वीर

  1. NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह
  2. भूषण (हिन्दी कवि)
  3. वीर रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण
  4. Veer Kunwar Singh Biography in Hindi
  5. Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 5 वीर कुँवर सिंह – Bihar Board Solutions
  6. NCERT Solutions For Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer
  7. वीर in English
  8. NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह
  9. भूषण (हिन्दी कवि)
  10. Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 5 वीर कुँवर सिंह – Bihar Board Solutions


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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह

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भूषण (हिन्दी कवि)

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 रचनाएँ • 3 काव्यगत विशेषताएँ • 3.1 युद्धमूलक • 3.2 धर्ममूलक • 3.3 दानमूलक • 3.4 दयामूलक • 3.5 भाषा • 3.6 शैली • 3.7 रस • 3.8 छंद • 3.9 अलंकार • 4 भूषण की राष्ट्रीय चेतना • 4.1 स्वदेशानुराग • 4.2 संस्कृति अनुराग • 4.3 साहित्य अनुराग • 4.4 महापुरुषों के प्रति श्रद्धा • 4.5 उत्साह • 5 साहित्य में स्थान • 6 सारांश • 7 सन्दर्भ • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवन परिचय [ ] महाकवि भूषण का जन्म संवत 1670 तदनुसार ईस्वी 1613 में हुआ। वे मूलतः कुल सुलंकि चित्रकूट-पति साहस सील-समुद्र। कवि भूषण पदवी दई, हृदय राम सुत रुद्र॥ कहा जाता है कि भूषण कवि और राव राजा एक मन में न ल्याऊं अब। साहू को सराहों कै सराहौं छत्रसाल को॥ संवत 1772 तदनुसार ईस्वी 1715 में भूषण परलोकवासी हो गए। भूषण के जन्म, मृत्यु, परिवार आदि के विषय में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता परन्तु सजेती क़स्बा में एक कवि भूषण जी का एक परिवार रहता है जो इस बात का दावा करता है कि वो ही कवि भूषण के वंशज हैं व उनके पूर्वज अग्रेजों के शासनकाल में टिकवापुर गाँव छोड़कर यहाँ बस गए। आज भी उनकी जमीने टिकवापुर गाव में पड़ती है। कवि भूषण की बाद की पीढ़ी का सति माता का एक मंदिर टिकवापुर में बना है जिसे यह परिवार अपनी कुलदेवी मानता है व् हर छोटे मोटे त्यौहार में उनकी पूजा अर्चना करता है। रचनाएँ [ ] विद्वानों ने इनके छह ग्रंथ माने हैं - शिवराजभूषण, शिवाबावनी, छत्रसालदशक, भूषण उल्लास, भूषण हजारा, दूषनोल्लासा। परन्तु इनमें शिवराज भूषण एक विशालकाय ग्रन्थ है जिसमें 385 पद्य हैं। शिवा बावनी में 52 कवितों में छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन है। छत्रशाल दशक में केवल दस कवितों के अन्...

वीर रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप वीर रस की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने करुण रस जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी जरूर पढ़े। चलिए वीर रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं। वीर रस की परिभाषा जब काव्य में उमंग, उत्साह और पराक्रम से संबंधित भाव का उल्लेख होता हैं तब वहां वीर रस की उत्पत्ति होती हैं। जिस प्रसंग अथवा काव्य में वीरता युक्त भाव प्रकट हो, जिसके माध्यम से उत्साह का प्रदर्शन किया गया हो वहां वीर रस होता हैं। सौमित्री से घननाद का रव अल्प भी न सहा गया। निज शत्रु को देखे विना, उनसे तनिक न रहा गया। रघुवीर से आदेश ले युद्धार्थ वे सजने लगे। रणवाद्य भी निर्घाष करके धूम से बजने लगे। उदाहरण 3. सिवाजी जंग जीतन चलत है साजि चतुरंग सैन अंग उमंग धारि सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है। भूषन भनत नाद बिहद नगारन के नदी नाद मद गैबरन के रलत हैं॥ उदाहरण 4. वीर तुम बढ़े चलो वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। हाथ में ध्वज रहे बाल दल सजा रहे, ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो। उदाहरण 5. सुकुमार मत जानों मुझे सत्य कहता हूँ सखे, सुकुमार मत जानों मुझे, यमराज से भी युद्ध में, प्रस्तुत सदा मानो मुझे। है और कि तो बात क्या, गर्व मैं करता नही, मामा तथा निज तात से भी युद्ध में डरता नहीं॥ उदाहरण 6. पैदल के संग पैदल भिरिगे बातन बातन बतबढ़ होइगै, औ बातन माँ बाढ़ी रार, दुनहू दल मा हल्ला होइगा दुनहू खैंच लई तलवार। पैदल के संग पैदल भिरिगे औ असवारन ते असवार, खट-खट खट-खट टेगा बोलै, बोलै छपक-छपक तरवार॥ उदाहरण 7. रजकण कर देने...

