विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शारीरिक गतिविधियों को सुलभ बनाने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करें।

  1. सीबीएसई 12वीं फिजिकल एजुकेशन सिलेबस 2022
  2. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सफल दूरस्थ शिक्षा के लिए युक्तियाँ
  3. [Solved] सामान्य कक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों
  4. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किन शिक्षण प्रविधियों का उपयोग प्रभावशाली होगा? Answer :... UG
  5. NCERT Solutions Class 12th Physical Education Chapter
  6. STUDY TIME: IMPORTANT QUESTIONS & ANSWERS CLASS
  7. NCERT Solutions Class 11 Physical Education Chapter
  8. विशेष आवश्यकता वाले बालकों की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालें। Answer :... UG


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सीबीएसई 12वीं फिजिकल एजुकेशन सिलेबस 2022

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विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सफल दूरस्थ शिक्षा के लिए युक्तियाँ

मेन्यू • कार्यक्रम/सेवाएं • 1-ऑन-1 समर्थन • सहायता समूह • पारिवारिक व्यवहार समर्थन और वकालत • ओपीडब्ल्यूडीडी पात्रता • प्रशिक्षण और शिक्षा • ऑनलाइन सीखने • पारिवारिक अधिकारिता श्रृंखला • उपयुक्त संसाधन चुनें • सहायक तकनीक • वापस स्कूल के लिए • व्यवहार • विकलांग • आत्मकेंद्रित • विकास असमर्थता • सीखने विकलांग • मस्तिष्क संबंधी विकार • शारीरिक विकलांगता • अतिरिक्त विकलांगता • विविधता और समावेशन • बचपन • शिक्षा • स्वास्थ्य और कल्याण • सैन्य और वयोवृद्ध परिवार • संक्रमण • युवा सशक्तिकरण और वकालत • प्रिंट करने योग्य टिप शीट • वीडियो • समाचारपत्रिकाएँ • खेल आयोजन • हमारे बारे में • WNY के पेरेंट नेटवर्क के बारे में • संपर्क करें • मिलिए हमारी टीम • निदेशक मंडल • भागीदारी • रोजगार के अवसर • परिणाम कहानियां • न्यूज़लेटर्स की सदस्यता लें • ब्लॉग • दान करें • जैसे ही छात्र वापस स्कूल जाना शुरू करते हैं, दूरस्थ शिक्षा सभी WNY जिलों के लिए सीखने के अनुभव का एक घटक बना हुआ है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता के लिए, दूरस्थ शिक्षा में चुनौतियों का एक अनूठा समूह है। व्यवहारिक चुनौतियों से लेकर तकनीकी चुनौतियों तक, 'नए सामान्य' को अपनाने के लिए माता-पिता को एक सफल सीखने के माहौल को बढ़ावा देने के लिए कई रणनीतियों का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। आपके बच्चे को घर से सीखने का सर्वोत्तम लाभ उठाने में मदद करने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं। अपने बच्चे के शिक्षक के साथ संवाद करें अपने बच्चे के लिए अपने शिक्षक से मिलने के लिए आभासी कार्यालय समय के लिए शिक्षक के कार्यक्रम का पता लगाना सुनिश्चित करें, यदि आवश्यक हो तो आप जिले की तकनीकी सहायता कैसे प्राप्त करते हैं और दूरस्थ शिक्षा...

