वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय

  1. Anugrah Narayan Sinha biography in hindi अनुग्रह नारायण सिंह
  2. वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय
  3. बिहार विभूति Anugrah Narayan Sinha का जीवन परिचय
  4. स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान
  5. शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय
  6. शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय
  7. Anugrah Narayan Sinha biography in hindi अनुग्रह नारायण सिंह
  8. बिहार विभूति Anugrah Narayan Sinha का जीवन परिचय
  9. स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान
  10. वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय


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Anugrah Narayan Sinha biography in hindi अनुग्रह नारायण सिंह

डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह Anugrah Narayan Sinha biography in hindi का जीवन परिचय अनुग्रह नारायण सिंह कौन थे कहां के रहने वाले थे उन्‍होंने शिक्षा कहां से प्राप्त की थी और उन्होंने कौन-कौन सी पढ़ाई की थी अनुग्रह नारायण सिंह का राजनीतिक जीवन क्या था स्वतंत्रता आंदोलन में उनका क्‍या भूमिका था .सारी जानकारी हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं अनुग्रह नारायण सिंह ने महात्मा गांधी के साथ कई स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग किया फिर उन्होंने आजाद भारत में बिहार के राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बिहार का विकास करने के लिए बिहार को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया इसलिए उन्हें आधुनिक बिहार के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है अनुग्रह नारायण सिंह को उनके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से उन्हें बिहार विभूति के नाम से जाना जाता है तो आइए इस लेख में बिहार के एक ऐसे राजनेता जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ सत्याग्रह आंदोलन में और उसके साथ कई आंदोलनों में कैसे साथ दिया और साथ ही बिहार को विकसित करने के लिए बिहार में उद्योग धंधे कृषि आदि का विकास करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका कैसे निभाई. डॉ अनुग्रह नारायण सिंह ने भारत को आजाद करवाने के लिए महात्मा गांधी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और उस समय के महान स्वतंत्रता सेनानियों के साथ राष्ट्रीय आंदोलन में अपना योगदान दिया. अनुग्रह नारायण सिंह ने बिहार में अनेकों कार्य किए जिससे बिहार का और बिहार वासियों का विकास हो उन्होंने अपने शासनकाल में बिहार में बहुत सारे उद्योग धंधे शुरू किए जिससे कि बिहार में रहने वाले लोगों का विकास हो सके. डॉ अनुग्रह नारायण सिंह का जन्म नाम डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह जन्‍म 18 जून 1887 जन्‍म स्‍थान औरंगाबाद जिला के...

वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय

Veer Mahaan (Rinku Singh) Biography In Hindi: बीते कुछ समय से ना केवल भारत में बल्कि पश्चिमी देशों में भी एक नाम बहुत अधिक प्रचलित हुआ है, जिसे वीर महान के नाम से इस दुनिया में रुसवा किया गया है। अगर आप इस नाम को बहुत बार सोशल मीडिया, न्यूज़ या अन्य जगहों पर सुन चुके हैं तो अवश्य ही आप WWE के बारे में कुछ जानकारी रखते है। एक जमाना था जब भारत में क्रिकेट के अलावा WWE भी बहुत प्रचलित हुआ करता था। उस समय WWE में अंडरटेकर, केन, जॉन सीना जैसे बहुत बड़े-बड़े नाम शामिल थे और यह विश्व में इन खिलाड़ियों की वजह से एक अनोखी छाप छोड़ हुए था। Image : Veer Mahaan ( Rinku Singh) Biography In Hindi उस जमाने में द ग्रेट खली के नाम से एक भारतीय खिलाड़ी ने खलबली मचा रखी थी। आज इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए वीर महान नाम के खिलाड़ी ने विश्व भर में प्रचलित हासिल की है। इस लेख में हम WWEरेसलर वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय (Veer Mahaan Rinku Singh Biography In Hindi) बताने के साथ ही इनसे जुड़ी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके। वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय | Veer Mahaan (Rinku Singh) Biography In Hindi विषय सूची • • • • • • • वीर महान (रिंकू सिंह) की जीवनी एक नज़र में पूरा नाम रिंकू सिंह राजपूत निकनेम वीर महान प्रोफेशन WWE Wrestler जन्म और स्थान 8 अगस्त 1988, गोपीगंज, उत्तर प्रदेश, भारत वर्तमान आयु 33 वर्ष कॉलेज गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ धर्म हिंदू हॉबी कुश्ती, जिमिंग, दौड़ना बालों का रंग काला आंख का रंग भूरा राष्ट्रीयता भारतीय वीर महान कौन है? वीर महान एक भारतीय पहलवान और अमेरिका में बेसबॉल ...