Veer Kunwar Singh Biography in Hindi

कौन थे, वीर कुंवर सिंह (Who was Veer Kunwar Singh) वीर कुंवर सिंह (Veer Kunwar Singh) 1857 के जगदीशपुर के जागीरदार और क्रांतिकारियों में से एक थे। वीर कुँवर सिंह ने भारत की स्वाधीनता के लिए जो साहस दिखाया वह इतिहास में दर्ज है | इनका जन्म बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर नामक गाँव में सन 1777 में हुआ था | इनके पिता बाबू साहबजादा सिंह प्रसिद्ध शासक भोज के वंशजो में से थे | उनके छोटे भाई अमर सिंह , दयालु सिंह जाने माने जागीरदार थे। वह बिहार के उज्जैनिया परमार क्षत्रिय और मालवा के प्रसिद्ध राजा भोज के वंशज हैं. इसी वंश में महान चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने भी जन्म लिया था . 80 साल की उम्र में कुंवर सिंह ने अंग्रेजों का सामना किया और हाथ में गोली लगने के बाद अपना हाथ खुद ही काट लिया था। वीर कुंवर सिंह का जीवन परिचय | Veer Kunwar Singh biography in hindi नाम वीर कुंवर सिंह अन्य नाम वीर कुंवर सिंह, बाबू कुंवर सिंह जन्म सन 1777 जन्मस्थान भोजपुर जिले के जगदीशपुर नामक गाँव में कार्य क्रांतिकारी परिवार पिता – बाबू साहबजादा सिंह माता – रानी पंचरत्न देवी भाई – अमर सिंह और दयालु सिंह पत्नी – धरमन बाई प्रसिद्ध 1857 की क्रांति का नेतृत्व के रूप में मृत्यु 26 अप्रैल 1858 मृत्यु स्थान जगदीशपुर, शाहाबाद जिला, बंगाल प्रेसीडेंसी, भारत उम्र ( मृत्यु के समय) 80 वर्ष की आयु में धर्म हिन्दू Veer Kunwar Singh Biography in Hindi Veer Kunwar Singh history in Hindi साल 1846 में अंग्रेजो को भारत से भगाने के लिए हिन्दू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढाया। मंगल पांडे की बहादुरी ने सारे भारतीयों में जोश भर दिया | वही बंगाल के बैरकपुर, रामगढ़ के सिपाहियों और बिहार के दानापुर रेजिमेंट ने अंग्रेजो के खिलाफ व...

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 5 वीर कुँवर सिंह – Bihar Board Solutions

प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह से संबंधित किसी एक प्रसंग का उल्लेख कीजिए जो आपको अविश्वसनीय लगता है। उत्तर: बाबू वीर कुंवर सिंह की वीरता संबंधित वह प्रसंग हमें अति अविश्वसनीय जैसा लगता है । वे 80 वर्ष की उम्र में भी सेना नायक का कार्य किया । अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये। अनेक रियासतों (राज्यों) को जीत लिया। जब उनकी बाँह में गोली लगी तो बाँह को अपवित्र जानकर काटकर गंगा को समर्पित कर दिया था। धन्य है बिहार की भूमि जहाँ बाबू वीर कुंवर सिंह जैसे महान वीर का जन्म हुआ। प्रश्न 2. वीर कंवर सिंह के जीवन से जड़े कछ घटना-क्रम तिथियों के साथ स्तम्भ ‘क’ और स्तम्भ ‘ख’ में दिये गये हैं। सही-सही उनका मिलान कीजिए। उत्तर: प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए (क) वीर कुंवर सिंह का जन्म कहाँ हुआ था? उत्तर: वीर कुंवर सिंह का जन्म भोजपुर (आरा) के जगदीशपुर में हुआ था। (ख) उनके माता-पिता का नाम क्या था? उत्तर: उनकी माता का नाम पंचरतन कुँवर तथा पिता का नाम साहबजादा सिंह था। (ग) ब्रिटिश झंडे को किस नाम से जानते हैं ? उत्तर: “यूनियन जैक” के नाम से जानते हैं। (घ) वीर कुंवर सिंह ने अपनी रियासत की जिम्मेवारी कब संभाली? उत्तर: वीर कुंवर सिंह ने 1827 ई. में पिता की मृत्यु के बाद अपनी रियासत की जिम्मेवारी संभाली। (ङ) कुँवर सिंह को किस क्षेत्र में ज्यादा रुचि थी? उत्तर: घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती के क्षेत्र में कुंवर सिंह को ज्यादा रुचि थी। पाठ से आगे – प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह के किस कार्य से आप ज्यादा प्रभावित हैं और क्यों? उत्तर: वीर कुंवर सिंह के बलिदानी कार्य से हम ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में भी जब उनके बाँह में फिरंगी की गोली लगी तो फिरंगी की गोली से अ...