[Solved] सामान्य कक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों

Question Download Solution PDF सामान्य कक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शामिल करने का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए अध्यापक को क्या करना चाहिए? (I) बालक विशेष के मजबूत पक्ष, रूचियों और आवश्यकताओं की पहचान करना। (II) वैयाक्तिक भिन्नताओं का निरादर करना और एकसमानता सुनिश्चित करना। (III) अधिगम को सहज बनाने के लिए आकलन युक्तियों का अनुकूलन करना। (IV) प्रत्येक के लिए वैयक्तिक शिक्षा योजना बनाना। Key Points • समावेशी शिक्षा इस बारे में है कि हम अपने स्कूलों, कक्षाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों को कैसे विकसित और डिजाइन करते हैं ताकि सभी छात्र एक साथ सीखें और भाग लें। • समावेशी शिक्षा सभी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के बारे में है, जो उनकी विविध आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से इस तरह से पूरा करती है जो उत्तरदायी, स्वीकार्य, सम्मानजनक और सहायक हो। • एक समावेशी कक्षा में, विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को उनके अद्वितीय शिक्षण लक्ष्यों के अनुरूप एक व्यक्तिगत शिक्षा योजना (IEP) प्राप्त होती है । • शिक्षक, माता-पिता और अन्य विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं कि कक्षा के भीतर से छात्र की IEP आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। अत:, नियमित कक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षक को निम्नलिखित का पालन करना चाहिए- • व्यक्तिगत रूप सेबच्चों की क्षमता, रुचियों और जरूरतों को पहचानें। • अधिगमकी सुविधा के लिए मूल्यांकन रणनीतियों को अपनाएं। • व्यक्तिगत शिक्षा योजनाएँ तैयार करें। • व्यक्तिगत भिन्नताओंका सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी जरूरतों के अनुसार उन्हें सिखाने के लिए विशेष स्वरूपसुनिश्चित करना चाहिए। Additional Information • एक शिक्...

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किन शिक्षण प्रविधियों का उपयोग प्रभावशाली होगा? Answer :... UG

Q.44: विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किन शिक्षण प्रविधियों का उपयोग प्रभावशाली होगा? उत्तर : शिक्षण प्रविधियाँ शिक्षण की प्रक्रिया में आवश्यक कड़ी के रूप में प्रयुक्त होती है। अध्यापक अपनी शिक्षण विधि के आधार पर शिक्षण का एक व्यापक स्वरूप निश्चित कर लेता है किन्तु शिक्षण उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उसे अनेक शिक्षण प्रविधियों को अविलम्ब ग्रहण करना पड़ता है। वास्तव में शिक्षण प्रविधियाँ ऐसे साधन हैं जिनका प्रयोग शिक्षण करते समय छात्रों को पाठ में रुचि लेने, पाठ–सामग्री को नष्ट करने तथा उसे छात्रों को हृदयंगम कराने के लिए किया जाता है। शिक्षण प्रविधियों का प्रयोग इसलिए किया जाता है कि शिक्षण रोचक प्रभावशाली तथा सफल बन जाये। विभिन्न विशिष्ट बालकों की शिक्षा के लिए शिक्षण की विभिन्न प्रविधियाँ निम्नांकित है – 1. मानसिक दृष्टि से पिछड़े बालक एवं शिक्षण प्रविधियाँ– मानसिक रूप से पिछडे बालकों की तरफ शिक्षक का विशेष ध्यान होना चाहिए। ऐसे बच्चों का उपचार मानसिक चिकित्सा से किया जाना चाहिए । सुधार विद्यालयों का होना भी लाभदायक है । ऐसे बच्चों को उतनी शिक्षा दी जाए जितना करने में वे समर्थ हों। इस प्रकार के बालकों के लिए निर्मित शैक्षिक कार्यक्रमों के निम्नलिखित उद्देश्य होने चाहिए– (i) व्यक्तिगत एवं संवेगात्मक समायोजन (ii) सामाजिक समायोजन (iii) आर्थिक समायोजन इन बालों की शिक्षण–विधियाँ इस प्रकार होनी चाहिए कि उपर्युक्त तीनों लक्ष्यों की पति हो सके। ऐसे बच्चों को प्रशिक्षित अध्यापकों के माध्यम से शिक्षित करना चाहिए। शिक्षण विधियों में वैयक्तिक शिक्षण विधि ऐसे बालकों के लिए उपयोगी होती है। खेल विधि जो एक रचनात्मक प्रवृत्ति की द्योतक है, उनकी शिक्ष...