बिहार विभूति Anugrah Narayan Sinha का जीवन परिचय

अनुग्रहनारायणसिंहभारतकेमहानराजनीतिज्ञ, शिक्षकऔरस्वतंत्रतासेनानीथेइतनाहीनहींअनुग्रहनारायणसिंहजीभारतकेउपमंत्रीहोनेकेसाथ-साथवित्तमंत्रीभीथेउन्होंनेबखूबीहमारेदेशकोकाफीसमयकेलिएसंभालाथा। महात्मागांधीजीद्वाराकिएगएचंपारणसत्याग्रहमेंइन्होंनेबढ़चढ़करहिस्सालियाथा।अनुग्रहनारायणसिंहजीबिहारकेआधुनिकनिर्माताथे।जिन्होंनेभारतकोआजादीदिलानेकेलिएकईस्वतंत्रतासंग्राममेंबढ़चढ़करहिस्सालियाथा।‌देशकोआजादीदिलानेमेंउनकेकार्यअविस्मरणीयहै।इसमहानव्यक्तिकेबारेमेंजाननेकेलिएउनकीइसजीवनीकोअवश्यपढ़ें। अनुग्रहनारायणसिंहजीवनी अनुग्रहनारायणसिंहकाजन्मवर्ष 1887 मेंहुआथा।इन्हेंबाबूसाहबऔरबिहारविभूतिकीउपाधिप्राप्तथी।आधुनिकबिहारकानिर्माणकरनेमेंअनुग्रहनारायणसिंहनेबहुतबड़ीभूमिकानिभाईथी। इसकेअलावाउन्होंनेअपनेजीवनकालमेंअंग्रेजोंकापुरजोरविरोधभीकियाथा।इन्होंनेभारतकीस्वतंत्रताकेलिएविभिन्नप्रकारकेअहिंसकआंदोलनऔरसत्याग्रहमेंभागलियाथाऔरगांधीजीकेसाथमिलकरभीइन्होंनेकईआंदोलनकिएथे। अपनेकॉलेजकेदिनोंमेंइन्हेंऐसेकईलोगमिले, जोभारतदेशकोअंग्रेजोंसेआजादकरानेकेलिएप्रयासरतथे, उनकाअनुग्रहनारायणसिंहपरकाफीज्यादाप्रभावपड़ा।अनुग्रहनारायणसिंहने 1946 में 2 जनवरीसेलेकरअपनीमृत्युतकबिहारकेउपमुख्यमंत्रीसहवित्तमंत्रीकाकार्यभारसंभालाऔरजिम्मेदारीकेसाथअपनेमंत्रालयकीसभीजिम्मेदारियोंकोपूराकिया। अनुग्रहनारायणसिंहव्यक्तिगतपरिचय पूरानाम अनुग्रहनारायणसिंह अन्यनाम अनुग्रहबाबू जन्म 18 जून ,1887 जन्म भूमिबिहार मृत्यु 5 जुलाई, 1957 मृत्युस्थान पटना विद्यालय कलकत्ताविश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसीकॉलेज (कलकत्ता) भाषा हिन्दी,अंग्रेज़ी पुरस्कार-उपाधि बिहारविभूति नागरिकता भारतीय पार्टी भारतीयराष्ट्रीयकांग्रेस पद बिहारकेप्रथमउपमुख्यमंत्री कार्यकाल 2 जनवरी, 1946 से 05 जुलाई,1957 ...

स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान

स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान : दोस्तों अज हम छत्तीसगढ़ द्वारा दिए गये स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान को भुला नही सकते है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने तो 1857 से पहले ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर 1947 के आजादी तक यहां भी अंग्रेजों के खिलाफ लगातार संघर्षों का दौर चलता रहा है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था। वीर नारायण सिंह (Veer Narayan Singh) के बारें में : इनका जन्म छत्तीसगढ़ के सोनाखान में 1795 में एक जमींदार परिवार में हुआ था। आपको बता दे की वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी, वीर पुत्र, सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने अकाल से पीड़ित अपनी प्रजा को अनाज पहुचाया जो दाने दाने को तरस रहे थे, तथा इसके चलते अंग्रेजों से लोहा लिया था, और अपनी प्रजा के हिट के लिए अपनी जान को बलिदान कर दिए। ध्यान रहे की 10 दिसंबर 1857 को ब्रिटिश सरकार ने वीर नारायण सिंह (Veer Narayan Singh Death Date) को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर सरेआम फाँसी पर लटका दिया। और बाद मे उनके मृत शरीर को तोप से उड़ा दिया था। छत्तीसगढ़ से सम्बन्धित अधिक प्रश्नों के लिए यहाँ क्लिक करें

शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय

वीर नारायण सिंह (1795 - 1857) राज्य के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक सच्चे देशभक्त व गरीबों के मसीहा थे। परिचय सत्रहवीं सदी में राज्य की स्थापना की गई थी। इनके पूर्वज सारंगढ़ के जमींदार के वशंज थे। सोनाखान का प्राचीन नाम था। कुर्रूपाट डोंगरी में युवराज नारायण सिंह के वीरगाथा का जिन्दा इतिहास दफन है। युवराज नारायण सिंह के पास एक घोड़ा था जो कि स्वामीभक्त था। वे घोड़े पर सवार होकर अपने रियासत का भ्रमण किया करत थे। भ्रमण के दौरान एक बार युवराज को किसी व्यक्ति ने जानकारी दी कि सोनाखान क्षेत्र में एक नरभक्षी शेर कुछ दिनों से आतंक मचा रहा है जिसके चलते प्रजा भयभीत है। प्रजा की सेवा करने में तत्पर नारायण सिंह ने तत्काल तलवार हाथ में लिए नरभक्षी शेर की ओर दौड़ पड़े और कुछ ही पल में शेर को ढेर कर दिए। इस प्रकार से वीर नारायण सिंह ने शेर का काम तमाम कर भयभीत प्रजा को नि:शंक बनाया। उनकी इस बहादुरी से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें वीर की पदवी से सम्मानित किया। इस सम्मान के बाद से युवराज वीरनारायण सिंह के नाम से प्रसिध्द हुए। प्रजा हितैषी का एक अन्य उदाहरण सन् 1856 में पड़ा है जिसमें नारायण सिंह ने हजारों किसानों को साथ लेकर कसडोल के जमाखोरों के गोदामों पर धावा बोलकर सारे अनाज लूट लिए व दाने-दाने को तरस रहे अपने प्रजा में बांट दिए। इस घटना की शिकायत उस समय डिप्टी कमिश्नर इलियट से की गई। वीरनारायण सिंह ने शिकायत की भनक लगते हुए कुर्रूपाट डोंगरी को अपना आश्रय बना लिया। ज्ञातव्य है कि कुर्रूपाट गोड़, बिंझवार राजाओं के देवता हैं। अंतत: ब्रिटिश सरकार ने देवरी के जमींदार जो नारायण सिंह के बहनोई थे के सहयोग से छलपूर्वक देशद्रोही व लुटेरा का बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें बंदी बना ल...

शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय

वीर नारायण सिंह (1795 - 1857) राज्य के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक सच्चे देशभक्त व गरीबों के मसीहा थे। परिचय सत्रहवीं सदी में राज्य की स्थापना की गई थी। इनके पूर्वज सारंगढ़ के जमींदार के वशंज थे। सोनाखान का प्राचीन नाम था। कुर्रूपाट डोंगरी में युवराज नारायण सिंह के वीरगाथा का जिन्दा इतिहास दफन है। युवराज नारायण सिंह के पास एक घोड़ा था जो कि स्वामीभक्त था। वे घोड़े पर सवार होकर अपने रियासत का भ्रमण किया करत थे। भ्रमण के दौरान एक बार युवराज को किसी व्यक्ति ने जानकारी दी कि सोनाखान क्षेत्र में एक नरभक्षी शेर कुछ दिनों से आतंक मचा रहा है जिसके चलते प्रजा भयभीत है। प्रजा की सेवा करने में तत्पर नारायण सिंह ने तत्काल तलवार हाथ में लिए नरभक्षी शेर की ओर दौड़ पड़े और कुछ ही पल में शेर को ढेर कर दिए। इस प्रकार से वीर नारायण सिंह ने शेर का काम तमाम कर भयभीत प्रजा को नि:शंक बनाया। उनकी इस बहादुरी से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें वीर की पदवी से सम्मानित किया। इस सम्मान के बाद से युवराज वीरनारायण सिंह के नाम से प्रसिध्द हुए। प्रजा हितैषी का एक अन्य उदाहरण सन् 1856 में पड़ा है जिसमें नारायण सिंह ने हजारों किसानों को साथ लेकर कसडोल के जमाखोरों के गोदामों पर धावा बोलकर सारे अनाज लूट लिए व दाने-दाने को तरस रहे अपने प्रजा में बांट दिए। इस घटना की शिकायत उस समय डिप्टी कमिश्नर इलियट से की गई। वीरनारायण सिंह ने शिकायत की भनक लगते हुए कुर्रूपाट डोंगरी को अपना आश्रय बना लिया। ज्ञातव्य है कि कुर्रूपाट गोड़, बिंझवार राजाओं के देवता हैं। अंतत: ब्रिटिश सरकार ने देवरी के जमींदार जो नारायण सिंह के बहनोई थे के सहयोग से छलपूर्वक देशद्रोही व लुटेरा का बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें बंदी बना ल...

