वीर बाल दिवस

  1. वीर बाल दिवस
  2. वीर बाल दिवस : अब देश लिख रहा है नया और सच्चा इतिहास
  3. वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम मोदी का जताया आभार
  4. 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने के फैसले का स्वागत
  5. वीर बाल दिवस
  6. 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने के फैसले का स्वागत
  7. वीर बाल दिवस
  8. वीर बाल दिवस : अब देश लिख रहा है नया और सच्चा इतिहास
  9. वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम मोदी का जताया आभार
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वीर बाल दिवस

दहावे शिखगुरू श्री. गोविंदसिंह यांचे बलिदानीपुत्र श्री जोरावरसिंह व श्री. फतेसिंह यांचे ९ वर्ष आणि ६ वर्ष वयाचे असताना शिख संप्रदायाचा सन्मान, अस्मिता हेतू आणि रक्षणार्थ २५ डिसेंबर १७०५ रोजी या दोन वीरपुत्रांनी सर्वोच्च बलिदान दिले. त्यांच्या गौरवार्थ २६ डिसेंबर हा दिवस वीर बालदिवस म्हणून साजरा करावा असे भारत सरकारने निर्देशित केले आहे. 1. जनजागृती उपक्रम 2. साहित्यिक उपक्रम 3. कला उपक्रम 4. साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या व्यक्तिमत्वाचे गुणवैशिष्ट्ये विद्यार्थ्यांमध्ये रुजविण्यासाठीचे उपक्रम 1. वीर बाल दिवस जनजागृती उपक्रम : खालीलपैकी कोणत्याही एका उपक्रमाद्वारे साहिबजादा यांच्या बलिदान आणि साहसाबद्दल जागरूकता निर्माण करता येईल. a) चार साहिबजादे या ॲनिमेटेड चित्रपटाचे प्रदर्शन भरवता येईल जो पंजाबी, हिंदी आणि इंग्रजी भाषेमध्ये उपलब्ध आहे. (b) बलिदान, साहस, आदर आणि जबाबदारी या विषयांवर आधारित साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या गोष्टी विद्यार्थ्यांना सांगता येईल. (c) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या जीवांनाविषयीचे रजक कथांच्या पुस्तकांचे वाचन (d) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्याबाबत अधिकची माहिती असणाऱ्या तज्ञ व्यक्तींच्या व्याख्यानमालेचे आयोजन करता येईल. (e) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या जीवनपटाबाबत विद्यार्थ्यांना माहिती देणाऱ्या विशेष परिपाठाचे आयोजन करता येईल. 2. वीर बाल दिवस साहित्यिक उपक्रम: विद्यार्थ्यांना साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या बलिदान आणि साहसाबद्दल जाणीव झाल्यानंतर विद्यार्थ्यांना खालील कृती करण...

वीर बाल दिवस : अब देश लिख रहा है नया और सच्चा इतिहास

आजादी के ‘अमृत काल’ में एक और अभिनव अध्‍याय का आरंभ हुआ है। बीते 26 दिसंबर को सिक्खों के अंतिम गुरु, गुरुगोबिंद सिंह जी के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को स्मरण करते हुए ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मना गया। इसी के साथ 26 दिसंबर का दिन देश को एक नई पहचान के रूप में मिला है। अब इसे ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में जाना और मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्‍ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में इसकी समारोहपूर्वक शुरुआत की। अबसे पहले देश के बच्‍चों को केवल विदेशी आंक्रांताओं का इतिहास पढ़ाया गया था, अब इस ऐतिहासिक भूल को सुधारा जा रहा है। यह दिवस मूल रूप से सिखों के धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह व उनके पुत्रों के राष्‍ट्र प्रेम व बलिदान को समर्पित है। उनके बलिदान को सदा स्‍मरण किया जाता रहे, इसलिए इस दिवस का आरंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ”‘वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा कि दश गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! ‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!” उन्होंने यह भी जोड़ा कि, ”इतिहास से लेकर किंवदंतियों तक, हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं। लेकिन ये भी सच है कि, चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो ‘भूतो न भविष्यति’ था।” मोदी सरकार द्वारा की गई यह पहल कई अर्थों में सराहनीय एवं स्‍वागत योग्‍य है। सर्वप्रथम इसलिए कि इस एक दिवस के चलते सिख परंपरा के योगदान को आदरांजलि देने का अवसर मिल सकेगा तथा नई पीढ़ी का अपने राष्‍ट्र के वास्‍तविक नायकों से परिचय हो सकेगा। वर्तमान दौर का दु...

वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम मोदी का जताया आभार

वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम, मोदी का जताया आभार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दशम पातशाही श्री गुरु गोबिद सिंह के प्रकाशोत्सव पर बड़ी घोषणा की। उन्होंने हर साल 26 दिसंबर को चार साहिबजादों अजीत सिंह जुझार सिंह जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाए जाने का ऐलान किया है उसका शहरवासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया है जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दशम पातशाही श्री गुरु गोबिद सिंह के प्रकाशोत्सव पर बड़ी घोषणा की। उन्होंने हर साल 26 दिसंबर को चार साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाए जाने का ऐलान किया है, उसका शहरवासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया है और केंद्र सरकार की इस पहल की मुक्ति कंठ से सराहना की है। हिदू-सिखों ने एक स्वर में कहा कि यह बहुत पुरानी मांग चली आ रही थी, पर पूर्व की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मांग को पूरा कर सभी का दिल जीत लिया है। देश और हिदू धर्म की खातिर गुरु गोबिद सिंह जी ने पहले अपने पिता गुरु तेग बहादुर की कुर्बानी दिलाई, फिर उनके चार साहिबजादों ने बलिदान दिया और माता गुजरी ने भी देह त्यागी। इसलिए उन्हें सरबंस बलिदानी कहा जाता है। पूरी दुनिया में ऐसा और कोई उदाहरण नहीं है। पीएम मोदी ने वीर साहिबजादों की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की जो घोषणा की है, उसका हम हृदय से स्वागत करते हैं। -अजय जुनेजा, उद्योगपति। गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री की यह घोषणा दिल जीतने वाली है। यह चार साहिबजादों की वीरता को नमन करने जैसा है। यह पुरानी मांग थी, जिसे पीएम मोदी ने पूरा कर सभी का द...

26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने के फैसले का स्वागत

रविवार को जत्थेदार बाबा रणधीर सिंह जी मुख्य सेवक गुरुद्वारा शस्त्रगढ़ साहिब श्री फतेहगढ़ साहिब, बाबा जगजीवन सिंह सोलन, बाबा हरकिशन सिंह जुजारिया, बाबा जोरावर सिंह, बाबा अमलोक सिंह, बाबा काला सिंह आदि निहंग सिंहों की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह धालीवाल के आवास में पहुंचे। उनको वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को पूरे भारत में मनाने के ऐलान का स्वागत करते एक धन्यवादी पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए अपने जत्थे सहित दिया। कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐतिहासिक फैसला लेना ही यह दिखाता है कि वह सिखों को समर्पित भी हैं और वह सिख इतिहास में हुई बलियों और सिक्ख धर्म के इतिहास को भी पूरे देश के साथ जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह जी की अतुल शहादत के इतिहास बारे किताबें और अन्य माध्यमों के द्वारा भारत के हर कोने-कोने (राज्य) में स्कूलों, कालेजों आदि में पढ़ाया जाएगा। कुलदीप धालीवाल ने गुरु की लाडली फौजों का सरोपा डाल कर सम्मान किया। पिछले दिनों भी जत्थेदार बाबा जसपाल सिंह प्रमुख शिरोमणि जरनैल बाबा जीवन सिंह जी निहंग सिंहों तरना दल छावनी निहंग सिंहों श्री मुक्तसर साहब जी की तरफ से धन्यवादी पत्र धालीवाल को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाने के लिए सौंपा गया।

