विकृति का मात्रक

  1. विकृति की विमा क्या होती है बताइए ? विकृति का विमीय सूत्र लिखिए
  2. विकृति
  3. विकृति से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com
  4. प्रतिबल तथा विकृति
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विकृति की विमा क्या होती है बताइए ? विकृति का विमीय सूत्र लिखिए

प्रश्न : विकृति का मात्रक क्या होता है ? उत्तर : भौतिक विज्ञान में अक्सर पूछा जाता है कि “विकृति” का मात्रक किसे कहते हैं ? इसका सही उत्तर होगा = “[M0L0T0]” प्रश्न : विकृति राशि का विमीय सूत्र और मात्रक क्या क्या होते हैं ? उत्तर : विकृति का विमा सूत्र = [M0L0T0] तथा विकृति का मात्रक = [M0L0T0] प्रश्न : [M0L0T0] किसका मात्रक होता हैं ? उत्तर : [M0L0T0] , विकृति का मात्रक होता है अर्थात [M0L0T0] का मात्रक = विकृति प्रश्न : निम्नलिखित में से किसका विमीय सूत्र / विमा “[M0L0T0]” होता है ? उत्तर : निम्न दिए गए में से विकृति का विमीय सूत्र = [M0L0T0] होता है | question : what is unit and dimensional formula of विकृति in hindi ? answer : unit of विकृति is = [M0L0T0] and also dimensional formula of विकृति is = [M0L0T0]

विकृति

अन्तर्विषयाः • १ यन्त्रोपारोपितकोशांशः • १.१ कल्पद्रुमः • १.२ अमरकोशः • १.३ वाचस्पत्यम् • १.४ शब्दसागरः • १.५ Apte • १.६ Monier-Williams • १.७ Purana index • १.८ Purana Encyclopedia • १.९ Vedic Rituals Hindi यन्त्रोपारोपितकोशांशः [ ] कल्पद्रुमः [ ] पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः विकृतिः, स्त्री, (वि + कृ + क्तिन् ।) विकारः । इत्यमरः ॥ (यथा, कुमारे । ७ । ३४ । “यथाप्रदेशं भुजगेश्वराणां करिष्यतामाभरणान्तरत्वम् । शरीरमात्रं विकृतिं प्रपेदे तथैव तस्थुः फणरत्नशोभाः ॥”) रोगः । डिम्बः । मद्यादिः । इति हेमचन्द्रः ॥ (सांख्योक्तविकृतिः । यथा, सांख्यकारिका- याम् । ३ । “मूलप्रकृतिरविकृति- र्म्महदाद्याः प्रकृतिविकृतयः सप्त । षोडशकस्तु विकारो न प्रकृतिर्न विकृतिः पुरुषः ॥” संक्षेपतः शास्त्रस्य चतस्रो विधाः । कश्चिदर्थः प्रकृतिरेव कश्चिदर्थो विकृतिरेव कश्चित् प्रकृति- विकृतिरेव कश्चिदनुभयरूपः । तत्र का प्रकृति- रेवेत्यत उक्तं मूलप्रकृतिरविकृतिरिति । प्रक- रोतीति प्रकृतिः प्रधानं सत्वरजस्तमसां साम्या- वस्था सा प्रकृतिः प्रकृतिरेव इत्यर्थः । कस्मादि- त्यत उक्तम् मूलेति मूलञ्चासौ प्रकृतिश्चेति मूलप्रकृतिः विश्वस्य कार्य्यसंघातस्य सा मूलं न त्वस्या मूलान्तरमस्तीति भावः । कतमाः पुनः प्रकृतिविकृतयः कियत्यश्च इत्यत उक्तं मह- दाद्याः प्रकृतिविकृतयः सप्तेति । प्रकृतयश्च ता विकृतयश्च ता इति । तथाहि महत्त्वत्त्वमह- ङ्कारस्य प्रकृतिर्विकृतिश्च मूलप्रकृतेः । एव- महङ्कारतत्त्वं तन्मात्राणामिन्द्रियाणाञ्च प्रकृति- र्व्विकृतिश्च महतः । एवं पञ्चतन्मात्राणि भूतानामाकाशादीनां प्रकृतयो विकृतयश्चाह- ङ्कारस्य । अथ का विकृतिरेव क...