NCERT Solutions For Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer | वीर कुँवर सिंह प्रश्न-उत्तर आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-17 ( NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 Vasant Bhag 2) के वीर कुँवर सिंह पाठ का प्रश्न-उत्तर (Veer Kunwar Singh Class 7 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि विभागीय (Vibhagiya ) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं। Veer Kunwar Singh Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer | कुँवर सिंह पाठ का प्रश्न-उत्तर प्रश्न-अभ्यास निबंध से प्रश्न 1. वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया ? (क) वीर सेनानी- कुँवर सिंह 1857 के विद्रोह में ब्रिटीश शासन की जड़ों को हिला दिया था। वे सचमुच महान वीर सेनानी थे। (ख) उदार स्वभाव- वीर कुँवर सिंह अत्यधिक उदार स्वभाव के थे। इसका उदाहरण है उनकी सेना में इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन मुसलमान होते हुए भी उच्च पदों पर आसीन थे। किसी प्रकार का कोई जातिगत भेदभाव उनमें न था। (ग) स्वाभिमानी- वीर कुँवर सिंह उदार स्वभाव के साथ-साथ स्वाभिमानी भी थे। एक बार जब वे डगलस की गोली का निशाना बन गए थे, उस समय वे न तो वहाँ से भागे और न ही ईलाज की चिंता की, बल्कि अपना हाथ ही काटकर गंगा में बहा दिया। (घ) दृढ़निश्चयी- वीर कुँवर सिंह अपना जीवन देश की रक्षा हेतु समर्पित कर दिया । जीवन के अंतिम पलों में इतने वृद्ध हो जाने पर भी सदैव युद्ध हेतु तत्पर रहते थे। यहाँ तक की मरने से कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने जगदीशपुर में विजय पताका फहराई थी। (ड.) समाज सेवक- वीर कुँवर सिंह एक वीर सिपाही ...

वीर in English

23 Also, I swore to them in the wilderness that I would scatter them among the nations and disperse them among the lands,+ 24 because they did not carry out my judicial decisions and they rejected my statutes,+ they profaned my sabbaths, and they followed after* the disgusting idols of their forefathers. इसलिए उसने उन सबको वीराने में ही मार डाला।’ + 17 इसलिए हे यहोवा, मेहरबानी करके तू अपनी महाशक्ति दिखा, ठीक जैसे तूने उस वक्त वादा किया था जब तूने कहा था, 18 ‘यहोवा क्रोध करने में धीमा और अटल प्यार से भरपूर है। + वह गुनाहों और अपराधों को माफ करता है, मगर जो दोषी है उसे सज़ा दिए बगैर हरगिज़ नहीं छोड़ेगा और पिता के गुनाह की सज़ा उसके बेटों, पोतों और परपोतों तक को देता है।’ + 17 Please, now, Jehovah, let your power be great, as you promised when you said: 18 ‘Jehovah, slow to anger and abundant in loyal love,*+ pardoning error and transgression, but he will by no means leave the guilty unpunished, bringing punishment for the error of fathers upon sons, upon the third generation and upon the fourth generation.’