वीर बाल दिवस

Download Script Document (File Size : 1.27 MB) Downloads for the Exhibition (File Size : 56.4 MB) (File Size : 56.6 MB) (File Size : 56.3 MB) Important Instructions for the Exhibition (File Size : 325 KB) (File Size : 326 KB) (File Size : 293 KB) Content for School Assemblies (File Size : 258 KB) Downloads Hoardings

26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने के फैसले का स्वागत

रविवार को जत्थेदार बाबा रणधीर सिंह जी मुख्य सेवक गुरुद्वारा शस्त्रगढ़ साहिब श्री फतेहगढ़ साहिब, बाबा जगजीवन सिंह सोलन, बाबा हरकिशन सिंह जुजारिया, बाबा जोरावर सिंह, बाबा अमलोक सिंह, बाबा काला सिंह आदि निहंग सिंहों की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह धालीवाल के आवास में पहुंचे। उनको वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को पूरे भारत में मनाने के ऐलान का स्वागत करते एक धन्यवादी पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए अपने जत्थे सहित दिया। कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐतिहासिक फैसला लेना ही यह दिखाता है कि वह सिखों को समर्पित भी हैं और वह सिख इतिहास में हुई बलियों और सिक्ख धर्म के इतिहास को भी पूरे देश के साथ जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह जी की अतुल शहादत के इतिहास बारे किताबें और अन्य माध्यमों के द्वारा भारत के हर कोने-कोने (राज्य) में स्कूलों, कालेजों आदि में पढ़ाया जाएगा। कुलदीप धालीवाल ने गुरु की लाडली फौजों का सरोपा डाल कर सम्मान किया। पिछले दिनों भी जत्थेदार बाबा जसपाल सिंह प्रमुख शिरोमणि जरनैल बाबा जीवन सिंह जी निहंग सिंहों तरना दल छावनी निहंग सिंहों श्री मुक्तसर साहब जी की तरफ से धन्यवादी पत्र धालीवाल को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाने के लिए सौंपा गया।

वीर बाल दिवस

दहावे शिखगुरू श्री. गोविंदसिंह यांचे बलिदानीपुत्र श्री जोरावरसिंह व श्री. फतेसिंह यांचे ९ वर्ष आणि ६ वर्ष वयाचे असताना शिख संप्रदायाचा सन्मान, अस्मिता हेतू आणि रक्षणार्थ २५ डिसेंबर १७०५ रोजी या दोन वीरपुत्रांनी सर्वोच्च बलिदान दिले. त्यांच्या गौरवार्थ २६ डिसेंबर हा दिवस वीर बालदिवस म्हणून साजरा करावा असे भारत सरकारने निर्देशित केले आहे. 1. जनजागृती उपक्रम 2. साहित्यिक उपक्रम 3. कला उपक्रम 4. साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या व्यक्तिमत्वाचे गुणवैशिष्ट्ये विद्यार्थ्यांमध्ये रुजविण्यासाठीचे उपक्रम 1. वीर बाल दिवस जनजागृती उपक्रम : खालीलपैकी कोणत्याही एका उपक्रमाद्वारे साहिबजादा यांच्या बलिदान आणि साहसाबद्दल जागरूकता निर्माण करता येईल. a) चार साहिबजादे या ॲनिमेटेड चित्रपटाचे प्रदर्शन भरवता येईल जो पंजाबी, हिंदी आणि इंग्रजी भाषेमध्ये उपलब्ध आहे. (b) बलिदान, साहस, आदर आणि जबाबदारी या विषयांवर आधारित साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या गोष्टी विद्यार्थ्यांना सांगता येईल. (c) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या जीवांनाविषयीचे रजक कथांच्या पुस्तकांचे वाचन (d) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्याबाबत अधिकची माहिती असणाऱ्या तज्ञ व्यक्तींच्या व्याख्यानमालेचे आयोजन करता येईल. (e) साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या जीवनपटाबाबत विद्यार्थ्यांना माहिती देणाऱ्या विशेष परिपाठाचे आयोजन करता येईल. 2. वीर बाल दिवस साहित्यिक उपक्रम: विद्यार्थ्यांना साहिबजादा जोरावर सिंग जी आणि साहिबजादा फतेह सिंग जी यांच्या बलिदान आणि साहसाबद्दल जाणीव झाल्यानंतर विद्यार्थ्यांना खालील कृती करण...