विकृति से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंकिसी पदार्थ पर लगाये विरुपक बल की उस सीमा को जिसके अन्तर्गत पदार्थ का प्रत्यास्थता का गुण विद्यमान रहता है, उस पदार्थ की ‘प्रत्यास्था की सीमा’ कहते हैं। प्रतिबल का S.I. मात्रक ‘न्यूटन/मीटर है तथा इसका विमीय सूत्र [MLT] है। विकृति के प्रकार पर निर्भर करता है। शारिर का कौन सा अंग प्रति पाई विकृति नमक रोग से प्रभाव होता है? इसे सुनेंरोकेंआर्द्र कोश (Moist Gangrene) – इसमें शिराओं द्वारा अंग विशेष से रक्त का हृदय की ओर ढोया जाना पूर्णतया रुक जाता है। रक्त की उस स्थान पर आमद होती है, परंतु निकास नहीं होता। विकृति कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंविकृति के प्रकार। (1) अनुदैर्ध्य विकृति। (2) आयतन विकृति। (3) अपरूपण विकृति। प्रतिबल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंकिसी पिंड पर जब कोई बाह्य बल लगाया जाता है तो उसकी आकृति में परिवर्तन (विरूपण) होता है। पिंड पर आरोपित प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को ‘प्रतिबल’ कहते हैं, जैसे किसी पिंड के किसी एक भाग का क्षेत्रफल A है तो क्षेत्रफल A पर लंबवत् दिशा में आरोपित बल प्रतिबल कहलाता है। प्रति आस्था क्या है? इसे सुनेंरोकेंयांत्रिकी में प्रत्यास्थता (elasticity) पदार्थों के उस गुण को कहते हैं जिसके कारण उस पर वाह्य बल लगाने पर उसमें विकृति (deformation) आती है परन्तु बल हटाने पर वह अपनी मूल स्थिति में आ जाता है। युवा के मापांक क्या है? इसे सुनेंरोकेंयांत्रिकी के सन्दर्भ में यंग गुणांक या यंग मापांक (Young’s modulus), किसी समांग प्रत्यास्थ पदार्थ की प्रत्यास्थता का मापक है। यह एकअक्षीय प्रतिबल एवं विकृति के अनुपात के रूप में परिभाषित है। इसके अतिरिक्त दो और ‘प्रत्यास्थता मापांक’ हैं – आयतन प्...

प्रतिबल तथा विकृति

• भौतिक जगत • • • • • • भौतिकी १ • भौतिकी २ • मात्रक और मापन • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सरल रेखा में गति • • • • • • • • समतल में गति • • • • • • • • • • • • गति के नियम • • • • • • • • • • • • कार्य, ऊर्जा और शक्ति • • • • • • • • • • • • • कणों के निकाय तथा घूर्णी गति • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गुरुत्वाकर्षण • • • • • • • • • • • • • ठोसों के यांत्रिक गुण • • • • • • • • • • • • • • तरलों के यांत्रिक गुण • • • • • • • • • • • • • • द्रव्य के तापीय गुण • • • • • • • • • • • • • • • • ऊष्मागतिकी • • • • • • • • • • • • • • अणुगति सिद्धांत • • • • • • • • • • दोलन • • • • • • • • • • • • • तरंगें • • • • • • • • • • • • •

विकृति से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंकिसी पदार्थ पर लगाये विरुपक बल की उस सीमा को जिसके अन्तर्गत पदार्थ का प्रत्यास्थता का गुण विद्यमान रहता है, उस पदार्थ की ‘प्रत्यास्था की सीमा’ कहते हैं। प्रतिबल का S.I. मात्रक ‘न्यूटन/मीटर है तथा इसका विमीय सूत्र [MLT] है। विकृति के प्रकार पर निर्भर करता है। शारिर का कौन सा अंग प्रति पाई विकृति नमक रोग से प्रभाव होता है? इसे सुनेंरोकेंआर्द्र कोश (Moist Gangrene) – इसमें शिराओं द्वारा अंग विशेष से रक्त का हृदय की ओर ढोया जाना पूर्णतया रुक जाता है। रक्त की उस स्थान पर आमद होती है, परंतु निकास नहीं होता। विकृति कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंविकृति के प्रकार। (1) अनुदैर्ध्य विकृति। (2) आयतन विकृति। (3) अपरूपण विकृति। प्रतिबल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंकिसी पिंड पर जब कोई बाह्य बल लगाया जाता है तो उसकी आकृति में परिवर्तन (विरूपण) होता है। पिंड पर आरोपित प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को ‘प्रतिबल’ कहते हैं, जैसे किसी पिंड के किसी एक भाग का क्षेत्रफल A है तो क्षेत्रफल A पर लंबवत् दिशा में आरोपित बल प्रतिबल कहलाता है। प्रति आस्था क्या है? इसे सुनेंरोकेंयांत्रिकी में प्रत्यास्थता (elasticity) पदार्थों के उस गुण को कहते हैं जिसके कारण उस पर वाह्य बल लगाने पर उसमें विकृति (deformation) आती है परन्तु बल हटाने पर वह अपनी मूल स्थिति में आ जाता है। युवा के मापांक क्या है? इसे सुनेंरोकेंयांत्रिकी के सन्दर्भ में यंग गुणांक या यंग मापांक (Young’s modulus), किसी समांग प्रत्यास्थ पदार्थ की प्रत्यास्थता का मापक है। यह एकअक्षीय प्रतिबल एवं विकृति के अनुपात के रूप में परिभाषित है। इसके अतिरिक्त दो और ‘प्रत्यास्थता मापांक’ हैं – आयतन प्...