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह

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भूषण (हिन्दी कवि)

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 रचनाएँ • 3 काव्यगत विशेषताएँ • 3.1 युद्धमूलक • 3.2 धर्ममूलक • 3.3 दानमूलक • 3.4 दयामूलक • 3.5 भाषा • 3.6 शैली • 3.7 रस • 3.8 छंद • 3.9 अलंकार • 4 भूषण की राष्ट्रीय चेतना • 4.1 स्वदेशानुराग • 4.2 संस्कृति अनुराग • 4.3 साहित्य अनुराग • 4.4 महापुरुषों के प्रति श्रद्धा • 4.5 उत्साह • 5 साहित्य में स्थान • 6 सारांश • 7 सन्दर्भ • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवन परिचय [ ] महाकवि भूषण का जन्म संवत 1670 तदनुसार ईस्वी 1613 में हुआ। वे मूलतः कुल सुलंकि चित्रकूट-पति साहस सील-समुद्र। कवि भूषण पदवी दई, हृदय राम सुत रुद्र॥ कहा जाता है कि भूषण कवि और राव राजा एक मन में न ल्याऊं अब। साहू को सराहों कै सराहौं छत्रसाल को॥ संवत 1772 तदनुसार ईस्वी 1715 में भूषण परलोकवासी हो गए। भूषण के जन्म, मृत्यु, परिवार आदि के विषय में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता परन्तु सजेती क़स्बा में एक कवि भूषण जी का एक परिवार रहता है जो इस बात का दावा करता है कि वो ही कवि भूषण के वंशज हैं व उनके पूर्वज अग्रेजों के शासनकाल में टिकवापुर गाँव छोड़कर यहाँ बस गए। आज भी उनकी जमीने टिकवापुर गाव में पड़ती है। कवि भूषण की बाद की पीढ़ी का सति माता का एक मंदिर टिकवापुर में बना है जिसे यह परिवार अपनी कुलदेवी मानता है व् हर छोटे मोटे त्यौहार में उनकी पूजा अर्चना करता है। रचनाएँ [ ] विद्वानों ने इनके छह ग्रंथ माने हैं - शिवराजभूषण, शिवाबावनी, छत्रसालदशक, भूषण उल्लास, भूषण हजारा, दूषनोल्लासा। परन्तु इनमें शिवराज भूषण एक विशालकाय ग्रन्थ है जिसमें 385 पद्य हैं। शिवा बावनी में 52 कवितों में छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन है। छत्रशाल दशक में केवल दस कवितों के अन्...

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 5 वीर कुँवर सिंह – Bihar Board Solutions

प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह से संबंधित किसी एक प्रसंग का उल्लेख कीजिए जो आपको अविश्वसनीय लगता है। उत्तर: बाबू वीर कुंवर सिंह की वीरता संबंधित वह प्रसंग हमें अति अविश्वसनीय जैसा लगता है । वे 80 वर्ष की उम्र में भी सेना नायक का कार्य किया । अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये। अनेक रियासतों (राज्यों) को जीत लिया। जब उनकी बाँह में गोली लगी तो बाँह को अपवित्र जानकर काटकर गंगा को समर्पित कर दिया था। धन्य है बिहार की भूमि जहाँ बाबू वीर कुंवर सिंह जैसे महान वीर का जन्म हुआ। प्रश्न 2. वीर कंवर सिंह के जीवन से जड़े कछ घटना-क्रम तिथियों के साथ स्तम्भ ‘क’ और स्तम्भ ‘ख’ में दिये गये हैं। सही-सही उनका मिलान कीजिए। उत्तर: प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए (क) वीर कुंवर सिंह का जन्म कहाँ हुआ था? उत्तर: वीर कुंवर सिंह का जन्म भोजपुर (आरा) के जगदीशपुर में हुआ था। (ख) उनके माता-पिता का नाम क्या था? उत्तर: उनकी माता का नाम पंचरतन कुँवर तथा पिता का नाम साहबजादा सिंह था। (ग) ब्रिटिश झंडे को किस नाम से जानते हैं ? उत्तर: “यूनियन जैक” के नाम से जानते हैं। (घ) वीर कुंवर सिंह ने अपनी रियासत की जिम्मेवारी कब संभाली? उत्तर: वीर कुंवर सिंह ने 1827 ई. में पिता की मृत्यु के बाद अपनी रियासत की जिम्मेवारी संभाली। (ङ) कुँवर सिंह को किस क्षेत्र में ज्यादा रुचि थी? उत्तर: घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती के क्षेत्र में कुंवर सिंह को ज्यादा रुचि थी। पाठ से आगे – प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह के किस कार्य से आप ज्यादा प्रभावित हैं और क्यों? उत्तर: वीर कुंवर सिंह के बलिदानी कार्य से हम ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में भी जब उनके बाँह में फिरंगी की गोली लगी तो फिरंगी की गोली से अ...