वीर बाल दिवस : अब देश लिख रहा है नया और सच्चा इतिहास

आजादी के ‘अमृत काल’ में एक और अभिनव अध्‍याय का आरंभ हुआ है। बीते 26 दिसंबर को सिक्खों के अंतिम गुरु, गुरुगोबिंद सिंह जी के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को स्मरण करते हुए ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मना गया। इसी के साथ 26 दिसंबर का दिन देश को एक नई पहचान के रूप में मिला है। अब इसे ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में जाना और मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्‍ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में इसकी समारोहपूर्वक शुरुआत की। अबसे पहले देश के बच्‍चों को केवल विदेशी आंक्रांताओं का इतिहास पढ़ाया गया था, अब इस ऐतिहासिक भूल को सुधारा जा रहा है। यह दिवस मूल रूप से सिखों के धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह व उनके पुत्रों के राष्‍ट्र प्रेम व बलिदान को समर्पित है। उनके बलिदान को सदा स्‍मरण किया जाता रहे, इसलिए इस दिवस का आरंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ”‘वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा कि दश गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! ‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!” उन्होंने यह भी जोड़ा कि, ”इतिहास से लेकर किंवदंतियों तक, हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं। लेकिन ये भी सच है कि, चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वो ‘भूतो न भविष्यति’ था।” मोदी सरकार द्वारा की गई यह पहल कई अर्थों में सराहनीय एवं स्‍वागत योग्‍य है। सर्वप्रथम इसलिए कि इस एक दिवस के चलते सिख परंपरा के योगदान को आदरांजलि देने का अवसर मिल सकेगा तथा नई पीढ़ी का अपने राष्‍ट्र के वास्‍तविक नायकों से परिचय हो सकेगा। वर्तमान दौर का दु...

वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम मोदी का जताया आभार

वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा बड़ा कदम, मोदी का जताया आभार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दशम पातशाही श्री गुरु गोबिद सिंह के प्रकाशोत्सव पर बड़ी घोषणा की। उन्होंने हर साल 26 दिसंबर को चार साहिबजादों अजीत सिंह जुझार सिंह जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाए जाने का ऐलान किया है उसका शहरवासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया है जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दशम पातशाही श्री गुरु गोबिद सिंह के प्रकाशोत्सव पर बड़ी घोषणा की। उन्होंने हर साल 26 दिसंबर को चार साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाए जाने का ऐलान किया है, उसका शहरवासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया है और केंद्र सरकार की इस पहल की मुक्ति कंठ से सराहना की है। हिदू-सिखों ने एक स्वर में कहा कि यह बहुत पुरानी मांग चली आ रही थी, पर पूर्व की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मांग को पूरा कर सभी का दिल जीत लिया है। देश और हिदू धर्म की खातिर गुरु गोबिद सिंह जी ने पहले अपने पिता गुरु तेग बहादुर की कुर्बानी दिलाई, फिर उनके चार साहिबजादों ने बलिदान दिया और माता गुजरी ने भी देह त्यागी। इसलिए उन्हें सरबंस बलिदानी कहा जाता है। पूरी दुनिया में ऐसा और कोई उदाहरण नहीं है। पीएम मोदी ने वीर साहिबजादों की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की जो घोषणा की है, उसका हम हृदय से स्वागत करते हैं। -अजय जुनेजा, उद्योगपति। गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री की यह घोषणा दिल जीतने वाली है। यह चार साहिबजादों की वीरता को नमन करने जैसा है। यह पुरानी मांग थी, जिसे पीएम मोदी ने पूरा कर सभी का द...

वीर बाल दिवस

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