NCERT Solutions Class 12th Physical Education Chapter

NCERT Solutions Class 12th Physical Education Chapter – 4 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांगों) के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल – कूद (Physical Education & Sports for Children with Special Needs) Textbook NCERT class 12 th Subject Physical Education Chapter 4 th Chapter Name विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांगों) के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल – कूद (Physical Education & Sports for Children with Special Needs) Category Class 12th Physical Education Medium Hindi Source Last Doubt NCERT Solutions Class 12th Physical Education Chapter – 4 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांगों) के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल – कूद (Physical Education & Sports for Children with Special Needs) Chapter – 4 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांगों) के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल – कूद Notes भूमिका (Introduction) – हमारे आसपास के लोगों में अधिकतर लोग सामान्य प्रतीत होते हैं, तो वहीं कुछ लोग असामान्य सा व्यवहार करते भी प्रतीत होते हैं। सामान्य दिखाई देने वाले लोग जीवन की चुनौतियों और अन्य दैनिक कार्यों को सामान्य व सहज तरीके से करते हैं। कई बार शारीरिक रूप से सामान्य दिखने बाले लोग मानसिक तौर पर अस्वस्थ भी हो सकते हैं किन्तु उनकी मानसिक अस्वस्थता के लक्षण बहुत जल्दी जग जाहिर नहीं होते। परंतु, जब हम असामान्य श्रेणी के लोगों की बात करते हैं तो यह असामान्यता उनके व्यवहार, कार्यशैली और आसपास के वातावरण के प्रति उनकी अलग तरह की प्रतिक्रिया अथवा उनकी अक्षमता के रूप में देखने को मिलती है। किसी भी प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक अक्षमता के ग्रस्त व्यक्ति को ‘दिव्यांग’ नाम दिया गया है। कुछ लोग जन्मजात दिव्यांग हो...

STUDY TIME: IMPORTANT QUESTIONS & ANSWERS CLASS

IMPORTANT QUESTIONS & ANSWERS SUBJECT- PHYSICAL EDUCATION CLASS-XII प्रश्न 1. संतुलित आहार किसे कहते हैं? इसका क्या महत्व है? उत्तर. संतुलित आहार वह आहार होता है जिसमें भोजन के आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपस्थित होते हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन विटामिन वसा फाइबर आदि। संतुलित आहार का महत्व - 1. संतुलित आहार से हमें कार्य करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त हो पाती है। 2. संतुलित आहार किसी भी व्यक्ति की वृद्धि और विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 3. संतुलित आहार के द्वारा ही मनुष्य की खराब उत्तक की मरम्मत हो पाती है। 4. संतुलित आहार शरीर में किसी भी प्रकार की कमी से होने वाली बीमारियों को कम करता है तथा कार्य क्षमता बढ़ाता है। प्रश्न 2. वसा हमारे लिए किस प्रकार से महत्वपूर्ण है? उत्तर. वसा हमारे आहार में उपस्थित सभी पोषक तत्वों में से सबसे ज्यादा ऊर्जा प्रदान करने वाला तत्व है। वसा की आवश्यकता या महत्व को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं - 1. वसा के माध्यम से ही शरीर को चर्बी प्राप्त हो पाती है। 2. वसा के द्वारा ही विटामिन A, D, E, और K के अवशोषण में सहायता होती है। 3. वसा मांस पेशी उत्तक के निर्माण और शरीर के कोमल अंगों जैसे हृदय गुर्दे आदि के लिए सुरक्षा कवच की भांति काम करती है। 4. यह शरीर को सुडौल बनाती है तथा संक्रामक रोगों से बचाने में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। प्रश्न 3. हमारे शरीर के लिए विटामिन किस प्रकार से आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर. भोजन में दो तरह के सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं विटामिन और खनिज पदार्थ यह कम मात्रा में भोजन में आवश्यक होते हैं और शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। कुछ प्रमुख विटामिन का हमारे लि...