विकृति

अन्तर्विषयाः • १ यन्त्रोपारोपितकोशांशः • १.१ कल्पद्रुमः • १.२ अमरकोशः • १.३ वाचस्पत्यम् • १.४ शब्दसागरः • १.५ Apte • १.६ Monier-Williams • १.७ Purana index • १.८ Purana Encyclopedia • १.९ Vedic Rituals Hindi यन्त्रोपारोपितकोशांशः [ ] कल्पद्रुमः [ ] पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः विकृतिः, स्त्री, (वि + कृ + क्तिन् ।) विकारः । इत्यमरः ॥ (यथा, कुमारे । ७ । ३४ । “यथाप्रदेशं भुजगेश्वराणां करिष्यतामाभरणान्तरत्वम् । शरीरमात्रं विकृतिं प्रपेदे तथैव तस्थुः फणरत्नशोभाः ॥”) रोगः । डिम्बः । मद्यादिः । इति हेमचन्द्रः ॥ (सांख्योक्तविकृतिः । यथा, सांख्यकारिका- याम् । ३ । “मूलप्रकृतिरविकृति- र्म्महदाद्याः प्रकृतिविकृतयः सप्त । षोडशकस्तु विकारो न प्रकृतिर्न विकृतिः पुरुषः ॥” संक्षेपतः शास्त्रस्य चतस्रो विधाः । कश्चिदर्थः प्रकृतिरेव कश्चिदर्थो विकृतिरेव कश्चित् प्रकृति- विकृतिरेव कश्चिदनुभयरूपः । तत्र का प्रकृति- रेवेत्यत उक्तं मूलप्रकृतिरविकृतिरिति । प्रक- रोतीति प्रकृतिः प्रधानं सत्वरजस्तमसां साम्या- वस्था सा प्रकृतिः प्रकृतिरेव इत्यर्थः । कस्मादि- त्यत उक्तम् मूलेति मूलञ्चासौ प्रकृतिश्चेति मूलप्रकृतिः विश्वस्य कार्य्यसंघातस्य सा मूलं न त्वस्या मूलान्तरमस्तीति भावः । कतमाः पुनः प्रकृतिविकृतयः कियत्यश्च इत्यत उक्तं मह- दाद्याः प्रकृतिविकृतयः सप्तेति । प्रकृतयश्च ता विकृतयश्च ता इति । तथाहि महत्त्वत्त्वमह- ङ्कारस्य प्रकृतिर्विकृतिश्च मूलप्रकृतेः । एव- महङ्कारतत्त्वं तन्मात्राणामिन्द्रियाणाञ्च प्रकृति- र्व्विकृतिश्च महतः । एवं पञ्चतन्मात्राणि भूतानामाकाशादीनां प्रकृतयो विकृतयश्चाह- ङ्कारस्य । अथ का विकृतिरेव क...

प्रतिबल तथा विकृति

• भौतिक जगत • • • • • • भौतिकी १ • भौतिकी २ • मात्रक और मापन • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सरल रेखा में गति • • • • • • • • समतल में गति • • • • • • • • • • • • गति के नियम • • • • • • • • • • • • कार्य, ऊर्जा और शक्ति • • • • • • • • • • • • • कणों के निकाय तथा घूर्णी गति • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गुरुत्वाकर्षण • • • • • • • • • • • • • ठोसों के यांत्रिक गुण • • • • • • • • • • • • • • तरलों के यांत्रिक गुण • • • • • • • • • • • • • • द्रव्य के तापीय गुण • • • • • • • • • • • • • • • • ऊष्मागतिकी • • • • • • • • • • • • • • अणुगति सिद्धांत • • • • • • • • • • दोलन • • • • • • • • • • • • • तरंगें • • • • • • • • • • • • •

विकृति की विमा क्या होती है बताइए ? विकृति का विमीय सूत्र लिखिए

प्रश्न : विकृति का मात्रक क्या होता है ? उत्तर : भौतिक विज्ञान में अक्सर पूछा जाता है कि “विकृति” का मात्रक किसे कहते हैं ? इसका सही उत्तर होगा = “[M0L0T0]” प्रश्न : विकृति राशि का विमीय सूत्र और मात्रक क्या क्या होते हैं ? उत्तर : विकृति का विमा सूत्र = [M0L0T0] तथा विकृति का मात्रक = [M0L0T0] प्रश्न : [M0L0T0] किसका मात्रक होता हैं ? उत्तर : [M0L0T0] , विकृति का मात्रक होता है अर्थात [M0L0T0] का मात्रक = विकृति प्रश्न : निम्नलिखित में से किसका विमीय सूत्र / विमा “[M0L0T0]” होता है ? उत्तर : निम्न दिए गए में से विकृति का विमीय सूत्र = [M0L0T0] होता है | question : what is unit and dimensional formula of विकृति in hindi ? answer : unit of विकृति is = [M0L0T0] and also dimensional formula of विकृति is = [M0L0T0]