Anugrah Narayan Sinha biography in hindi अनुग्रह नारायण सिंह

डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह Anugrah Narayan Sinha biography in hindi का जीवन परिचय अनुग्रह नारायण सिंह कौन थे कहां के रहने वाले थे उन्‍होंने शिक्षा कहां से प्राप्त की थी और उन्होंने कौन-कौन सी पढ़ाई की थी अनुग्रह नारायण सिंह का राजनीतिक जीवन क्या था स्वतंत्रता आंदोलन में उनका क्‍या भूमिका था .सारी जानकारी हम लोग इस लेख में जानने वाले हैं अनुग्रह नारायण सिंह ने महात्मा गांधी के साथ कई स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग किया फिर उन्होंने आजाद भारत में बिहार के राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बिहार का विकास करने के लिए बिहार को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया इसलिए उन्हें आधुनिक बिहार के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है अनुग्रह नारायण सिंह को उनके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से उन्हें बिहार विभूति के नाम से जाना जाता है तो आइए इस लेख में बिहार के एक ऐसे राजनेता जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ सत्याग्रह आंदोलन में और उसके साथ कई आंदोलनों में कैसे साथ दिया और साथ ही बिहार को विकसित करने के लिए बिहार में उद्योग धंधे कृषि आदि का विकास करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका कैसे निभाई. डॉ अनुग्रह नारायण सिंह ने भारत को आजाद करवाने के लिए महात्मा गांधी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और उस समय के महान स्वतंत्रता सेनानियों के साथ राष्ट्रीय आंदोलन में अपना योगदान दिया. अनुग्रह नारायण सिंह ने बिहार में अनेकों कार्य किए जिससे बिहार का और बिहार वासियों का विकास हो उन्होंने अपने शासनकाल में बिहार में बहुत सारे उद्योग धंधे शुरू किए जिससे कि बिहार में रहने वाले लोगों का विकास हो सके. डॉ अनुग्रह नारायण सिंह का जन्म नाम डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह जन्‍म 18 जून 1887 जन्‍म स्‍थान औरंगाबाद जिला के...

बिहार विभूति Anugrah Narayan Sinha का जीवन परिचय

अनुग्रहनारायणसिंहभारतकेमहानराजनीतिज्ञ, शिक्षकऔरस्वतंत्रतासेनानीथेइतनाहीनहींअनुग्रहनारायणसिंहजीभारतकेउपमंत्रीहोनेकेसाथ-साथवित्तमंत्रीभीथेउन्होंनेबखूबीहमारेदेशकोकाफीसमयकेलिएसंभालाथा। महात्मागांधीजीद्वाराकिएगएचंपारणसत्याग्रहमेंइन्होंनेबढ़चढ़करहिस्सालियाथा।अनुग्रहनारायणसिंहजीबिहारकेआधुनिकनिर्माताथे।जिन्होंनेभारतकोआजादीदिलानेकेलिएकईस्वतंत्रतासंग्राममेंबढ़चढ़करहिस्सालियाथा।‌देशकोआजादीदिलानेमेंउनकेकार्यअविस्मरणीयहै।इसमहानव्यक्तिकेबारेमेंजाननेकेलिएउनकीइसजीवनीकोअवश्यपढ़ें। अनुग्रहनारायणसिंहजीवनी अनुग्रहनारायणसिंहकाजन्मवर्ष 1887 मेंहुआथा।इन्हेंबाबूसाहबऔरबिहारविभूतिकीउपाधिप्राप्तथी।आधुनिकबिहारकानिर्माणकरनेमेंअनुग्रहनारायणसिंहनेबहुतबड़ीभूमिकानिभाईथी। इसकेअलावाउन्होंनेअपनेजीवनकालमेंअंग्रेजोंकापुरजोरविरोधभीकियाथा।इन्होंनेभारतकीस्वतंत्रताकेलिएविभिन्नप्रकारकेअहिंसकआंदोलनऔरसत्याग्रहमेंभागलियाथाऔरगांधीजीकेसाथमिलकरभीइन्होंनेकईआंदोलनकिएथे। अपनेकॉलेजकेदिनोंमेंइन्हेंऐसेकईलोगमिले, जोभारतदेशकोअंग्रेजोंसेआजादकरानेकेलिएप्रयासरतथे, उनकाअनुग्रहनारायणसिंहपरकाफीज्यादाप्रभावपड़ा।अनुग्रहनारायणसिंहने 1946 में 2 जनवरीसेलेकरअपनीमृत्युतकबिहारकेउपमुख्यमंत्रीसहवित्तमंत्रीकाकार्यभारसंभालाऔरजिम्मेदारीकेसाथअपनेमंत्रालयकीसभीजिम्मेदारियोंकोपूराकिया। अनुग्रहनारायणसिंहव्यक्तिगतपरिचय पूरानाम अनुग्रहनारायणसिंह अन्यनाम अनुग्रहबाबू जन्म 18 जून ,1887 जन्म भूमिबिहार मृत्यु 5 जुलाई, 1957 मृत्युस्थान पटना विद्यालय कलकत्ताविश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसीकॉलेज (कलकत्ता) भाषा हिन्दी,अंग्रेज़ी पुरस्कार-उपाधि बिहारविभूति नागरिकता भारतीय पार्टी भारतीयराष्ट्रीयकांग्रेस पद बिहारकेप्रथमउपमुख्यमंत्री कार्यकाल 2 जनवरी, 1946 से 05 जुलाई,1957 ...