NCERT Solutions Class 11 Physical Education Chapter

NCERT Solutions Class 11 Physical Education Chapter – 4 विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल (Physical Education and Sports for Differentially Abled) Textbook NCERT class Class – 11th Subject Physical Education Chapter Chapter – 4 Chapter Name विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल Category Class 11th Physical Education Notes in hindi Medium Hindi Source Last Doubt NCERT Solutions Class 11 Physical Education Chapter – 4 विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल (Physical Education and Sports for Differentially Abled) 🌼Chapter – 4🌼 ✍शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर ✍ 🍁Notes 🍁 रूपान्तरित शारीरिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा का उपविषय है । यह एक व्यक्तिगत कार्यक्रम है जिसमें विद्यार्थियों का विकास किया जाता है । जिन विद्यार्थियों को विशेष शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम की आवश्यकता होती है । रूपान्तरित शारीरिक शिक्षा के अर्न्तगत शारीरिक पुष्टि , गामक पुष्टि , मूलभूत गामक कौशल और तैराकी के विभिन्न कौशल , नृत्य कौशल , व्यक्तिगत एवं सामूहिक खेलकूद । रूपान्तरित शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य –सरकार द्वारा असहाय बच्चों को पहचानने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं । जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं जैसे – सुधारात्मक शारीरिक शिक्षा , उपचारात्मक शारीरिक शिक्षा , शारीरिक चिकित्सा , सुधारात्मक चिकित्सा , विकासात्मक शारीरिक शिक्षा , व्यक्तिगत शारीरिक शिक्षा आदि । उद्देश्य – चिकित्सा परीक्षण । कार्यक्रम विद्यार्थियों की रूचि के अनुसार हो । उपकरण आवश्यकतानुसार होने चाहिए । विशेष पर्यावरण प्रदान करना चाहिए । विद्यार्थियों की आवश...

विशेष आवश्यकता वाले बालकों की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालें। Answer :... UG

Q.2: विशेष आवश्यकता वाले बालकों की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालें। उत्तर : किसी भी सामाजिक एवं शैक्षिक प्रणाली की परिपक्वता की महत्त्वपूर्ण कसौटी है कि वह समाज अपने विकलांग सदस्यों की ओर कितना ध्यान देता है। यही कारण है कि शैक्षिक व नवाचारों के माध्यम से शिक्षा जगत में सुधार लाया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप शैक्षिक परिवर्तन ने शैक्षिक समस्याओं नवीन ज्ञान एवं शैक्षिक तकनीक के माध्यम से शैक्षिक प्रगति के नूतन आयाम प्रस्तुत किए हैं। परिवर्तन की इस तीव्र व गत्यात्मक प्रक्रिया ने “विशिष्टीकरण" की माँग को जन्म दिया है अतः विकलांग बच्चों के लिए सहायताओं, नवीन उपकरणों व यंत्रों व नवीन प्रणालियों को विकसित रूप प्रदान किया जा रहा है। सामाजिक परिवर्तन, राष्ट्रीय पुनरुत्थान और विकास की सबसे पहली आवश्यकता है शिक्षा का समुचित प्रचार व प्रसार एवं मानव संसाधन का विकास । संसार के सभी देशों में विकलांग बालकों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन हुआ है, इन बालकों की समुचित शिक्षा के लिए प्रचार एवं प्रसार पर अत्यन्त बल दिया जा रहा है। राष्ट्रीय विकलांग एवं पुनर्वास सूचना केन्द्र दुबारा विकलांगता व सम्बद्ध क्षेत्रों के बारे में व्यापक संचार योजना पैकेज तैयार किया गया है। सम्पूर्ण विश्व में आज समता एवं अवसर की समानता के लिए शिक्षा की माँग हो रही है। सामान्यतः सभी छात्रों की ज्ञान के किसी विशेष क्षेत्र में विशेष आवश्यकताएं होती है, तब विकलांग बालकों के लिए ही यह क्यों कहा जाए कि उनकी विशेष आवश्यकताएं होती है । यह तो सभी बालकों की आवश्यकताएं पूर्ण करने का प्रश्न है इसलिए “सभी के लिए शिक्षा" में विकलांग बालकों की विशेष आवश्यकताओं को भी शामिल किया गया है। विकलांग बालकों सहित सामान्य कक्षाओं में...