और बी पी क्या हो जाएंगे अगर पाइथागोरस प्रमेय हो जाएगा आर स्क्वायर प्लस बी स्क्वायर का अंडर रूट ठीक और दोनों बराबर होंगे ए पी बराबर क्या होगा बीपी होगा ठीक है क्योंकि यह दूरी जल है यह दूरी आ रहा है तो यहां से दोनों की किस्में बराबर होंगे अब आगरा प...

वैद्युत द्विध्रुव क्या है, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र, SI मात्रक

वैद्युत द्विध्रुव क्या है (VAIDYUT DVIDHRUVA KYA HAI), Electric dipole in hindi, वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र- वैद्युत द्विध्रुव का SI मात्रक | Electric Dipole In Hindi. वैद्युत द्विध्रुव क्या है वैद्युत द्विध्रुव वह निकाय (system) है जिसमें दो बराबर, परन्तु विपरीत प्रकार के बिन्दु-आवेश एक-दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं। किसी एक आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की अल्प दूरी के गुणनफल को ‘ वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण‘ (electric dipole moment) p कहते हैं। माना कि वैद्युत द्विध्रुव के आवेश -q व +q कूलॉम हैं तथा उनके बीच अल्प दूरी 2L मीटर है। तब वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण, p = q × 2L = 2qL वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण एक सदिश राशि है जिसकी दिशा द्विध्रुव की अक्ष के अनुदिश ऋण-आवेश से धन-आवेश की ओर होती है। इसका मात्रक ‘कूलॉम-मीटर’ (C-m) है तथा विमीय सूत्र [LTA] है। उदाहरण : अनेक अणु जैसे HCI, H2O, HBr, NHT, CH, वैद्युत द्विध्रुव होते हैं। हम यह जानते हैं कि प्रत्येक अणु (molecule) में दो अथवा अधिक परमाणु (atoms) होते हैं। परमाणु में धनावेशित नाभिक तथा ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन होते हैं। कुछ अणुओं में परमाणुओं के नाभिक व उनके इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था इस प्रकार होती है कि अणु के एक सिरे पर धन-आवेश तथा दूसरे पर उतना ही ऋण-आवेश होता है (यद्यपि अणु पर ‘नेट’ आवेश शून्य रहता है)। इस प्रकार के अणु वैद्युत द्विध्रुव होते हैं। • जीन क्या होते हैं (Gene meaning in hindi) Biology • पोरीफेरा क्या है उदाहरण सहित, चित्र | Phylum Porifera in hin… • माइटोकांड्रिया क्या है, इसकी खोज किसने की | Mitochondria Kya… • कोशिका किसे कहते हैं, चित्र | कोशिका की खोज किसने की | कोशि… • तना क्या होता है, त...

विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा क्या है electric dipole in hindi , वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा – 11th , 12th notes In hindi

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक = कुलाम x मीटर = C . m तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की विमा = M 0 L 1 T 1 A 1 होती है। विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण : HCl ध्रुवी अणु है जिसमे एक H + तथा दूसरा Cl – आयन परस्पर विद्युत आकर्षण बल से बंधे रहते है , दोनों आवेश के मध्य लगभग 10 -11 m की दूरी होती है जो की अल्प है अतः यह एक विद्युत द्विध्रुव का निर्माण करते है। इसी प्रकार H 2 O , NaCl , AgNO 3 इत्यादि भी विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण है। विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र (electric field due to electric dipole ) : विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र प्रत्येक आवेश द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र के सदिश योग के बराबर होता है। अर्थात अध्यारोपण सिद्धान्त के द्वारा विद्युत द्विध्रुव द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र ज्ञात किया जाता है। सीधे शब्दों में कहे तो विद्युत क्षेत्र ज्ञात करने के लिए पहले -q द्वारा उत्पन्न विद्युत निकाला जाता है फिर +q द्वारा उत्पन्न क्षेत्र तथा दोनों आवेशों के द्वारा उत्पन्न क्षेत्रों के सदिश योग से हमें विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र प्राप्त होता है। वैद्युत द्विध्रुव : दो परमाणु में समान और विपरीत प्रकृति के आवेश अत्यल्प दूरी पर स्थित हो तो द्वैध्रुव कहलाते है। उदाहरण : Na + Cl – , H + Cl – आदि। एक विलगित परमाणु द्विध्रुव नहीं होता है क्योंकि धनावेश एवं ऋण आवेश के केन्द्र एक स्थान पर होता है लेकिन परमाणु को किसी विद्युत क्षेत्र में रखने पर ऋणावेश तथा धनावेश के केंद्र पृथक पृथक हो जाते है एवं परमाणु द्विध्रुव बन जाता है। द्विध्रुव आघूर्ण : आवेशों के परिमाण तथा उनके मध्य की दूरी के गुणनफल को द्विध्रुव आघूर्ण कहते है। द्विध्रुव...