स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान

स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ का योगदान : दोस्तों अज हम छत्तीसगढ़ द्वारा दिए गये स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान को भुला नही सकते है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने तो 1857 से पहले ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर 1947 के आजादी तक यहां भी अंग्रेजों के खिलाफ लगातार संघर्षों का दौर चलता रहा है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था। वीर नारायण सिंह (Veer Narayan Singh) के बारें में : इनका जन्म छत्तीसगढ़ के सोनाखान में 1795 में एक जमींदार परिवार में हुआ था। आपको बता दे की वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी, वीर पुत्र, सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने अकाल से पीड़ित अपनी प्रजा को अनाज पहुचाया जो दाने दाने को तरस रहे थे, तथा इसके चलते अंग्रेजों से लोहा लिया था, और अपनी प्रजा के हिट के लिए अपनी जान को बलिदान कर दिए। ध्यान रहे की 10 दिसंबर 1857 को ब्रिटिश सरकार ने वीर नारायण सिंह (Veer Narayan Singh Death Date) को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर सरेआम फाँसी पर लटका दिया। और बाद मे उनके मृत शरीर को तोप से उड़ा दिया था। छत्तीसगढ़ से सम्बन्धित अधिक प्रश्नों के लिए यहाँ क्लिक करें

वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय

Veer Mahaan (Rinku Singh) Biography In Hindi: बीते कुछ समय से ना केवल भारत में बल्कि पश्चिमी देशों में भी एक नाम बहुत अधिक प्रचलित हुआ है, जिसे वीर महान के नाम से इस दुनिया में रुसवा किया गया है। अगर आप इस नाम को बहुत बार सोशल मीडिया, न्यूज़ या अन्य जगहों पर सुन चुके हैं तो अवश्य ही आप WWE के बारे में कुछ जानकारी रखते है। एक जमाना था जब भारत में क्रिकेट के अलावा WWE भी बहुत प्रचलित हुआ करता था। उस समय WWE में अंडरटेकर, केन, जॉन सीना जैसे बहुत बड़े-बड़े नाम शामिल थे और यह विश्व में इन खिलाड़ियों की वजह से एक अनोखी छाप छोड़ हुए था। Image : Veer Mahaan ( Rinku Singh) Biography In Hindi उस जमाने में द ग्रेट खली के नाम से एक भारतीय खिलाड़ी ने खलबली मचा रखी थी। आज इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए वीर महान नाम के खिलाड़ी ने विश्व भर में प्रचलित हासिल की है। इस लेख में हम WWEरेसलर वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय (Veer Mahaan Rinku Singh Biography In Hindi) बताने के साथ ही इनसे जुड़ी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके। वीर महान (रिंकू सिंह) का जीवन परिचय | Veer Mahaan (Rinku Singh) Biography In Hindi विषय सूची • • • • • • • वीर महान (रिंकू सिंह) की जीवनी एक नज़र में पूरा नाम रिंकू सिंह राजपूत निकनेम वीर महान प्रोफेशन WWE Wrestler जन्म और स्थान 8 अगस्त 1988, गोपीगंज, उत्तर प्रदेश, भारत वर्तमान आयु 33 वर्ष कॉलेज गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ धर्म हिंदू हॉबी कुश्ती, जिमिंग, दौड़ना बालों का रंग काला आंख का रंग भूरा राष्ट्रीयता भारतीय वीर महान कौन है? वीर महान एक भारतीय पहलवान और अमेरिका में बेसबॉल ...